मैनपुरी के किशनी में सेना का फर्जी ट्रेनिंग सेंटर चलाने वाले अरविंद पांडेय ने आगरा में भी भौकाल काट रखा था। यहां एक नहीं बल्कि दो जगहों पर ऑफिस बना रखे थे। अधिकांश समय सेना की वर्दी में रहता था, जिस पर सेनाधिकारी के बैच लगे रहते थे। ऑफिस में भी सरकारी प्रतीक चिह्न रखे रहते थे। कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था कि ये सेना का फर्जी अधिकारी है और मैनपुरी में फर्जी ट्रेनिंग सेंटर चलाता है। आगरा से जुड़े हैं तार
सेना में भर्ती की आड़ में युवकों से ठगी करने वाले अरविंद पांडेय और उसकी असिस्टेंट को मैनपुरी पुलिस ने पकड़ा है। इसके तार आगरा से भी जुड़े हुए हैं। इसके कुछ करीबियों का कहना है कि अरविंद पांडेय स्थायी रूप से आगरा में नहीं रहता था। यहां कभी-कभी आता था लेकिन जब भी आता था, पूरे भौकाल में रहता था। दिखाने के लिए उसने यहां अपनी संस्था हिंदुस्तान रक्षा धर्म का पंचवटी और संजय प्लेस में ऑफिस बना रखा था। ऐसे थे उसके दोनों ऑफिस
उसके एक करीबी ने बताया कि उसके ऑफिस में अशोक का प्रतीक चिह्न तो रखा ही रहता था, उसके पीछे तिरंगा झंडा तथा सेना के अन्य प्रतीक चिह्न लगे रहते थे। साथ ही तस्वीरें भी सेना से जुड़ी लगी होती थीं। उसके ऑफिस को देखकर लगता था कि सेना के किसी बड़े अधिकारी के ऑफिस में आ गए हैं। वह खुद भी सेना के अधिकारी की वर्दी में रहता था। 6 महीने पहले ऑफिस बंद किए
बताया जा रहा है कि उसने लोगों को गुमराह करने के लिए अलग-अलग शहरों में अपने ऑफिस बना रखे थे। आगरा में भी उसके दो ऑफिस थे। मगर, जब उसे लगा कि उसके ऑफिस लोगों की नजर में आ गए हैं। उसका भंडा फूट सकता है तो लगभग 6 महीने पहले उसने अपने दोनों ऑफिस बंद कर दिए। दोनों ऑफिस किराए पर थे। जुगाड़ से लेता था अवॉर्ड
अरविंद पांडेय सिर्फ युवाओं को गुमराह नहीं करता था बल्कि जुगाड़ से अलग-अलग अवॉर्ड में ले आता था। बाद में पीआर एजेंसी के माध्यम से छोटे-छोटे अखबारों में इसकी खबर छपवाता था। जिनकी कटिंग की फोटो को फ्रेम कर वह अपने ऑफिस में लगता था। कुत्ते का शव तिरंगे में लपेटा था
अरविंद पांडेय के एक करीबी ने बताया कि इसी साल फरवरी में उसका कुत्ता मर गया था। मैनपुरी के किशनी में स्थित ट्रेनिंग सेंटर पर उसने वर्दी पहने युवाओं से कुत्ते को सलामी दिलवाई थी। इतना ही नहीं, उसके शव को तिरंगे में लपेटा था। इस पर काफी आपत्ति दर्ज की गई थी। अब जानिए कौन है अरविंद पांडेय
मैनपुरी पुलिस ने सेना भर्ती के नाम पर ठगी करने के मास्टरमाइंड अरविंद पांडेय और उसकी एक असिस्टेंट को गिरफ्तार किया है। मामला सेना से जुड़ा था, इसलिए आर्मी भी एक्टिव हो गई। अरविंद पांडेय एडिटेड फोटो बनाकर भौकाल जमाता था। मीडिया चैनल खोल लिया, एक पार्टी बना ली, एनजीओ भी खोला। 22 बीघा जमीन किराए पर ली और कैंप बनाया
अरविंद पांडेय ने 22 बीघा जमीन पर 25 हजार रुपए किराए पर ले रखी थी। पिछले 4 साल से इस जमीन पर भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स नाम से ट्रेनिंग कैंप चलाया जा रहा था। दावा किया जाता था कि एक फिक्स अमाउंट जमा करने के बाद यहां रहने-खाने से लेकर ट्रेनिंग की पूरी व्यवस्था होती थी। यह भी कहा जाता था कि अगर आर्मी या फिर सेना में नौकरी नहीं मिली, तो कहीं न कहीं सिलेक्शन करवा दिया जाएगा। करीब 600 लोगों को शिकार बनाकर 18 करोड़ रुपए ठगे गए हैं। मैनपुरी के किशनी में सेना का फर्जी ट्रेनिंग सेंटर चलाने वाले अरविंद पांडेय ने आगरा में भी भौकाल काट रखा था। यहां एक नहीं बल्कि दो जगहों पर ऑफिस बना रखे थे। अधिकांश समय सेना की वर्दी में रहता था, जिस पर सेनाधिकारी के बैच लगे रहते थे। ऑफिस में भी सरकारी प्रतीक चिह्न रखे रहते थे। कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था कि ये सेना का फर्जी अधिकारी है और मैनपुरी में फर्जी ट्रेनिंग सेंटर चलाता है। आगरा से जुड़े हैं तार
सेना में भर्ती की आड़ में युवकों से ठगी करने वाले अरविंद पांडेय और उसकी असिस्टेंट को मैनपुरी पुलिस ने पकड़ा है। इसके तार आगरा से भी जुड़े हुए हैं। इसके कुछ करीबियों का कहना है कि अरविंद पांडेय स्थायी रूप से आगरा में नहीं रहता था। यहां कभी-कभी आता था लेकिन जब भी आता था, पूरे भौकाल में रहता था। दिखाने के लिए उसने यहां अपनी संस्था हिंदुस्तान रक्षा धर्म का पंचवटी और संजय प्लेस में ऑफिस बना रखा था। ऐसे थे उसके दोनों ऑफिस
उसके एक करीबी ने बताया कि उसके ऑफिस में अशोक का प्रतीक चिह्न तो रखा ही रहता था, उसके पीछे तिरंगा झंडा तथा सेना के अन्य प्रतीक चिह्न लगे रहते थे। साथ ही तस्वीरें भी सेना से जुड़ी लगी होती थीं। उसके ऑफिस को देखकर लगता था कि सेना के किसी बड़े अधिकारी के ऑफिस में आ गए हैं। वह खुद भी सेना के अधिकारी की वर्दी में रहता था। 6 महीने पहले ऑफिस बंद किए
बताया जा रहा है कि उसने लोगों को गुमराह करने के लिए अलग-अलग शहरों में अपने ऑफिस बना रखे थे। आगरा में भी उसके दो ऑफिस थे। मगर, जब उसे लगा कि उसके ऑफिस लोगों की नजर में आ गए हैं। उसका भंडा फूट सकता है तो लगभग 6 महीने पहले उसने अपने दोनों ऑफिस बंद कर दिए। दोनों ऑफिस किराए पर थे। जुगाड़ से लेता था अवॉर्ड
अरविंद पांडेय सिर्फ युवाओं को गुमराह नहीं करता था बल्कि जुगाड़ से अलग-अलग अवॉर्ड में ले आता था। बाद में पीआर एजेंसी के माध्यम से छोटे-छोटे अखबारों में इसकी खबर छपवाता था। जिनकी कटिंग की फोटो को फ्रेम कर वह अपने ऑफिस में लगता था। कुत्ते का शव तिरंगे में लपेटा था
अरविंद पांडेय के एक करीबी ने बताया कि इसी साल फरवरी में उसका कुत्ता मर गया था। मैनपुरी के किशनी में स्थित ट्रेनिंग सेंटर पर उसने वर्दी पहने युवाओं से कुत्ते को सलामी दिलवाई थी। इतना ही नहीं, उसके शव को तिरंगे में लपेटा था। इस पर काफी आपत्ति दर्ज की गई थी। अब जानिए कौन है अरविंद पांडेय
मैनपुरी पुलिस ने सेना भर्ती के नाम पर ठगी करने के मास्टरमाइंड अरविंद पांडेय और उसकी एक असिस्टेंट को गिरफ्तार किया है। मामला सेना से जुड़ा था, इसलिए आर्मी भी एक्टिव हो गई। अरविंद पांडेय एडिटेड फोटो बनाकर भौकाल जमाता था। मीडिया चैनल खोल लिया, एक पार्टी बना ली, एनजीओ भी खोला। 22 बीघा जमीन किराए पर ली और कैंप बनाया
अरविंद पांडेय ने 22 बीघा जमीन पर 25 हजार रुपए किराए पर ले रखी थी। पिछले 4 साल से इस जमीन पर भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स नाम से ट्रेनिंग कैंप चलाया जा रहा था। दावा किया जाता था कि एक फिक्स अमाउंट जमा करने के बाद यहां रहने-खाने से लेकर ट्रेनिंग की पूरी व्यवस्था होती थी। यह भी कहा जाता था कि अगर आर्मी या फिर सेना में नौकरी नहीं मिली, तो कहीं न कहीं सिलेक्शन करवा दिया जाएगा। करीब 600 लोगों को शिकार बनाकर 18 करोड़ रुपए ठगे गए हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
आगरा में फर्जी ट्रेनिंग सेंटर संचालक का भौकाल:संजय प्लेस-पंचवटी में बना रखा था ऑफिस, मैनपुरी में दो पकड़े गए
