भास्कर न्यूज | जालंधर अर्बन स्टेट फेस-2 में अधिकांश बिजली के तारों पर पेड़ों की टहनियां लटकीं हैं। ऐसे में बारिश और आंधी में बिजली के तार टूट जाते हैं। साथ ही हादसों का खतरा भी बना रहता है। इसको लेकर अर्बन स्टेट फेस-2 की सोसायटी ने निगम में लिखित में शिकायत की, और पेड़ों की कटाई की मांग की। विदित हो कि अर्बन स्टेट फेस-2 में लगभग 50 फीसदी बिजली की तारें पेड़ों की चपेट में आई हैं। इस वजह से घरों में बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। ऐसे में बारिश और तूफान में पेड़ों की टहिनयां टूटकर तारों पर गिर जाती हैं, और बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है। वहीं बिजली के ट्रांसफार्मर खराब होने का खतरा बना रहता है। लोगों के घरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण फुंकने का खतरा बना है। वहीं स्ट्रीट लाइटें भी खराब हो जाती हैं। लोगों ने बताया कि इसके लिए पहले भी संबंधित विभागों को लिखित में शिकायत दी जा चुकी है। इस संबंध में सोसायटी के हरजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पेड़ों की कटाई के लिए निगम, प्रशासन और पावरकॉम को लिखित शिकायत की है। इसके बावजूद भी पेड़ों की टहिनयों की कटाई नहीं हो सकी है। अर्बन स्टेट फेस-दो में पेड़ों की टहनियां में उलझे बिजली के तार, जिनसे कभी भी हादसा हो सकता है। भास्कर न्यूज | जालंधर अर्बन स्टेट फेस-2 में अधिकांश बिजली के तारों पर पेड़ों की टहनियां लटकीं हैं। ऐसे में बारिश और आंधी में बिजली के तार टूट जाते हैं। साथ ही हादसों का खतरा भी बना रहता है। इसको लेकर अर्बन स्टेट फेस-2 की सोसायटी ने निगम में लिखित में शिकायत की, और पेड़ों की कटाई की मांग की। विदित हो कि अर्बन स्टेट फेस-2 में लगभग 50 फीसदी बिजली की तारें पेड़ों की चपेट में आई हैं। इस वजह से घरों में बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। ऐसे में बारिश और तूफान में पेड़ों की टहिनयां टूटकर तारों पर गिर जाती हैं, और बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है। वहीं बिजली के ट्रांसफार्मर खराब होने का खतरा बना रहता है। लोगों के घरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण फुंकने का खतरा बना है। वहीं स्ट्रीट लाइटें भी खराब हो जाती हैं। लोगों ने बताया कि इसके लिए पहले भी संबंधित विभागों को लिखित में शिकायत दी जा चुकी है। इस संबंध में सोसायटी के हरजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पेड़ों की कटाई के लिए निगम, प्रशासन और पावरकॉम को लिखित शिकायत की है। इसके बावजूद भी पेड़ों की टहिनयों की कटाई नहीं हो सकी है। अर्बन स्टेट फेस-दो में पेड़ों की टहनियां में उलझे बिजली के तार, जिनसे कभी भी हादसा हो सकता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रैली:फतेहगढ़ साहिब में भाजपा उम्मीदवार के लिए वोट मांगेंगे, किसानों को पुलिस ने रोका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को पंजाब के खन्ना में एक रैली को संबोधित करेंगे। यहां वे फतेहगढ़ साहिब लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार गेजा राम के लिए वोट मांगेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब में भाजपा के बहिष्कार का ऐलान किया है। किसान भाजपा के खिलाफ रोजाना ही रोष प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके चलते राजनाथ सिंह के खन्ना दौरे को लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से चौकस है। पंजाब पुलिस के अलावा अन्य फोर्सेज को भी तैनात किया गया है। रैली स्थल से करीब 2 किलोमीटर दूर भट्टियां में खेल के मैदान अंदर हेलीपैड बनाया गया है। वहां से रक्षा मंत्री की गाड़ियों का काफ़िला रैली में जाएगा।
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इंडियन हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत को खेल रत्न:डिफेंडर और शानदार ड्रैग-फ्लिकर; पेरिस ओलिंपिक 2024 में भारत को ब्रॉन्ज दिलाया भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और शानदार ड्रैग-फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह को अपने दमदार खेल और असाधारण प्रतिभा के बल पर इस साल मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवार्ड मिलने जा रहा है। डिफेंडर होते हुए भी हरमनप्रीत को अक्सर विपक्षी टीम के खिलाफ शानदार गोल कर जश्न मनाते दिखाई दिए। उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में टोक्यो 2020 ओलिंपिक में कांस्य पदक, 2023 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलिंपिक 2024 में ब्राँज मेडल शामिल है। हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को पंजाब के अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन में हरमनप्रीत खेतों में परिवार का हाथ बंटाते थे और ट्रैक्टर चलाते थे। खेतों में काम करते हुए उनके हाथों ने ड्रैग-फ्लिक के हुनर को तराशा। 2011 में हरमनप्रीत ने जालंधर के सुरजीत अकादमी में दाखिला लिया। जहां स्पेशलिस्ट गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह उनकी पेनल्टी कॉर्नर की कला में और सुधार लाए। जूनियर स्तर पर हरमनप्रीत का प्रदर्शन हरमनप्रीत ने 2011 में सुल्तान जोहोर कप के जरिए भारतीय जूनियर टीम में डेब्यू किया। 2014 में इसी टूर्नामेंट में उन्होंने 9 गोल किए और ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब जीता। इसके बाद 2016 में जूनियर विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाई। सीनियर टीम में डेब्यू और ओलिंपिक सफर हरमनप्रीत ने 2015 में जापान के खिलाफ सीनियर टीम के लिए डेब्यू किया। 2016 में रियो ओलिंपिक के लिए चुने जाने के बाद वह टीम का हिस्सा बने। हालांकि रियो में भारत का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, लेकिन हरमनप्रीत ने 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में शानदार वापसी की। टोक्यो 2020 में हरमनप्रीत ने 6 गोल कर भारत को 41 वर्षों बाद ओलिंपिक पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एशियन गेम्स 2023 में स्वर्णिम सफलता भारतीय पुरुष हॉकी टीम के हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस 2024 ओलिंपिक में भारत को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई और गोल-स्कोरिंग चार्ट में शीर्ष स्थान पर रहे। हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस 2024 पुरुष हॉकी टूर्नामेंट में आठ मैचों में 10 गोल किए। उनका ये स्कोर ऑस्ट्रेलिया के ब्लेक गोवर्स से तीन गोल अधिक रहा। हरमनप्रीत सिंह की मुख्य उपलब्धियां
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