भाई ने कहा था-कांटा है उमेश पलवा, करोड़ों कमाओगे:अतीक की सबसे बड़ी सनसनी के शूटरों की चार्जशीट में क्या हुआ राजफाश जानिये यूपी के टॉप गैंग में शुमार आईएस–227 का सरगना माफिया अतीक और अशरफ लंबे वक्त से जेल में थे। बाद में बड़ा बेटा उमर और दूसरे नंबर का बेटा अली भी जेल गए गए। इसके बाद तो अतीक बौखला सा गया था। उसे लगा कि अब पत्नी शाइस्ता परवीन, तीसरे नंबर का बेटा असद गैंग ऑपरेट करने में कमजोर न पड़ जाएं। कुख्यात बमबाज गुड्डू मुस्लिम उर्फ गुड्डू बमबाज बुरे वक्त में अतीक परिवार से चिपका रहा था। गुड्डू बमबाज को लीवर में परेशानी आई थी। इलाज अतीक ने कराया। 8 लाख रुपये खर्च हुए थे, गुड्डू इलाज की वजह से एहसानमंद था। ऐसे में प्रदेश, देश की इतनी बड़ी सनसनी उमेश पाल हत्याकांड में अहम भूमिका निभाने को गुड्डू मुस्लिम तैयार हो गया। उससे कहा गया था कि गैंग में अहम ओहदा मिलेगा। फेसटाइम पर वह माफिया अतीक से ऑनलाइन बात करता तो अतीक कहता था, पुराने वाले सभी धोखेबाज निकल रहे। डर गए। खराब वक्त में सब साथ छोड़ गए। ऐसे में गुड्डू मुस्लिम को लगा कि माफिया का सबसे करीबी बनने का सही मौका है भले ही जान जोखिम में हो। 2700 के बयान दर्ज तक हुआ खुलासा यह बातें अब तक की जांच में सामने आई हैं। पुलिस समेत अन्य जांच कमेटियों ने 2700 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इसी में गुड्डु मुस्लिम की बयानबाजी जो उसने अपने बेटे, पत्नी, दोस्तों और अतीक गैंग के सदस्यों से बयां की थीं। चूंकि गुड्डु मुस्लिम पकड़ा से दूर है इसलिा पुलिस ने अपनी चार्ट शीट में अब तक की जांच के सभी पलहुओं, बयानों , पूछताछ, इलेक्ट्रानिक्स साक्ष्यों को संकलन किया है। नैनी सेंट्रल जेल में बंद अतीक के दूसरे नंबर के बेटे अली से मिलने गए सभी शूटरों की सीसीटीवी फुटेज सामने है। तब साफ हुआ था सारी साजिश अतीक-अशरफ ने रची। परिवार का हर सदस्य इसमें शामिल हुआ लेकिन ऑपरेशन उमेश पाल की सारी जिम्मेदारी बमबाज गुड्डुू मुस्लिम पर थी। साजिश पूरे परिवार ने रची, असलहा मुहैया कराया। पनाह का इंंतजाम किया, मददगार तय किए लेकिन पूरे प्लान को एक्जीक्यूट गुड्डू मुस्लिम को करना था। नैनी सेंट्रल जेल में बंद अतीक के बेटे अली ने फेसटाइम पर हुई बातचीत में साफ कहा था कि असद को इसमें न उतारे। सभी इस बार पर मुतमइन थे लेकिन अतीक ने कहा था क सभी हमारे बेटे हैं, असद वहां रहेगा, जरूरत पड़ी तो सामने आएगा। 5 लाख के इनामी गुड्डु मुस्लिम, अरमान या फिर साबिर भले ही पड़क से दूर हैं लेकिन अब तक की जांच, पूछताछ, बयानों से साफ हो गया कि किसे क्या जिम्मेदारी सौंपी गई थी। गुड्डू मुस्लिम से कहा गया था कि वह करोड़ों का आदमी बनेगा। गुड्डू मीट कारोबार से जुड़ा था। उसने अपने बेटे को उसी कारोबार में लगाया था। अतीक का वादा था कि उसे कंपनी के जरिये मीट कारोबार में विदेश तक पहुंचाएगा। मतलब मीट के कारोबार में विदेशों में सप्लाई का का वादा था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुड्डू मुस्लिम रह चुका था। उसे अंदाजा था कि यह कारोबार क्या है। 5 लाख के इनामी शूटर से वादा था कि वह चुनाव की सारी वसूली करेगा। सारा हिसाब किताब उसी के हाथ होगा। शाइस्ता परवीन मेयर होती हैं ताे भी, नहीं होती हैं ताे भी वही सब संभालेगा। यानि की राजनीतिक विरासत में एक तरह से वह ही शाइस्ता का ट्रबल शूटर रहेेगा। राजनीतिक विंग की बागडोर का वादा साबिर के पास था। तीसरे शूटर अरमान से वादा था कि राजूपाल हत्याकांड जैसा उसे सरेंडर कराया जाएगा। इसके बाद सिविल लाइंस में मार्केट का संचालन वही करेगा। अरमान से कहा गया था कि वह नफीस बिरयानी के यहां बैठकर क्या कमा लेता है, इस कांड के बाद उसे सिविल लाइंस में नफीस जैसे 10 लोगों के ऊपर जाने का मौका मिलेगा। भाई ने कहा है उमेश पलवा बहुत बड़ा कांटा है। कोर्ट कचहरी से परेशान कर रहा है। इसे हटाना जरूरी है। परेशानी दूर हो गई तो जिंदगी बदल देंगे। करोड़ों में खेलेगो। बच्चों के साथ तुम्हें ही संभालना है सबकुछ। ये मेरा बहुत बड़ा कांटा है। इसे निकालना है उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक सुखियों में रहे प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में आखिकार पुलिस ने तीनों कुख्यात शूटर, 50–50 हजार के इनामी मो. मुस्लिम उर्फ गुड्डू मुस्लिम बमबाज, मो. साबिर और मो. अरमान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। 14 राज्यों में तलाश, 7 राज्यों में हुक्म तहरीरी जारी होने के बाद भी माफिया अतीक अहमद के आईएस–227 गैंग के ये शूटर पुलिस की पकड़ से दूर ही रहे। अंत में पुलिस ने आजिज आकर तीनों शूटरों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। माफिया अतीक-अशरफ और उनके परिवार वालों के अलावा यह तीनों शूटर उमेश पाल हत्याकांड की सनसनी के मुख्य कर्ताधर्ता हैं। फरार गुड्डु मुस्लिम, अरमान और साबिर की तलाश में यूपी एसटीएफ, पुलिस ने पूरे देश में खाक छानी लेकिन तीनों ने पुलिस को अब तक नाकों चने चबवाए हैं। गिरफ्तारी का इंतजार करती थक गई पुलिस ने अंत में चार्जशीट दाखिल कर दी ताकि आगे की कार्रवाई न्यायालय के जरिए आगे बढ़ाई जा सके। जानिये क्या है मामला प्रयागराज के धूमनगंज थाने की पुलिस ने रविवार को वकील उमेश पाल और उनके दो पुलिस गार्डों की दिनदहाड़े हुई हत्या के मामले में फरार तीन हमलावरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। इन हमलावरों में गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान शामिल हैं, जो 24 फरवरी को सुलेम सराय स्थित उमेश पाल के आवास के बाहर हुए हत्याकांड के बाद से फरार हैं। तीनों हमलावरों की गिरफ्तारी पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित है। इस मामले में पुलिस द्वारा दाखिल की गई पांचवीं चार्जशीट है। इससे पहले पहली चार्जशीट मई 2023 में आरोपी सादाकत खान के खिलाफ दाखिल की गई थी। इसके बाद 17 जून 2023 को दूसरी चार्जशीट अतीक अहमद के वकील खान सौलत हनीफ, इक़लाक अहमद और छह अन्य के खिलाफ दाखिल की गई थी। तीसरी चार्जशीट अतीक के वकील विजय मिश्रा के खिलाफ अक्टूबर 2023 में दाखिल की गई थी। 1 जुलाई को अतीक अहमद के जेल में बंद बेटे उमर और अली के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की गई थी। अन्य आरोपियों में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, बहन आयशा नूरी, अशरफ की पत्नी जैनब फात्मा और हमलावर गुड्डू मुस्लिम, मोहम्मद अरमान और साबिर अभी भी फरार हैं। फरार आरोपियों की तलाश के बाद अब पुलिस ने गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। इस हत्याकांड के अन्य हमलावरों में अतीक का बेटा असद और गुलाम हसन 13 अप्रैल को झांसी में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे, जबकि अतीक अहमद और अशरफ की 15 अप्रैल को प्रयागराज के कोल्विन अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले, अन्य हमलावर विजय चौधरी और अरबाज़ भी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। 3 एजेंसियों के रडार पर शाइस्ता और जैनब यूपी की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल शाइस्ता परवीन और जैनब फातिमा जांच एजेंसियों की पकड़ से दूर हैं। अतीक और अशरफ की 1800 करोड़ की प्रॉपर्टी तो ट्रेस की जा चुकी है, लेकिन दोनों की बीवी शाइस्ता और जैनब आखिरकार कहां हैं? यह सवाल अभी भी बना हुआ है। गुरुवार को जैनब के 5 करोड़ के घर को ढहाने के साथ फिर चर्चा शुरू हुई कि आखिर शाइस्ता और जैनब कहां हैं? आखिरी लोकेशन… शाइस्ता परवीन : ओडिशा जैनब फातिमा : हटवा गांव (प्रयागराज) पुलिस शाइस्ता और जैनब को क्यों तलाश रही?24 फरवरी, 2023। प्रयागराज में उमेश पाल का मर्डर हुआ। माफिया अतीक अहमद पर हत्या कराने का आरोप लगा। अरमान, गुलाम, शाबिर, गुड्डू मुस्लिम और अतीक का बेटा असद CCTV में गोली चलाते हुए दिखे। अतीक गुजरात की जेल में, जबकि उसका भाई अशरफ बरेली जेल में बंद था। अतीक की पत्नी शाइस्ता और अशरफ की पत्नी जैनब पर उमेश पाल की हत्या की साजिश में शामिल होने और शूटर्स की मदद करने के आरोप लगे। 8 राज्यों में अलर्ट, शाइस्ता-जैनब वांटेड हैंयूपी पुलिस ने 8 राज्यों में अलर्ट जारी किया। राज्यों की पुलिस को बताया गया कि ये महिलाएं वांटेड हैं। दिल्ली समेत चुनिंदा एयरपोर्ट पर उनकी फोटो भेजी गई। लुक आउट नोटिस जारी हुआ, लेकिन जांच एजेंसियां दोनों को ट्रेस नहीं कर सकीं। माफिया अतीक के परिवार की 3 महिलाओं पर इनाम घोषित है। शाइस्ता पर 50 हजार, जैनब फातिमा और अतीक की बहन आयशा नूरी पर 25-25 हजार का इनाम है। उन्हें प्रयागराज पुलिस, STF, लोकल इंटेलिजेंस तलाश रही है। वहीं, शाइस्ता को इन तीनों एजेंसियों के अलावा ED भी तलाश रही है। उमेश पाल मर्डर के बाद शाइस्ता अंडरग्राउंड हुई
माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन उमेश पाल हत्याकांड के तीसरे दिन यानी 27 फरवरी, 2023 से फरार हो गई। शाइस्ता को आखिरी बार तब देखा गया, जब पुलिस टीमों ने अतीक के बेटे अहजम और अबान से पूछताछ की। तब शाइस्ता चकिया (प्रयागराज) में थी। उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देकर 5 लाख के इनामी शूटर्स गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान अंडरग्राउंड हो गए। इसके बाद जैनब फरार हो गई। इन सभी के लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात तक छापेमारी हुई। बाद में एक टीम कई दिनों तक हैदराबाद में रही, लेकिन किसी का सुराग नहीं मिल सका। शाइस्ता की लास्ट लोकेशन दिल्ली के बाद ओडिशा में मिली थी। पुलिस ओडिशा पहुंची, लेकिन कुछ पता नहीं चला। जैनब केस की पैरवी करती रही, केस में नाम आते ही गायब हुईजैनब की बात करें तो उमेश हत्याकांड के बाद कई दिनों तक वो शहर में रही। वकीलों के साथ वह पैरवी में जुटी रही। जैनब ने रिपोर्टर क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि अतीक-अशरफ को फंसाया जा रहा है। इस दौरान अतीक की बहन आयशा नूरी भी साथ थी। आयशा ने यूपी सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी पर आरोप लगाए थे कि चूंकि शाइस्ता मेयर का चुनाव लड़ने वाली थी, इसलिए पूरे परिवार को फंसाया जा रहा। नंदी पर 5 करोड़ रुपए हड़पने के आरोप लगाया गया। इसके बाद जैनब साबरमती जेल से अतीक को लाए जाने के दौरान कार में नजर आई थी। फरारी के बाद जैनब की लोकेशन लखनऊ मिली थी। पुलिस ने छापेमारी की तो अशरफ के वकील विजय मिश्र की गिरफ्तारी की गई, लेकिन जैनब नहीं मिली। फिर जैनब की लोकेशन उसके मायके हटवा प्रयागराज में मिली। तब 6 टीमों ने हटवा गांव में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया था। ड्रोन तक से घरों की निगरानी कराई गई। हटवा के बाद से जैनब की लोकेशन फिर कहीं नहीं मिली। हालांकि, कहा जाता रहा कि वह हटवा में ही किसी मकान में अंडरग्राशाइस्ता पर 7 केस, 2 मकान गिराए गएअतीक की पत्नी शाइस्ता पर 7 केस दर्ज हैं। 100 करोड़ की बेनामी संपत्ति है। शाइस्ता के नाम पर रजिस्टर्ड दो मकान गिराए गए। वहीं, जैनब बीए पास है। 3 बेटी, 1 बेटा है। 50 करोड़ की संपत्ति की मालकिन बताई जाती है। जैनब के 2 मकान और उसके भाइयों के 3 मकान गिराए गए। जैनब पर 4 मुकदमे दर्ज हैं। उमेश पाल हत्याकांड की साजिश में शामिल होने के अलावा वक्फ बोर्ड की 50 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा करने का केस है। अतीक के परिवार और करीबियों के 16 मकान गिराए जा चुके हैं। अतीक के 2 बेटे जेल में, 2 हटवा इलाके में रह रहेमाफिया अतीक का बड़ा बेटा उमर अहमद लखनऊ जेल में है। दूसरे नंबर का बेटा अली अहमद नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। अतीक का तीसरे नंबर का बेटा असद झांसी में STF के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। 2 छोटे बेटे अहजम और अबान धूमनगंज के हटवा इलाके में रह रहे हैं। दोनों की सुरक्षा में गनर तैनात हैं उंड है। 3 हजार करोड़ का मालिक अतीक का परिवारमाफिया अतीक और उसका परिवार पुलिस और ED के रिकॉर्ड में 3000 करोड़ का मालिक है। ED ने अतीक की फरार पत्नी शाइस्ता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर पुलिस को रिपोर्ट भेज दी है। ED को अब शाइस्ता की तलाश है। आरोप पत्र में कहा- शाइस्ता ने करोड़ों की धन उगाही की। अवैध रूप से अर्जित माफिया की संपत्ति में शाइस्ता परवीन का दखल सामने आया है। ED ने दिसंबर, 2021 में अतीक और शाइस्ता की 8.14 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी कुर्क की थी। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड और अतीक की हत्या एक पैटर्न पर मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी शूटआउट कांड देशभर में सुर्खियों में है। आर्थिक राजधानी मुंबई के इस हत्याकांड की कड़ी यूपी से जुड़ गई है। यानि उत्तर प्रदेश के बहराइच के रहने वाले धर्मराज कश्यप और शिव उर्फ शिव गौतम ने मुंबई में सनसनी फैलाई। सुपारी किसी ने भी दी हो लेकिन अब तक की पूछताछ से साफ हुआ है कि यूपी के 18-19 साल के इन लड़कों ने नाम कमाने, बड़ा अपराधी बन जाने के लिए वारदात अंजाम दी। अपराध की दुनिया में यूपी के युवकों की धमक की कहानी लगातार सामने आ रही है। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड और यूपी के टॉप माफिया अतीक-अशरफ हत्याकांड की कहानी और शूटरों की जुबानी एक तरह की ही नजर आई है। अतीक-अशरफ हत्याकांड में एसआईटी ने अपनी जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें इतने बड़े हत्याकांड का आधार सीधे तौर पर यही माना है कि अपराध की दुनिया में नाम कमाने, रातों रात टीवी पर छाना और माफिया बन जाना मकसद था। दोनों ही हत्याकांड की कई थ्योरी मिलती जुलती है। शूटरों का क्रम होना और मनबढ़ होना सबसे अहम है। अतीक हत्याकांड के आरोप पत्र में लिखा गया है कि तीनों शूटर मनबढ़ थे तभी ऐसी योजना बनाई और उस पर अमल कर गए। मुंबई हत्यकांड में भी यूपी के शूटरों के मनबढ़ होने की ही कहानी सामने दिख रही है। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में भी ऑटोमेटिक हाथियार इस्तेमाल हुए ताकि चूक न हो जाए। इसी प्रकार अतीक-अशरफ हत्याकांड में भी तुर्किये की जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल हुआ। बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए लॉरेंस विश्नोई गैंग ने महंगे हथियार उपलब्ध कराए तो अतीक-अशरफ हत्याकांड में कुख्यात शूटर जितेंद्र गोगी द्वारा जिगाना पिस्टल मुहैया कराई गई थी। जितेंद्र गोगी की गिनती दिल्ली के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर्स में होती थी, जिसकी 2021 में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में हत्या कर दी गई थी। अतीक-अशरफ हत्याकांड के शूटरों की उम्र भी 18 से 24 बहुचर्चित अतीक-अशरफ हत्याकांड को यूपी के बांदा जिले के लवलेश तिवारी, हमीरपुर जिले के रहने वाले सनी सिंह और कासगंज के अरुण मौर्या ने अंजाम दिया था। तीनों की उम्र 18 से 24 साल के बीच ही है। अरुण मौर्या की उम्र को लेकर तो सवाल उठे थे कि उसकी उम्र 18 से कम है। कासगंज में बने राशन कार्ड के हिसाब से तो अरुण मौर्या की उम्र 18 साल से कम आ गई थी। हालांकि बाद में साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने उसे बालिग बताया। 2000 पेज की केस डायरी, 56 पेज का आरोप पत्र देश-विदेश में सबसे ज्यादा चर्चा में रहे माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। एसआईटी की 2000 पेज की केस डायरी और 56 पेजों की चार्जशीट महज तीन शूटरों ही आरोपी हैं। चौथा बड़ा नाम इन शूटरों के मुंह से नहीं खुलवाया जा सका। केस डायरी और आरोप पत्र में 200 से अधिक गवाहों को शामिल किया है। चश्मदीद गवाहों में अतीक-अशरफ की सुरक्षा में लगे 21 पुलिसकर्मी, 11 मीडिया कर्मी, और अस्पताल गेट से लेकर घायलों का इलाज करने वाले 16 से अधिक अस्पताल कर्मी हैं। सीसीटीवी कैमरों की 70 फुटेज और 15 वीडियो रिकॉडिंग के तौर पर अदालत में साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं। वैज्ञानिक साक्ष्यों पर खास जोर दिया है। फुटेज, मोबाइल की रिकॉडिंग के साथ ही फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट को अहम बनाया है। विदेशी असलहों पर उंगलियों के निशान, अतीक-अशरफ की उंगलियों के निशान और आरोपितों के हाथों के निशानों को जोड़ा है। तुर्किये की जिगाना भी जोड़ न सकी कड़ी अतीक-अशरफ की हत्या में इस्तेमाल हुई तुर्किये की ऑटोमेटिक पिस्टल जिगाना सर्वाधिक चर्चा में रही। विदेशी पिस्टल के सहारे एसआईटी जांच को आगे ले जाने में सफल नहीं हो सकी। हत्यारोपियों ने कुबूल किया कि जो पिस्टल हत्याकांड में इस्तेमाल की गई वह मेरठ के बदमाश कुख्यात शूटर जितेंद्र गोगीं ने दो साल पहले सनी सिंह को दी थी। जितेंद्र गोगी की गिनती दिल्ली के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर्स में होती थी, जिसकी 2021 में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में हत्या कर दी गई थी।गोगी की मौत के कारण विदेशी पिस्टल से अतीक की हत्या का राज भी बाहर नहीं आ सका। शूटरों ने बयान दिया कि तुर्किये की पिस्टल मेरठ से दिल्ली भागते समय जितेंद्र गोगी ने सनी सिंह को रखने के लिए दी थी। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में लवलेश के मैसेज को भी दर्ज किया है। उसने सोशल मीडिया पर जिगाना पिस्टल के साथ अपनी फोटो लगाकर लिखा था, ‘जिस दिन दिमाग खराब हुआ, उस दिन करूंगा सबका हिसाब।’