अविमुक्तेश्वरानंद बोले- बकरीद पर गाय न कटे, गोरक्षक मुस्तैद रहें:बकरा काटना कैसी परंपरा, मौलाना ने कहा- मुसलमान कुर्बानी नहीं छोड़ सकता

अविमुक्तेश्वरानंद बोले- बकरीद पर गाय न कटे, गोरक्षक मुस्तैद रहें:बकरा काटना कैसी परंपरा, मौलाना ने कहा- मुसलमान कुर्बानी नहीं छोड़ सकता

बकरीद से पहले जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा- इस बकरीद में कोई भी गाय ना काटने पाए। अगर ऐसा हुआ तो सरकार और प्रशासन दोनों के लिए समस्या खड़ी होगी। सभी गोभक्त अपने क्षेत्र में मुस्तैद रहें। बकरा ले जाकर काट दे रहे। ये कैसी परंपरा है। उधर, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा- घरों में जीव हत्या नहीं करनी करनी चाहिए। अगर धर्म है तो उसकी एक जगह तय करिए। आप जिस कॉलोनी में रहते हैं, वहां हिंदू भी रहते हैं। आपके बच्चों को आदत हो सकती है, क्योंकि वह बचपन से देखते आए हैं। लेकिन, हमारे बच्चों के माइंड पर क्या साइड इफेक्ट पड़ेगा, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। बरेली में मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने कहा- हैदराबाद के टी राजा, मुंबई के नितीश राणे, लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर और स्वामी रामभद्राचार्य… ये सभी लोग कुर्बानी पर बैन की मांग कर रहे हैं, जबकि ये त्योहार कोई नया नहीं है। कुर्बानी 1450 साल पुरानी परंपरा है। कुर्बानी इस्लाम का अहम हिस्सा है। मुसलमान इसे नहीं छोड़ सकता। बकरीद को लेकर किसने क्या कहा, एक-एक कर पढ़िए- अविमुक्तेश्वरानंद बोले- बकरा काटने की परंपरा समझ से परे
शंकराचार्य ने कहा- बकरीद आ रही है। इस पर्व को मुस्लिम समुदाय के लोग मनाते हैं। इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने एक सपना देखा, जिसमें अल्लाह ने उनसे कहा कि ऐ इब्राहिम तू मेरी राह में अपनी सबसे खास चीज कुर्बान कर दे। पैगंबर इब्राहिम के लिए सबसे खास उनके बेटे इस्माइल थे। वह उसको लेकर बली देने चले गए। इसी घटना की याद में बकरीद का पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मुसलमान को अपनी प्रिय से प्रिय वस्तु अर्पित करनी चाहिए। मुसलमान ने अपनी प्रिय से प्रिय वस्तु अर्पित करने की परंपरा नहीं चलाई। बकरा ले जाकर काट दे रहे। यह कैसी परंपरा है, यह हम नहीं समझ पाते हैं। चिढ़ाने के लिए कुछ मुस्लिम गाय की बली देते हैं
शंकराचार्य ने कहा – कुछ मुसलमान हमें चिढ़ाने के लिए गाय की भी हत्या करते हैं। भारत में कानून है, किसी भी पशु की हत्या नहीं की जा सकती है। गाय को लेकर हम कोमल और आदर्श की भावना रखते हैं। हम चाहेंगे कि कोई भी मुस्लिम अपने धर्म की परंपरा का निर्वहन करने के लिए कम से कम गौ माता की बलि देने का विचार त्याग दें। उन्होंने सभी प्रदेशों की पुलिस से भी अपील करते हुए कहा- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गौ माता की बलि किसी भी प्रकार से चढ़ने ना पाए। अगर ऐसी घटना कहीं होगी तो हिंदू समुदाय को बहुत बड़ी पीड़ा होगी। गोभक्त अपने क्षेत्र में मुस्तैद रहें
शंकराचार्य ने चेतावनी दी कि अगर इस पीड़ा को उत्पन्न किया जाएगा तो प्रशासनिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी। इस घटना का तत्कालीन परिणाम आ सकता है, जिस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन अपने-अपने क्षेत्र में चुस्त और दुरुस्त रहे। कहीं भी गाय और बैल की बली बकरीद के नाम पर ना दी जा सके। पूरे देश की सरकार से यह निवेदन है। जितने भी गोभक्त हैं, वह कानून को बिना हाथ में लिए गोमाता की हत्या होने से बचाने का काम करें। अब बकरीद पर देवकीनंदन ठाकुर का बयान हमारे धर्म को जाने बगैर आरोप लगाना गलत- देवकीनंदन
बकरीद पर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने भी वीडियो बयान जारी किया है। उन्होंने कहा- आजकल बकरीद पर चर्चा बहुत हो रही है। उसमें काफी लोग कहते हैं कि तुम्हारे यहां भी बलि दी जाती है। हमारे धर्म को जाने बगैर हमारे ऊपर यह आरोप लगाना गलत बात है। हमारे यहां बलि का विधान काफी अलग है। हमारे यहां भगवान को भाव का भूखा कहा गया है। उन्होंने कहा- हमारे यहां तो नारियल की बलि चढ़ाई जाती है। हम किसी भी वस्तु का आकार बनाकर बलि चढ़ा देते हैं, उसे भी बलि चढ़ाना माना जाता है। कुछ लोग पशुपतिनाथ मंदिर और एक माताजी के मंदिर की बात करते हैं। वे वहां जाकर देखें। बकरे जीवित मिलेंगे, उन्हें काटा नहीं जाता है। अगर कहीं काटा भी जाता है तो वह मंदिरों में एक स्थान तय है। घरों में जीव की हत्या नहीं की जाती है। आपकी कॉलोनी में हिंदू भी रहते हैं
देवकीनंदन ने कहा- अगर धर्म है तो उसका एक स्थान तय करिए। आप जिस कॉलोनी में रहते हैं, वहां हिंदू लोग भी रहते हैं। आपके बच्चों को आदत हो सकती है, क्योंकि वह बचपन से देखते हैं। लेकिन, हमारे बच्चों द्वारा के माइंड पर जो साइड इफेक्ट पड़ेगा, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। मौलाना शाहबुद्दीन बोले- खुले में कुर्बानी न करें बरेली में आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा- कुर्बानी पर बैन की मांग करने वाले लोग सांप्रदायिक सोच रखते हैं और त्योहारों को लेकर देश में नफरत फैलाना चाहते हैं। सभी मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा- प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न करें। खुले में कुर्बानी से भी परहेज करें। कुर्बानी ऐसी जगह की जाए जो बंद हो और किसी की नजर में न आए। साथ ही जानवरों के अवशेष को जमीन में दफन करें, गलियों या सड़कों पर न फेंकें। BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर बोले- गाजियाबाद में किसी जीव की हत्या न की जाए गाजियाबाद के लोनी विधानसभा से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने डीसीपी देहात जोन को लेटर लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि 7 जून को बकरीद का त्योहार पूरे देशभर में मनाया जाएगा। हम हर धर्म और उसकी मान्यताओं का पूरा सम्मान करते हैं। लेकिन, लोनी नगरपालिका के पूर्व अधिशासी अधिकारी डीके राय के सर्वे के अनुसार, एयरक्राफ्ट ऑर्डिनेंस के अंतर्गत आच्छादित है। ऑर्डिनेंस के तहत लोनी में जानवरों के कटाव, मीट की दुकान, कट्टी घरों का संचालन और हड्डी एकत्र करना प्रतिबंधित है। ऐसा करना राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है। मैंने मुस्लिम भाइयों से भी अपील कि है कि प्रगतिवादी सोच का हिस्सा बनते हुए इको फ्रेंडली ईद मनाएं। पहले भी गाजियाबाद में सांकेतिक तौर पर केक का बकरा काटकर ईद शांतिपूर्ण तरीके से मनाई गई, जिसकी काफी प्रशंसा भी हुई थी। ——————– ये खबर भी पढ़िए जिस आश्रम में रेप हुआ, उसकी जमीन का विवाद: गाजियाबाद में केयरटेकर बोलीं-20 साल से यहां हूं, 200 लड़कियां रहीं, कभी कुछ नहीं हुआ मैं अनाथ हूं, घर-परिवार में कोई नहीं। पहले मेरा रेप किया। फिर टॉर्चर किया, ताकि मैं पुलिस तक न जाऊं। मगर जिंदगी बर्बाद करने वालों को छोडूंगी नहीं…। ये गुस्सा 29 साल की उस महिला का है, जिसके साथ गाजियाबाद के आश्रम में रेप हुआ। महिला ने हिम्मत दिखाई और पुलिस तक पहुंची। अब आश्रम की संचालिका दिव्या योग माया सरस्वती और मेड राधिका उर्फ शबनम को अरेस्ट किया गया है। आश्रम में क्या महिलाओं के साथ गलत हो रहा था? पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट… बकरीद से पहले जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा- इस बकरीद में कोई भी गाय ना काटने पाए। अगर ऐसा हुआ तो सरकार और प्रशासन दोनों के लिए समस्या खड़ी होगी। सभी गोभक्त अपने क्षेत्र में मुस्तैद रहें। बकरा ले जाकर काट दे रहे। ये कैसी परंपरा है। उधर, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा- घरों में जीव हत्या नहीं करनी करनी चाहिए। अगर धर्म है तो उसकी एक जगह तय करिए। आप जिस कॉलोनी में रहते हैं, वहां हिंदू भी रहते हैं। आपके बच्चों को आदत हो सकती है, क्योंकि वह बचपन से देखते आए हैं। लेकिन, हमारे बच्चों के माइंड पर क्या साइड इफेक्ट पड़ेगा, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। बरेली में मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने कहा- हैदराबाद के टी राजा, मुंबई के नितीश राणे, लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर और स्वामी रामभद्राचार्य… ये सभी लोग कुर्बानी पर बैन की मांग कर रहे हैं, जबकि ये त्योहार कोई नया नहीं है। कुर्बानी 1450 साल पुरानी परंपरा है। कुर्बानी इस्लाम का अहम हिस्सा है। मुसलमान इसे नहीं छोड़ सकता। बकरीद को लेकर किसने क्या कहा, एक-एक कर पढ़िए- अविमुक्तेश्वरानंद बोले- बकरा काटने की परंपरा समझ से परे
शंकराचार्य ने कहा- बकरीद आ रही है। इस पर्व को मुस्लिम समुदाय के लोग मनाते हैं। इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने एक सपना देखा, जिसमें अल्लाह ने उनसे कहा कि ऐ इब्राहिम तू मेरी राह में अपनी सबसे खास चीज कुर्बान कर दे। पैगंबर इब्राहिम के लिए सबसे खास उनके बेटे इस्माइल थे। वह उसको लेकर बली देने चले गए। इसी घटना की याद में बकरीद का पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मुसलमान को अपनी प्रिय से प्रिय वस्तु अर्पित करनी चाहिए। मुसलमान ने अपनी प्रिय से प्रिय वस्तु अर्पित करने की परंपरा नहीं चलाई। बकरा ले जाकर काट दे रहे। यह कैसी परंपरा है, यह हम नहीं समझ पाते हैं। चिढ़ाने के लिए कुछ मुस्लिम गाय की बली देते हैं
शंकराचार्य ने कहा – कुछ मुसलमान हमें चिढ़ाने के लिए गाय की भी हत्या करते हैं। भारत में कानून है, किसी भी पशु की हत्या नहीं की जा सकती है। गाय को लेकर हम कोमल और आदर्श की भावना रखते हैं। हम चाहेंगे कि कोई भी मुस्लिम अपने धर्म की परंपरा का निर्वहन करने के लिए कम से कम गौ माता की बलि देने का विचार त्याग दें। उन्होंने सभी प्रदेशों की पुलिस से भी अपील करते हुए कहा- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गौ माता की बलि किसी भी प्रकार से चढ़ने ना पाए। अगर ऐसी घटना कहीं होगी तो हिंदू समुदाय को बहुत बड़ी पीड़ा होगी। गोभक्त अपने क्षेत्र में मुस्तैद रहें
शंकराचार्य ने चेतावनी दी कि अगर इस पीड़ा को उत्पन्न किया जाएगा तो प्रशासनिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी। इस घटना का तत्कालीन परिणाम आ सकता है, जिस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन अपने-अपने क्षेत्र में चुस्त और दुरुस्त रहे। कहीं भी गाय और बैल की बली बकरीद के नाम पर ना दी जा सके। पूरे देश की सरकार से यह निवेदन है। जितने भी गोभक्त हैं, वह कानून को बिना हाथ में लिए गोमाता की हत्या होने से बचाने का काम करें। अब बकरीद पर देवकीनंदन ठाकुर का बयान हमारे धर्म को जाने बगैर आरोप लगाना गलत- देवकीनंदन
बकरीद पर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने भी वीडियो बयान जारी किया है। उन्होंने कहा- आजकल बकरीद पर चर्चा बहुत हो रही है। उसमें काफी लोग कहते हैं कि तुम्हारे यहां भी बलि दी जाती है। हमारे धर्म को जाने बगैर हमारे ऊपर यह आरोप लगाना गलत बात है। हमारे यहां बलि का विधान काफी अलग है। हमारे यहां भगवान को भाव का भूखा कहा गया है। उन्होंने कहा- हमारे यहां तो नारियल की बलि चढ़ाई जाती है। हम किसी भी वस्तु का आकार बनाकर बलि चढ़ा देते हैं, उसे भी बलि चढ़ाना माना जाता है। कुछ लोग पशुपतिनाथ मंदिर और एक माताजी के मंदिर की बात करते हैं। वे वहां जाकर देखें। बकरे जीवित मिलेंगे, उन्हें काटा नहीं जाता है। अगर कहीं काटा भी जाता है तो वह मंदिरों में एक स्थान तय है। घरों में जीव की हत्या नहीं की जाती है। आपकी कॉलोनी में हिंदू भी रहते हैं
देवकीनंदन ने कहा- अगर धर्म है तो उसका एक स्थान तय करिए। आप जिस कॉलोनी में रहते हैं, वहां हिंदू लोग भी रहते हैं। आपके बच्चों को आदत हो सकती है, क्योंकि वह बचपन से देखते हैं। लेकिन, हमारे बच्चों द्वारा के माइंड पर जो साइड इफेक्ट पड़ेगा, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। मौलाना शाहबुद्दीन बोले- खुले में कुर्बानी न करें बरेली में आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा- कुर्बानी पर बैन की मांग करने वाले लोग सांप्रदायिक सोच रखते हैं और त्योहारों को लेकर देश में नफरत फैलाना चाहते हैं। सभी मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा- प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न करें। खुले में कुर्बानी से भी परहेज करें। कुर्बानी ऐसी जगह की जाए जो बंद हो और किसी की नजर में न आए। साथ ही जानवरों के अवशेष को जमीन में दफन करें, गलियों या सड़कों पर न फेंकें। BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर बोले- गाजियाबाद में किसी जीव की हत्या न की जाए गाजियाबाद के लोनी विधानसभा से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने डीसीपी देहात जोन को लेटर लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि 7 जून को बकरीद का त्योहार पूरे देशभर में मनाया जाएगा। हम हर धर्म और उसकी मान्यताओं का पूरा सम्मान करते हैं। लेकिन, लोनी नगरपालिका के पूर्व अधिशासी अधिकारी डीके राय के सर्वे के अनुसार, एयरक्राफ्ट ऑर्डिनेंस के अंतर्गत आच्छादित है। ऑर्डिनेंस के तहत लोनी में जानवरों के कटाव, मीट की दुकान, कट्टी घरों का संचालन और हड्डी एकत्र करना प्रतिबंधित है। ऐसा करना राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है। मैंने मुस्लिम भाइयों से भी अपील कि है कि प्रगतिवादी सोच का हिस्सा बनते हुए इको फ्रेंडली ईद मनाएं। पहले भी गाजियाबाद में सांकेतिक तौर पर केक का बकरा काटकर ईद शांतिपूर्ण तरीके से मनाई गई, जिसकी काफी प्रशंसा भी हुई थी। ——————– ये खबर भी पढ़िए जिस आश्रम में रेप हुआ, उसकी जमीन का विवाद: गाजियाबाद में केयरटेकर बोलीं-20 साल से यहां हूं, 200 लड़कियां रहीं, कभी कुछ नहीं हुआ मैं अनाथ हूं, घर-परिवार में कोई नहीं। पहले मेरा रेप किया। फिर टॉर्चर किया, ताकि मैं पुलिस तक न जाऊं। मगर जिंदगी बर्बाद करने वालों को छोडूंगी नहीं…। ये गुस्सा 29 साल की उस महिला का है, जिसके साथ गाजियाबाद के आश्रम में रेप हुआ। महिला ने हिम्मत दिखाई और पुलिस तक पहुंची। अब आश्रम की संचालिका दिव्या योग माया सरस्वती और मेड राधिका उर्फ शबनम को अरेस्ट किया गया है। आश्रम में क्या महिलाओं के साथ गलत हो रहा था? पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर