आगरा के रियल एस्टेट कारोबारी प्रखर गर्ग के घर पर ED की रेड पड़ी है। कई टीमें आगरा, मथुरा में सर्चिंग कर रही हैं। आगरा में बुधवार सुबह 7 बजे करीब 8 गाड़ियों से टीम पहुंची। दो महीने पहले प्रखर गर्ग पर 9 करोड़ के फ्रॉड की FIR दर्ज की गई है। इन पर धोखाधड़ी के 25 मुकदमे दर्ज हैं। एक साल पहले उन्होंने वृंदावन कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ रुपए दान देने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद वो सुर्खियों में आए थे। वहीं, मथुरा में प्रिटिंग प्रेस में 3 गाड़ियों से टीम पहुंची। घर में प्रखर गर्ग मौजूद नहीं
थाना हरीपर्वत के द्वारिका पुरम में प्रखर गर्ग का आशा विला है। घर में ED की टीम मौजूद हैं। फिलहाल घर में प्रखर गर्ग मौजूद नहीं हैं। टीम ने सभी दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं। लैपटॉप, कंप्यूटर को खंगाला जा रहा है। अभी कोई अधिकारी कार्रवाई पर बोलने को तैयार नहीं है। मथुरा में प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मथुरा में एक प्रिंटिंग प्रेस पर बुधवार को (प्रवर्तन निदेशालय) ED की टीम ने छापा मारा। कार्रवाई को पूरी तरह गोपनीय बनाए रखा। टीम के साथ अर्ध सैनिक बल के जवान आए। जिन्होंने ने किसी को आने-जाने नहीं दिया। जनरल गंज के मैनागढ़ में अग्रसेन प्रिंटिंग प्रेस पर टीम ने प्रेस मालिक से पूछताछ शुरू कर दी। ED की टीम 3 गाड़ियों से प्रिंटिंग प्रेस पर पहुंची। बाहर गाड़ियां रोकी, उसके बाद सीधे अंदर चले गए। दरवाजा बंद कर दिया। किसी को भी आने जाने नहीं दिया। टीम के साथ आए। अर्ध सैनिक बल के जवानों को प्रतिष्ठान के बाहर तैनात कर दिया गया। यह जवान प्रतिष्ठान के आसपास किसी को जाने आने नहीं दे रहे। प्रखर गर्ग पर धोखाधड़ी के आरोप जानिए- जी होटल का पहला-दूसरा फ्लोर खरीदा था
आगरा के ट्रांसपोर्ट नगर निवासी अरुण सौंधी ने थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि अप्रैल 2018 में सेंट्रल बैंक रोड पर जी होटल का दूसरा और तीसरा फ्लोर खरीदने के लिए 5 करोड़ रुपए में डील RM इन्फ्रा वैन्चर्स के डायरेक्टर प्रखर गर्ग, सतीश गुप्ता, सुमित कुमार जैन और मुकेश कुमार जैन से तय हुई। पीड़ित ने 2.82 करोड़ नेफ्ट द्वारा दिए थे। जब इनसे रजिस्ट्री कराने के लिए कहा गया तो इन्होंने कहा कि द्वारिकापुरम कमला नगर की अपनी प्रॉपर्टी हमें बेच दो, उसके जो रुपए मिलेंगे, उसे जी होटल की संपत्ति में एडजस्ट कर लेंगे। इसके अलावा महेंद्र बाधगनी की ओर से दिए गए तीन फ्लैट के एक करोड़ रुपए भी जी होटल संपत्ति के पेमेंट में शामिल कर लेंगे। उनके कहने पर द्वारिकापुरम कमला नगर के ग्राउंड और थर्ड फ्लोर के बेचने का सौदा 1.56 करोड़ रुपए में तय हुआ। इसके बाद 3 अगस्त 2019 की रजिस्ट्री कर दी। इसके बदले में जो चेक दिए गए थे, वो बाउंस हो गए। 2020 में मुझे ठगी का एहसास हुआ
पीड़ित अरुण सौंधी का कहना है कि 2020 में उन्होंने एमजी रोड पर प्रखर गर्ग और इनके साथियों से एक बिल्डिंग में फर्स्ट फ्लोर खरीदा था। फ्लोर को फुली फर्निश करा कर 4.5 लाख रुपए किराया देने का MOU साइन किया था। लेकिन, लंबे समय तक काम नहीं कराया, न किश्त दी। काफी समय गुजरने के बाद जब ये टालमटोल करने लगे। 2024 तक ऐसे टहलाते रहे। फिर 9 अक्टूबर को तहरीर दी। पुलिस ने प्रखर गर्ग, राखी गर्ग, सतीश गुप्ता, सुमित कुमार जैन और मुकेश कुमार जैन के खिलाफ 9 करोड़ की धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई है। 25 से ज्यादा धोखाधड़ी की FIR
पीड़ित अरुण का आरोप है कि प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी राखी गर्ग पर 25 से ज्यादा धोखाधड़ी के मुकदमे चल रहे हैं। इनमें कुछ मुकदमे ED मुख्यालय नई दिल्ली द्वारा भी किए गए हैं। ED ने इनके बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए हैं। प्रखर गर्ग का आपराधिक इतिहास भी है। पीड़ित ने अपनी जान को खतरा होने की बात कही है। पहले भी जा चुके हैं जेल
थाना हरीपर्वत पुलिस ने 2022 अक्टूबर को धोखाधड़ी के मामले में आरोपी बिल्डर प्रखर गर्ग को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। वहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपी बिल्डर प्रखर गर्ग पर वकील दंपती अनुराग गुप्ता ने ढाई करोड़ रुपए हड़पने का आरोप लगाया था। मामले में उनकी पत्नी और भरतपुर हाउस कॉलोनी निवासी कारोबारी अरुण कुमार सोढ़ी, उनकी पत्नी को भी आरोपी बनाया गया था। वकील ने आरोप लगाए थे कि उन्होंने व्यापार के लिए प्रखर गर्ग को रुपए दिए थे। मुनाफा होने पर यह रकम आरोपी ने लौटाई नहीं। कई बार तगादा किया। लेकिन, आरोपी प्रखर हर बार कोई नया बहाना बनाकर वकील को टहलाता रहा। रकम की एवज में प्रखर गर्ग ने जो चेक दिया था, वह बाउंस हो गया था। बिल्डर पर करीब ढाई करोड़ रुपए की धोखाधड़ी किए जाने का आरोप है। वकील अनुराग गुप्ता ने अगस्त 2021 में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। —————- प्रखर गर्ग का इंटरव्यू पढ़िए- प्रखर गर्ग बोले- मैंने ये नहीं कहा कि मैं रकम दूंगा, जनसहयोग से होगा आगरा के कारोबारी प्रखर गर्ग सुर्खियों में है। वजह है कि प्रखर ने बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को बनाने के लिए 510 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। इसके लिए शुक्रवार को उन्होंने हाईकोर्ट में अर्जी दी है। इस मसले पर दैनिक भास्कर से प्रखर गर्ग ने कहा,”ये बांके बिहारी की कृपा है। राम मंदिर की तरह ये फंड भी जनसहयोग से आएगा। मैंने ऐसा नहीं कहा कि ये रुपए मैं दूंगा।” क्लिक कर पढ़िए सवाल-जवाब… आगरा के रियल एस्टेट कारोबारी प्रखर गर्ग के घर पर ED की रेड पड़ी है। कई टीमें आगरा, मथुरा में सर्चिंग कर रही हैं। आगरा में बुधवार सुबह 7 बजे करीब 8 गाड़ियों से टीम पहुंची। दो महीने पहले प्रखर गर्ग पर 9 करोड़ के फ्रॉड की FIR दर्ज की गई है। इन पर धोखाधड़ी के 25 मुकदमे दर्ज हैं। एक साल पहले उन्होंने वृंदावन कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ रुपए दान देने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद वो सुर्खियों में आए थे। वहीं, मथुरा में प्रिटिंग प्रेस में 3 गाड़ियों से टीम पहुंची। घर में प्रखर गर्ग मौजूद नहीं
थाना हरीपर्वत के द्वारिका पुरम में प्रखर गर्ग का आशा विला है। घर में ED की टीम मौजूद हैं। फिलहाल घर में प्रखर गर्ग मौजूद नहीं हैं। टीम ने सभी दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं। लैपटॉप, कंप्यूटर को खंगाला जा रहा है। अभी कोई अधिकारी कार्रवाई पर बोलने को तैयार नहीं है। मथुरा में प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मथुरा में एक प्रिंटिंग प्रेस पर बुधवार को (प्रवर्तन निदेशालय) ED की टीम ने छापा मारा। कार्रवाई को पूरी तरह गोपनीय बनाए रखा। टीम के साथ अर्ध सैनिक बल के जवान आए। जिन्होंने ने किसी को आने-जाने नहीं दिया। जनरल गंज के मैनागढ़ में अग्रसेन प्रिंटिंग प्रेस पर टीम ने प्रेस मालिक से पूछताछ शुरू कर दी। ED की टीम 3 गाड़ियों से प्रिंटिंग प्रेस पर पहुंची। बाहर गाड़ियां रोकी, उसके बाद सीधे अंदर चले गए। दरवाजा बंद कर दिया। किसी को भी आने जाने नहीं दिया। टीम के साथ आए। अर्ध सैनिक बल के जवानों को प्रतिष्ठान के बाहर तैनात कर दिया गया। यह जवान प्रतिष्ठान के आसपास किसी को जाने आने नहीं दे रहे। प्रखर गर्ग पर धोखाधड़ी के आरोप जानिए- जी होटल का पहला-दूसरा फ्लोर खरीदा था
आगरा के ट्रांसपोर्ट नगर निवासी अरुण सौंधी ने थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि अप्रैल 2018 में सेंट्रल बैंक रोड पर जी होटल का दूसरा और तीसरा फ्लोर खरीदने के लिए 5 करोड़ रुपए में डील RM इन्फ्रा वैन्चर्स के डायरेक्टर प्रखर गर्ग, सतीश गुप्ता, सुमित कुमार जैन और मुकेश कुमार जैन से तय हुई। पीड़ित ने 2.82 करोड़ नेफ्ट द्वारा दिए थे। जब इनसे रजिस्ट्री कराने के लिए कहा गया तो इन्होंने कहा कि द्वारिकापुरम कमला नगर की अपनी प्रॉपर्टी हमें बेच दो, उसके जो रुपए मिलेंगे, उसे जी होटल की संपत्ति में एडजस्ट कर लेंगे। इसके अलावा महेंद्र बाधगनी की ओर से दिए गए तीन फ्लैट के एक करोड़ रुपए भी जी होटल संपत्ति के पेमेंट में शामिल कर लेंगे। उनके कहने पर द्वारिकापुरम कमला नगर के ग्राउंड और थर्ड फ्लोर के बेचने का सौदा 1.56 करोड़ रुपए में तय हुआ। इसके बाद 3 अगस्त 2019 की रजिस्ट्री कर दी। इसके बदले में जो चेक दिए गए थे, वो बाउंस हो गए। 2020 में मुझे ठगी का एहसास हुआ
पीड़ित अरुण सौंधी का कहना है कि 2020 में उन्होंने एमजी रोड पर प्रखर गर्ग और इनके साथियों से एक बिल्डिंग में फर्स्ट फ्लोर खरीदा था। फ्लोर को फुली फर्निश करा कर 4.5 लाख रुपए किराया देने का MOU साइन किया था। लेकिन, लंबे समय तक काम नहीं कराया, न किश्त दी। काफी समय गुजरने के बाद जब ये टालमटोल करने लगे। 2024 तक ऐसे टहलाते रहे। फिर 9 अक्टूबर को तहरीर दी। पुलिस ने प्रखर गर्ग, राखी गर्ग, सतीश गुप्ता, सुमित कुमार जैन और मुकेश कुमार जैन के खिलाफ 9 करोड़ की धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई है। 25 से ज्यादा धोखाधड़ी की FIR
पीड़ित अरुण का आरोप है कि प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी राखी गर्ग पर 25 से ज्यादा धोखाधड़ी के मुकदमे चल रहे हैं। इनमें कुछ मुकदमे ED मुख्यालय नई दिल्ली द्वारा भी किए गए हैं। ED ने इनके बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए हैं। प्रखर गर्ग का आपराधिक इतिहास भी है। पीड़ित ने अपनी जान को खतरा होने की बात कही है। पहले भी जा चुके हैं जेल
थाना हरीपर्वत पुलिस ने 2022 अक्टूबर को धोखाधड़ी के मामले में आरोपी बिल्डर प्रखर गर्ग को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। वहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपी बिल्डर प्रखर गर्ग पर वकील दंपती अनुराग गुप्ता ने ढाई करोड़ रुपए हड़पने का आरोप लगाया था। मामले में उनकी पत्नी और भरतपुर हाउस कॉलोनी निवासी कारोबारी अरुण कुमार सोढ़ी, उनकी पत्नी को भी आरोपी बनाया गया था। वकील ने आरोप लगाए थे कि उन्होंने व्यापार के लिए प्रखर गर्ग को रुपए दिए थे। मुनाफा होने पर यह रकम आरोपी ने लौटाई नहीं। कई बार तगादा किया। लेकिन, आरोपी प्रखर हर बार कोई नया बहाना बनाकर वकील को टहलाता रहा। रकम की एवज में प्रखर गर्ग ने जो चेक दिया था, वह बाउंस हो गया था। बिल्डर पर करीब ढाई करोड़ रुपए की धोखाधड़ी किए जाने का आरोप है। वकील अनुराग गुप्ता ने अगस्त 2021 में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। —————- प्रखर गर्ग का इंटरव्यू पढ़िए- प्रखर गर्ग बोले- मैंने ये नहीं कहा कि मैं रकम दूंगा, जनसहयोग से होगा आगरा के कारोबारी प्रखर गर्ग सुर्खियों में है। वजह है कि प्रखर ने बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को बनाने के लिए 510 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। इसके लिए शुक्रवार को उन्होंने हाईकोर्ट में अर्जी दी है। इस मसले पर दैनिक भास्कर से प्रखर गर्ग ने कहा,”ये बांके बिहारी की कृपा है। राम मंदिर की तरह ये फंड भी जनसहयोग से आएगा। मैंने ऐसा नहीं कहा कि ये रुपए मैं दूंगा।” क्लिक कर पढ़िए सवाल-जवाब… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर