<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Congress Candidate List:</strong> कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर अलका लांबा को टिकट दिया है. पार्टी ने उन्हें कालकाजी से उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी ने सीएम <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> से होगा. आप ने कालकाजी सीट से प्रत्याशी बनाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में अलका लांबा को टिकट मिलने की चर्चा थी, लेकिन उनका नाम दूसरी लिस्ट में शामिल नहीं किया गया. सूत्रों के मुताबिक अलका लांबा इस सीट से चुनाव लड़ना नहीं चाहती थी.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Congress Candidate List:</strong> कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर अलका लांबा को टिकट दिया है. पार्टी ने उन्हें कालकाजी से उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी ने सीएम <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> से होगा. आप ने कालकाजी सीट से प्रत्याशी बनाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में अलका लांबा को टिकट मिलने की चर्चा थी, लेकिन उनका नाम दूसरी लिस्ट में शामिल नहीं किया गया. सूत्रों के मुताबिक अलका लांबा इस सीट से चुनाव लड़ना नहीं चाहती थी.</p> दिल्ली NCR स्विट्जरलैंड में बुर्के पर प्रतिबंध लगाने पर, देवबंदी उलेमा ने जताई नाराजगी, कहा- महिलाओं का…
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Bihar News: ‘मैं भाभी की हत्या करके आया हूं…’ थाने पहुंच कर देवर ने कहा- गिरफ्तार कर लीजिए
Bihar News: ‘मैं भाभी की हत्या करके आया हूं…’ थाने पहुंच कर देवर ने कहा- गिरफ्तार कर लीजिए <p style=”text-align: justify;”><strong>JE killed His Sister-In-law In Bettiah:</strong> बिहार के बेतिया में सोमवार (28 अक्टूबर) के दिन एक जेई ने अपनी चचेरी भाभी को धारदार हथियार से काट कर मौत के घाट उतार दिया. इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है. घटना बेतिया के सिरसिया थाना क्षेत्र के तुरहा पट्टी वार्ड नं 1 की है. वहीं मृतिका की पहचान सिरसिया थाना क्षेत्र के तुरहा पट्टी वार्ड नंबर एक निवासी आलमगीर अंसारी की पत्नी सहलोदा खातून के रूप में की गई है. सूचना के बाद पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फरसा से काटकर की भाभी की हत्या </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि मृतिका के घर के बगल के ही रहने वाले मुनीर आलम ने अपने ही घर के बगल की भाभी की फरसा से काटकर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया. बाद में कुमारबाग थाना में अपने आप को पुलिस के हवाले कर दिया. मृतिका के पति आलमगीर ने बताया कि अपने दरवाजे पर बैठी मेरी पत्नी को मुनीर आलम ने फरसा से सिर पर वार कर दिया, जिससे मौके पर ही पत्नी की मौत हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वही लोगों ने बताया कि आरोपी मुनीर आलम गोपालगंज में बिजली विभाग के जेई के पद पर कार्ययरत है, उसने आपने पटीदारी की भाभी को फरसा से काट कर हत्या कर दी है. बताया जा रहा है कि बीजली विभाग के जेई सनकी मिजाज का था. अपने दरवाजे पर बच्चे को खेलना और चिलाना पसंद नहीं करता था. सोमवार को भाभी को मौत के घाट उतार कर कुमारबाग थाना में अपने आप आत्मसमर्पण कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मामले की जांच में जुटी पुलिस</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं एसपी डॉ शौर्य सुमन ने बताया कि मुनीर आलम नाम के एक युवक ने एक महिला की फरसा से काटकर हत्या कर दी उसके बाद कुमारबाग थाना में जाकर थानेदार से बोला कि मैं हत्या करके आया हूं. मुझे गिरफ्तार कर लीजिए. इसके बाद कुमार बागथाना अध्यक्ष ने उससे पूछताछ कर युवक को हिरासत में ले लिया. वहीं शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है और आगे की कार्रवाई में पुलिस जुटी हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-kishanganj-girl-student-died-under-suspicious-condition-ann-2812569″>Bihar News: किशनगंज में संदिग्ध स्थिति में छात्रा की मौत, घर में फंदे से लटका मिला शव</a></strong></p>
हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में
हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हरियाणा की फरीदाबाद लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कृष्णपाल गुर्जर को मोदी 3.0 सरकार में मंत्री बनाया गया है। गुर्जर मोदी सरकार के पिछले दोनों कार्यकाल में भी राज्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार उन पर भरोसा जताकर साफ कर दिया कि गुर्जर उनके भरोसेमंद हैं। फरीदाबाद के सरकारी कॉलेज में छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले कृष्णपाल गुर्जर का केंद्रीय मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने का सफर काफी संघर्ष भरा रहा। किसान परिवार में जन्मे 67 साल के गुर्जर की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं रही। गुर्जर ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत लोकदल से की थी। वर्ष 1994 में उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली और फरीदाबाद में पार्षद का चुनाव जीता। मोदी-खट्टर की जोड़ी के साथ मिलकर कर चुके काम
वर्ष 1994 में पार्टी जॉइन करने के महज 2 साल बाद, BJP ने गुर्जर को 1996 के विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से टिकट दे दिया। यही वो समय था जब तेजतर्रार कृष्णपाल गुर्जर को भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करने का मौका मिला। उस समय नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल खट्टर की जोड़ी हरियाणा में पार्टी संगठन का कामकाज देख रही थी। भाजपा ने 1996 में हरियाणा विधानसभा का चुनाव पूर्व सीएम बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के साथ मिलकर लड़ा था। पहले ही चुनाव में जीत दर्ज करने वाले कृष्णपाल गुर्जर चुनाव रिजल्ट आने के बाद बंसीलाल की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में परिवहन मंत्री बनाए गए। प्रदेशाध्यक्ष बनकर पार्टी का ग्राफ बढ़ाया
गुर्जर के 3 बार विधायक बनने के बाद पार्टी ने उन्हें संगठन की जिम्मेदारी देते हुए वर्ष 2010 में हरियाणा इकाई का प्रदेशाध्यक्ष बना दिया। उस समय हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार थी और BJP ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की छाया से निकलकर अपना अलग वजूद बनाने की कोशिश कर रही थी। संगठन से जुड़ा होने के कारण गुर्जर ने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए तेजी से पार्टी का ग्राफ बढ़ाने का काम किया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री चेहरा घोषित कर दिया। इसके बाद टिकट बंटवारे में कृष्णपाल गुर्जर को फरीदाबाद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया। गुर्जर ने अपने इस पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अवतार भड़ाना को हरा दिया। इसके बाद मोदी ने अपनी सरकार में गुर्जर को सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री बनाया। 2019 के लोकसभा चुनाव में गुर्जर दूसरी बार फरीदाबाद सीट से जीते। उस समय विनिंग मार्जिन के लिहाज से देशभर में वह तीसरे स्थान पर रहे। गुर्जर 6 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर दूसरी बार संसद पहुंचे तो मोदी ने फिर से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए उद्योग राज्यमंत्री बना दिया। किसान परिवार से आकर बनाई राजनीति में पहचान
कृष्णपाल गुर्जर पेशे से एडवोकेट हैं। कृष्णपाल के पिता हंसराज जैलदार का अपने एरिया में अच्छा नाम था लेकिन वह कभी राजनीति में नहीं उतरे। दूसरी ओर कृष्णपाल की शुरू से राजनीति में रुचि रही। पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं होते हुए भी उन्होंने राजनीति के तौर-तरीके पढ़ाई के दौरान ही सीख लिए। फरीदाबाद के कॉलेज में पढ़ते हुए वह छात्र संगठन के अध्यक्ष चुने गए और वहीं से उनके पॉलिटिकल करियर की शुरुआत हुई। ग्रेजुएशन के बाद गुर्जर कानून की डिग्री लेने मेरठ चले गए। वहां से लौटकर अपनी राजनीतिक पारी दोबारा शुरू की। उनकी पत्नी का नाम निर्मला देवी है और वह सियासत से दूर रहती हैं। गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी राजनीति में एक्टिव हैं और इस समय फरीदाबाद नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर हैं। गुर्जर नेता के तौर पर बनाई पहचान
कृष्णपाल की गिनती गुर्जर बिरादरी के बड़े नेताओं में होती है। उन्होंने अपने पहले विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से जिस चौधरी महेंद्र प्रताप और फरीदाबाद लोकसभा सीट से अवतार भड़ाना को हराया, वह दोनों भी गुर्जर समाज के बड़े नेताओं में आते हैं। राजनीति में एक बाद एक मिली जीत ने कृष्णपाल गुर्जर का कद गुर्जर बिरादी के नेताओं में बढ़ा दिया। BJP के अंदर भी उनकी गिनती गुर्जर समाज के प्रमुख नेताओं के रूप में होती है। संगठन में मजबूत पकड़ और तेज-तर्रार नेता की छवि के चलते वह BJP शीर्ष नेतृत्व की पसंद बन गए। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
धर्मांतरण ‘गुरु’ बताई जा रही रक्षंदा की कहानी:17 साल पहले परिवार के खिलाफ मुस्लिम से की शादी, सपना से बन गई रक्षंदा खान
धर्मांतरण ‘गुरु’ बताई जा रही रक्षंदा की कहानी:17 साल पहले परिवार के खिलाफ मुस्लिम से की शादी, सपना से बन गई रक्षंदा खान मैडम कहती हैं, मैं भी हिंदू थी, अब मुस्लिम हूं। मुस्लिम लड़कों से शादी करने में कोई दिक्कत नहीं होती। हमारा नाम जबरन मुस्लिम लड़कों के साथ जोड़ा जाता है। ये संगीन आरोप दो हिंदू छात्राओं ने मुरादाबाद में लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी चलाने वाली सपना सिंह उर्फ रक्षंदा खान पर लगाए हैं। दोनों ने डीएम ऑफिस पहुंचकर शिकायत की। इसके बाद हिंदू संगठन भी मामले में कूद पड़े और खूब हंगामा किया। इसके बाद प्रशासन भी हरकत में आया। इंस्टीट्यूट सील कर दिया। रक्षंदा खान और उनके पति न्यायिक हिरासत में हैं। ऐसा पहली बार नहीं है, जब उन पर हिंदू युवतियों का ब्रेनवॉश करने का आरोप लगा। एक साल पहले भी उनके इंस्टीट्यूट में खूब हंगामा हुआ था। रक्षंदा खान से जुड़ी पूरी कंट्रोवर्सी क्या है? कब से इसकी शुरुआत हुई? क्या-क्या आरोप लगे? संडे बिग स्टोरी में विस्तार से पढ़िए… कानपुर की सपना 2007 में रक्षंदा खान बन गई
सपना सिंह…ये वो नाम है, जो 17 साल पहले रक्षंदा खान का था। कानपुर के शक्तिनगर की रहने वाली सपना बाकी लड़कियों की तरह ही थीं। कुछ करना था, घर बसाना था। तब सपना कानपुर में ही एक ब्यूटी एकेडमी में ट्रेनर थीं। सपना पांच बहनें, एक भाई है। सपना को 2007 में कानपुर के ही रहने वाले शाहनवाज खान से प्यार हो गया। प्यार तो कर लिया, लेकिन उसे शादी के मुकाम तक पहुंचाना सपना के लिए इतना आसान नहीं था। जैसे ही घर वालों को पता चला कि मुसलमान से शादी करना चाहती है, सभी उखड़ गए। घर में मां-बाप से लेकर दूर-दूर तक के रिश्तेदार इसके लिए राजी तो क्या इस सच मानने तक के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन सपना पीछे नहीं हटी। घरवालों के खिलाफ जाकर उसी साल शाहनवाज खान से शादी की। यहीं से सपना की पहचान बदल गई। उन्होंने शादी के बाद इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। अब वह रक्षंदा खान बन चुकी थीं। 3 साल पहले मुरादाबाद आकर मेकअप एकेडमी खोली
रक्षंदा बनने के बाद वो कानपुर में ही काम करती रहीं। 2021 में मुरादाबाद आकर लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी ली। यहीं पिछले 3 साल से रक्षंदा कांठ रोड पर हरथला पुलिस चौकी के पास लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी चला रही हैं। रक्षंदा के पति का कानपुर में कार डेकोरेशन का बिजनेस है। दोनों की एक संतान है। 30 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक कोर्स की फीस
रक्षंदा की लैक्मे की फ्रेंचाइजी मेकअप एकेडमी को विवाद बढ़ने पर पुलिस ने सील कर दिया है। यहां स्किन केयर से लेकर हेयर और मेकअप करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। कई तरह के कोर्स थे, महंगे भी और सस्ते भी। कोर्स की समय अवधि भी अलग-अलग थी। यहां 3 महीने से लेकर एक साल तक के अलग-अलग कोर्स चलते थे। इनकी फीस 30 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक थी। यहां सबसे महंगे कोर्स का नाम कॉस्मो कोर्स था। रक्षंदा के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला पहली शिकायत: 2023 में एक युवक ने धर्म परिवर्तन की मुहिम चलाने का आरोप लगाया
राज राणा नाम के युवक ने धर्म परिवर्तन की मुहिम चलाने का आरोप लगाकर हंगामा किया। मुरादाबाद के गोविंद नगर में रहने वाले राज राणा ने आरोप लगाया कि रक्षंदा खान एकेडमी में ट्रेनिंग देने के बजाय इस्लाम का प्रचार कर रही हैं। राणा ने शिकायत में कहा- 72 हजार रुपए जमा कर अक्टूबर, 2022 में एकेडमी के एडवांस मेकअप कोर्स में एडमिशन लिया था। शुरू में सब ठीक था, लेकिन बाद में महसूस किया कि इंस्टीट्यूट में मेकअप ट्रेनिंग की बजाय इस्लाम का प्रचार हो रहा। एकेडमी में पूरा दिन इस्लामिक सॉन्ग बजते हैं।’ तब पुलिस ने रक्षंदा को हिदायत देकर छोड़ दिया था। उस समय FIR दर्ज नहीं हुई थी। दूसरी शिकायत: 2024 में एकेडमी की ही दो स्टूडेंट ने लगाए आरोप
तारीख : 22 जुलाई 2024। एकेडमी की स्टूडेंट तान्या चौधरी और स्वाति पाल डीएम ऑफिस पहुंचीं। साथ में एक छात्र और भी था। आरोप लगाया कि रक्षंदा खान हिंदू लड़कियों पर मुस्लिम लड़कों से दोस्ती का दबाव बनाती हैं। धर्मांतरण के लिए उकसाती हैं। रक्षंदा पर एकेडमी के छात्रों ने लगाए 5 गंभीर आरोप आरोप- 1: हिंदू छात्राओं को बिंदी-सिंदूर लगाने पर पाबंदी, मुस्लिम छात्र वहीं नमाज पढ़ते
तान्या चौधरी और स्वाति पाल ने आरोप लगाया कि हिंदू छात्राओं को बिंदी, टीका, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनने पर प्रतिबंध लगा रखा है। जो शादीशुदा लड़की मंगलसूत्र और सिंदूर लगाकर आती है, उसे इंस्टीट्यूट में घुसने नहीं दिया जाता। मुस्लिम छात्रों और मुस्लिम ट्रेनर्स को एकेडमी में ही नमाज पढ़ने की आजादी है। आरोप- 2: मुस्लिम लड़कों से शादी करने के लिए उकसाती
लड़कियों का कहना है- रक्षंदा खान हम लोगों को मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करती थीं। कहती हैं, मैं भी पहले हिंदू थी, लेकिन अब मुस्लिम हूं। एक मुस्लिम घर में रह रही हूं। मुस्लिम लड़कों से शादी करने में कोई दिक्कत नहीं होती। जबरन हमारा नाम मुस्लिम लड़कों के साथ जोड़ा जाता है। लड़कियों का आरोप है कि वो कहती थीं व्रत तो डाइटिंग के लिए होते हैं, असली ताकत तो रोजों में होती है। इसे महसूस करना है, तो रोजा रखकर देखो। आरोप- 3: असली बोतल में नकली प्रोडक्ट भरकर बच्चों पर इस्तेमाल करती
शिकायत करने वाले छात्रों का कहना है कि एकेडमी में नकली प्रोडक्ट भरे जाते थे। असली प्रोडक्ट की बोतल जब खाली हो जाती तो उसमें नकली प्रोडक्ट भर दिए जाते। इसी को वो सीखने आने वाले बच्चों पर भी इस्तेमाल करती हैं। शिकायत में कहा गया कि इससे एक स्टूडेंट को एलर्जी भी हो गई थी। उसे इलाज कराना पड़ा, तब जाकर ठीक हुई। आरोप- 4: मुस्लिम बच्चों की मदद करतीं, हिंदू की नहीं
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सिखाने के दौरान वो मुस्लिम बच्चों की मदद करती हैं, हिंदू बच्चों की नहीं। कुछ पूछने पर हिंदू बच्चों को गलत जवाब देतीं। हिंदू बच्चों को जबरदस्ती एकेडमी को अच्छा रिव्यू देने के लिए मजबूर करतीं। खुद फोन छीन कर रिव्यू भर देतीं। आरोप- 5: हफ्ते में एक स्पेशल क्लास लेकर इस्लामिक लिटरेचर पढ़ने को देतीं
छात्राओं का आरोप है- रक्षंदा खान इंस्टीट्यूट में इस्लामिक तौर-तरीकों को प्रमोट करती हैं। इंस्टीट्यूट में सुबह 10 से 12 बजे तक इस्लामिक प्रेयर्स बजती रहती है। इस्लामिक लिटरेचर की तरफ स्टूडेंट्स को प्रेरित करती हैं। हिंदू लड़कियों का मुस्लिम लड़कों के साथ पेयर बनाकर उन्हें उनसे दोस्ती और रिलेशनशिप के लिए प्रमोट करती हैं। खुद अपना उदाहरण देकर हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश करने की कोशिश करती हैं। कहती हैं- मैं भी कभी हिंदू थी, लेकिन मैंने मुस्लिम लड़के से शादी की और अब मुसलमान बन गई हूं। उनका कहना था कि व्रत से कुछ नहीं होता। रोजा रखकर देखो तो तुम्हें खुदा की ताकत का एहसास होगा। हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश करने के लिए सप्ताह में एक दिन मास्टर क्लास लेती हैं। इसमें इस्लाम की अच्छाइयों के बारे में बताकर एक बार इस्लामिक लिटरेचर को पढ़ने और इस्लाम को करीब से महसूस करने के लिए प्रेरित किया जाता। हिंदू छात्र-छात्राओं को टीका, बिंदी, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनने पर पाबंदी है, जबकि मुस्लिम स्टूडेंट्स के साथ खुद रक्षंदा भी क्लास में नमाज पढ़ती हैं। 2023 में दैनिक भास्कर ने पहली बार रक्षंदा पर धर्मांतरण के आरोप लगने पर उनसे बात की थी। पढ़िए उनके जवाब- रक्षंदा ने कहा था- मुझे इस्लाम पसंद है
मुझे इस्लाम पसंद है, इसलिए मुस्लिम बन गई। लेकिन, मैं बाकी सभी धर्मों का भी सम्मान करती हूं। मैं कुरान पढ़ती हूं, लेकिन गीता भी पढ़ चुकी हूं। मेरे इंस्टीट्यूट में होली, दिवाली और नवरात्रि का भी सेलिब्रेशन होता है। जब कोई मुसलमान हिंदू बनता है तब इतनी भीड़ क्यों नहीं लगती
जब कोई मुसलमान कंवर्ट होकर हिंदू बनता है, तो वहां भीड़ क्यों नहीं घुसती? इस्लाम बुरा लगता है, तो इतनी तादाद में हिंदू मजारों पर क्यों जाते हैं? मेरा धर्म मेरा निजी मामला है, इन्हें ये हक किसने दिया कि मेरे धर्म को लेकर बवाल करें। जब मुस्लिम लड़की हिंदू बन जाती है, तो उसके इंस्टीट्यूट में ये लोग क्यों नहीं घुसते। मुझ पर गलत इल्जाम लगाए जा रहे हैं। धर्मांतरण करना होता तो सबसे पहले अपने घरवालों का करती
आरोपों में कितनी सच्चाई है इस सवाल के जवाब में रक्षंदा ने कहा था- 16 साल पहले हिंदू धर्म छोड़कर मैंने इस्लाम अपनाया। मुझे यह धर्म पसंद है। मुझे धर्मांतरण की मुहिम चलानी होती, तो सबसे पहले अपने भाई-बहनों को कंवर्ट करने की कोशिश करती। वो आज भी हिंदू हैं। मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं।