अमृतसर में 11 महीने के बच्चे को एक्सपायरी डेट का टीका लगाने का मामला सामने आया है। ये टीका किसी सरकारी अस्पताल में नहीं, बल्कि प्राइवेट और वो भी बच्चों के स्पेशलिस्ट अस्पताल में लगाया गया। टीका लगते ही बच्चा बेहोश हो गया, जिसके बाद परिवार ने हंगामा कर दिया। फिलहाल सेहत विभाग की टीम ने भी रेड कर यहां से एक्सपायरी दवाएं बरामद की हैं। यह घटना अमृतसर के डॉ. कुनाल चाइल्ड स्पेशलिस्ट अस्पताल में हुई। जहां एक बच्चे को बीमार होने के बाद दाखिल किया गया था। पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि जब वह बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचे तो स्टाफ नर्स ने उसे एक टीका लगाया। टीका लगते ही बच्चा बेहोश हो गया। जिसके बाद तुरंत सीनियर डॉक्टर्स को इसकी सूचना दी गई। जब परिवार ने बच्चे को लगाए गए टीके की जांच की तो वह एक्सपायरी डेट का पाया गया। जिसके बाद परिवार ने हंगामा शुरू कर दिया। परिवार का गुस्सा तब और बढ़ गया जब बेसुध बच्चे को सिर्फ स्ट्रैचर पर रखा गया और उसे रूम या एमरजेंसी वार्ड में भी शिफ्ट नहीं किया गया। सेहत विभाग आया हरकत में इस घटना के बाद परिवार ने इसकी शिकायत सेहत विभाग तक पहुंचाई। सेहत विभाग की ड्रग टीम ने अस्पताल के मेडिकल स्टोर की जांच की तो वहां से कई दवाएं एक्सपायरी डेट की मिली। जिसके बाद सेहत विभाग की टीम ने दवाओं को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने भी परिवार को विश्वास दिलाया है कि अस्पताल के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर ने माना स्टाफ की गलती हुई घटना के बाद अस्पताल के मालिक डॉ. कुनाल ने भी माना कि उनके स्टाफ से गलती हुई है। उन्होंने माना कि स्टाफ की तरफ से बिना दवा की जांच के टीका बच्चे को लगा दिया गया। उन्होंने विश्वास दिलाया कि स्टाफ के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। अमृतसर में 11 महीने के बच्चे को एक्सपायरी डेट का टीका लगाने का मामला सामने आया है। ये टीका किसी सरकारी अस्पताल में नहीं, बल्कि प्राइवेट और वो भी बच्चों के स्पेशलिस्ट अस्पताल में लगाया गया। टीका लगते ही बच्चा बेहोश हो गया, जिसके बाद परिवार ने हंगामा कर दिया। फिलहाल सेहत विभाग की टीम ने भी रेड कर यहां से एक्सपायरी दवाएं बरामद की हैं। यह घटना अमृतसर के डॉ. कुनाल चाइल्ड स्पेशलिस्ट अस्पताल में हुई। जहां एक बच्चे को बीमार होने के बाद दाखिल किया गया था। पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि जब वह बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचे तो स्टाफ नर्स ने उसे एक टीका लगाया। टीका लगते ही बच्चा बेहोश हो गया। जिसके बाद तुरंत सीनियर डॉक्टर्स को इसकी सूचना दी गई। जब परिवार ने बच्चे को लगाए गए टीके की जांच की तो वह एक्सपायरी डेट का पाया गया। जिसके बाद परिवार ने हंगामा शुरू कर दिया। परिवार का गुस्सा तब और बढ़ गया जब बेसुध बच्चे को सिर्फ स्ट्रैचर पर रखा गया और उसे रूम या एमरजेंसी वार्ड में भी शिफ्ट नहीं किया गया। सेहत विभाग आया हरकत में इस घटना के बाद परिवार ने इसकी शिकायत सेहत विभाग तक पहुंचाई। सेहत विभाग की ड्रग टीम ने अस्पताल के मेडिकल स्टोर की जांच की तो वहां से कई दवाएं एक्सपायरी डेट की मिली। जिसके बाद सेहत विभाग की टीम ने दवाओं को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने भी परिवार को विश्वास दिलाया है कि अस्पताल के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर ने माना स्टाफ की गलती हुई घटना के बाद अस्पताल के मालिक डॉ. कुनाल ने भी माना कि उनके स्टाफ से गलती हुई है। उन्होंने माना कि स्टाफ की तरफ से बिना दवा की जांच के टीका बच्चे को लगा दिया गया। उन्होंने विश्वास दिलाया कि स्टाफ के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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