पंजाब के होशियारपुर की एक महिला पर अमेरिका जाने और वहां बसने के लिए अपने पति का इस्तेमाल करने और बाद में उसे छोड़ने का आरोप लगाया गया है। यह मामला तब सामने आया जब चंडीगढ़ के सेक्टर-51 निवासी जागीर सिंह ने यूटी पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने अपनी बहू और उसके परिवार पर 45 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगाया है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने महिला के पिता और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जागीर सिंह के अनुसार, उनका बेटा अमेरिका में ग्रीन कार्ड होल्डर है। 2023 में उसकी शादी होशियारपुर निवासी अजीत सिंह की बेटी गुरप्रीत कौर से हुई थी। शादी के बाद गुरप्रीत को अमेरिका भेजने के लिए अजीत सिंह और उसके परिवार ने जालंधर के एक एजेंट को नियुक्त किया। इस प्रक्रिया के तहत जागीर सिंह से 45 लाख रुपए लिए गए थे, ताकि गुरप्रीत अमेरिका जाकर अपने पति के साथ रह सके। लॉस एंजिल्स में जाकर पति से तोड़े संबंध हालांकि, जब गुरप्रीत अमेरिका पहुंची, तो उसने अपने पति के पास जाने के बजाय लॉस एंजिल्स में ही रहने का फैसला किया और अपने पति से संबंध तोड़ दिए। आरोप है कि गुरप्रीत ने अमेरिका जाने का सपना पूरा होते ही अपने पति से दूरी बना ली और उसे अपने मिशन का हिस्सा मात्र समझा। जागीर सिंह ने बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत चंडीगढ़ पुलिस के सेक्टर-9 स्थित एसएसपी पब्लिक विंडो में दर्ज करवाई है। शिकायत में अजीत सिंह, उसकी पत्नी और अन्य रिश्तेदारों पर धोखाधड़ी और ठगी का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पंजाब के होशियारपुर की एक महिला पर अमेरिका जाने और वहां बसने के लिए अपने पति का इस्तेमाल करने और बाद में उसे छोड़ने का आरोप लगाया गया है। यह मामला तब सामने आया जब चंडीगढ़ के सेक्टर-51 निवासी जागीर सिंह ने यूटी पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने अपनी बहू और उसके परिवार पर 45 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगाया है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने महिला के पिता और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जागीर सिंह के अनुसार, उनका बेटा अमेरिका में ग्रीन कार्ड होल्डर है। 2023 में उसकी शादी होशियारपुर निवासी अजीत सिंह की बेटी गुरप्रीत कौर से हुई थी। शादी के बाद गुरप्रीत को अमेरिका भेजने के लिए अजीत सिंह और उसके परिवार ने जालंधर के एक एजेंट को नियुक्त किया। इस प्रक्रिया के तहत जागीर सिंह से 45 लाख रुपए लिए गए थे, ताकि गुरप्रीत अमेरिका जाकर अपने पति के साथ रह सके। लॉस एंजिल्स में जाकर पति से तोड़े संबंध हालांकि, जब गुरप्रीत अमेरिका पहुंची, तो उसने अपने पति के पास जाने के बजाय लॉस एंजिल्स में ही रहने का फैसला किया और अपने पति से संबंध तोड़ दिए। आरोप है कि गुरप्रीत ने अमेरिका जाने का सपना पूरा होते ही अपने पति से दूरी बना ली और उसे अपने मिशन का हिस्सा मात्र समझा। जागीर सिंह ने बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत चंडीगढ़ पुलिस के सेक्टर-9 स्थित एसएसपी पब्लिक विंडो में दर्ज करवाई है। शिकायत में अजीत सिंह, उसकी पत्नी और अन्य रिश्तेदारों पर धोखाधड़ी और ठगी का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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आतंकी चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार:गुरदासपुर में जन्मा, 1984 में खालिस्तानियों से जुड़ा; पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे जेल से भगाए
आतंकी चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार:गुरदासपुर में जन्मा, 1984 में खालिस्तानियों से जुड़ा; पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे जेल से भगाए पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को गोल्डन टेंपल के गेट पर फायरिंग की गई। हालांकि, वह बाल-बाल बच गए। उन पर फायरिंग करने वाला गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक का रहने वाला आतंकी नारायण सिंह चौड़ा है। नारायण सिंह चौड़ा की हिटलिस्ट में बादल परिवार पहले से ही था। वह बादल परिवार को दल पंथ का गद्दार मानता था। चौड़ा आतंकियों के साथ जेल काट चुका है और खुद भी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। फिलहाल वह खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा हुआ है। आज फायरिंग के बाद पुलिस ने उसका फोन जब्त कर लिया है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि उसके फोन से कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं। पुलिस के रिकॉर्ड में नारायण सिंह का पता… अब नारायण सिंह चौड़ा के बारे में पढ़िए…. पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी करने लगा
नारायण सिंह चौड़ा का जन्म 4 अप्रैल 1956 को डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) के चौड़ा गांव में हुआ था। वह पंजाब में आतंकवाद के समय से ही काफी एक्टिव था। चौड़ा साल 1984 में पाकिस्तान गया था। वहां उसकी मुलाकात कई आतंकी संगठनों से हुई। चौड़ा ने आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी शुरू कर दी। उस दौरान पंजाब में हुई आतंकी गतिविधियों में नारायण सिंह की अहम भूमिका रही। उसने पाकिस्तान में रहते हुए गुरिल्ला वॉर और देशद्रोही साहित्य पर किताब लिखी थी। 2010 में UAPA का केस दर्ज
चौड़ा के खिलाफ 8 मई 2010 को अमृतसर के सिविल लाइन थाने में विस्फोटक अधिनियम के तहत करीब एक दर्जन मामले दर्ज किए गए थे। वह अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ जिले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) का आरोपी है। अमृतसर की कोर्ट से वह विस्फोटक अधिनियम के एक मामले में बरी भी हो चुका है। साल 2013 में गिरफ्तार हुआ
चौड़ा को 28 फरवरी 2013 को तरनतारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन सुखदेव सिंह और गुरिंदर सिंह को पंडोरी गांव से गिरफ्तार किया गया। तीनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने मोहाली जिले के कुराली गांव में छापा मारा था। वहां से पुलिस को RDX और हथियारों का जखीरा बरामद हुआ। इसका केस चलता रहा, लेकिन चौड़ा जमानत पर बाहर आ गया था। बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड रहा है चौड़ा
नारायण सिंह चौड़ा पर आरोप है कि वह 2004 में हुए चंडीगढ़ की बुड़ैल जेलब्रेक कांड का मास्टरमाइंड था। चौड़ा फरार होने वाले आरोपियों से नियमित मिलने जाता था। वह खालिस्तानी समर्थक कैदियों से मिलता था और उन्हें खाना पीना, कपड़ा और अन्य जरूरत के सामान भी उपलब्ध करवाता था। जब पुलिस को इसका पता चला तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में सामने आया कि पगड़ी देने की बात कहकर चौड़ा उनसे मिलता था। पगड़ी वाले कपड़े की मदद से ही आरोपियों ने बुड़ैल जेल ब्रेक की थी और उसी से बाहर निकले थे। बुड़ैल जेल से भागने वाले कैदियों की मदद के लिए चौड़ा ने ही जेल की बिजली गुल की थी। इससे आरोपियों को जेल से फरार होने में कोई दिक्कत नहीं हुई। बता दें कि जेल से फरार होने वाले आरोपियों में पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भ्यौरा, जगतार सिंह तारा भी शामिल थे। तब पुलिस की जांच में पता चला था कि उक्त आरोपियों के लिंक पाकिस्तान में बैठे कुछ आतंकियों के साथ भी थे। सुरंग खोदने में की थी बेअंत सिंह के हत्यारों की मदद
पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह हत्याकांड में दोषी जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भ्यौरा, जगतार सिंह तारा और एक अन्य दोषी देवी सिंह ने जेल से भागने के लिए महीनों तक जेल में सुरंग खोदी थी। चौड़ा ने भी सुरंग खोदने में इनकी मदद की थी। देवी सिंह भी जेल की सुरंग से फरार हो गया था। उसे पुलिस ने भगौड़ा घोषित किया हुआ है, लेकिन अभी तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पुलिस यह भी नहीं जान सकी कि वह जिंदा है फिर उसकी मौत हो गई है। इन सभी आरोपियों को बैरक नंबर-7 में रखा गया था। बुड़ैल जेल ब्रेक मामले में साल 2005 में चौड़ा जेल से बाहर आया था। जेल से बाहर आने के बाद चौड़ा फिर से आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हो गया। उस समय चौड़ा इंग्लैंड में रह रहे आतंकी जोगा सिंह के लिंक में आया था। चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार
बता दें कि नारायण सिंह चौड़ा के निशाने पर बादल परिवार काफी समय से था। चौड़ा ने एक लोकल अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि बादल दल पंथ के गद्दार हैं। चौड़ा का आरोप था कि भाई जसपाल सिंह सिधवां चौड़ सहित कई सिंहों की हत्याएं और गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करवाने में बादलों का हाथ था। पुलिस की छानबीन के अनुसार, साल 2013 के जनवरी माह में केंद्र सरकार की इंटेलिजेंस ब्यूरो की ओर से पंजाब सरकार को एक लेटर भेजा गया था, जिसमें दावा किया गया था कि आतंकी नारायण सिंह पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल को टारगेट कर सकता है। इसके बाद पंजाब के तत्कालीन DGP सुमेध सैनी ने दोनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। हालांकि, तब से उन पर कोई हमला नहीं हुआ। लेकिन, इस साल सुखबीर बादल ने अपनी गलतियां मानीं तो उन पर यह हमला हुआ। रणधीर सिंह के नाम से सक्रिय था चौड़ा
चौड़ा का असली नाम नारायण सिंह है, लेकिन वह रणधीर सिंह के नाम से खालिस्तान समर्थकों के बीच सक्रिय था। चौड़ा ने डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) में एक ठिकाना बनाया था, वहीं से वह गतिविधियों को अंजाम देता था। चौड़ा ने खालिस्तान लिबरेशन आर्मी की स्थापना की थी और खुद को धार्मिक प्रचारक के रूप में पेश किया। पुलिस जो जब उसके ठिकाने की जानकारी मिली तो छापा मारा गया। वहां से पुलिस को कंप्यूटर, पेन ड्राइव, और अन्य संदिग्ध सामग्री मिली। बब्बर खालसा इंटरनेशनल के साथ चौड़ा के लिंकों का पता पुलिस को तभी लगा था। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ ये खबर भी पढ़ें… पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग:बाल-बाल बचे, गोल्डन टेंपल के बाहर सेवा कर रहे थे; हमलावर खालिस्तानी आतंकी गिरफ्तार अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में बुधवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी ने फायरिंग की। सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर बैठे थे। डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को माफी देने को लेकर सिखों की सर्वोच्च अदालत अकाल तख्त ने उन्हें यह सजा दी है। पूरी खबर पढ़ें…
पूर्व CM के हत्यारे राजोआना को राहत SC से नहीं:सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को भेजी फाइल; 2 सप्ताह में फैसला देने का किया अनुरोध
पूर्व CM के हत्यारे राजोआना को राहत SC से नहीं:सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को भेजी फाइल; 2 सप्ताह में फैसला देने का किया अनुरोध पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ये मुद्दा राष्ट्रपति के समक्ष रखने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने भारत के राष्ट्रपति के सचिव को आदेश दिया है कि वे मौत की सजा पाने वाले बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका का मामला राष्ट्रपति के समक्ष रखा जाए। जिस पर दो सप्ताह के भीतर विचार करने का भी अनुरोध किया गया है। मामले में अब 5 दिसंबर को फैसला आ सकता है। बता दें कि इससे पहले केस में दो सप्ताह पहले सुनवाई हुई थी। जस्टिस बीआर गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा था कि वे मामले की सुनवाई के बाद ही राहत पर विचार करेंगे। राजोआना को 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। आज यानी 18 नवंबर को हुई इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर फैसला लिया है। पिछली सुनवाई लेकर आज की सुनवाई तक केंद्र सरकार की तरफ से जवाब दाखिल किया गया है। जिसके बाद ये फैसला लिया गया। राजोआना ने याचिका में मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की जा रही है। याचिका में दलील दी था कि भारत सरकार ने उसकी दया याचिका में फैसला लेने में काफी देर की है। वह करीब 29 साल से जेल में बंद है। अदालत में यह दलीलें रखी गई बता दें कि राजोआना के सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने दया याचिका पर फैसला करने में देरी को चौंकाने वाला बताया था। उन्होंने कहा था कि यह व्यक्ति आज तक 29 वर्षों से लगातार हिरासत में है। मूल रूप से उसे 1996 में बम विस्फोट के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। रोहतगी की बात पूरी होने से पहले न्यायमूर्ति गवई ने पंजाब के वकील से पूछा था कि क्या जारी किए गए नोटिस के खिलाफ कोई जवाब दाखिल किया गया है। वकील ने जवाब दिया था कि वे छुट्टी के कारण रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सकते। इस पर गवई ने कहा कि न्यायालय पंजाब राज्य को जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय देने को तैयार है। बेअंत सिंह कत्ल का आरोपी राजोआना पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का कत्ल 31 अगस्त 1995 को कर दिया गया था। बलवंत सिंह राजोआना के बयान के अनुसार, उसने और पंजाब पुलिस मुलाजिम दिलावर सिंह ने बेअंत सिंह को ह्यूमन बम से उड़ा दिया था। दिलावर सिंह ने ह्यूमन बम बनकर बेअंत सिंह पर हमला किया था। साजिश इस तरह रची गई थी कि अगर दिलावर फेल हो जाता तो राजोआना की तरफ से हमला किया जाना था। कोर्ट ने राजोआना को फांसी की सजा सुनाई थी।
मानसा में शादीशुदा प्रेमिका की युवक ने की हत्या:मिट्टी का तेल डालकर जलाया, वारदात के बाद खुद भी किया सुसाइड
मानसा में शादीशुदा प्रेमिका की युवक ने की हत्या:मिट्टी का तेल डालकर जलाया, वारदात के बाद खुद भी किया सुसाइड मानसा में एक युवक ने अपनी प्रेमिका की हत्या करने के बाद खुद भी सुसाइड कर लिया। महिला की किसी दूसरे व्यक्ति के साथ शादी हो चुकी थी, इसके बावजूद भी दोनों के बीच बातचीचत होती थी। किसी बात को लेकर दोनों के बीच अनबन होने से युवक ने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मानसा के बोडावाल गांव में मेजर सिंह नाम के शख्स ने अपनी प्रेमिका के ऊप मिट्टी का तेल डालकर जला दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी प्रेमी ने भी फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। वहीं गांव और परिवार के लोगों ने इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया एसएचओ जसप्रीत सिंह ने बताया कि मृतक मंजीत कौर के पति बलजिंदर सिंह ने पुलिस को शिकायत दी। अपने बयान में उसने बताया कि उसकी पत्नी की मेजर सिंह से बातचीत होती थी। लेकिन अब मेरी पत्नी ने उससे बात करना बंद कर दिया था और उससे नफरत करती थी। जिसके कारण मेजर ने मेरी पत्नी को मिट्टी का तेल डाल कर मारने की कोशिश की। जिसके आधार पर मेजर सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।