अमृतसर से शंभू बॉर्डर के लिए निकले किसानों के ट्रैक्टर:डल्लेवाल का मरणव्रत 66वें दिन में दाखिल, महापंचायत को लेकर हरियाणा-पंजाब में मीटिंगें

अमृतसर से शंभू बॉर्डर के लिए निकले किसानों के ट्रैक्टर:डल्लेवाल का मरणव्रत 66वें दिन में दाखिल, महापंचायत को लेकर हरियाणा-पंजाब में मीटिंगें

पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन आज (30 जनवरी) को 66वें दिन में पहुंच गया है। अब उनकी सेहत में सुधार हो रहा है। मोर्चे की कामयाबी के लिए रखे गए श्री अखंड पाठ साहिब के भोग आज डाले जाएंगे। इस मौके काफी संख्या में लोगों के मोर्चे पर पहुंचने की उम्मीद है। आज सुबह ब्यास से सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रालियों का जत्था अमृतसर से शंभू बॉर्डर के लिए निकला है। इससे पहले बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल ने सरकार द्वारा बनाई कमेटी से बात करने का फैसला लिया। ऐसे में उन्हें बातचीत करने दें। आप क्यों चाहते है कि बातचीत के बीच सुप्रीम कोर्ट आदेश दें। वहीं, अब सुनवाई इसी महीने के आखिर में होगी। अधिकारियों ने मीटिंग में शामिल होने काे कहा किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि आज चंडीगढ़ से केंद्र सरकार के अधिकारी जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए मोर्चे पर पहुंचे थे। उन्होंने उनसे निवेदन भी किया कि 14 फरवरी तक वे स्वास्थ्य लाभ लेकर केंद्र सरकार के साथ होने वाली मीटिंग में जरूर शामिल हों। हालांकि डल्लेवाल ने दो दिन पहले जनता के नाम दिए संदेश में कहा था कि सभी चाहते है कि वह केंद्र सरकार से मीटिंग में शामिल हो, लेकिन अभी सेहत अनुमति नहीं दे रही है। उन्होंने सभी लोगों को 12 फरवरी को होने वाली महापंचायत में शामिल होने का न्योता दिया था। अमृतसर का जत्था ऐसे पहुंचेगा शंभू वहीं, अमृतसर से आज शंभू के लिए सैकड़ों की संख्या में किसानों के ट्रैक्टरों का काफिला निकला है। करीब 10 बजे ये यह काफिला फगवाड़ा पहुंचेगा। इसके बाद लुधियाना और राजपुरा होते हुए काफिला शंभू पहुंचेगा। किसान नेता सरबन सिंह पंधेर खुद इस काफिले में शामिल हैं। वहीं, बीकेयू दोआबा समेत कई संस्थाओं के नेता फगवाड़ा व लुधियाना सें शामिल होंगे। उनका कहना कहना है कि मजबूरी में हमने यह कदम उठाया है। अब हम पीछे हटने वाले नहीं है। अब तक किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ? पिछले साल 13 फरवरी को किसान ने फसलों की एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। क्योंकि उस समय लोकसभा चुनाव होने थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने शुरू में तत्परता दिखाई। साथ ही तत्कालीन कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत सीनियर नेता चंडीगढ़ भेजे। साथ ही सेक्टर-26 में किसान नेताओं से मीटिंग की। इन मीटिंगों में पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे। यह मीटिंग देर रात दो बजे तक चलती रही थी, लेकिन जब किसानों की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला लिया था। लेकिन हरियाणा सरकार ने बैरिकेड लगाकर किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया। साथ ही दलील दी कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर मॉडिफाई किए हुए हैं। अगर किसान आगे आते हैं तो राज्य का माहौल खराब होगा। इस दौरान खनौरी बॉर्डर पर पुलिस व किसानों की झड़प में युवा किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई। हालांकि जब किसान वहीं रुक गए तो उन दोनों रास्तों से पंजाब हरियाणा का संपर्क टूट गया। इस वजह से कारोबारियों को नुकसान होने लगा। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया। 10 जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बैरिकेड खोलने के आदेश दिए तो सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई पावर कमेटी गठित की । फिर 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन शुरू किया। साथ ही किसी तरह की मेडिकल सुविधा न लेने का फैसला लिया। लेकिन जैसे ही संघर्ष को 50 दिन पूरे हुए तो केंद्र सरकार के अधिकारी खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को मीटिंग के लिए न्योता दिया। इसके बाद डल्लेवाल ने अनशन जारी रखने व मेडिकल सुविधा लेने का फैसला लिया। साथ ही 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन आज (30 जनवरी) को 66वें दिन में पहुंच गया है। अब उनकी सेहत में सुधार हो रहा है। मोर्चे की कामयाबी के लिए रखे गए श्री अखंड पाठ साहिब के भोग आज डाले जाएंगे। इस मौके काफी संख्या में लोगों के मोर्चे पर पहुंचने की उम्मीद है। आज सुबह ब्यास से सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रालियों का जत्था अमृतसर से शंभू बॉर्डर के लिए निकला है। इससे पहले बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल ने सरकार द्वारा बनाई कमेटी से बात करने का फैसला लिया। ऐसे में उन्हें बातचीत करने दें। आप क्यों चाहते है कि बातचीत के बीच सुप्रीम कोर्ट आदेश दें। वहीं, अब सुनवाई इसी महीने के आखिर में होगी। अधिकारियों ने मीटिंग में शामिल होने काे कहा किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि आज चंडीगढ़ से केंद्र सरकार के अधिकारी जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए मोर्चे पर पहुंचे थे। उन्होंने उनसे निवेदन भी किया कि 14 फरवरी तक वे स्वास्थ्य लाभ लेकर केंद्र सरकार के साथ होने वाली मीटिंग में जरूर शामिल हों। हालांकि डल्लेवाल ने दो दिन पहले जनता के नाम दिए संदेश में कहा था कि सभी चाहते है कि वह केंद्र सरकार से मीटिंग में शामिल हो, लेकिन अभी सेहत अनुमति नहीं दे रही है। उन्होंने सभी लोगों को 12 फरवरी को होने वाली महापंचायत में शामिल होने का न्योता दिया था। अमृतसर का जत्था ऐसे पहुंचेगा शंभू वहीं, अमृतसर से आज शंभू के लिए सैकड़ों की संख्या में किसानों के ट्रैक्टरों का काफिला निकला है। करीब 10 बजे ये यह काफिला फगवाड़ा पहुंचेगा। इसके बाद लुधियाना और राजपुरा होते हुए काफिला शंभू पहुंचेगा। किसान नेता सरबन सिंह पंधेर खुद इस काफिले में शामिल हैं। वहीं, बीकेयू दोआबा समेत कई संस्थाओं के नेता फगवाड़ा व लुधियाना सें शामिल होंगे। उनका कहना कहना है कि मजबूरी में हमने यह कदम उठाया है। अब हम पीछे हटने वाले नहीं है। अब तक किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ? पिछले साल 13 फरवरी को किसान ने फसलों की एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। क्योंकि उस समय लोकसभा चुनाव होने थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने शुरू में तत्परता दिखाई। साथ ही तत्कालीन कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत सीनियर नेता चंडीगढ़ भेजे। साथ ही सेक्टर-26 में किसान नेताओं से मीटिंग की। इन मीटिंगों में पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे। यह मीटिंग देर रात दो बजे तक चलती रही थी, लेकिन जब किसानों की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला लिया था। लेकिन हरियाणा सरकार ने बैरिकेड लगाकर किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया। साथ ही दलील दी कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर मॉडिफाई किए हुए हैं। अगर किसान आगे आते हैं तो राज्य का माहौल खराब होगा। इस दौरान खनौरी बॉर्डर पर पुलिस व किसानों की झड़प में युवा किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई। हालांकि जब किसान वहीं रुक गए तो उन दोनों रास्तों से पंजाब हरियाणा का संपर्क टूट गया। इस वजह से कारोबारियों को नुकसान होने लगा। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया। 10 जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बैरिकेड खोलने के आदेश दिए तो सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई पावर कमेटी गठित की । फिर 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन शुरू किया। साथ ही किसी तरह की मेडिकल सुविधा न लेने का फैसला लिया। लेकिन जैसे ही संघर्ष को 50 दिन पूरे हुए तो केंद्र सरकार के अधिकारी खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को मीटिंग के लिए न्योता दिया। इसके बाद डल्लेवाल ने अनशन जारी रखने व मेडिकल सुविधा लेने का फैसला लिया। साथ ही 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला   पंजाब | दैनिक भास्कर