अयोध्या गैंगरेप कांड में मोईद खान का DNA टेस्ट होगा:3 दिन में कोर्ट जाएगी पुलिस, फैजाबाद जेल में लेंगे सैंपल, रिमांड पर मोबाइल भी रिकवर करेगी

अयोध्या गैंगरेप कांड में मोईद खान का DNA टेस्ट होगा:3 दिन में कोर्ट जाएगी पुलिस, फैजाबाद जेल में लेंगे सैंपल, रिमांड पर मोबाइल भी रिकवर करेगी

अयोध्या गैंगरेप कांड के आरोपी सपा नेता मोईद खान का DNA टेस्ट होगा। फैजाबाद जेल में बंद मोईद का सैंपल लिया जाएगा। पुलिस ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इस केस में अभी तक मोईद खान का मोबाइल नहीं मिला है। पुलिस मोईद को रिमांड पर लेकर मोबाइल रिकवर कराने की तैयारी कर रही है। जांच अधिकारी बुधवार को लखनऊ KGMU पहुंचे। उनके वापस अयोध्या आने के बाद पुलिस DNA टेस्ट के लिए अगले 2-3 दिन में कोर्ट में आवेदन करेगी। अयोध्या CO आशुतोष तिवारी के मुताबिक, सिर्फ मोईद खान ही नहीं, राजू का भी DNA टेस्ट कराने की कोर्ट से अनुमति मांगी जाएगी। दरअसल, KGMU में रेप कांड की पीड़िता का ऑबोशन किया गया है। इस प्रक्रिया में भ्रूण का DNA सैंपल लिया जा चुका है। सबसे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने बयान में DNA टेस्ट के लिए कहा था। फिर सपा के फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद ने भी इसका समर्थन किया। सियासी बयानबाजी के बीच अब DNAटेस्ट की तैयारी तकरीबन पूरी हो चुकी है। पहले पढ़िए अखिलेश ने क्या कहा? अवधेश प्रसाद के कितना करीबी है मोईद खान? 12 साल पहले सपा चेयरमैन के संपर्क में आया, फिर मजबूत होता गया
मोईद खान का पॉलिटिकल हस्तक्षेप कांग्रेस पार्टी से शुरू हुआ। कोई पद तो नहीं था, मगर मोईद खान पार्टी कार्यालय में बैठने लगा। कोर्ट कचहरी से लेकर अलग-अलग थानों में उसको नेताजी कहलाना अच्छा लगता था। उसका पॉलिटिकल कद तब बढ़ा, जब वो मोहम्मद अहमद और उनके बेटे मो. राशिद के संपर्क में आया। उनके परिवार के लोग लंबे समय से नगर पंचायत में अलग-अलग पदों पर रहे। मोहम्मद अहमद नगर पंचायत चेयरमैन रहे। अभी मो. राशिद नगर पंचायत चेयरमैन है। दोनों सपा के पुराने पदाधिकारी रहे। मो. अहमद और राशिद के संपर्क में आने के बाद न सिर्फ मोईद खान ने सपा जॉइन की। बल्कि 2012 में मो. राशिद ने ही उसको नगर अध्यक्ष का पद दिलवाया। यह पहला मौका था, जब मोईद के पॉलिटिकल कद पर कोई आधिकारिक ठप्पा लगा। वो जल्द ही फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के करीबियों में शुमार हो गया। मुस्लिम कम्युनिटी में अपनी पैठ दिखाकर 2014, 2017, 2019 और 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के लिए चुनाव की बागडोर मोईद खान संभालता रहा। ऐसे कई मौकों की ढेरों तस्वीरें हैं, जब मोईद खान सांसद अवधेश प्रसाद के साथ दिख रहा है। वह मोईद के कंधे पर हाथ रखे दिख रहे हैं। अब मोईद खान का क्राइम प्रोफाइल देखिए… सांप्रदायिक दंगों का आरोपी
2012 में भदरसा में हिंदू-मुस्लिम का दंगा हुआ था। पूर्व नगर पंचायत चेयरमैन मोहम्मद अहमद पर मिट्टी का तेल बांटकर दंगा भड़काने का आरोप था। उसमे मोईद खान भी शामिल था। अवधेश प्रसाद उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। यही कारण रहा है कि इतना बड़ा दंगा होने के बावजूद मोईद खान कुछ दिन में बरी हो गया। खास बात यह कि 2012 में भदरसा में पुलिस चौकी बनाई गई। यह चौकी मोईद खान की प्रॉपर्टी में खोली गई। जिससे उसका सामाजिक और राजनीतिक रुतबा बढ़ गया। तब यूपी में सपा की सरकार थी। पुलिस गैंगरेप कांड में मोईद का नाम आने के बाद गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। उसके खिलाफ फैजाबाद-अयोध्या के अलग-अलग थानों में कितने मुकदमें दर्ज हैं, इसकी हिस्ट्रीशीट खंगाली जा रही है। अब मोईद का रुतबा देखिए…
चौकी में चलता था पब्लिक दरबार
मोईद खान 2012 के बाद छोटे-छोटे मामलों का खुद निस्तारण करता था। लोग बताते है कि पुलिस चौकी में वह पब्लिक दरबार लगाता था। इसके साथ ही चौकी में आने वाले अन्य मामले भी अपने रसूख से निपटाता था। खुद के मामले में पुलिस से दबाव बनवाता था।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन में उसकी पैठ थी। इसी वजह से वह लोगों की जमीन पर भी जबरन कब्जा कर लेता था। रेपकांड के बाद यूपी पुलिस की किरकिरी हुई। जल्दबाजी में भदरसा चौकी को 30 Km दूर शिफ्ट किया गया। हालांकि, बाद में बयान यही आया कि चौकी की शिफ्टिंग पहले से प्रस्तावित थी। क्यों DNA टेस्ट के फेवर में आए अवधेश प्रसाद
अयोध्या रेप कांड के तूल पकड़ने के बाद सांसद अवधेश प्रसाद को दिल्ली की मीडिया ने घेरा। तब उन्होंने साफ कहा कि मैं ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं जानता। मगर बाद में उन्हें कहना पड़ा कि मैंने कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति को अपने पास नहीं आने दिया, जिसका अपराध से थोड़ा सा भी संबंध हो। कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा इस पर राजनीति कर रही है। मैं ऐसे लोगों से अनुरोध करता हूं कि निर्दोषों को फंसाया नहीं जाना चाहिए और DNA परीक्षण कराया जाना चाहिए। उसकी (पीड़िता) आर्थिक रूप से भी मदद की जानी चाहिए। क्या है अयोध्या गैंगरेप का पूरा मामला
अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र में 12 साल की बच्ची से रेप की घटना हुई थी। आरोपियों ने बच्ची का अश्लील वीडियो बना लिया। फिर लंबे समय तक उसे ब्लैकमेल करके घिनौनी हरकत करते रहे। इस मामले का खुलासा 29 जुलाई को तब हुआ जब पीड़ित बच्ची 2 महीने की गर्भवती हो गई। बच्ची की मां ने मोईद खान और उनके नौकर राजू के खिलाफ एप्लिकेशन दी। आरोप है कि पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसके बाद विहिप, बजरंग दल के साथ निषाद पार्टी के लोगों ने इस मामले पर आक्रोश जताया तो पुलिस ने मोईद खान और उसके नौकर को गिरफ्तार किया। 12 वर्षीय बच्ची 4 बहनों में सबसे छोटी है। पिता की 2 साल पहले ही मौत हो गई है। घर का गुजारा उसकी मां और बहनों की ओर मजदूरी से मिले पैसे से चलता है। आरोप है कि लगभग ढाई महीने पहले पीड़िता खेत से मजदूरी करके लौट रही थी। तभी रास्ते में उसे राजू नामक एक शख्स मिला जिसने कहा कि बेकरी मालिक मोईद खान उसे बुला रहा है। आरोप है कि मोईद ने उसके साथ बलात्कार किया और राजू ने इसका वीडियो बना लिया। फिर राजू ने भी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। लंबे समय तक दोनों वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करके उसके साथ गंदा काम करते रहे। बच्ची जब 2 महीने की गर्भवती हो गई तब मामला खुला। पीड़िता की मां ने बताया- जब हम शिकायत लेकर चौकी पर गए तो दरोगा ने हमसे कहा कि राजू का नाम रखिए, लेकिन दूसरा नाम हटा दीजिए। फिर एसपी के दखल के बाद हमारा मामला लिखा गया। यह भी पढ़ें :- अयोध्या गैंगरेप पीड़िता 12 साल की बच्ची का अबॉर्शन:3 हफ्ते की प्रेग्नेंट थी, KGMU में एक्सपर्ट टीम ने किया; DNA सैंपल भी लिए अयोध्या की गैंगरेप पीड़ित बच्ची का मंगलवार को लखनऊ के KGMU में अबॉर्शन कराया गया। उसे सोमवार को अयोध्या से लाकर KGMU के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में भर्ती कराया गया था। पीड़िता की हालत स्थिर है। एक हफ्ते वह डॉक्टरों की निगरानी में रहेगी। उसका इलाज डॉक्टर सुजाता डे की अगुवाई में चल रहा है। (पढ़िए पूरी खबर…) अयोध्या गैंगरेप कांड के आरोपी सपा नेता मोईद खान का DNA टेस्ट होगा। फैजाबाद जेल में बंद मोईद का सैंपल लिया जाएगा। पुलिस ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इस केस में अभी तक मोईद खान का मोबाइल नहीं मिला है। पुलिस मोईद को रिमांड पर लेकर मोबाइल रिकवर कराने की तैयारी कर रही है। जांच अधिकारी बुधवार को लखनऊ KGMU पहुंचे। उनके वापस अयोध्या आने के बाद पुलिस DNA टेस्ट के लिए अगले 2-3 दिन में कोर्ट में आवेदन करेगी। अयोध्या CO आशुतोष तिवारी के मुताबिक, सिर्फ मोईद खान ही नहीं, राजू का भी DNA टेस्ट कराने की कोर्ट से अनुमति मांगी जाएगी। दरअसल, KGMU में रेप कांड की पीड़िता का ऑबोशन किया गया है। इस प्रक्रिया में भ्रूण का DNA सैंपल लिया जा चुका है। सबसे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने बयान में DNA टेस्ट के लिए कहा था। फिर सपा के फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद ने भी इसका समर्थन किया। सियासी बयानबाजी के बीच अब DNAटेस्ट की तैयारी तकरीबन पूरी हो चुकी है। पहले पढ़िए अखिलेश ने क्या कहा? अवधेश प्रसाद के कितना करीबी है मोईद खान? 12 साल पहले सपा चेयरमैन के संपर्क में आया, फिर मजबूत होता गया
मोईद खान का पॉलिटिकल हस्तक्षेप कांग्रेस पार्टी से शुरू हुआ। कोई पद तो नहीं था, मगर मोईद खान पार्टी कार्यालय में बैठने लगा। कोर्ट कचहरी से लेकर अलग-अलग थानों में उसको नेताजी कहलाना अच्छा लगता था। उसका पॉलिटिकल कद तब बढ़ा, जब वो मोहम्मद अहमद और उनके बेटे मो. राशिद के संपर्क में आया। उनके परिवार के लोग लंबे समय से नगर पंचायत में अलग-अलग पदों पर रहे। मोहम्मद अहमद नगर पंचायत चेयरमैन रहे। अभी मो. राशिद नगर पंचायत चेयरमैन है। दोनों सपा के पुराने पदाधिकारी रहे। मो. अहमद और राशिद के संपर्क में आने के बाद न सिर्फ मोईद खान ने सपा जॉइन की। बल्कि 2012 में मो. राशिद ने ही उसको नगर अध्यक्ष का पद दिलवाया। यह पहला मौका था, जब मोईद के पॉलिटिकल कद पर कोई आधिकारिक ठप्पा लगा। वो जल्द ही फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के करीबियों में शुमार हो गया। मुस्लिम कम्युनिटी में अपनी पैठ दिखाकर 2014, 2017, 2019 और 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के लिए चुनाव की बागडोर मोईद खान संभालता रहा। ऐसे कई मौकों की ढेरों तस्वीरें हैं, जब मोईद खान सांसद अवधेश प्रसाद के साथ दिख रहा है। वह मोईद के कंधे पर हाथ रखे दिख रहे हैं। अब मोईद खान का क्राइम प्रोफाइल देखिए… सांप्रदायिक दंगों का आरोपी
2012 में भदरसा में हिंदू-मुस्लिम का दंगा हुआ था। पूर्व नगर पंचायत चेयरमैन मोहम्मद अहमद पर मिट्टी का तेल बांटकर दंगा भड़काने का आरोप था। उसमे मोईद खान भी शामिल था। अवधेश प्रसाद उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। यही कारण रहा है कि इतना बड़ा दंगा होने के बावजूद मोईद खान कुछ दिन में बरी हो गया। खास बात यह कि 2012 में भदरसा में पुलिस चौकी बनाई गई। यह चौकी मोईद खान की प्रॉपर्टी में खोली गई। जिससे उसका सामाजिक और राजनीतिक रुतबा बढ़ गया। तब यूपी में सपा की सरकार थी। पुलिस गैंगरेप कांड में मोईद का नाम आने के बाद गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। उसके खिलाफ फैजाबाद-अयोध्या के अलग-अलग थानों में कितने मुकदमें दर्ज हैं, इसकी हिस्ट्रीशीट खंगाली जा रही है। अब मोईद का रुतबा देखिए…
चौकी में चलता था पब्लिक दरबार
मोईद खान 2012 के बाद छोटे-छोटे मामलों का खुद निस्तारण करता था। लोग बताते है कि पुलिस चौकी में वह पब्लिक दरबार लगाता था। इसके साथ ही चौकी में आने वाले अन्य मामले भी अपने रसूख से निपटाता था। खुद के मामले में पुलिस से दबाव बनवाता था।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन में उसकी पैठ थी। इसी वजह से वह लोगों की जमीन पर भी जबरन कब्जा कर लेता था। रेपकांड के बाद यूपी पुलिस की किरकिरी हुई। जल्दबाजी में भदरसा चौकी को 30 Km दूर शिफ्ट किया गया। हालांकि, बाद में बयान यही आया कि चौकी की शिफ्टिंग पहले से प्रस्तावित थी। क्यों DNA टेस्ट के फेवर में आए अवधेश प्रसाद
अयोध्या रेप कांड के तूल पकड़ने के बाद सांसद अवधेश प्रसाद को दिल्ली की मीडिया ने घेरा। तब उन्होंने साफ कहा कि मैं ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं जानता। मगर बाद में उन्हें कहना पड़ा कि मैंने कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति को अपने पास नहीं आने दिया, जिसका अपराध से थोड़ा सा भी संबंध हो। कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा इस पर राजनीति कर रही है। मैं ऐसे लोगों से अनुरोध करता हूं कि निर्दोषों को फंसाया नहीं जाना चाहिए और DNA परीक्षण कराया जाना चाहिए। उसकी (पीड़िता) आर्थिक रूप से भी मदद की जानी चाहिए। क्या है अयोध्या गैंगरेप का पूरा मामला
अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र में 12 साल की बच्ची से रेप की घटना हुई थी। आरोपियों ने बच्ची का अश्लील वीडियो बना लिया। फिर लंबे समय तक उसे ब्लैकमेल करके घिनौनी हरकत करते रहे। इस मामले का खुलासा 29 जुलाई को तब हुआ जब पीड़ित बच्ची 2 महीने की गर्भवती हो गई। बच्ची की मां ने मोईद खान और उनके नौकर राजू के खिलाफ एप्लिकेशन दी। आरोप है कि पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसके बाद विहिप, बजरंग दल के साथ निषाद पार्टी के लोगों ने इस मामले पर आक्रोश जताया तो पुलिस ने मोईद खान और उसके नौकर को गिरफ्तार किया। 12 वर्षीय बच्ची 4 बहनों में सबसे छोटी है। पिता की 2 साल पहले ही मौत हो गई है। घर का गुजारा उसकी मां और बहनों की ओर मजदूरी से मिले पैसे से चलता है। आरोप है कि लगभग ढाई महीने पहले पीड़िता खेत से मजदूरी करके लौट रही थी। तभी रास्ते में उसे राजू नामक एक शख्स मिला जिसने कहा कि बेकरी मालिक मोईद खान उसे बुला रहा है। आरोप है कि मोईद ने उसके साथ बलात्कार किया और राजू ने इसका वीडियो बना लिया। फिर राजू ने भी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। लंबे समय तक दोनों वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करके उसके साथ गंदा काम करते रहे। बच्ची जब 2 महीने की गर्भवती हो गई तब मामला खुला। पीड़िता की मां ने बताया- जब हम शिकायत लेकर चौकी पर गए तो दरोगा ने हमसे कहा कि राजू का नाम रखिए, लेकिन दूसरा नाम हटा दीजिए। फिर एसपी के दखल के बाद हमारा मामला लिखा गया। यह भी पढ़ें :- अयोध्या गैंगरेप पीड़िता 12 साल की बच्ची का अबॉर्शन:3 हफ्ते की प्रेग्नेंट थी, KGMU में एक्सपर्ट टीम ने किया; DNA सैंपल भी लिए अयोध्या की गैंगरेप पीड़ित बच्ची का मंगलवार को लखनऊ के KGMU में अबॉर्शन कराया गया। उसे सोमवार को अयोध्या से लाकर KGMU के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में भर्ती कराया गया था। पीड़िता की हालत स्थिर है। एक हफ्ते वह डॉक्टरों की निगरानी में रहेगी। उसका इलाज डॉक्टर सुजाता डे की अगुवाई में चल रहा है। (पढ़िए पूरी खबर…)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर