अयोध्या में 25 करोड़ का घोटाला, CBI रेड जारी:3 साल में 9 कंपनियों ने फर्जी कागजों से टेंडर लिए; 74 कर्मचारियों को बिना नोटिस हटाया

अयोध्या में 25 करोड़ का घोटाला, CBI रेड जारी:3 साल में 9 कंपनियों ने फर्जी कागजों से टेंडर लिए; 74 कर्मचारियों को बिना नोटिस हटाया

अयोध्या के कैंटोनमेंट बोर्ड में 25 करोड़ के घोटाला को लेकर CBI रेड जारी है। दो गाड़ियों से कैंटोनमेंट बोर्ड के दफ्तर पहुंचे CBI अफसर दस्तावेज खंगाल रहे हैं। उन्हें क्या गड़बड़ियां मिली हैं? यह अभी खुलकर नहीं कहा गया है। मगर, CBI के अफसरों ने बंद कमरे में कर्मचारियों से पूछताछ की है। दरअसल, सपा के पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे ने 17 अगस्त, 2024 को पूरा मामला खोला। उन्होंने कहा- कैंटोनमेंट बोर्ड में नियुक्ति और टेंडर को लेकर बड़ा घोटाला हुआ। 3 साल में 9 कंपनियों ने टेंडर हासिल करने के लिए डीएम अयोध्या और आगरा के दफ्तर में फर्जी दस्तावेज लगाए। मनमाने तरीके से कर्मचारियों को रखने के लिए 74 कर्मचारियों को निकाल दिया गया। उन्हें नोटिस भी नहीं दी गई। करीब 25 करोड़ के टेंडरों में गड़बड़ी हुई है। मामले में दैनिक भास्कर ने तेज नारायण पांडे से बातचीत की। उन्होंने कहा- छावनी बोर्ड के पूर्व CEO यशपाल सिंह ने अपने करीबी ठेकेदारों को टेंडर दिए। टेंडर जारी करने के लिए विभाग के जिन कंप्यूटर का इस्तेमाल हुआ, उन्हीं कंप्यूटर से ठेकेदारों ने भी टेंडर भर दिया। उन्हें वो टेंडर मिल भी गए। यह सब कैसे हो सकता है? बतौर सबूत उन्होंने कंप्यूटर के IP एड्रेस और टेंडर के नंबर जारी किए। CBI की छापेमारी के पीछे 2 बड़ी वजह अब आपको सिलसिलेवार पूरे मामले को समझाते हैं…
अमरजीत निषाद अयोध्या छावनी परिषद के पूर्व सभासद हैं। उन्होंने दिसंबर, 2023 को छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी के कार्यालय में टेंडर घोटाले की शिकायत की। बतौर सबूत उन्होंने टेंडर नंबर और कंप्यूटर के IP एड्रेस की डिटेल साझा की। उनके आरोप थे कि टेंडर जारी करते हुए जिन कंप्यूटर का इस्तेमाल विभाग के कर्मचारियों ने किया। उन्हीं कंप्यूटर से टेंडर ठेकेदारों ने भरे या विभाग के कर्मचारियों से ही भरवा दिए गए। सामने आया कि यह धांधली 2021 से लेकर 2024 के बीच हुई। RTI में सामने आया कि कंपनियों ने टेंडर लेने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए। यह कागज अयोध्या और आगरा डीएम ऑफिस में लगाए गए। छावनी के CEO तक जो लेटर दिए गए, उनमें 9 कंपनियों के खिलाफ शिकायत की गई। यह सब टेंडर के पैसों की बंदरबांट के लिए किया गया। यह भी सामने आया कि जेम पोर्टल से खरीदारी में भी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया। सामान का रेट मार्केट वैल्यू से दो से तीन गुना ज्यादा रखा गया। आगरा डीएम ऑफिस ने कंपनी का चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार किया… 45 मिनट में 6 कंपनियों ने भरे टेंडर
8 महीने पहले टेंडर नंबर GEM/2023/B/3344431 की जांच रक्षा एकीकरण के सलाहकार ने की। छानबीन के बाद सामने आया कि सिर्फ 45 मिनट में 6 कंपनी ने एक ही कंप्यूटर से टेंडर को भरा। इस मामले में 29 मई, 2023 एक्शन के लिए रक्षा एकीकरण के सलाहकार की तरफ से पत्र लिखा गया। मगर, एक्शन नहीं लिया गया। अयोध्या डीएम ऑफिस ने कंपनी का चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने से इंकार किया… CEO और अकाउंटेंट पर आरोप
पूर्व सीईओ यशपाल सिंह ढाई साल से अयोध्या छावनी परिषद में तैनात थे। आरोप लगने के बाद 12 अगस्त, 2024 को उन्हें चार्ज से हटा दिया गया। 15 अगस्त को उनके द्वारा जारी फाइनेंशियल एक्टिविटी पर रोक लगा दी गई। वहीं, संजीव कुमार कार्यवाहक अकाउंटेंट के पद पर 4 वर्षों से तैनात हैं। दोनों के खिलाफ CBI जांच कर रही है। इन आरोपों के बीच हमने छावनी परिषद से निकाले गए कर्मचारियों से बातचीत की… सौम्य बोले- अचानक नौकरी से निकाला गया
सौम्य ने बताया- सबसे पहले छत्तीसगढ़ की एक कंपनी के साथ काम किया। फिर अचानक एक दिन हमसे 10-10 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन के मांगे गए। हमने रोजी-रोटी के लिए पैसा दिया। मगर, फिर एक दिन हम लोगों को हटा दिया गया। जिन लोगों को रखा गया, उन्हें किन आधार पर रखा गया, यह नहीं बताया गया। इसके बाद हमारी प्रीतम कुमार से बात हुई। वह बोले- हमने कैंटोनमेंट बोर्ड में 4 साल काम किया। एक दिन सुबह हाजिरी लेने के बाद हमें हटा दिया गया। कारण नहीं बताया गया। वेतन भी एक महीने का नहीं दिया गया है। अवध कुमार शर्मा ने बताया- हम कोरोना काल के पहले से काम कर रहे हैं। एक दिन सुपरवाइजर ने हम लोगों को मैदान में इकट्‌ठा किया। कहा कि अब आपकी जगह पर नए लोग काम करेंगे। हमें ये भी नहीं बताया गया कि हमारी गलती क्या थी। तीन साल पहले जब एक फर्म आई तो सभी कर्मचारियों से 10-10 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन के नाम पर घूस लिया, इसके बाद से आने वाली सभी फर्मो ने 10-10 हजार लेते थे, इस बार बिना कुछ बताए बाहर निकल दिया गया। जिस कंप्यूटर से टेंडर जारी हुए, टेंडर भरे भी वहीं से गए सपा शासन में मंत्री रहे तेज नारायण ने क्या-कुछ कहा… यह भी पढ़ें : रक्षा मंत्री बोले- युद्ध के लिए तैयार रहे सेना:लखनऊ में राजनाथ ने कहा- AI का इस्तेमाल करें; भारत को सतर्क रहने की जरूरत ‘भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है। लेकिन, सशस्त्र बलों को शांति बनाए रखने को युद्ध के लिए तैयार रहना होगा। भविष्य में होने वाले युद्धों और चुनौतियों से निपटने की तैयारी अभी से करनी होगी। वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत में शांति है, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है।’ यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार (5 सितंबर) को लखनऊ में संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में कही। रक्षा मंत्री ने रूस-यूक्रेन, इजराइल-हमास संघर्षों और बांग्लादेश में मौजूदा अस्थिर स्थिति का जिक्र करते हुए कमांडरों से इन घटनाओं का एनालिसिस करने को कहा। पढ़िए पूरी खबर… अयोध्या के कैंटोनमेंट बोर्ड में 25 करोड़ के घोटाला को लेकर CBI रेड जारी है। दो गाड़ियों से कैंटोनमेंट बोर्ड के दफ्तर पहुंचे CBI अफसर दस्तावेज खंगाल रहे हैं। उन्हें क्या गड़बड़ियां मिली हैं? यह अभी खुलकर नहीं कहा गया है। मगर, CBI के अफसरों ने बंद कमरे में कर्मचारियों से पूछताछ की है। दरअसल, सपा के पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे ने 17 अगस्त, 2024 को पूरा मामला खोला। उन्होंने कहा- कैंटोनमेंट बोर्ड में नियुक्ति और टेंडर को लेकर बड़ा घोटाला हुआ। 3 साल में 9 कंपनियों ने टेंडर हासिल करने के लिए डीएम अयोध्या और आगरा के दफ्तर में फर्जी दस्तावेज लगाए। मनमाने तरीके से कर्मचारियों को रखने के लिए 74 कर्मचारियों को निकाल दिया गया। उन्हें नोटिस भी नहीं दी गई। करीब 25 करोड़ के टेंडरों में गड़बड़ी हुई है। मामले में दैनिक भास्कर ने तेज नारायण पांडे से बातचीत की। उन्होंने कहा- छावनी बोर्ड के पूर्व CEO यशपाल सिंह ने अपने करीबी ठेकेदारों को टेंडर दिए। टेंडर जारी करने के लिए विभाग के जिन कंप्यूटर का इस्तेमाल हुआ, उन्हीं कंप्यूटर से ठेकेदारों ने भी टेंडर भर दिया। उन्हें वो टेंडर मिल भी गए। यह सब कैसे हो सकता है? बतौर सबूत उन्होंने कंप्यूटर के IP एड्रेस और टेंडर के नंबर जारी किए। CBI की छापेमारी के पीछे 2 बड़ी वजह अब आपको सिलसिलेवार पूरे मामले को समझाते हैं…
अमरजीत निषाद अयोध्या छावनी परिषद के पूर्व सभासद हैं। उन्होंने दिसंबर, 2023 को छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी के कार्यालय में टेंडर घोटाले की शिकायत की। बतौर सबूत उन्होंने टेंडर नंबर और कंप्यूटर के IP एड्रेस की डिटेल साझा की। उनके आरोप थे कि टेंडर जारी करते हुए जिन कंप्यूटर का इस्तेमाल विभाग के कर्मचारियों ने किया। उन्हीं कंप्यूटर से टेंडर ठेकेदारों ने भरे या विभाग के कर्मचारियों से ही भरवा दिए गए। सामने आया कि यह धांधली 2021 से लेकर 2024 के बीच हुई। RTI में सामने आया कि कंपनियों ने टेंडर लेने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए। यह कागज अयोध्या और आगरा डीएम ऑफिस में लगाए गए। छावनी के CEO तक जो लेटर दिए गए, उनमें 9 कंपनियों के खिलाफ शिकायत की गई। यह सब टेंडर के पैसों की बंदरबांट के लिए किया गया। यह भी सामने आया कि जेम पोर्टल से खरीदारी में भी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया। सामान का रेट मार्केट वैल्यू से दो से तीन गुना ज्यादा रखा गया। आगरा डीएम ऑफिस ने कंपनी का चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार किया… 45 मिनट में 6 कंपनियों ने भरे टेंडर
8 महीने पहले टेंडर नंबर GEM/2023/B/3344431 की जांच रक्षा एकीकरण के सलाहकार ने की। छानबीन के बाद सामने आया कि सिर्फ 45 मिनट में 6 कंपनी ने एक ही कंप्यूटर से टेंडर को भरा। इस मामले में 29 मई, 2023 एक्शन के लिए रक्षा एकीकरण के सलाहकार की तरफ से पत्र लिखा गया। मगर, एक्शन नहीं लिया गया। अयोध्या डीएम ऑफिस ने कंपनी का चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने से इंकार किया… CEO और अकाउंटेंट पर आरोप
पूर्व सीईओ यशपाल सिंह ढाई साल से अयोध्या छावनी परिषद में तैनात थे। आरोप लगने के बाद 12 अगस्त, 2024 को उन्हें चार्ज से हटा दिया गया। 15 अगस्त को उनके द्वारा जारी फाइनेंशियल एक्टिविटी पर रोक लगा दी गई। वहीं, संजीव कुमार कार्यवाहक अकाउंटेंट के पद पर 4 वर्षों से तैनात हैं। दोनों के खिलाफ CBI जांच कर रही है। इन आरोपों के बीच हमने छावनी परिषद से निकाले गए कर्मचारियों से बातचीत की… सौम्य बोले- अचानक नौकरी से निकाला गया
सौम्य ने बताया- सबसे पहले छत्तीसगढ़ की एक कंपनी के साथ काम किया। फिर अचानक एक दिन हमसे 10-10 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन के मांगे गए। हमने रोजी-रोटी के लिए पैसा दिया। मगर, फिर एक दिन हम लोगों को हटा दिया गया। जिन लोगों को रखा गया, उन्हें किन आधार पर रखा गया, यह नहीं बताया गया। इसके बाद हमारी प्रीतम कुमार से बात हुई। वह बोले- हमने कैंटोनमेंट बोर्ड में 4 साल काम किया। एक दिन सुबह हाजिरी लेने के बाद हमें हटा दिया गया। कारण नहीं बताया गया। वेतन भी एक महीने का नहीं दिया गया है। अवध कुमार शर्मा ने बताया- हम कोरोना काल के पहले से काम कर रहे हैं। एक दिन सुपरवाइजर ने हम लोगों को मैदान में इकट्‌ठा किया। कहा कि अब आपकी जगह पर नए लोग काम करेंगे। हमें ये भी नहीं बताया गया कि हमारी गलती क्या थी। तीन साल पहले जब एक फर्म आई तो सभी कर्मचारियों से 10-10 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन के नाम पर घूस लिया, इसके बाद से आने वाली सभी फर्मो ने 10-10 हजार लेते थे, इस बार बिना कुछ बताए बाहर निकल दिया गया। जिस कंप्यूटर से टेंडर जारी हुए, टेंडर भरे भी वहीं से गए सपा शासन में मंत्री रहे तेज नारायण ने क्या-कुछ कहा… यह भी पढ़ें : रक्षा मंत्री बोले- युद्ध के लिए तैयार रहे सेना:लखनऊ में राजनाथ ने कहा- AI का इस्तेमाल करें; भारत को सतर्क रहने की जरूरत ‘भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है। लेकिन, सशस्त्र बलों को शांति बनाए रखने को युद्ध के लिए तैयार रहना होगा। भविष्य में होने वाले युद्धों और चुनौतियों से निपटने की तैयारी अभी से करनी होगी। वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत में शांति है, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है।’ यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार (5 सितंबर) को लखनऊ में संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में कही। रक्षा मंत्री ने रूस-यूक्रेन, इजराइल-हमास संघर्षों और बांग्लादेश में मौजूदा अस्थिर स्थिति का जिक्र करते हुए कमांडरों से इन घटनाओं का एनालिसिस करने को कहा। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर