पंजाब के अमृतसर में जिला प्रशासन ने पेन किलर के तौर पर प्रयोग होने वाली दवा प्रीगैबलिन की खुली बिक्री पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन का दावा है कि इस दवा का लोग दुरुपयोग कर रहे हैं और इसके आदी भी हो रही हैं। जिसके चलते इस दवा की खुली बिक्री पर रोक लगा दी गई है। वहीं इस दवा के 75 मि.ग्रा. से अधिक का भंडार भी ना करने के निर्देश जारी हुए हैं। डीसी अमृतसर घनशाम थोरी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि प्रीगैबलिन के फार्मूले के तहत तैयार की गई एक दवा, जिसे मादक या मनो-सक्रिय पदार्थ के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है, लेकिन इसके दुरुपयोग को देखते हुए खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसे बेचने के लिए डॉक्टर की सिफारिश के साथ सभी रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए हैं। 75 मिग्रा से अधिक प्रयोग कर रहे लोग जारी आदेश में उन्होंने कहा कि कैप्सूल/टैबलेट के रूप में 150 मिलीग्राम और 300 मिलीग्राम युक्त प्रीगैबलिन के फॉर्मूलेशन का जनता द्वारा व्यापक रूप से दुरुपयोग किया जा रहा है। बहुत से लोग इस फॉर्मूलेशन के आदी हो रहे हैं। देखने में आया है कि प्रीगैबलिन 150mg/300mg दवा अक्सर डॉक्टरों द्वारा प्रेस्क्राइब नहीं की जाती है। यहां तक कि न्यूरोलॉजिस्ट/ऑर्थोपेडिक्स भी प्रीगैबलिन दवा की केवल 75 मिलीग्राम ही लिख रहे हैं। नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत आदेश जारी डीसी अमृतसर घनशाम थोरी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत आदेश दिया है कि 75 मिलीग्राम से अधिक इस फॉर्मूलेशन के कैप्सूल/टैबलेट के भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, केमिस्ट/मेडिकल स्टोर के मालिक, अस्पतालों में फार्मेसी या कोई अन्य व्यक्ति बिना असल प्रेस्क्रीप्शन के प्रीगैबलिन 75 मिलीग्राम नहीं बेचेंगे। इसके अलावा वे 75 मिलीग्राम तक की खरीद-बिक्री का सटीक रिकॉर्ड रखेंगे। सभी विक्रेता पर्ची का उचित अध्ययन करके यह सुनिश्चित करेंगे कि बेची जा रही गोलियों/कैप्सूलों की संख्या डॉक्टर के पर्चे की आवश्यकता से अधिक न हों। पंजाब के अमृतसर में जिला प्रशासन ने पेन किलर के तौर पर प्रयोग होने वाली दवा प्रीगैबलिन की खुली बिक्री पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन का दावा है कि इस दवा का लोग दुरुपयोग कर रहे हैं और इसके आदी भी हो रही हैं। जिसके चलते इस दवा की खुली बिक्री पर रोक लगा दी गई है। वहीं इस दवा के 75 मि.ग्रा. से अधिक का भंडार भी ना करने के निर्देश जारी हुए हैं। डीसी अमृतसर घनशाम थोरी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि प्रीगैबलिन के फार्मूले के तहत तैयार की गई एक दवा, जिसे मादक या मनो-सक्रिय पदार्थ के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है, लेकिन इसके दुरुपयोग को देखते हुए खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसे बेचने के लिए डॉक्टर की सिफारिश के साथ सभी रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए हैं। 75 मिग्रा से अधिक प्रयोग कर रहे लोग जारी आदेश में उन्होंने कहा कि कैप्सूल/टैबलेट के रूप में 150 मिलीग्राम और 300 मिलीग्राम युक्त प्रीगैबलिन के फॉर्मूलेशन का जनता द्वारा व्यापक रूप से दुरुपयोग किया जा रहा है। बहुत से लोग इस फॉर्मूलेशन के आदी हो रहे हैं। देखने में आया है कि प्रीगैबलिन 150mg/300mg दवा अक्सर डॉक्टरों द्वारा प्रेस्क्राइब नहीं की जाती है। यहां तक कि न्यूरोलॉजिस्ट/ऑर्थोपेडिक्स भी प्रीगैबलिन दवा की केवल 75 मिलीग्राम ही लिख रहे हैं। नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत आदेश जारी डीसी अमृतसर घनशाम थोरी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत आदेश दिया है कि 75 मिलीग्राम से अधिक इस फॉर्मूलेशन के कैप्सूल/टैबलेट के भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, केमिस्ट/मेडिकल स्टोर के मालिक, अस्पतालों में फार्मेसी या कोई अन्य व्यक्ति बिना असल प्रेस्क्रीप्शन के प्रीगैबलिन 75 मिलीग्राम नहीं बेचेंगे। इसके अलावा वे 75 मिलीग्राम तक की खरीद-बिक्री का सटीक रिकॉर्ड रखेंगे। सभी विक्रेता पर्ची का उचित अध्ययन करके यह सुनिश्चित करेंगे कि बेची जा रही गोलियों/कैप्सूलों की संख्या डॉक्टर के पर्चे की आवश्यकता से अधिक न हों। पंजाब | दैनिक भास्कर
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