आकाश आनंद के लिए बसपा में आसान नहीं राह! मायावती का यह फैसला बना मुश्किल?

आकाश आनंद के लिए बसपा में आसान नहीं राह! मायावती का यह फैसला बना मुश्किल?

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics: </strong>बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को माफ कर दिया है. बसपा सुप्रीमो से मिली माफी के बाद यह तय माना जा रहा है कि जल्द ही आकाश आनंद फिर किसी अहम पद पर आसीन हो सकते हैं. हालांकि इस बार आकाश की राह बड़ी कठिन हो सकती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, बसपा चीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर जो पोस्ट किए थे उसमें से एक में यह भी स्पष्ट किया गया था कि उत्तराधिकारी पर चर्चा का अभी कोई सवाल ही नहीं है. बसपा चीफ ने कहा था कि मैं अपने निर्णय पर अटल रहूंगी. मायावती ने लिखा था- ‘उत्तराधिकारी बनाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है. मैं अपने निर्णय पर अटल हूं व रहूंगी.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>चूंकि इससे पहले बसपा चीफ ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, ऐसे में अब मायावती का यह फैसला, उनके भतीजे के लिए किसी मुश्किल से कम नहीं है. बसपा के हालिया घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों का कहना है कि हो सकता है आकाश आनंद फिर से उसी पद पर नियुक्त किए जाएं जिस पर वह पहले थे, लेकिन उत्तराधिकार पर मायावती के पत्ते न खोलने से पार्टी में उनकी स्थिति बहुत स्पष्ट नहीं होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दूसरी ओर बसपा का एक वर्ग यह चाहता है कि जितना जल्दी हो सके नई पीढ़ी के हाथों को मजबूत किया जाए. इसके पीछे एक बड़ी वजह माने जा रहे हैं आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बसपा से बना वैक्यूम पहुंचा देगा नुकसान?</strong><br />दावा किया जा रहा है कि चंद्रशेखर और उनकी पार्टी, युवा मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. ऐसे में बसपा के सियासी और संख्याबल के तौर पर कमजोर होने का फायदा नगीना सांसद उठा सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/samajwadi-party-mp-ramjilal-suman-controversial-statement-on-karni-sena-ann-2925187″><strong>’मैदान तैयार, कोई माई का लाल..’, सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने करणी सेना को दी खुली चुनौती</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>बसपा के विभिन्न घटनाक्रमों से वाकिफ लोगों का मानना है कि साल 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी अपनी कमजोर स्थिति को मजबूत करनी होगी. इसी क्रम में आकाश आनंद की वापसी हुई लेकिन अभी भी पार्टी के नेताओं में बहन जी के भतीजे की भूमिका पर संशय है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूपी की रणनीति में दखल दे पाएंगे आकाश?</strong><br />यहां यह बात भी गौर करने वाली है जबकि बसपा सुप्रीमो ने आकाश आनंद को पार्टी का नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया था, तो उनके पास उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की जिम्मेदारी नहीं थी. जब यूपी की जिम्मेदारी थोड़ी बहुत मिली तो उसके कुछ महीने बाद ही आकाश आनंद को हटा दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में यह भी देखना दिलचस्प होगा कि जब आकाश आनंद को पार्टी में कोई महत्वपूर्ण पद मिलता है तो क्या उनके पास उत्तर प्रदेश से जुड़ी आंतरिक रणनीतियों में दखल देने का अधिकार होगा या नहीं. उन्हें पार्टी में पहले जैसी तवज्जो मिलेगी या नहीं, यह भी वक्त ही बताएगा.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics: </strong>बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को माफ कर दिया है. बसपा सुप्रीमो से मिली माफी के बाद यह तय माना जा रहा है कि जल्द ही आकाश आनंद फिर किसी अहम पद पर आसीन हो सकते हैं. हालांकि इस बार आकाश की राह बड़ी कठिन हो सकती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, बसपा चीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर जो पोस्ट किए थे उसमें से एक में यह भी स्पष्ट किया गया था कि उत्तराधिकारी पर चर्चा का अभी कोई सवाल ही नहीं है. बसपा चीफ ने कहा था कि मैं अपने निर्णय पर अटल रहूंगी. मायावती ने लिखा था- ‘उत्तराधिकारी बनाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है. मैं अपने निर्णय पर अटल हूं व रहूंगी.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>चूंकि इससे पहले बसपा चीफ ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, ऐसे में अब मायावती का यह फैसला, उनके भतीजे के लिए किसी मुश्किल से कम नहीं है. बसपा के हालिया घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों का कहना है कि हो सकता है आकाश आनंद फिर से उसी पद पर नियुक्त किए जाएं जिस पर वह पहले थे, लेकिन उत्तराधिकार पर मायावती के पत्ते न खोलने से पार्टी में उनकी स्थिति बहुत स्पष्ट नहीं होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दूसरी ओर बसपा का एक वर्ग यह चाहता है कि जितना जल्दी हो सके नई पीढ़ी के हाथों को मजबूत किया जाए. इसके पीछे एक बड़ी वजह माने जा रहे हैं आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बसपा से बना वैक्यूम पहुंचा देगा नुकसान?</strong><br />दावा किया जा रहा है कि चंद्रशेखर और उनकी पार्टी, युवा मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. ऐसे में बसपा के सियासी और संख्याबल के तौर पर कमजोर होने का फायदा नगीना सांसद उठा सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/samajwadi-party-mp-ramjilal-suman-controversial-statement-on-karni-sena-ann-2925187″><strong>’मैदान तैयार, कोई माई का लाल..’, सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने करणी सेना को दी खुली चुनौती</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>बसपा के विभिन्न घटनाक्रमों से वाकिफ लोगों का मानना है कि साल 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी अपनी कमजोर स्थिति को मजबूत करनी होगी. इसी क्रम में आकाश आनंद की वापसी हुई लेकिन अभी भी पार्टी के नेताओं में बहन जी के भतीजे की भूमिका पर संशय है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूपी की रणनीति में दखल दे पाएंगे आकाश?</strong><br />यहां यह बात भी गौर करने वाली है जबकि बसपा सुप्रीमो ने आकाश आनंद को पार्टी का नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया था, तो उनके पास उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की जिम्मेदारी नहीं थी. जब यूपी की जिम्मेदारी थोड़ी बहुत मिली तो उसके कुछ महीने बाद ही आकाश आनंद को हटा दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में यह भी देखना दिलचस्प होगा कि जब आकाश आनंद को पार्टी में कोई महत्वपूर्ण पद मिलता है तो क्या उनके पास उत्तर प्रदेश से जुड़ी आंतरिक रणनीतियों में दखल देने का अधिकार होगा या नहीं. उन्हें पार्टी में पहले जैसी तवज्जो मिलेगी या नहीं, यह भी वक्त ही बताएगा.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड अमरोहा में सिपाही ने मुस्लिम युवती के रचाया विवाह, बजरंगदल ने किया हंगामा, पुलिस ने किया अरेस्ट