आगरा में बेबस मां बेटे को जंजीर में बांधकर बैठी:मानसिक अस्पताल ने भर्ती नहीं किया तो धूप में रहने को मजबूर; संतकबीर नगर से आई है

आगरा में बेबस मां बेटे को जंजीर में बांधकर बैठी:मानसिक अस्पताल ने भर्ती नहीं किया तो धूप में रहने को मजबूर; संतकबीर नगर से आई है

आगरा में सड़क किनारे तपती दोपहर में एक मां 10 साल के बेटे को जंजीर से बांधकर रहने को मजबूर है। एसएन मेडिकल कॉलेज के पास हर आने-जाने वाले की नजर बच्चे और उसकी मां पर पड़ रही है। मां बच्चे को अपने हाथ खाना खिला रही है। पूछने पर बताया कि बेटा मानसिक रूप से बीमार है। अगर जंजीर से न बांधेंगे तो भाग जाएगा। आगरा में इलाज कराने लाए हैं, लेकिन मानसिक आरोग्यशाला में बच्चे को एडमिट नहीं किया है। मंगलवार को आने की बात कहकर लौटा दिया है। संतकबीर नगर से इलाज कराने के ले आई
संतकबीर नगर की रहने वाली महिला अपने 10 साल के बेटे के साथ तपती दोपहर में सड़क पर रहने को मजबूर है। महिला ने बताया कि उसकी ससुराल संत कबीर नगर में है। मायका गोरखपुर में है। उसका एक ही बेटा है। जन्म से ही बेटा मानसिक रूप से कमजोर है। उन्होंने बेटे का गोरखपुर, संतकबीर नगर और लखनऊ सहित कई निजी अस्पताल में इलाज कराया। मगर, उसे कोई फायदा नहीं हुआ। बेटे के इलाज में उनका सब कुछ चला गया। अब उनके पास कुछ नहीं है। रहने को जगह नहीं, इसलिए सड़क किनारे रह रही
मां ने कहा- बेटे को ऐसे हाल में नहीं छोड़ सकती। किसी ने बताया कि आगरा के मानसिक आरोग्यशाला में बच्चे का अच्छा और निशुल्क इलाज हो जाएगा। ऐसे में वो बेटे को लेकर यहां आई। बेटे को लेकर मानसिक आरोग्यशाला गई थी, लेकिन वहां पर बेटे को एडमिट नहीं किया गया। उन्होंने बाद में आने को कहा। उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। ऐसे में सड़क किनारे ही रहने लगी। मां बोली- मजबूरी में जंजीर से बांध रखा है
मां ने बेटे को लोहे की जंजीर से बांध रखा है। मां ने बताया कि बेटे को खुला छोड़ने पर वो अजीब हरकत करता है। सड़क पर भागने लगता है। दीवार पर चढ़ जाता है। लोग के साथ मारपीट करता है। ऐसे में मजबूरी में उसे बांधना पड़ता है। पहले वो उसे कपडे़ से बांधती थी, लेकिन वो कपडे़ को खोल कर भागने लगा। अब मजबूरन उसे जंजीर से बांधना पड़ता है। बेटे के हाल को देखकर बहुत बुरा लगता है। चाइल्ड एक्टिविस्ट मदद करने पहुंचे
बच्चे को जंजीर से बांधने की सूचना पर चाइल्ड एक्टिविस्ट नरेश पारस और नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। चाइल्ड एक्टिविस्ट नरेश पारस का कहना है कि वो बच्चे और उसकी मां को लेकर मानसिक आरोग्यशाला जा रहे हैं। वहां पर बच्चे को इलाज के लिए भर्ती कराया जाएगा। आगरा में सड़क किनारे तपती दोपहर में एक मां 10 साल के बेटे को जंजीर से बांधकर रहने को मजबूर है। एसएन मेडिकल कॉलेज के पास हर आने-जाने वाले की नजर बच्चे और उसकी मां पर पड़ रही है। मां बच्चे को अपने हाथ खाना खिला रही है। पूछने पर बताया कि बेटा मानसिक रूप से बीमार है। अगर जंजीर से न बांधेंगे तो भाग जाएगा। आगरा में इलाज कराने लाए हैं, लेकिन मानसिक आरोग्यशाला में बच्चे को एडमिट नहीं किया है। मंगलवार को आने की बात कहकर लौटा दिया है। संतकबीर नगर से इलाज कराने के ले आई
संतकबीर नगर की रहने वाली महिला अपने 10 साल के बेटे के साथ तपती दोपहर में सड़क पर रहने को मजबूर है। महिला ने बताया कि उसकी ससुराल संत कबीर नगर में है। मायका गोरखपुर में है। उसका एक ही बेटा है। जन्म से ही बेटा मानसिक रूप से कमजोर है। उन्होंने बेटे का गोरखपुर, संतकबीर नगर और लखनऊ सहित कई निजी अस्पताल में इलाज कराया। मगर, उसे कोई फायदा नहीं हुआ। बेटे के इलाज में उनका सब कुछ चला गया। अब उनके पास कुछ नहीं है। रहने को जगह नहीं, इसलिए सड़क किनारे रह रही
मां ने कहा- बेटे को ऐसे हाल में नहीं छोड़ सकती। किसी ने बताया कि आगरा के मानसिक आरोग्यशाला में बच्चे का अच्छा और निशुल्क इलाज हो जाएगा। ऐसे में वो बेटे को लेकर यहां आई। बेटे को लेकर मानसिक आरोग्यशाला गई थी, लेकिन वहां पर बेटे को एडमिट नहीं किया गया। उन्होंने बाद में आने को कहा। उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। ऐसे में सड़क किनारे ही रहने लगी। मां बोली- मजबूरी में जंजीर से बांध रखा है
मां ने बेटे को लोहे की जंजीर से बांध रखा है। मां ने बताया कि बेटे को खुला छोड़ने पर वो अजीब हरकत करता है। सड़क पर भागने लगता है। दीवार पर चढ़ जाता है। लोग के साथ मारपीट करता है। ऐसे में मजबूरी में उसे बांधना पड़ता है। पहले वो उसे कपडे़ से बांधती थी, लेकिन वो कपडे़ को खोल कर भागने लगा। अब मजबूरन उसे जंजीर से बांधना पड़ता है। बेटे के हाल को देखकर बहुत बुरा लगता है। चाइल्ड एक्टिविस्ट मदद करने पहुंचे
बच्चे को जंजीर से बांधने की सूचना पर चाइल्ड एक्टिविस्ट नरेश पारस और नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। चाइल्ड एक्टिविस्ट नरेश पारस का कहना है कि वो बच्चे और उसकी मां को लेकर मानसिक आरोग्यशाला जा रहे हैं। वहां पर बच्चे को इलाज के लिए भर्ती कराया जाएगा।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर