अमृतसर में एक पिता को कुछ नवयुवकों ने पीट-पीटकर मार डाला। पिता अपने बेटे को युवाओं से छुड़वाने गया था] जहां अपराधियों ने घर के बाहर ही घटना को अंजाम दिया। फिलहाल परिवार इंसाफ के लिए भटक रहा है और पुलिस 304 का केस दर्ज कर खानापूर्ति कर रही है। मृतक मंगल सिंह के पुत्र तनवीर सिंह ने बताया कि कल देर रात उसका भाई एक्टिवा से घर आ रहा था तो घर के बाहर मोड़ पर दो युवक दूसरी एक्टिवा पर आए और उसकी स्कूटी में जोर से टक्कर मार दी। जिससे उसका भाई जमीन पर गिर गया और उठकर उन्हें कहा कि वह धीरे चलाएं। जिससे कि नौजवान भड़क गए। आरोपी युवकों ने नशा किया था और उससे मारपीट शुरु कर दी। मारपीट देखकर वह भी अपने भाई के पास पहुंच गया तो उन नौजवानों ने और युवक बुला लिए। इतने में उनके पिता भी आ गए तो युवकों ने कुछ और युवकों को बुला लिया और उसके पिता के साथ भी मरपीट शुरु कर दी। जिसके बाद उसके पिता गंभीर रूप से जख्मी हो गए और वहीं उनकी मौत हो गई। मृतक छह बहनों का इकलौता भाई था। पुलिस पर कार्रवाई ना करने का आरोप तनवीर सिंह ने आरोप लगाया कि, पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई और पुलिस को सूचना देने के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। अभी तक मृतक का पोस्टमार्टम चल रहा है, जबकि आरोपियों के खिलाफ सिर्फ 304 धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। अब परिवार इंसाफ की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों को बचा रही है। आरोपियों ने सरेआम उनके पिता का कत्ल किया है लेकिन पुलिस चुप है। इसीलिए वो अब इस मामले में उच्च अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और इंसाफ मांगेंगे। इस मामले में पोस्टमार्टम करवाने आए पुलिस अधिकारी मीडिया से जवाब देने से बचते रहे और जानकारी देने से इनकार कर दिया। अमृतसर में एक पिता को कुछ नवयुवकों ने पीट-पीटकर मार डाला। पिता अपने बेटे को युवाओं से छुड़वाने गया था] जहां अपराधियों ने घर के बाहर ही घटना को अंजाम दिया। फिलहाल परिवार इंसाफ के लिए भटक रहा है और पुलिस 304 का केस दर्ज कर खानापूर्ति कर रही है। मृतक मंगल सिंह के पुत्र तनवीर सिंह ने बताया कि कल देर रात उसका भाई एक्टिवा से घर आ रहा था तो घर के बाहर मोड़ पर दो युवक दूसरी एक्टिवा पर आए और उसकी स्कूटी में जोर से टक्कर मार दी। जिससे उसका भाई जमीन पर गिर गया और उठकर उन्हें कहा कि वह धीरे चलाएं। जिससे कि नौजवान भड़क गए। आरोपी युवकों ने नशा किया था और उससे मारपीट शुरु कर दी। मारपीट देखकर वह भी अपने भाई के पास पहुंच गया तो उन नौजवानों ने और युवक बुला लिए। इतने में उनके पिता भी आ गए तो युवकों ने कुछ और युवकों को बुला लिया और उसके पिता के साथ भी मरपीट शुरु कर दी। जिसके बाद उसके पिता गंभीर रूप से जख्मी हो गए और वहीं उनकी मौत हो गई। मृतक छह बहनों का इकलौता भाई था। पुलिस पर कार्रवाई ना करने का आरोप तनवीर सिंह ने आरोप लगाया कि, पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई और पुलिस को सूचना देने के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। अभी तक मृतक का पोस्टमार्टम चल रहा है, जबकि आरोपियों के खिलाफ सिर्फ 304 धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। अब परिवार इंसाफ की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों को बचा रही है। आरोपियों ने सरेआम उनके पिता का कत्ल किया है लेकिन पुलिस चुप है। इसीलिए वो अब इस मामले में उच्च अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और इंसाफ मांगेंगे। इस मामले में पोस्टमार्टम करवाने आए पुलिस अधिकारी मीडिया से जवाब देने से बचते रहे और जानकारी देने से इनकार कर दिया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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शपथ के बाद मुश्किल अमृतपाल के लिए संसद की राह:हर कदम पर कोर्ट से अनुमति जरूरी; 60 दिन से अधिक नहीं रह सकेंगे गैर-हाजिर लोकसभा चुनावों के दो चेहरे, जिन्होंने जेल में रहते हुए चुनाव जीता, ने शुक्रवार संसद पहुंच शपथ ले ली। इनमें एक जम्मू-कश्मीर के बारामूला से इंजीनियर राशिद हैं, वहीं दूसरा नाम पंजाब के खडूर साहिब से वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह का है। राशिद के खिलाफ भारतीय जांच एजेंसी (NIA) कार्रवाई कर रही है, जबकि अमृतपाल सिंह के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत कार्रवाई हुई है। अमृतपाल सिंह की बात करें तो मार्च 2023 से NSA के तहत असम के डिब्रूगढ़ में जेल में हैं। NSA एक ऐसा कानून है जो सरकार को औपचारिक आरोपों के बिना 12 महीने तक व्यक्तियों को हिरासत में रखने की अनुमति देता है। लेकिन, पंजाब में चुनाव परिणाम आने के एक दिन पहले 3 जून को अमृतपाल सिंह की NSA की अवधी को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया। आगे क्या होगा, ये भी पंजाब सरकार पर डिपेंड करता है। चुनावों से पहले परिवार ने अमृतपाल सिंह और उसके 9 साथियों को पंजाब शिफ्ट करने की कई कोशिशें की, जो नाकामयाब रहीं। अंत में परिवार ने अमृतपाल सिंह को लोकसभा चुनावों में उतार दिया। हैरानी की बात है कि खडूर साहिब के लोंगो ने रिवायती पार्टियों को इस कदर निकारा कि अमृतपाल 1.97 लाख वोटों के अंतर से जीता है। शपथ के बाद भी हर कदम कठिन अमृतपाल को संविधानिक तौर पर सांसद बनने के लिए सबसे पहला कमद शपथ लेना था, जो शुक्रवार पूरा हो गया। चुनावी जीत का मतलब है कि जेल में रहने के बावजूद अमृतपाल के पास सांसद के रूप में संवैधानिक जनादेश है। जॉर्ज फर्नांडिस हुए थे जेल से रिहा एक मामले में जेल से सबसे प्रसिद्ध चुनावी जीत 1977 में हुई थी। आपातकाल के दौरान जेल में रहते हुए ट्रेड यूनियनवादी जॉर्ज फर्नांडीस मुजफ्फरपुर सीट से चुने गए थे। शपथ समारोह से पहले उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था। लेकिन, उन पर धाराएं कुछ और थी। वहीं, अमृतपाल सिंह पर NSA लगा है। इतना ही नहीं, उसके खिलाफ पंजाब के विभिन्न थानों में 12 मामले दर्ज हैं। वहीं, तीन महीने के लिए NSA की अवधी को बढ़ा दिया गया है, उसके आगे का निर्णय भी पंजाब सरकार को लेना होगा। हर कदम पर अनुमति लेनी होगी जेल में सांसद को सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट संदीप गोरसी ने बताया कि शपथ लेने के लिए अमृतपाल सिंह को पैरोल दी गई। लेकिन जेल में रहते हुए सांसद बने अमृतपाल सिंह को संसद तक पहुंचने के लिए हर कदम पर अलग-अलग जगहों से अनुमति लेनी होगी। अगर वे संसद से अनुपस्थित रहना चाहते हैं तो उसके लिए भी स्पीकर को लिखना होगा। यह बहुत जरूरी है क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 101(4) में कहा गया है कि यदि कोई सांसद बिना अनुमति के सभी बैठकों से 60 दिनों से अधिक समय तक अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सीट को खाली घोषित कर दिया जाएगा। सत्र में भाग लेने के लिए भी लेनी होगी अनुमति संसद सत्र में भाग लेने या संसद में वोट डालने के लिए सांसद को अनुमति के लिए अदालत का रुख करना होगा। अगर इस कार्यकाल के दौरान किसी भी मामले में उसे दो साल या उससे अधिक की सजा हो जाती है तो उसे अयोग्य करार कर दिया जाएगा। एडवोकेट गोरसी का कहना है कि अब जब वे भारी बहुमत से सांसद बने हैं तो सभी को लोगों के मैंडेट का स्वागत करना चाहिए। 12 मामले हैं अमृतपाल पर अगर सरकार चुनावों के परिणाम देखते हुए तीन महीने की अवधी खत्म होने के बाद NSA हटाने का फैसला लेती है तो भी अमृतपाल सिंह को अदालतों के फेर में फंसे रहना पड़ेगा। अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने पर अवैध हथियारों के साथ हमला करने सहित 12 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इतना ही नहीं, एक मामला उस पर असम के थाने में भी दर्ज है। जिसमें उससे पुलिस ने सर्च के दौरान डिब्रूगढ़ जेल से इलेक्ट्रानिक गैजेट्स बरामद किए थे। अमृतपाल अगर NSA से निकल जाता है तो पुलिस हर मामले में उसे हिरासत में लेती रहेगी। हर मामले में उसे बेल लेनी होगी। वहीं, अगर किसी मामले में 2 साल से अधिक की सजा हो गई तो अमृतपाल की संसद की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। खाते में थे 1000 रुपए, अब मिलेंगे लाखों अमृतपाल सिंह की बात करें तो उसके एफिडेविट से उसकी पत्नी किरणदीप कौर के बैंक एकाउंट्स डिटेल्स को अलग कर दिया जाए तो सिर्फ 1 हजार रुपए बचते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अमृतपाल सिंह को हर महीने वेतन के साथ कई सरकारी भत्ते जैसे ऑफिस खर्च भी मिलेगा।
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