अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव का ऐलान आज:योगी ने 6 मंत्री उतारे; सपा से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे का नाम तय

अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव का ऐलान आज:योगी ने 6 मंत्री उतारे; सपा से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे का नाम तय

अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव का आज ऐलान हो सकता है। चुनाव आयोग दोपहर 2 बजे दिल्ली विधानसभा के चुनाव को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। आयोग नॉमिनेशन की डेट, नाम वापस लेने की तारीख, वोटिंग और रिजल्ट की तारीख की घोषणा करेगा। इसके साथ अयोध्या में भी आचार संहिता लागू हो जाएगी। मिल्कीपुर सीट अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से सांसद बनने के बाद खाली हुई है। भाजपा ने 6 मंत्रियों को मिल्कीपुर उपचुनाव में उतारा है। सीएम योगी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे को पहले ही उम्मीदवार तय कर दिया है। भाजपा ने अब तक अपने प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है। पहले जानिए 9 सीटों के साथ क्यों नहीं हुआ उपचुनाव 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद से 13,000 से अधिक वोटों से हार गए थे। इसके बाद भाजपा नेता ने अवधेश प्रसाद पर चुनाव प्रक्रिया में गलत हलफनामा दाखिल करने और नोटरी के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। हाईकोर्ट की लखन‌ऊ बेंच में याचिका दायर कर दी। 18 अक्टूबर को गोरखनाथ ने याचिका वापसी का ऐलान किया
2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अवधेश प्रसाद को अयोध्या से उतारा। अवधेश चुनाव जीतकर सांसद बने। इससे मिल्कीपुर सीट खाली हो गई। 15 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने यूपी में विधानसभा की 9 सीटों पर ही उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया। मिल्कीपुर सीट का नाम नहीं था। मिल्कीपुर उपचुनाव लटका तो बयानबाजी शुरू हो गई। सपा ने भाजपा पर हार के डर से चुनाव लटकाने का आरोप लगाया। जब चुनाव लटकने की वजह खोजी गई। तब पता चला कि बाबा गोरखनाथ की याचिका हाईकोर्ट में लंबित है, इसलिए मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई। 18 अक्टूबर को ही भाजपा नेता और पूर्व विधायक गोरखनाथ ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई कि वे अब केस नहीं लड़ना चाहते हैं। गोरखनाथ ने कहा कि सपा विधायक अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद याचिका का औचित्य समाप्त हो गया है। याचिका वापस लेने से मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया। भाजपा नेता गोरखनाथ ने चुनाव आयोग से इस सीट पर उपचुनाव कराने की मांग की। सीट खाली हुई तो कब तक कराना होता है उपचुनाव?
नियमों के मुताबिक, कोई भी सीट खाली होने पर वहां 6 महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है। यह मामला हाईकोर्ट में था, इसलिए चुनाव नहीं कराया जा सका। 4 दिसंबर को 6 महीने की मियाद पूरी हो गई। लखनऊ हाईकोर्ट की ऑर्डर कॉपी चुनाव आयोग को भेजी गई। अब आयोग तय करेगा कि उपचुनाव कब होगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर का रिजल्ट
मिल्कीपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद को 1.03 लाख वोट मिले थे। उन्होंने भाजपा के बाबा गोरखनाथ को 13 हजार वोटों से हराया था। बाबा गोरखनाथ को 90 हजार 567 वोट मिले थे। इससे पहले 2017 के चुनाव में बाबा गोरखनाथ मिल्कीपुर से विधायक बने। मिल्कीपुर में भाजपा की रणनीति योगी कल मिल्कीपुर में करेंगे जनसभा
CM योगी 4 जनवरी को मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया था। उन्होंने आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित संगठनात्मक बैठक को संबोधित किया था। अब कल यानी 8 जनवरी को मिल्कीपुर के हैरिंग्टनगंज पलिया मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे। फिर 11 जनवरी को अयोध्या धाम में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव में शामिल होंगे। भाजपा ने जातिवार 6 मंत्री तैनात किए
सीएम योगी ने मिल्कीपुर का जातीय समीकरण साधने के लिए जातिवार मंत्रियों की टीम वहां तैनात की है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही अयोध्या जिले के प्रभारी मंत्री हैं। इसलिए उन्हें मिल्कीपुर में भी काम दिया है। सीएम ने अपने करीबी जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को कुर्मी वोट बैंक को साधने के लिए वहां लगाया है। जबकि चुनाव प्रबंधन के अनुभवी, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर को जमीनी चुनाव प्रबंधन के साथ ठाकुर वोट बैंक के लिए लगाया है। यादव वोट बैंक के लिए खेल राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश यादव, ब्राह्मण वोट बैंक के लिए राज्यमंत्री सतीश शर्मा को तैनात किया है। चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह वहां पहले से ही सह प्रभारी के रूप में लगाए गए हैं। पासी उम्मीदवार ही उतारेगी भाजपा
मिल्कीपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की ओर से अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाना तय है। भाजपा की ओर से भी पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ प्रबल दावेदार हैं। पार्टी सूत्रों का कहना कि इस सीट पर पासी ही उम्मीदवार होगा। मिल्कीपुर में सपा की रणनीति अजीत प्रसाद के लिए अवधेश बना रहे रणनीति
मिल्कीपुर सीट सुरक्षित है, यानी पिछड़ी जातियां निर्णायक हैं। सपा ने 15 अक्टूबर से पहले मिल्कीपुर सीट पर प्रत्याशी तय कर दिया था। अयोध्या-फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर दांव खेला है। अजीत की सीधी टक्कर भाजपा से है। हालांकि, भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। कई दावेदार लाइन में हैं। 2012 और 2022 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से अवधेश प्रसाद 2 बार विधायक रहे हैं। 2024 में अवधेश सांसद बन गए। अवधेश बोले- योगी कितनी बार भी मिल्कीपुर आएं, जीतेगी सपा ही
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा- मुख्यमंत्री चाहे जितनी बार आएं, चाहे जितने मंत्री लगें, लेकिन मिल्कीपुर की जनता ने तय कर लिया है कि वह अवधेश प्रसाद के पुत्र सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को ही विधायक बनाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चाहे एक बार आएं, 10 बार आएं, चाहे रोज आएं लेकिन मिल्कीपुर जनता पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 2027 के चुनाव का रास्ता मिल्कीपुर से ही निकलेगा। यहां से एक संदेश जाएगा कि 2027 के चुनाव में भाजपा का सफाया होगा और अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा की सरकार बनेगी। मिल्कीपुर में पिछले तीन चुनाव के नतीजे अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव का आज ऐलान हो सकता है। चुनाव आयोग दोपहर 2 बजे दिल्ली विधानसभा के चुनाव को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। आयोग नॉमिनेशन की डेट, नाम वापस लेने की तारीख, वोटिंग और रिजल्ट की तारीख की घोषणा करेगा। इसके साथ अयोध्या में भी आचार संहिता लागू हो जाएगी। मिल्कीपुर सीट अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से सांसद बनने के बाद खाली हुई है। भाजपा ने 6 मंत्रियों को मिल्कीपुर उपचुनाव में उतारा है। सीएम योगी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे को पहले ही उम्मीदवार तय कर दिया है। भाजपा ने अब तक अपने प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है। पहले जानिए 9 सीटों के साथ क्यों नहीं हुआ उपचुनाव 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद से 13,000 से अधिक वोटों से हार गए थे। इसके बाद भाजपा नेता ने अवधेश प्रसाद पर चुनाव प्रक्रिया में गलत हलफनामा दाखिल करने और नोटरी के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। हाईकोर्ट की लखन‌ऊ बेंच में याचिका दायर कर दी। 18 अक्टूबर को गोरखनाथ ने याचिका वापसी का ऐलान किया
2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अवधेश प्रसाद को अयोध्या से उतारा। अवधेश चुनाव जीतकर सांसद बने। इससे मिल्कीपुर सीट खाली हो गई। 15 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने यूपी में विधानसभा की 9 सीटों पर ही उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया। मिल्कीपुर सीट का नाम नहीं था। मिल्कीपुर उपचुनाव लटका तो बयानबाजी शुरू हो गई। सपा ने भाजपा पर हार के डर से चुनाव लटकाने का आरोप लगाया। जब चुनाव लटकने की वजह खोजी गई। तब पता चला कि बाबा गोरखनाथ की याचिका हाईकोर्ट में लंबित है, इसलिए मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई। 18 अक्टूबर को ही भाजपा नेता और पूर्व विधायक गोरखनाथ ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई कि वे अब केस नहीं लड़ना चाहते हैं। गोरखनाथ ने कहा कि सपा विधायक अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद याचिका का औचित्य समाप्त हो गया है। याचिका वापस लेने से मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया। भाजपा नेता गोरखनाथ ने चुनाव आयोग से इस सीट पर उपचुनाव कराने की मांग की। सीट खाली हुई तो कब तक कराना होता है उपचुनाव?
नियमों के मुताबिक, कोई भी सीट खाली होने पर वहां 6 महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है। यह मामला हाईकोर्ट में था, इसलिए चुनाव नहीं कराया जा सका। 4 दिसंबर को 6 महीने की मियाद पूरी हो गई। लखनऊ हाईकोर्ट की ऑर्डर कॉपी चुनाव आयोग को भेजी गई। अब आयोग तय करेगा कि उपचुनाव कब होगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर का रिजल्ट
मिल्कीपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद को 1.03 लाख वोट मिले थे। उन्होंने भाजपा के बाबा गोरखनाथ को 13 हजार वोटों से हराया था। बाबा गोरखनाथ को 90 हजार 567 वोट मिले थे। इससे पहले 2017 के चुनाव में बाबा गोरखनाथ मिल्कीपुर से विधायक बने। मिल्कीपुर में भाजपा की रणनीति योगी कल मिल्कीपुर में करेंगे जनसभा
CM योगी 4 जनवरी को मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया था। उन्होंने आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित संगठनात्मक बैठक को संबोधित किया था। अब कल यानी 8 जनवरी को मिल्कीपुर के हैरिंग्टनगंज पलिया मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे। फिर 11 जनवरी को अयोध्या धाम में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव में शामिल होंगे। भाजपा ने जातिवार 6 मंत्री तैनात किए
सीएम योगी ने मिल्कीपुर का जातीय समीकरण साधने के लिए जातिवार मंत्रियों की टीम वहां तैनात की है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही अयोध्या जिले के प्रभारी मंत्री हैं। इसलिए उन्हें मिल्कीपुर में भी काम दिया है। सीएम ने अपने करीबी जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को कुर्मी वोट बैंक को साधने के लिए वहां लगाया है। जबकि चुनाव प्रबंधन के अनुभवी, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर को जमीनी चुनाव प्रबंधन के साथ ठाकुर वोट बैंक के लिए लगाया है। यादव वोट बैंक के लिए खेल राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश यादव, ब्राह्मण वोट बैंक के लिए राज्यमंत्री सतीश शर्मा को तैनात किया है। चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह वहां पहले से ही सह प्रभारी के रूप में लगाए गए हैं। पासी उम्मीदवार ही उतारेगी भाजपा
मिल्कीपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की ओर से अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाना तय है। भाजपा की ओर से भी पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ प्रबल दावेदार हैं। पार्टी सूत्रों का कहना कि इस सीट पर पासी ही उम्मीदवार होगा। मिल्कीपुर में सपा की रणनीति अजीत प्रसाद के लिए अवधेश बना रहे रणनीति
मिल्कीपुर सीट सुरक्षित है, यानी पिछड़ी जातियां निर्णायक हैं। सपा ने 15 अक्टूबर से पहले मिल्कीपुर सीट पर प्रत्याशी तय कर दिया था। अयोध्या-फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर दांव खेला है। अजीत की सीधी टक्कर भाजपा से है। हालांकि, भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। कई दावेदार लाइन में हैं। 2012 और 2022 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से अवधेश प्रसाद 2 बार विधायक रहे हैं। 2024 में अवधेश सांसद बन गए। अवधेश बोले- योगी कितनी बार भी मिल्कीपुर आएं, जीतेगी सपा ही
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा- मुख्यमंत्री चाहे जितनी बार आएं, चाहे जितने मंत्री लगें, लेकिन मिल्कीपुर की जनता ने तय कर लिया है कि वह अवधेश प्रसाद के पुत्र सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को ही विधायक बनाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चाहे एक बार आएं, 10 बार आएं, चाहे रोज आएं लेकिन मिल्कीपुर जनता पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 2027 के चुनाव का रास्ता मिल्कीपुर से ही निकलेगा। यहां से एक संदेश जाएगा कि 2027 के चुनाव में भाजपा का सफाया होगा और अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा की सरकार बनेगी। मिल्कीपुर में पिछले तीन चुनाव के नतीजे   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर