हरियाणा में करनाल के युवक मोनू का शव आज अमेरिका से उसके पैतृक गांव में पहुंचा। मोनू की 12 जुलाई की रात को अमेरिका में गोली मारकर हत्या कर दी गई। 26 वर्षीय युवक को करीब ढाई साल पहले परिवार ने 35 लाख रुपए कर्ज लेकर डंकी से अमेरिका भेजा था। वहां वह नौकरी कर रहा था। जब वह काम से लौट रहा था तो उसी दौरान उसको गोली मार दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। घर वालों को पता चला तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई थी। मोनू का शव भारत लाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे। परिवार ने सरकार और अन्य लोगों से भी मदद की गुहार लगाई थी। शव घर पहुंचा तो घर वालों का रो रोकर बुरा हाल था। परिजनों ने अंतिम दर्शन किए और फिर गांव के ही श्मशान में दाह संस्कार किया। 12 जुलाई की रात को मिली हत्या की खबर करनाल जिले में निसिंग के सराफा बाजार निवासी पवन कुमार वर्मा ने बताया कि बेटा मोनू डेल्फिया न्यूयॉर्क में रहता था। यहां वह कूरियर (डोर डेस्क) का काम करता था। हमें 12 जुलाई की रात को करीब 10 बजे पता चला कि मोनू की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बेटे के पास ही एक लड़का रहता है, उसी ने कॉल करके वारदात के बारे में बताया। लड़के बताया कि फायरिंग में मोनू के अलावा 2 और लड़कों की मौत हुई। घर में सबसे छोटा था मोनू पिता ने बताया कि मेरे पांच बच्चे हैं। तीन लड़कियां और दो लड़के हैं। मोनू सबसे छोटा लड़का था। मैने बैंक और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर मोनू को अमेरिका भेजा था। उसकी भी भरपाई नहीं हो पाई थी। वह कर्ज भी लौटाना है। बेटा भी नहीं रहा और अब उसकी बॉडी भारत लाने के लिए आर्थिक तंगी आड़े आ रही है। भाई सोनू ने बताया कि मेरी शादी के समय मोनू 8 साल का था। मोनू सबसे लाडला भाई था। वह मेरे से 12 साल छोटा है। उन्होंने बताया कि मोनू सबसे पहले पुर्तगाल में गया था। वहां पर पक्का हो गया था, लेकिन वह यहां से घर आ गया। घर आने के बाद उसने अमेरिका जाने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि हमने मदद की गुहार लगाई थी। कुछ मदद मिली, जिसके बाद शव यहां पर आ सका। अब उसके बेटे की आत्मा को शांति मिल सकेगी और अपने गांव की मिट्टी नसीब हो सकेगी। हरियाणा में करनाल के युवक मोनू का शव आज अमेरिका से उसके पैतृक गांव में पहुंचा। मोनू की 12 जुलाई की रात को अमेरिका में गोली मारकर हत्या कर दी गई। 26 वर्षीय युवक को करीब ढाई साल पहले परिवार ने 35 लाख रुपए कर्ज लेकर डंकी से अमेरिका भेजा था। वहां वह नौकरी कर रहा था। जब वह काम से लौट रहा था तो उसी दौरान उसको गोली मार दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। घर वालों को पता चला तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई थी। मोनू का शव भारत लाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे। परिवार ने सरकार और अन्य लोगों से भी मदद की गुहार लगाई थी। शव घर पहुंचा तो घर वालों का रो रोकर बुरा हाल था। परिजनों ने अंतिम दर्शन किए और फिर गांव के ही श्मशान में दाह संस्कार किया। 12 जुलाई की रात को मिली हत्या की खबर करनाल जिले में निसिंग के सराफा बाजार निवासी पवन कुमार वर्मा ने बताया कि बेटा मोनू डेल्फिया न्यूयॉर्क में रहता था। यहां वह कूरियर (डोर डेस्क) का काम करता था। हमें 12 जुलाई की रात को करीब 10 बजे पता चला कि मोनू की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बेटे के पास ही एक लड़का रहता है, उसी ने कॉल करके वारदात के बारे में बताया। लड़के बताया कि फायरिंग में मोनू के अलावा 2 और लड़कों की मौत हुई। घर में सबसे छोटा था मोनू पिता ने बताया कि मेरे पांच बच्चे हैं। तीन लड़कियां और दो लड़के हैं। मोनू सबसे छोटा लड़का था। मैने बैंक और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर मोनू को अमेरिका भेजा था। उसकी भी भरपाई नहीं हो पाई थी। वह कर्ज भी लौटाना है। बेटा भी नहीं रहा और अब उसकी बॉडी भारत लाने के लिए आर्थिक तंगी आड़े आ रही है। भाई सोनू ने बताया कि मेरी शादी के समय मोनू 8 साल का था। मोनू सबसे लाडला भाई था। वह मेरे से 12 साल छोटा है। उन्होंने बताया कि मोनू सबसे पहले पुर्तगाल में गया था। वहां पर पक्का हो गया था, लेकिन वह यहां से घर आ गया। घर आने के बाद उसने अमेरिका जाने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि हमने मदद की गुहार लगाई थी। कुछ मदद मिली, जिसके बाद शव यहां पर आ सका। अब उसके बेटे की आत्मा को शांति मिल सकेगी और अपने गांव की मिट्टी नसीब हो सकेगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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