अमेरिका से डिपोर्ट हुए करनाल के 9 युवक:40-45 लाख खर्च करके युवक ने लगाई डंकी, एयरपोर्ट पर परिवार से मिलवाकर भेजा

अमेरिका से डिपोर्ट हुए करनाल के 9 युवक:40-45 लाख खर्च करके युवक ने लगाई डंकी, एयरपोर्ट पर परिवार से मिलवाकर भेजा

अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 116 भारतीयों में करनाल के 9 युवक भी शामिल है। वहां की सरकार ने इनको जबरन डिपोर्ट कर दिया है। शनिवार देर रात 11:30 बजे अमेरिकी एयरफोर्स का विमान ग्लोबमास्टर इन्हें लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा। जिनमें अनुज निवासी जुंडला, हर्ष निवासी सग्गा तरावड़ी, निखिल निवासी गुढ़ा घरौंडा, सक्षम निवासी पोपड़ा असंध, अमित निवासी राहड़ा असंध और विपिन निवासी कर्ण विहार करनाल के नाम शामिल हैं। एयरपोर्ट पर सभी की 3 घंटे तक वेरिफिकेशन हुई, जिसके बाद पुलिस की गाड़ियों में उन्हें उनके घर भेजा गया। इस दौरान मीडिया से बातचीत करने की इजाजत नहीं दी गई। राहड़ा के अमित ने 40-45 लाख खर्च करके लगाई डंकी करनाल जिले के गांव राहड़ा का 22 वर्षीय अमित करीब 4 महीने पहले अमेरिका गया था। वह जैसे ही मैक्सिको बॉर्डर पार कर अमेरिका में घुसा, वहीं उसे पकड़कर कैंप में डाल दिया गया। अब 4 महीने बाद उसे डिपोर्ट कर दिया गया। अमित के एक परिचित ने बताया कि उसका भाई ग्रीस में काम करता है और उसी ने अमेरिका भेजने के लिए 40-45 लाख रुपए दिए थे और कुछ पैसे परिवार की तरफ से एकत्रित किए गए थे। परिवार में दो भाई और दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। जुंडला निवासी अनुज के पिता अशोक ने बताया कि जब पहला जहाज आया था तो उस वक्त थोड़ी टेंशन बढ़ गई थी। लेकिन बच्चा सुरक्षित आ चुका है। हम सिविल लाइन करनाल से लेकर आए है। जो अमेरिका के अंदर है, वे भी दिक्कत में है। अब उसको किस तरह की दिक्कत आई थी। कुछ घर बेचकर पैसे एकत्रित किए थे और कुछ इधर उधर से एकत्रित किए थे। एयरपोर्ट पर परिवार से मिलाए, फिर किया रवाना डिपोर्ट किए गए भारतीयों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उनके परिवार वालों से मिलने दिया गया, लेकिन मीडिया से बात करने पर रोक थी। सभी की पहचान और दस्तावेज की जांच करने में करीब 5 घंटे लगे। इसके बाद पुलिस की गाड़ियों में उन्हें उनके घरों तक छोड़ा गया। डिपोर्ट हुए युवकों के परिवारों की मीडिया से दूरी ​​​​​​​डिपोर्ट हुए युवकों के परिवार लगातार मीडिया से दूरी बनाए हुए है। कोई भी न तो कुछ बताने को तैयार है और न ही कुछ सुनने को तैयार है। जब भी कॉल किया जाता है तो कॉल काट दिया जाता है। ऐसे में दूरी का क्या कारण है, यह समझ से परे है। अब तक 220 भारतीय लौटाए जा चुके ​​​​​​​इससे पहले 5 फरवरी को 104 भारतीयों को जबरन लौटाया गया था। उस समय भी महिलाओं और बच्चों को छोड़कर पुरुषों को हथकड़ियों और बेड़ियों में बांधकर लाया गया था। अब तक कुल 220 भारतीयों को डिपोर्ट किया जा चुका है। तीसरा ग्रुप आज रात 10 बजे अमृतसर पहुंचेगा, जिसमें 157 और भारतीय शामिल होंगे। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 116 भारतीयों में करनाल के 9 युवक भी शामिल है। वहां की सरकार ने इनको जबरन डिपोर्ट कर दिया है। शनिवार देर रात 11:30 बजे अमेरिकी एयरफोर्स का विमान ग्लोबमास्टर इन्हें लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा। जिनमें अनुज निवासी जुंडला, हर्ष निवासी सग्गा तरावड़ी, निखिल निवासी गुढ़ा घरौंडा, सक्षम निवासी पोपड़ा असंध, अमित निवासी राहड़ा असंध और विपिन निवासी कर्ण विहार करनाल के नाम शामिल हैं। एयरपोर्ट पर सभी की 3 घंटे तक वेरिफिकेशन हुई, जिसके बाद पुलिस की गाड़ियों में उन्हें उनके घर भेजा गया। इस दौरान मीडिया से बातचीत करने की इजाजत नहीं दी गई। राहड़ा के अमित ने 40-45 लाख खर्च करके लगाई डंकी करनाल जिले के गांव राहड़ा का 22 वर्षीय अमित करीब 4 महीने पहले अमेरिका गया था। वह जैसे ही मैक्सिको बॉर्डर पार कर अमेरिका में घुसा, वहीं उसे पकड़कर कैंप में डाल दिया गया। अब 4 महीने बाद उसे डिपोर्ट कर दिया गया। अमित के एक परिचित ने बताया कि उसका भाई ग्रीस में काम करता है और उसी ने अमेरिका भेजने के लिए 40-45 लाख रुपए दिए थे और कुछ पैसे परिवार की तरफ से एकत्रित किए गए थे। परिवार में दो भाई और दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। जुंडला निवासी अनुज के पिता अशोक ने बताया कि जब पहला जहाज आया था तो उस वक्त थोड़ी टेंशन बढ़ गई थी। लेकिन बच्चा सुरक्षित आ चुका है। हम सिविल लाइन करनाल से लेकर आए है। जो अमेरिका के अंदर है, वे भी दिक्कत में है। अब उसको किस तरह की दिक्कत आई थी। कुछ घर बेचकर पैसे एकत्रित किए थे और कुछ इधर उधर से एकत्रित किए थे। एयरपोर्ट पर परिवार से मिलाए, फिर किया रवाना डिपोर्ट किए गए भारतीयों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उनके परिवार वालों से मिलने दिया गया, लेकिन मीडिया से बात करने पर रोक थी। सभी की पहचान और दस्तावेज की जांच करने में करीब 5 घंटे लगे। इसके बाद पुलिस की गाड़ियों में उन्हें उनके घरों तक छोड़ा गया। डिपोर्ट हुए युवकों के परिवारों की मीडिया से दूरी ​​​​​​​डिपोर्ट हुए युवकों के परिवार लगातार मीडिया से दूरी बनाए हुए है। कोई भी न तो कुछ बताने को तैयार है और न ही कुछ सुनने को तैयार है। जब भी कॉल किया जाता है तो कॉल काट दिया जाता है। ऐसे में दूरी का क्या कारण है, यह समझ से परे है। अब तक 220 भारतीय लौटाए जा चुके ​​​​​​​इससे पहले 5 फरवरी को 104 भारतीयों को जबरन लौटाया गया था। उस समय भी महिलाओं और बच्चों को छोड़कर पुरुषों को हथकड़ियों और बेड़ियों में बांधकर लाया गया था। अब तक कुल 220 भारतीयों को डिपोर्ट किया जा चुका है। तीसरा ग्रुप आज रात 10 बजे अमृतसर पहुंचेगा, जिसमें 157 और भारतीय शामिल होंगे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर