अयोध्या में दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट पूजन किया गया। 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। इसमें पूड़ी कचौड़ी, मालपुआ,चूरमा, महा प्रसाद, कढ़ी, दाल, खीर, सूरन का चोखा, आंवला, सोया मेथी पालक, सीताफल अगस्त के फूल दही, बड़ा पंचमेवा, ऋतुफल आदि छप्पन प्रकार के व्यंजन तैयार किए गए। इसके बाद भगवान श्रीराम और जानकी लक्ष्मण का स्वागत किया गया। इसे श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया। इसके बाद मंदिरों में जगह-जगह झांकी सजाई। साथ ही जय श्रीराम के नारे लगे। देखिए तस्वीरें अयोध्या में दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट पूजन किया गया। 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। इसमें पूड़ी कचौड़ी, मालपुआ,चूरमा, महा प्रसाद, कढ़ी, दाल, खीर, सूरन का चोखा, आंवला, सोया मेथी पालक, सीताफल अगस्त के फूल दही, बड़ा पंचमेवा, ऋतुफल आदि छप्पन प्रकार के व्यंजन तैयार किए गए। इसके बाद भगवान श्रीराम और जानकी लक्ष्मण का स्वागत किया गया। इसे श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया। इसके बाद मंदिरों में जगह-जगह झांकी सजाई। साथ ही जय श्रीराम के नारे लगे। देखिए तस्वीरें उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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पंजाब के तीन खिलाड़ी आज राष्ट्रपति भवन में होंगे सम्मानित:हरमनप्रीत को खेल रत्न; जर्मनजीत-सुखजीत को मिलेगा अर्जुन अवॉर्ड, बीमारी को मात दे जीते दिल
पंजाब के तीन खिलाड़ी आज राष्ट्रपति भवन में होंगे सम्मानित:हरमनप्रीत को खेल रत्न; जर्मनजीत-सुखजीत को मिलेगा अर्जुन अवॉर्ड, बीमारी को मात दे जीते दिल भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और ड्रैग-फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह को दमदार खेल व असाधारण प्रतिभा के बल पर आज शुक्रवार मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवॉर्ड मिलने जा रहा है। डिफेंडर होते हुए भी हरमनप्रीत को अक्सर विपक्षी टीम के खिलाफ शानदार गोल कर जश्न मनाते देखा गया है। उनके अलावा अमृतसर के जर्मनजीत सिंह व जालंधर के सुखजीत सिंह को भी अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। हरमनप्रीत सिंह के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में टोक्यो 2020 ओलिंपिक में कांस्य पदक, 2023 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलिंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को पंजाब के अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन में हरमनप्रीत खेतों में परिवार का हाथ बंटाते थे और ट्रैक्टर चलाते थे। खेतों में काम करते हुए उनके हाथों ने ड्रैग-फ्लिक के हुनर को तराशा। 2011 में हरमनप्रीत ने जालंधर के सुरजीत अकादमी में दाखिला लिया। जहां स्पेशलिस्ट गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह उनकी पेनल्टी कॉर्नर की कला में और सुधार लाए। गलत टीका लगने से 2 साल बैड पर रहे जर्मनजीत हॉकी प्लेयर जर्मनजीत सिंह को आज अर्जुन अवॉर्ड के साथ नवाजा जाएगा। एक समय था जब वे दो साल बैड पर रहे थे। टांग में दर्द होने के चलते उन्हें डॉक्टर ने गलत टीका लगा दिया जिसके कारण उन्हें 2 साल बैड रेस्ट करना पड़ा, लेकिन हॉकी का जुनून कम नहीं हुआ। 2 साल के बाद विदेश जाकर खेले। ऑस्ट्रेलिया ने उनकी खेल प्रतिभा को देखते हुए फ्री पीआर के साथ टीम में खेलने का ऑफर किया, लेकिन उन्होंने भारतीय टीम को चुनकर देशप्रेम को जाहिर किया। उनके पिता बलबीर सिंह पंजाब पुलिस और मां कुलविंदर कौर हाउसवाइफ हैं। पेरेंट्स ने बताया कि खालसा एकेडमी मेहता चौक स्कूल बाबा कलां में जर्मन को दाखिल कराया। तीसरी कक्षा में ही उनके कोच सरदार बलजिंदर सिंह ने उन्हें हॉकी की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। उसके बाद जालंधर सुरजीत एकेडमी में उनका एडमिशन हो गया। वहां ही वह ट्रेनिंग लेते रहे। पीठ में चोट ने छुड़वा दी थी हॉकी सुखजीत सिंह, जालंधर के गांव धनोवाली के रहने वाले हैं। भारतीय फ़ील्ड हॉकी टीम के उभरते सितारे के रूप में उन्हें देखा जाता है। उनके शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा बनने और अब अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ है। सुखजीत के खेल में प्रेरणा स्रोत उनके पिता अजीत सिंह हैं, जो खुद एक हॉकी खिलाड़ी रह चुके हैं। 2021-22 एफ़आईएच प्रो लीग में स्पेन के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले सुखजीत ने 2023 के एफ़आईएच हॉकी विश्व कप में तीन गोल किए। वे एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और हांग्जो में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीमों का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। उनकी सफलता की कहानी प्रेरणादायक है। छह साल पहले एक गंभीर पीठ की चोट के कारण उनके दाहिने पैर की गति अस्थायी रूप से खत्म हो गई थी। लेकिन अपने जज्बे और मेहनत के बल पर उन्होंने न केवल मैदान पर वापसी की, बल्कि ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर देश का प्रतिनिधित्व भी किया। सुखजीत ने कठिन हालातों को पार करते हुए खुद को एक बेहतरीन खिलाड़ी और प्रेरणा स्रोत के रूप में स्थापित किया है।
लुधियाना में अस्पताल की छत से कूदकर आत्महत्या:मां की बीमारी से परेशान था युवक, 1 साल पहले हुई थी पिता की मौत
लुधियाना में अस्पताल की छत से कूदकर आत्महत्या:मां की बीमारी से परेशान था युवक, 1 साल पहले हुई थी पिता की मौत लुधियाना में एक युवक ने अस्पताल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। वह अपनी मां की बीमारी से परेशान था। करीब 1 साल पहले उसके पिता की मौत हो गई थी। मृतक युवक का 7 साल पहले अपनी पत्नी से तलाक हो गया था। इन्हीं मानसिक परेशानियों के चलते उसने मौत को गले लगा लिया। मृतक युवक की पहचान 35 वर्षीय हरिंदर सिंह के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक सराभा नगर स्थित दीपक अस्पताल में शनिवार को युवक ने अपनी मां की बीमारी से परेशान होकर अस्पताल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की घटना सामने आते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया। खून से लथपथ युवक को इलाज के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी लेकिन उसकी मौत हो गई। आज होगा मृतक का पोस्टमॉर्टम अस्पताल प्रशासन ने थाना डिवीजन नंबर 5 की पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया है। आज रविवार को शव का पोस्टमॉर्टम करवा परिजनों को सौंपा जाएगा। 1 साल पहले हो चुकी पिता की मौत थाना डिवीजन 5 के जांच अधिकारी ASI गुरमेल सिंह ने बताया कि मृतक युवक जमालपुर के इलाके का रहने वाला है। करीब 1 साल पहले उसके पिता की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। वही मृतक का उसकी पत्नी से करीब 7 साल पहले तलाक हो चुका है। पिछले 10 दिनों से अस्पताल में दाखिल है मां मृतक के छोटे भाई वरिंदर ने बताया कि उनकी माता सुखदेव कौर पिछले 10 दिनों से दीपक अस्पताल में बीमारी के चलते भर्ती है। जिसके चलते हरविंदर परेशान रहता था। जिसने शनिवार की दोपहर करीब 2 बजे अस्पताल की छत से छलांग लगा दी। अस्पताल में उसके छलांग लगाने के बाद तुरंत लोगो ने उसे इमरजेंसी में पहुंचाया। जहा डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया।
झज्जर में 45 किलो गांजा समेत 2 आरोपी काबू:सीआईए टीम ने की नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई, 9 दिन का पुलिस रिमांड
झज्जर में 45 किलो गांजा समेत 2 आरोपी काबू:सीआईए टीम ने की नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई, 9 दिन का पुलिस रिमांड हरियाणा के झज्जर जिला के बहादुरगढ़ में पुलिस द्वारा नशे के अवैध धंधों में लिप्त आरोपियों को गिरफ्तार करके हर पहलू पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में नशे पर कड़ा प्रहार करते हुए सीआईए बहादुरगढ़ की पुलिस टीम ने दो आरोपियों को नशीले पदार्थ गांजा के साथ गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की। 3 कट्टे हुए बरामद पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि दो अवैध नशीला पदार्थ का धंधा करता है। आज नशीला पदार्थ गांजा लिए हुए उसे बेचने की फिराक में खड़े है। जिस सूचना पर कार्यवाही करते हुए पुलिस टीम मौके पर पहुंची। वहां पर दो नौजवान लड़के खड़े दिखाई दिए। पुलिस टीम ने मौके पर ही काबू कर लिया। पकड़े गए आरोपी के पास मादक पदार्थ होने के संदेह पर नियमानुसार राजपत्रित अधिकारी को सूचित किया गया। जिसके पश्चात मौका पर पहुंचे राजपत्रित अधिकारी के समक्ष नियम अनुसार कार्रवाई करते हुए पकड़े गई उपरोक्त आरोपियों की तलाशी ली गई, तो आरोपियों के पास मौजूद 3 कट्टो को चेक किया। एक आरोपी को भेजा न्यायिक हिरासत में उन कट्टों में 45 किलो 400 ग्राम नशीला पदार्थ गांजा पाया गया। मादक पदार्थ गांजा के साथ पकड़े गए आरोपी की पहचान अक्षय पुत्र राजवीर निवासी जाटु लुहारी जिला भिवानी व अतुल निवासी जाटु लुहारी के तौर पर की गई। पकड़े गए आरोपी के खिलाफ मादक पदार्थ अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज करके आरोपियों को अदालत बहादुरगढ़ में पेश किया गया, जहां से पकड़े गए आरोपी अक्षय पुत्र राजवीर निवासी जाटुलुहारी जिला भिवानी को पूछताछ के लिए 9 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया। दूसरे आरोपी अतुल निवासी जाटु लुहारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।