आम आदमी पार्टी (AAP) में मेयर और अन्य नगर निगम पदों को लेकर अंदरूनी सियासत तेज हो गई है। इसे देखते हुए कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इस समय आम आदमी पार्टी के बड़े नेता दिल्ली और चंडीगढ़ का रुख कर रहे हैं, ताकि वरिष्ठ पदों पर अपना हक जमा सकें। कांग्रेस अपने 40 पार्षदों से संपर्क कर रही है, ताकि जीत के करीब होने के बावजूद मेयर की कुर्सी से दूर न हो जाएं। आप के विजयी पार्षद प्रियंका शर्मा, जतिंदर सिंह, विराट देवगन, जरनैल धोत, नताशा गिल जैसे वरिष्ठ नेता इस समय दिल्ली और चंडीगढ़ में पार्टी नेताओं के संपर्क में हैं और मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को जिताने की कोशिश कर रहे हैं। आप ने बहुमत का दावा किया आप ने नगर निगम चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए बहुमत का दावा किया है। पार्टी के मुताबिक, उन्हें 24 पार्षदों के साथ-साथ 50 पार्षदों का समर्थन हासिल है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह समर्थन मेयर पद के चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएगा। नाम न बताने की शर्त पर पार्टी नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी समय आने पर अपने पत्ते खोलेगी। हालांकि, यह समर्थन हासिल करना इतना आसान नहीं है। पदों को लेकर पार्टी के अंदर नेताओं के बीच खींचतान चल रही है। मेयर पद की दौड़ में कई नेता शामिल हैं, जिनमें प्रियंका शर्मा, जसमीत सिंह, अशोक कुमार और नताशा शिव जैसे नाम शामिल हैं। ये सभी नेता अपनी पकड़ और अनुभव के आधार पर मेयर पद के लिए दावा ठोक रहे हैं। पार्टी के अंदर जारी खींचतान AAP के वरिष्ठ नेताओं के बीच अलग-अलग पदों को लेकर सहमति बनाना एक चुनौती बनता जा रहा है। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों पर भी कई नेता दावेदारी कर रहे हैं। यह खींचतान इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि पार्टी ने अब तक यह तय नहीं किया है कि किन उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। पार्टी नेतृत्व इस बात पर जोर दे रहा है कि मेयर पद के उम्मीदवार का चयन सभी विधायकों और पार्षदों के समर्थन से ही किया जाएगा। इससे पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। BJP और शिअद की रणनीति भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) भी AAP को चुनौती देने की रणनीति बना रहे हैं। BJP के कुछ नेताओं का मानना है कि AAP की अंदरूनी खींचतान का फायदा उठाकर वे नगर निगम की राजनीति में अपनी पकड़ बना सकते हैं। इसके लिए BJP ने निर्दलीय पार्षदों और अन्य दलों के नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। शिअद ने भी इस राजनीतिक दौड़ में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज़ कर दिए हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि वे उन क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करेंगे, जहां AAP और BJP का प्रभाव कम है। पदों की दावेदारी और नेताओं की तैयारी आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता हर स्तर पर चुनावी तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मेयरशिप के पद पर वही नेता काबिज होगा, जिसे पार्टी के सभी विधायकों और पार्षदों का समर्थन हासिल होगा। इसके साथ ही, पार्टी ने यह भी साफ कर दिया है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखी जाएगी। हालांकि, पार्टी के अंदर दावेदारों की संख्या को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि अंतिम चयन किसे मिलता है। आम आदमी पार्टी (AAP) में मेयर और अन्य नगर निगम पदों को लेकर अंदरूनी सियासत तेज हो गई है। इसे देखते हुए कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इस समय आम आदमी पार्टी के बड़े नेता दिल्ली और चंडीगढ़ का रुख कर रहे हैं, ताकि वरिष्ठ पदों पर अपना हक जमा सकें। कांग्रेस अपने 40 पार्षदों से संपर्क कर रही है, ताकि जीत के करीब होने के बावजूद मेयर की कुर्सी से दूर न हो जाएं। आप के विजयी पार्षद प्रियंका शर्मा, जतिंदर सिंह, विराट देवगन, जरनैल धोत, नताशा गिल जैसे वरिष्ठ नेता इस समय दिल्ली और चंडीगढ़ में पार्टी नेताओं के संपर्क में हैं और मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को जिताने की कोशिश कर रहे हैं। आप ने बहुमत का दावा किया आप ने नगर निगम चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए बहुमत का दावा किया है। पार्टी के मुताबिक, उन्हें 24 पार्षदों के साथ-साथ 50 पार्षदों का समर्थन हासिल है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह समर्थन मेयर पद के चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएगा। नाम न बताने की शर्त पर पार्टी नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी समय आने पर अपने पत्ते खोलेगी। हालांकि, यह समर्थन हासिल करना इतना आसान नहीं है। पदों को लेकर पार्टी के अंदर नेताओं के बीच खींचतान चल रही है। मेयर पद की दौड़ में कई नेता शामिल हैं, जिनमें प्रियंका शर्मा, जसमीत सिंह, अशोक कुमार और नताशा शिव जैसे नाम शामिल हैं। ये सभी नेता अपनी पकड़ और अनुभव के आधार पर मेयर पद के लिए दावा ठोक रहे हैं। पार्टी के अंदर जारी खींचतान AAP के वरिष्ठ नेताओं के बीच अलग-अलग पदों को लेकर सहमति बनाना एक चुनौती बनता जा रहा है। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों पर भी कई नेता दावेदारी कर रहे हैं। यह खींचतान इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि पार्टी ने अब तक यह तय नहीं किया है कि किन उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। पार्टी नेतृत्व इस बात पर जोर दे रहा है कि मेयर पद के उम्मीदवार का चयन सभी विधायकों और पार्षदों के समर्थन से ही किया जाएगा। इससे पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। BJP और शिअद की रणनीति भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) भी AAP को चुनौती देने की रणनीति बना रहे हैं। BJP के कुछ नेताओं का मानना है कि AAP की अंदरूनी खींचतान का फायदा उठाकर वे नगर निगम की राजनीति में अपनी पकड़ बना सकते हैं। इसके लिए BJP ने निर्दलीय पार्षदों और अन्य दलों के नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। शिअद ने भी इस राजनीतिक दौड़ में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज़ कर दिए हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि वे उन क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करेंगे, जहां AAP और BJP का प्रभाव कम है। पदों की दावेदारी और नेताओं की तैयारी आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता हर स्तर पर चुनावी तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मेयरशिप के पद पर वही नेता काबिज होगा, जिसे पार्टी के सभी विधायकों और पार्षदों का समर्थन हासिल होगा। इसके साथ ही, पार्टी ने यह भी साफ कर दिया है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखी जाएगी। हालांकि, पार्टी के अंदर दावेदारों की संख्या को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि अंतिम चयन किसे मिलता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में AAP विधायक विजय प्रताप की पत्नी का निधन:शिवपुरी में हुआ संस्कार, देर रात अचानक बिगड़ी थी तबीयत अमृतसर से आप के विधायक और पूर्व आईपीएस कुंवर विजय प्रताप सिंह की पत्नी का आज सुबह आकस्मिक निधन हो गया। वो पूर्ण रूप से स्वस्थ थीं। लेकिन कल अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई और अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। अमृतसर से हल्का उत्तरी के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह की पत्नी मधुमिता एक होम मेकर थीं। उनकी दो बेटियां हैं जिसमें से एक बेटी लॉ कर रही है तो दूसरी बेटी स्कूल जाती है। मधुमिता बेहद सोशल थी और कई समारोह में उनके साथ नजर आती थी। कई नेता और अधिकारी संस्कार में हुए शामिल मधुमिता का संस्कार अमृतसर के दुर्गियाना मंदिर नजदीक स्थित शिवपुरी में हुआ। जहां सांसद गुरजीत सिंह औजला, डीआईजी सतिंदर सिंह, पुलिस कमिश्नर रंजीत सिंह ढिल्लो, डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर, कांग्रेस शहरी प्रधान अश्वनी पप्पू, पूर्व सेहत मंत्री लक्ष्मी कांता चावला, विधायक अजय गुप्ता, पूर्व विधायक सुनील दत्ता, जुगल किशोर शर्मा, पार्षद राजकवल लकी, मीनू सहगल, सहित कई पुलिस अधिकारी, राजनीतिज्ञ और शहर के गणमान्य व्यक्ति पहुंचे हैं। उत्तरी हल्के से विधायक है पति कुंवर विजय प्रताप सिंह गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड के करसघाट गांव के रहने हैं। पंजाब में आईजी पद से वीआरएस लेकर उन्होंने आम आदमी पार्टी जॉइन की थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से प्रेरित होकर अमृतसर नॉर्थ विधानसभा सीट से चुनावी दंगल में उतरे और जीत दर्ज कराई है। कुंवर विजय प्रताप सिंह बेअदबी मामले में एसआईटी अधिकारी थे। तब उन्होंने रिपोर्ट बना कर कार्रवाई के लिए सरकार को भेजी पर तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने नौ अप्रैल 2021 को आईजी पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। कुंवर विजय प्रताप सिंह अक्सर ही अपनी ही सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। उन्होंने कभी विकास के मुद्दे को लेकर तो कभी बेअदबी के मामलों में सरकार को घेरा है। कुछ समय पहले उन्होंने यह भी कहा था कि पंजाब पुलिस के कम से कम दो अधिकारी शहर में नशीली दवाओं के व्यापार का समर्थन कर रहे हैं और ये अधिकारी चड्ढा के ‘चहेते’ हैं।
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