आगरा में पहली बार हुआ चुनरी मनोरथ, 121 साड़ियों से किया गया यमुना महारानी का श्रृंगार

आगरा में पहली बार हुआ चुनरी मनोरथ, 121 साड़ियों से किया गया यमुना महारानी का श्रृंगार

<p style=”text-align: justify;”><strong>Agra News Today:</strong> आगरा में यमुना किनारे, आरती स्थल पर भव्य आयोजन किया जा रहा है. ताज महोत्सव आयोजन के तहत यमुना आरती स्थल पर बनारस की तर्ज पर भव्य आरती की जा रही है, जिसमें संतों के साथ कई गणमान्य और आगरावासी यमुना आरती का लुत्फ उठा रहे हैं. इसका आयोजन आगरा नगर निगम की ओर से किया जा रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आगरा नगर निगम द्वारा आयोजित यमुना आरती में पहली बार चुनरी मनोरथ यमुना महाआरती हुई. यमुना नदी में नौका से इस पार से उस पार यमुना महारानी को साड़ी धारण करवाई गई. आरती के दौरान भक्तों ने यमुना आरती स्थल मथुराधीश मंदिर के सामने ढोल नगाड़ों के साथ यमुना महारानी की 121 साड़ियों का श्रृंगार कराया और फिर श्रद्धालु यमुना के तट पर पहुंचे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद मथुरा से पधारे चतुर्वेदी समाज के विश्राम घाट के मुख्य पुजारी ने इस पूजन को संपन्न करवाया. यमुना महारानी के साड़ी श्रृंगार के दौरान श्रद्धालु भक्ति भाव में रमे नजर आए. यमुना किनारे पर श्रद्धालु जमकर जयकारे लगाए और यमुना महारानी की आरती की, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया.&nbsp;</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/Ws1Ww8qWGFU?si=eCD9iPd4ezfAxz7w” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यमुना महारानी का महत्व&nbsp;</strong><br />यमुना महारानी के साड़ी श्रृंगार के दौरान यमुना का महत्व भी बताया गया. जिसमें बताया गया कि “जब श्रीकृष्ण भगवान मीराबाई के साथ नाथद्वारा गए, तब ठाकुर जी ने मीराबाई से तीन बातें कहीं. पहली बात आगे- आगे आप चलिए पीछे-पीछे मैं चलूंगा, पीछे मुड़कर देख लिया तो मैं वहीं पर पत्थर का हो जाऊंगा और चैन श्रृंगार मैं मथुरा में ही यमुना के साथ करूंगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>आगे बताया गया कि “यमुना मैया का आज भी नाथद्वारा में शयन नहीं होता है. शयन करने ठाकुर जी यमुना महारानी के महल में ही पधारते हैं. यमुना महारानी भगवान की प्रथम पटरानी हैं और जब भगवान कृष्ण गोकुल गए थे, तब यमुना महारानी ने ही पहले माला भगवान श्रीकृष्ण को पहनाई.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चुन्नी मनोरथ क्यों किया जाता है?</strong><br />’चुनरी मनोरथ ठाकुर जी (भगवान श्रीकृष्ण) और यमुना महारानी का जुगल श्रृंगार है. मथुरा- वृंदावन में चुनरी मनोरथ करने से सुख शांति लक्ष्मी की प्राप्त होती है. यमुना मैया की पूजा करने से न यमराज बोलते है और न शनि बोलते हैं. दोनों ने कहा कि जो हमारी बहन यमुना का सम्मान करेगा, उसको हम नहीं सताएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा पाठ करने से शनि की कृपा और यमराज की फांस से मुक्ति दिलाने वाला होता है. बड़े भाग्य वाले ही इसे संपन्न करा पाते हैं. इस दौरान विधि विधान से यमुना आरती महंत पंडित जुगल किशोर श्रोत्रिय और अपला श्रोत्रिय ने नियमित रूप से मां यमुना महारानी का पूजन किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”बसपा अब ‘रामजी’ के हवाले? मायावती ने किया बड़ा बदलाव, आकाश आनंद को सभी पदों से हटाया” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bsp-chief-mayawati-removes-akash-anand-from-all-posts-again-ramji-gautam-as-the-national-coordinator-2895479″ target=”_blank” rel=”noopener”>बसपा अब ‘रामजी’ के हवाले? मायावती ने किया बड़ा बदलाव, आकाश आनंद को सभी पदों से हटाया</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Agra News Today:</strong> आगरा में यमुना किनारे, आरती स्थल पर भव्य आयोजन किया जा रहा है. ताज महोत्सव आयोजन के तहत यमुना आरती स्थल पर बनारस की तर्ज पर भव्य आरती की जा रही है, जिसमें संतों के साथ कई गणमान्य और आगरावासी यमुना आरती का लुत्फ उठा रहे हैं. इसका आयोजन आगरा नगर निगम की ओर से किया जा रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आगरा नगर निगम द्वारा आयोजित यमुना आरती में पहली बार चुनरी मनोरथ यमुना महाआरती हुई. यमुना नदी में नौका से इस पार से उस पार यमुना महारानी को साड़ी धारण करवाई गई. आरती के दौरान भक्तों ने यमुना आरती स्थल मथुराधीश मंदिर के सामने ढोल नगाड़ों के साथ यमुना महारानी की 121 साड़ियों का श्रृंगार कराया और फिर श्रद्धालु यमुना के तट पर पहुंचे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद मथुरा से पधारे चतुर्वेदी समाज के विश्राम घाट के मुख्य पुजारी ने इस पूजन को संपन्न करवाया. यमुना महारानी के साड़ी श्रृंगार के दौरान श्रद्धालु भक्ति भाव में रमे नजर आए. यमुना किनारे पर श्रद्धालु जमकर जयकारे लगाए और यमुना महारानी की आरती की, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया.&nbsp;</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/Ws1Ww8qWGFU?si=eCD9iPd4ezfAxz7w” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यमुना महारानी का महत्व&nbsp;</strong><br />यमुना महारानी के साड़ी श्रृंगार के दौरान यमुना का महत्व भी बताया गया. जिसमें बताया गया कि “जब श्रीकृष्ण भगवान मीराबाई के साथ नाथद्वारा गए, तब ठाकुर जी ने मीराबाई से तीन बातें कहीं. पहली बात आगे- आगे आप चलिए पीछे-पीछे मैं चलूंगा, पीछे मुड़कर देख लिया तो मैं वहीं पर पत्थर का हो जाऊंगा और चैन श्रृंगार मैं मथुरा में ही यमुना के साथ करूंगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>आगे बताया गया कि “यमुना मैया का आज भी नाथद्वारा में शयन नहीं होता है. शयन करने ठाकुर जी यमुना महारानी के महल में ही पधारते हैं. यमुना महारानी भगवान की प्रथम पटरानी हैं और जब भगवान कृष्ण गोकुल गए थे, तब यमुना महारानी ने ही पहले माला भगवान श्रीकृष्ण को पहनाई.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चुन्नी मनोरथ क्यों किया जाता है?</strong><br />’चुनरी मनोरथ ठाकुर जी (भगवान श्रीकृष्ण) और यमुना महारानी का जुगल श्रृंगार है. मथुरा- वृंदावन में चुनरी मनोरथ करने से सुख शांति लक्ष्मी की प्राप्त होती है. यमुना मैया की पूजा करने से न यमराज बोलते है और न शनि बोलते हैं. दोनों ने कहा कि जो हमारी बहन यमुना का सम्मान करेगा, उसको हम नहीं सताएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा पाठ करने से शनि की कृपा और यमराज की फांस से मुक्ति दिलाने वाला होता है. बड़े भाग्य वाले ही इसे संपन्न करा पाते हैं. इस दौरान विधि विधान से यमुना आरती महंत पंडित जुगल किशोर श्रोत्रिय और अपला श्रोत्रिय ने नियमित रूप से मां यमुना महारानी का पूजन किया.</p>
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