पंजाब के अमृतसर से हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित चिंतपूर्णी में माता के दर्शन करने गई श्रद्धालुओं की बस का रविवार सुबह एक्सीडेंट हो गया। जानकारी के अनुसार बस गहरी खाई में जा गिरी। जिस समय हादसा हुआ, कोई श्रद्धालु बस में नहीं था। हादसे के वक्त केवल ड्राइवर बस को बैक कर रहा था। फिलहाल श्रद्धालुओं को अमृतसर भेजने का इंतजाम किया जा रहा है। अमृतसर से सेवा मंडली की बस श्रद्धालुओं को लेकर चिंतपूर्णी पहुंची थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि रविवार यह हादसा हुआ। जिस समय यह घटना घटी, कोई भी श्रद्धालु बस में मौजूद नहीं था। जिसके चलते एक बड़ा हादसा होने से टल गया। बस के चालक प्रदीप सिंह ने बताया कि वह बस में अमृतसर से लगभग 35 श्रद्धालुओं को लेकर आया था। ड्राइवर को आई मामूली चोट ड्राइवर प्रदीप ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को मंदिर मुख्य सड़क पर उतार कर वे बस को चिंतपूर्णी बाइपास पर ले गया था। सड़क पर बस को पीछे करने लगा। इसी दौरान अचानक आगे से गाड़ी आ गई। इस दौरान उसने बस रोकने के लिए ब्रेक लगाए, लेकिन ब्रेक नहीं लगे और बस पीछे खाई में जा गिरी। पंजाब के अमृतसर से हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित चिंतपूर्णी में माता के दर्शन करने गई श्रद्धालुओं की बस का रविवार सुबह एक्सीडेंट हो गया। जानकारी के अनुसार बस गहरी खाई में जा गिरी। जिस समय हादसा हुआ, कोई श्रद्धालु बस में नहीं था। हादसे के वक्त केवल ड्राइवर बस को बैक कर रहा था। फिलहाल श्रद्धालुओं को अमृतसर भेजने का इंतजाम किया जा रहा है। अमृतसर से सेवा मंडली की बस श्रद्धालुओं को लेकर चिंतपूर्णी पहुंची थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि रविवार यह हादसा हुआ। जिस समय यह घटना घटी, कोई भी श्रद्धालु बस में मौजूद नहीं था। जिसके चलते एक बड़ा हादसा होने से टल गया। बस के चालक प्रदीप सिंह ने बताया कि वह बस में अमृतसर से लगभग 35 श्रद्धालुओं को लेकर आया था। ड्राइवर को आई मामूली चोट ड्राइवर प्रदीप ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को मंदिर मुख्य सड़क पर उतार कर वे बस को चिंतपूर्णी बाइपास पर ले गया था। सड़क पर बस को पीछे करने लगा। इसी दौरान अचानक आगे से गाड़ी आ गई। इस दौरान उसने बस रोकने के लिए ब्रेक लगाए, लेकिन ब्रेक नहीं लगे और बस पीछे खाई में जा गिरी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
रेल सेवा बहाली को लेकर कांगड़ा में प्रदर्शन:पठानकोट से जोगिंदरनगर ट्रेन चलाए जाने की मांग, ट्रायल के बाद भी शुरू नहीं हुई सेवाएँ
रेल सेवा बहाली को लेकर कांगड़ा में प्रदर्शन:पठानकोट से जोगिंदरनगर ट्रेन चलाए जाने की मांग, ट्रायल के बाद भी शुरू नहीं हुई सेवाएँ कांगड़ा जिला के पठानकोट- जोगिंदरनगर रेल सेवा की बहाली को लेकर नंदपुर विकास संघर्ष समिति ने रविवार को एक विशाल आक्रोश रैली निकाली। रैली में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और रेलवे विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नंदपुर भटोली के रैना के तालाब के पास एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर डीआरएम फिरोजपुर को जगाने और कांगड़ा घाटी की ट्रेनों को बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि रेलवे प्रबंधन कांगड़ा घाटी की रेल सेवाओं के साथ दोहरा मापदंड अपना रहा है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुखलाल गोदारा ने कहा कि नूरपुर से गुलेर तक सफल ट्रायल होने के बावजूद भी रेलवे विभाग रेलगाड़ियों को बहाल करने में आनाकानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे विभाग करोड़ों रुपए ट्रैक के रखरखाव पर खर्च करता है, फिर भी बरसात के मौसम में ट्रेन सेवाएं बंद कर देता है। 15 दिन बाद भी नहीं हटा मलबा
समिति के उपाध्यक्ष सुदेश धीमान ने रानीताल में गिरे मलबे को हटाने में हो रही देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस आधुनिक युग में 15 दिनों में मलबा हटाया जा सकता था, लेकिन रेलवे विभाग की लापरवाही के कारण अभी तक मलबा हटाया नहीं गया है।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर नूरपुर से गुलेर तक रेल सेवाएं बहाल नहीं की गईं तो जनता उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगी।
हिमाचल CM के डिनर में जंगली मुर्गा शामिल:इसका शिकार प्रतिबंधित, सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल, मुख्यमंत्री ने नहीं खाया
हिमाचल CM के डिनर में जंगली मुर्गा शामिल:इसका शिकार प्रतिबंधित, सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल, मुख्यमंत्री ने नहीं खाया हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के डिनर मेन्यू ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया है। दरअसल, सीएम सुक्खू शुक्रवार को सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत कुपवी के दूरदराज क्षेत्र टिकरी गांव पहुंचे थे। सीएम यहीं रात को रुके। मुख्यमंत्री ने यहां स्थानीय लोगों के घर पर डिनर भी किया। मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल, अधिकारी और अन्य अतिथि भी मौजूद थे। इन सभी के खाने का प्रबंध स्थानीय लोगों ने किया था। हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ पूरा सरकारी अमला मौजूद था। फिर उनके मेन्यू में जंगली चिकन शामिल था, जबकि सीएम सुक्खू खुद नॉनवेज नहीं खाते हैं। CM ने नहीं खाया जंगली मुर्गा, पर मेन्यू में शामिल सीएम के डिनर में 14 और ब्रेकफ़ास्ट में 10 डिश शामिल की गई। इसमें जंगली मुर्गा भी रखा गया। हालांकि सीएम सुक्खू ने जंगली मुर्गा तो नहीं खाया। मगर, वह डिनर करते वक्त कह रहे हैं कि जंगली मुर्गा है तो इनको दो। वह साथ में मौजूद हेल्थ मिनिस्टर कर्नल धनीराम को भी पूछते हैं कि कर्नल साहब खाते हैं। अब इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इस पर लोग तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। वाइल्ड लाइफ़ प्रॉटेक्शन एक्ट में जंगली मुर्गे का शिकार निषेध वाइल्ड लाइफ़ प्रॉटेक्शन एक्ट 1972 में जंगली मुर्गे का शिकार करना निषेध है। इस वजह से सोशल मीडिया में हल्ला मच गया है। जंगली मुर्गा हिमाचल प्रदेश के 3000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। दुर्गम क्षेत्र कुपवी पहुंचे थे सीएम सीएम सुक्खू शुक्रवार दोपहर के वक्त दुर्गम क्षेत्र कुपवी पहुंचे थे। यहां पर सीएम ने क्षेत्र की 2178 महिलाओं को 1500-1500 रुपए देने का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में करोड़ों रुपए के उद्घाटन व शिलान्यास भी किए। लोगों की समस्याएं सुनी सीएम सुक्खू ने देर रात तक स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनी और मौके पर उनका निपटारा किया। रात में वह स्थानीय लोगों के घर पर रुके और यहां डिनर के साथ साथ रात में खुले आसमान के नीचे आग का अलाव भी सेका। इस दौरान स्थानीय महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाकर सीएम सुक्खू का स्वागत भी किया। डोडराक्वार से की थी सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम की शुरुआत बता दें कि सीएम सुक्खू ने शिमला जिला के दुर्गम क्षेत्र डोडराक्वार से बीते माह सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की थी। अति दुर्गम क्षेत्र डोडराक्वार में भी सीएम सुक्खू एक लोकल व्यक्ति के घर पर रात बिता चुके हैं। इसी कड़ी में सीएम शुक्रवार को दिन में कुपवी पहुंचे और रात में हरि सिंह पचनइक के घर पर यही पर रुके। सीएम सुक्खू नहीं खाते नानवेज: चौहान मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहाकार नरेश चौहान ने बताया कि सीएम सुक्खू नॉनवेज नहीं खाते। फिर भी इनके मेन्यू में इसे शामिल करना गलत है। इसे लेकर अधिकारियों से जवाबदेही ली जाएगी।
शिमला में कार दुर्घटनाग्रस्त, 3 युवकों की मौत:मृतकों की उम्र 28 से 32 वर्ष के बीच, हादसा सराहं-पुलवाहल मार्ग पर आधी रात को हुआ
शिमला में कार दुर्घटनाग्रस्त, 3 युवकों की मौत:मृतकों की उम्र 28 से 32 वर्ष के बीच, हादसा सराहं-पुलवाहल मार्ग पर आधी रात को हुआ हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के चौपाल में बीती रात एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में तीन नौजवानों की मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, तीनों युवक ऑल्टो कार नंबर HP-10C-0476 में सराहं से पुलवाहल की तरफ जा रहे थे। मंगलवार रात करीब पौने एक बजे इनकी गाड़ी लिहाट नाला के पास लगभग 400 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। इससे तीनों कार सवारों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जुब्बल के रहने वाले थे तीनों मृतक गाड़ी गिरने की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी और रात में तीनों के शव खाई से निकाले गए। यह हादसा लिहाट नाला के पास पेश आया। तीनों मृतक जुब्बल क्षेत्र के रहने वाले थे। इससे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। तीनों ने मौके पर तोड़ा दम मृतकों की पहचान परीक्षित भारती (28) निवासी कदरोट गांव, विनोद कुमार (32) निवासी चतरू गांव और मुकेश (32) निवासी दोची गांव के रूप में हुई है। मृतकों के शवों का चौपाल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है। कुछ देर बाद शव परिजनों को सौप दिए जाएंगे। कहां जा रहे थे युवक, यह जानकारी नहीं: SHO SHO चौपाल ने बताया कि हादसा आधी रात में हुआ है। युवक गाड़ी में कहां से किधर जा रहे थे। यह अभी पता नहीं चल पाया है। यह जानकारी परिजनों से पूछताछ के बाद ही चल पाएगी।