अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का हरियाणा रिलेशन:मां ने हेल्थ वर्कर के तौर पर की थी सेवा; ग्रामीणों ने रखा कार्टरपुरी नाम

अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का हरियाणा रिलेशन:मां ने हेल्थ वर्कर के तौर पर की थी सेवा; ग्रामीणों ने रखा कार्टरपुरी नाम

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का हरियाणा से भी खास नाता रहा है। रविवार को 100 वर्ष की उम्र में उनका निधन हुआ तो गुरुग्राम के गांव कार्टरपुरी में भी उनको याद किया गया। असल में गांव दौलतपुर नसीराबाद से बदल कर उन्हीं के नाम पर गांव का नाम ‘कार्टरपुरी’ रखा गया था। जिमी कार्टर राष्ट्रपति रहते हुए यहां अपनी मां, पत्नी के साथ आए थे। उनका इस गांव से खास नाता रहा है। साइबर सिटी गुरुग्राम में सेक्टर 23 के पास स्थित है गांव कार्टरपुरी। गांव का नाम अजीब है, क्योंकि इस गांव में कोई कार्टर नहीं रहता। आरंभ में ये गांव दौलतपुर नसीराबाद के नाम से जाना जाता था। जिमी कार्टर सेंटर के अनुसार, 3 जनवरी, 1978 को अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति कार्टर और तत्कालीन प्रथम महिला रोजलिन कार्टर इस गांव गए थे। बदले में लोगों ने भी सम्मान दिखाने के लिए उन्हें हरियाणवी पोशाक पेश की, जिसे कार्टर ने पहना भी। उनकी याद में हर साल 3 जनवरी को कार्टरपुरी गांव में लोग छुट्‌टी पर रहते हैं। दरअसल जिमी कार्टर की मां लिलियन ने 1960 के दशक के अंत में पीस कॉर्प्स के साथ एक स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में इस गांव में काम किया था। जिमी कार्टर के गांव आने और उनके गांव से संबंध के बाद गांव के लोगों ने कार्टर के सम्मान में गांव का नाम बदलकर कार्टरपुरी कर दिया था। ​​​​​​ कार्टर ने भारत दौरे पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ दिल्ली में घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंधों का नया दौर शुरू हुआ था। ​​​​​​अमेरिकी के व्हाइट हाऊस से इस गांव का सीधा संबंध रहा है। 2002 में कार्टर को समाज सेवा के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था। जनवरी, 1978 में जिमी कार्टर भारत के दौरे पर आए तो उन्होंने नसीराबाद गांव को भ्रमण के लिए चुना था। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का हरियाणा से भी खास नाता रहा है। रविवार को 100 वर्ष की उम्र में उनका निधन हुआ तो गुरुग्राम के गांव कार्टरपुरी में भी उनको याद किया गया। असल में गांव दौलतपुर नसीराबाद से बदल कर उन्हीं के नाम पर गांव का नाम ‘कार्टरपुरी’ रखा गया था। जिमी कार्टर राष्ट्रपति रहते हुए यहां अपनी मां, पत्नी के साथ आए थे। उनका इस गांव से खास नाता रहा है। साइबर सिटी गुरुग्राम में सेक्टर 23 के पास स्थित है गांव कार्टरपुरी। गांव का नाम अजीब है, क्योंकि इस गांव में कोई कार्टर नहीं रहता। आरंभ में ये गांव दौलतपुर नसीराबाद के नाम से जाना जाता था। जिमी कार्टर सेंटर के अनुसार, 3 जनवरी, 1978 को अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति कार्टर और तत्कालीन प्रथम महिला रोजलिन कार्टर इस गांव गए थे। बदले में लोगों ने भी सम्मान दिखाने के लिए उन्हें हरियाणवी पोशाक पेश की, जिसे कार्टर ने पहना भी। उनकी याद में हर साल 3 जनवरी को कार्टरपुरी गांव में लोग छुट्‌टी पर रहते हैं। दरअसल जिमी कार्टर की मां लिलियन ने 1960 के दशक के अंत में पीस कॉर्प्स के साथ एक स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में इस गांव में काम किया था। जिमी कार्टर के गांव आने और उनके गांव से संबंध के बाद गांव के लोगों ने कार्टर के सम्मान में गांव का नाम बदलकर कार्टरपुरी कर दिया था। ​​​​​​ कार्टर ने भारत दौरे पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ दिल्ली में घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंधों का नया दौर शुरू हुआ था। ​​​​​​अमेरिकी के व्हाइट हाऊस से इस गांव का सीधा संबंध रहा है। 2002 में कार्टर को समाज सेवा के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था। जनवरी, 1978 में जिमी कार्टर भारत के दौरे पर आए तो उन्होंने नसीराबाद गांव को भ्रमण के लिए चुना था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर