हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर महिला सुरक्षा कर्मी ने हिमाचल प्रदेश से नवनियुक्त सांसद कंगना रनोट को थप्पड़ मारने के मामले में कहा कि “ये तरीका ठीक नहीं है और कानून के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। राहुल गांधी के 4 जून को शेयर बाजार में बड़े घोटाले को लेकर दिए बयान कहा कि राहुल गांधी बताएं कि किस तरह का घोटाला है। शेयर मार्किट है और अप-डाउन होती रहती है। अयोध्या में भाजपा के उम्मीदवार हारने पर विज ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और हो सकता है वहां पर नास्तिक रहते हों। अनिल विज आज अंबाला में मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे। विज ने भूपेंद्र सिंह हुड़्डा व ममता बनर्जी पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सीटें कम आने की तो हर पार्टी आकलन करती ही है, हमने भी आकलन किया है। 500 साल के इंतजार से बना राम मंदिर- विज अयोध्या में भाजपा के उम्मीदवार के हारने के सवाल पर विज ने कहा कि “ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि श्रीराम मंदिर बनने का लोग 500 सालों से इंतजार कर रहे थे। ये अलग बात है कि श्रीराम मंदिर अलग है और राजनीती अलग। विज ने कहा कि हो सकता है वहां पर नास्तिक रहते हो”। भाजपा के पास पूरा बहुमत- विज हरियाणा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड़्डा ने कहा है कि भाजपा विरोधी लहर चल रही है। विधानसभा चुनावों मे भाजपा का सुपड़ा साफ होगा, इसके जवाब में पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि “हार और जीत का सही आकलन करना चाहिए और हमने आकलन किये है व हमारी वोट प्रतिशत बढ़ी है। जहां कमी रही है, वहां पर पार्टी कार्यकर्ता पूरे दमखम के साथ काम करेंगे। भूपेंद्र हुड़्डा ने कहा है कि विधानसभा भंग करवाने के लिए कांग्रेस 10 जून को बैठक करेगी, इस पर विज ने कहा कि इसका फैसला राज्यपाल को करना होता है, लेकिन हमारे पास पूरा बहुमत है। कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए बयान पर कहा कि जयराम रमेश अपने आपको फ़िलोसपर समझने लगे हैं, लेकिन जनता का फैसला आ गया है और जनता जो बनाती है, उसके तहत ही सरकार बनाई जा रही है और पूरे पांच साल चलेगी। ममता बनर्जी की राजनीति ही गुमराह करने की है – विज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि भाजपा के सांसद व विधायक उनके सम्पर्क में है, इस पर विज ने कहा कि वो (ममता बनर्जी ) इस तरह से बातें करके गुमराह करती आई है और उनकी राजनीति ही गुमराह करने की है। हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर महिला सुरक्षा कर्मी ने हिमाचल प्रदेश से नवनियुक्त सांसद कंगना रनोट को थप्पड़ मारने के मामले में कहा कि “ये तरीका ठीक नहीं है और कानून के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। राहुल गांधी के 4 जून को शेयर बाजार में बड़े घोटाले को लेकर दिए बयान कहा कि राहुल गांधी बताएं कि किस तरह का घोटाला है। शेयर मार्किट है और अप-डाउन होती रहती है। अयोध्या में भाजपा के उम्मीदवार हारने पर विज ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और हो सकता है वहां पर नास्तिक रहते हों। अनिल विज आज अंबाला में मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे। विज ने भूपेंद्र सिंह हुड़्डा व ममता बनर्जी पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सीटें कम आने की तो हर पार्टी आकलन करती ही है, हमने भी आकलन किया है। 500 साल के इंतजार से बना राम मंदिर- विज अयोध्या में भाजपा के उम्मीदवार के हारने के सवाल पर विज ने कहा कि “ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि श्रीराम मंदिर बनने का लोग 500 सालों से इंतजार कर रहे थे। ये अलग बात है कि श्रीराम मंदिर अलग है और राजनीती अलग। विज ने कहा कि हो सकता है वहां पर नास्तिक रहते हो”। भाजपा के पास पूरा बहुमत- विज हरियाणा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड़्डा ने कहा है कि भाजपा विरोधी लहर चल रही है। विधानसभा चुनावों मे भाजपा का सुपड़ा साफ होगा, इसके जवाब में पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि “हार और जीत का सही आकलन करना चाहिए और हमने आकलन किये है व हमारी वोट प्रतिशत बढ़ी है। जहां कमी रही है, वहां पर पार्टी कार्यकर्ता पूरे दमखम के साथ काम करेंगे। भूपेंद्र हुड़्डा ने कहा है कि विधानसभा भंग करवाने के लिए कांग्रेस 10 जून को बैठक करेगी, इस पर विज ने कहा कि इसका फैसला राज्यपाल को करना होता है, लेकिन हमारे पास पूरा बहुमत है। कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए बयान पर कहा कि जयराम रमेश अपने आपको फ़िलोसपर समझने लगे हैं, लेकिन जनता का फैसला आ गया है और जनता जो बनाती है, उसके तहत ही सरकार बनाई जा रही है और पूरे पांच साल चलेगी। ममता बनर्जी की राजनीति ही गुमराह करने की है – विज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि भाजपा के सांसद व विधायक उनके सम्पर्क में है, इस पर विज ने कहा कि वो (ममता बनर्जी ) इस तरह से बातें करके गुमराह करती आई है और उनकी राजनीति ही गुमराह करने की है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
जींद में 2 पक्षों में झड़प:युवक की मौत, शव रखकर परिजन धरने पर बैठे, गिरफ्तारी की मांग
जींद में 2 पक्षों में झड़प:युवक की मौत, शव रखकर परिजन धरने पर बैठे, गिरफ्तारी की मांग जींद के आसन गांव में रंजिश 2 गुटों में हुए झगड़े में चोटें लगने के बाद शनिवार देर शाम को बलबीर नाम व्यक्ति की मौत के बाद रविवार को परिजन लघु सचिवालय पहुंचे। यहां पर मृतक के शव को रखकर धरना शुरू कर दिया और हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और और परिजनों को उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया, लेकिन छह बजे तक परिजन नहीं माने थे। छह बजे परिजनों ने 12 घंटे का अल्टीमेटम देकर शव उठा लिया। पुलिस ने बलबीर की हत्या के आरोप में 14 लाेगाें के खिलाफ मामला दर्ज किया है।। लाठी डंडों से हमला किया
पुलिस को दी शिकायत में आसन गांव निवासी लीलाराम ने बताया कि वह एक वर्ष पहले उनका झगड़ा पड़ोसी रामकुश परिवार के साथ हुआ था। इसके बाद समझौता हो गया था। रंजिश में ही शुक्रवार को रामकुश व उसके परिवार के सदस्यों विक्की, सूरजभान, मनोज कुमार, रामचंद्र, वीरभान, भीरा, बंसी, रामदास, बबली, पूजा, जाेगेंद्र, मीरा ने लाठी डंडों के साथ उन पर हमला कर दिया। उन पर हमला होते देख वह चिल्लाए तो उसकी भाभी संतरो, भाई जयनारायण, अमित, नफे सिंह, शकुंतला उन्हें छुड़ाने के लिए आए तो हमलावर उन्हें पीछे हट गए और छत पर चढ़कर उन पर ईंटें, पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। लीलाराम ने बताया कि छत से फेंक कर मारी गई ईंट लगने से बलबीर को ज्यादा चोट लगी और उसे पीजीआई रोहतक रेफर किया गया। शनिवार को वहां उपचार के दौरान मौत हो गई। 12 घंटे में आरोपियों गिरफ्तार करने की मांग
रविवार को मृतक बलबीर के शव को लेकर परिजन ईश्वर सिंह ग्रामीणों के साथ लघु सचिवालय में पहुंच गए और यहां प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर डीएसपी रोहताश ढुल मौके पर पहुंचे। देर शाम को परिजनों ने 12 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए शव को उठा लिया और चेतावनी दी कि अगर 12 घंटे में आरोपियों गिरफ्तार नहीं हुए तो वह शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
इन लाेगाें पर दर्ज हुआ है हत्या का केस
पुलिस ने लीलाराम की शिकायत पर विक्की, सूरजभान, मनोज कुमार, रामचंद्र, वीरभान, भीरा, बंसी, रामदास, बबली, पूजा, बबली, जोगिंद्र, मीरा व रामकुश के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सदर थाना प्रभारी सत्यनारायण ने बताया कि जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
फरीदाबाद में मिलावटी मिठाईयों की भरमार:बच्चे हुए बीमार, फूड एंड सेफ्टी विभाग की टूटी नींद, घेवर के लिए सैंपल
फरीदाबाद में मिलावटी मिठाईयों की भरमार:बच्चे हुए बीमार, फूड एंड सेफ्टी विभाग की टूटी नींद, घेवर के लिए सैंपल हरियाणा के फरीदाबाद जिला में फूड एंड सेफ्टी विभाग की टीम ने तिगांव स्थित मिठाई की दुकान पर छापेमारी करते हुए घेवर की मिठाई के सैंपल लिए है। गौरतलब है कि गत दिवस इसी दुकान की घेवर खाने से आधा दर्जन बच्चे बीमार हो गए थे। परिजनों ने किया था दुकान पर हंगामा जिसके चलाते बच्चों के परिजनों ने दुकान पर भी हंगामा किया था। मामले को लेकर मिठाई की दुकानदार की शिकायत फूड एंड सेफ्टी विभाग में की गई थी। जिसके चलते आज फूड एंड सप्लाई की टीम ने दुकान पर जाकर कार्रवाई की है। आरोपी दुकानदार के प्रोडक्ट्स के सैंपल भरे गए हैं। सैंपल फेल आने पर दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने प्रोफाइल मंगाई; इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके
हरियाणा में नए मंत्रिमंडल के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने प्रोफाइल मंगाई; इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके हरियाणा में नई सरकार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कवायद शुरू कर दी है। मंत्रिमंडल के लिए 15 विधायकों के नाम शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं। इनमें 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने नाम फाइनल करने से पहले विधायकों की प्रोफाइल मंगाई है। जो चेहरे शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं, उनमें नायब सैनी, अनिल विज, राव नरबीर सिंह, विपुल गोयल, मूलचंद शर्मा, कृष्णा गहलावत, कृष्णलाल पंवार, हरविंदर कल्याण, रणबीर गंगवा, महिपाल ढांडा, बिमला चौधरी, लक्ष्मण यादव, घनश्याम सर्राफ, आरती राव और श्रुति चौधरी शामिल हैं। 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया था। भाजपा ने 48, कांग्रेस ने 37, इनेलो ने 2 और 3 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की। तीनों निर्दलीय विधायक भाजपा को समर्थन दे चुके हैं। जिसके बाद भाजपा के पास विधायकों की संख्या 51 हो गई है। कल पंचकूला में विधायक दल की मीटिंग होगी। मीटिंग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ऑब्जर्वर के तौर पर मौजूद रहेंगे। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, किसकी दावेदारी क्यों मजबूत…. 1. राव नरबीर सिंह : बादशाहपुर सीट से चुनाव जीते राव नरबीर सिंह अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता कहे जाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी रहे हैं। पूरे इलाके में राव नरबीर ही इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपने दम पर न केवल हाईकमान से सीधे टिकट हासिल की, बल्कि इस इलाके में सबसे बड़ी जीत भी दर्ज की है। नरबीर सिंह 2014 में मनोहर लाल खट्टर की सरकार में पावरफुल कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके सीधे हाईकमान से अच्छे संबंध है। उनकी कैबिनेट मंत्री के पद पर दावेदारी काफी मजबूत है। इसकी दूसरी वजह उनका राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी होना भी है। 10 विधायकों में राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी में इकलौते राव नरबीर ही है। भाजपा नरबीर को मंत्री बनाकर इलाके में राव इंद्रजीत सिंह के बराबर नेता खड़ा कर सकती है। 2. बिमला चौधरी : बिमला चौधरी ने पटौदी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। वह 2014 में भी इसी सीट से विधायक बनी थीं। 2019 में भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था। वह राव इंद्रजीत सिंह की करीबी हैं। बिमला चौधरी की दावेदारी इसलिए भी मजबूत है, क्योंकि वह जातीय संतुलन के हिसाब से राव इंद्रजीत सिंह के कोटे में वह फिट बैठती हैं। इसके अलावा उन्हें विधायक रहते हुए प्रशासनिक अनुभव भी है। 3. लक्ष्मण यादव : वह रेवाड़ी सीट से चुनाव जीते है। वह 2019 में कोसली से विधायक चुने गए थे। राव इंद्रजीत सिंह और संगठन दोनों की पसंद की वजह से उन्हें टिकट मिला। अहीरवाल इलाके में यादवों की वोट एक तरह से एक तरफा भाजपा के पक्ष में पड़ा। 2019 में भले ही रेवाड़ी सीट पर भाजपा जीत दर्ज नहीं कर पाई, लेकिन 2014 में यहां पहली बार कमल खिला था।अहीरवाल बेल्ट की राजधानी कहे जाने वाले रेवाड़ी को पिछले 10 सालों में मंत्रीपद नहीं मिल पाया। ऐसे में लक्ष्मण सिंह यादव के नाम पर राव इंद्रजीत सिंह भी सहमति जता सकते हैं। 4. आरती राव : राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने अटेली से चुनाव जीता है। पिछले 3 चुनाव में अटेली में भाजपा उम्मीदवार ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। इलाके में खुद के प्रभाव के चलते ही राव इंद्रजीत सिंह ने बेटी को टिकट दिलाया। ऐसे में आरती राव को मंत्रिमंडल में शामिल कराकर राव इंद्रजीत सिंह महेंद्रगढ़ जिले को मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं। 5. विपुल गोयल : यह वैश्य समुदाय से आते हैं। 2014 में चुनाव जीतकर कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हालांकि फरीदाबाद सांसद कृष्ण पाल गुर्जर के मतभेदों के कारण टिकट काट दिया गया था। इस बार सीधी हाईकमान में पकड़ होने के कारण इनको टिकट मिला, इसके साथ ही नए मंत्रिमंडल में इसी कारण से कैबिनेट मंत्री के रूप में मजबूत दावेदार बने हुए हैं। 6 मूलचंद शर्मा: भाजपा में ब्राह्मणों के सबसे बड़े चेहरे के रूप में पंडित रामबिलास शर्मा का नाम आता था, लेकिन 2019 में उनके चुनाव हारने के बाद उनके ही रिश्तेदार बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा को मनोहर लाल के दूसरे टर्म में परिवहन मंत्री बनाया गया। मूलचंद शर्मा लगातार तीसरी बार इस सीट से विधायक चुने गए हैं। 5 साल मंत्री रहने के दौरान उनकी परफॉर्मेंस ठीक रही, जिसकी वजह से वह इस बार भी कैबिनेट मंत्री पद के दावेदार हैं। उनकी दावेदारी की दूसरी बड़ी वजह इस बार के चुनाव में ब्राह्मण वोटर्स का एकतरफा झुकाव भाजपा की तरफ रहना भी है। 7. महिपाल ढांडा: पानीपत ग्रामीण से विधायक बने हैं। पार्टी का बड़ा जाट चेहरा बनकर उभरे हैं। नायब सैनी के सीएम बनाए जाने के बाद ढांडा को राज्यमंत्री बनाया गया था। अपने छोटे से कार्यकाल में काफी एक्टिव दिखाई दिए थे। जिसके बाद भाजपा ने इन्हें तीसरी बार फिर टिकट दिया। ढांडा की सबसे बड़ी बात यह भी है कि उनके ऊपर अभी तक कोई भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं। 8. कृष्णा गहलावत: राई विधानसभा सीट पर कृष्णा गहलावत ने जीत दर्ज की है। ये सीट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ मानी जाती है। जाट समुदाय से आने वाली कृष्णा गहलावत 1996 में बंसीलाल सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। भाजपा सोनीपत, रोहतक और झज्जर की जाट बेल्ट में अपना आधार बढ़ाने के लिए उन्हें कैबिनेट में जगह दे सकती है। 9. श्रुति चौधरी: तोशाम विधानसभा सीट पर भाजपा से श्रुति चौधरी ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर उनका मुकाबला अपने चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी से था। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से सांसद रही श्रुति चौधरी को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था। इसके बाद वे अपनी मां किरण चौधरी के साथ बीजेपी में शामिल हो गईं। तोशाम पर बंसीलाल परिवार का खासा प्रभाव रहा है। इससे पहले किरण चौधरी इस सीट से लगातार जीत हासिल करती रही हैं। उन्हें अब राज्यसभा भेज दिया गया है। ऐसे में श्रुति चौधरी कैबिनेट में मंत्रीपद के मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। 10. हरविंदर कल्याण: ये रोड़ समाज से आते हैं। प्रदेश की घरौंडा सीट से इन्होंने जीत दर्ज की है। 2019 में भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। मनोहर लाल खट्टर के बाद नायब सैनी के कार्यकाल में भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए थे, इस बार इस समाज को बीजेपी नई सरकार में प्रतिनिधित्व देना चाहती है, इसलिए दावेदारी मजबूत है। ये पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। 11. कृष्ण लाल पंवार: बतौर राज्यसभा सांसद रहते हुए इसराना से विधानसभा चुनाव लड़ा। अब तक 6 बार के विधायक रह चुके हैं। सीनियोरिटी के हिसाब से बीजेपी में दूसरे नंबर पर आते हैं। इनसे पहले अनिल विज सात बार के विधायक बन चुके हैं। दलित समाज से आते हैं। इस चुनाव में दलितों के समर्थन मिलने के बाद बीजेपी में पंवार की मजबूत दावेदारी है। इसके साथ ही पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के भी काफी करीबी हैं। 12. रणबीर गंगवा: संसदीय मामलों के अच्छे जानकार हैं। मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी की सरकार में डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। गंगवा इस बार बरवाला सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे। इस नई सरकार में उन्हें स्पीकर या डिप्टी स्पीकर की जिम्मेदारी दी जा सकती है। 13. घनश्याम सर्राफ: भिवानी से लगातार चार बार विधायक हैं। 2014 में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में राज्य मंत्री रह चुके हैं। वैश्य समाज से आते हैं। बीजेपी ने इस चुनाव में 36 बिरादरी को साथ लेकर चलने का वादा किया है, ऐसे में उनके अनुभव को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व उन्हें राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकता है। 14. अनिल विज: हरियाणा में इस बार विधानसभा में सबसे सीनियर अनिल विज होंगे। इसकी वजह यह है कि यह ऐसे पहले विधायक बने हैं, जिन्होंने सात बार लगातार विधानसभा चुनाव जीता है। मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में सेकेंड पोजीशन पर रहे। हालांकि नायब सैनी के कार्यकाल में उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन इस बार वह फिर से कैबिनेट में अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। पार्टी यदि डिप्टी सीएम फॉर्मूला लाती है तो विज को डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है। अनिल विज पंजाबी समुदाय से आते हैं।