आगरा में बीजेपी मंडल अध्यक्ष पद के आवेदन प्रक्रिया के दौरान बवाल हो गया। भाजपा नेता आपस में भिड़ गए। सड़क पर लाठी-डंडों और बेल्ट से एक-दूसरे को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। करीब 30 मिनट तक हंगामा चला। दरअसल भाजपा के संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं। नुनिहाई में शिव मंदिर में सीतानगर भाजयुमो के मंडल अध्यक्ष पद के दावेदारों के आवेदन की प्रक्रिया चल रही थी। यहां मुख्य अतिथि रंजना पवार, ब्रज क्षेत्र अध्यक्ष महिला मोर्चा एवं सीता नगर मंडल की प्रभारी मौजूद थीं। इसी दौरान भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी आपस में भिड़ गए। दोनों पक्ष ने एक दूसरे के विरुद्ध एत्माद्दौला थाने में तहरीर दी है। पहले पढ़िए दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर क्या-क्या आरोप लगाए पिंटू गुप्ता बोले- सीने पर लात रखकर गर्दन दबाई ट्रांस यमुना कॉलोनी निवासी भाजयुमो पदाधिकारी पिंटू गुप्ता ने बताया कि वह शनिवार को मंडल अध्यक्ष पद के लिए आवदेन करने पहुंचे थे। मंदिर के मुख्य गेट पर भाजयुमो के सचिन भदौरिया ने उन पर हमला कर दिया। सचिन और उसके समर्थकों सौरभ ठाकुर, मिलन ठाकुर, धीरज तोमर, अंकित वर्मा, गौरव शर्मा समेत दो दर्जन से अधिक लोगों ने उनके साथ मारपीट की। आरोपियों ने कहा- तू विधायक का चमचा है। देखते हैं कैसे मंडल अध्यक्ष बनता है। इसके बाद उन्होंने मारपीट शुरू कर दी। उन्हें और उनके साथ आए लोगों को दौड़ाकर डंडों से पीटा गया। जमीन गिराकर लात-घूंसों और बेल्ट से भी मारा। सीने पर लात रखकर गर्दन दबाने लगे। जैसे-तैसे धक्का मारकर अपनी जान बचाई। गौरव बोले- कुल्हाड़ी और लाठी-डंडों से किया हमला सीतानगर मंडल के निवर्तमान अध्यक्ष सचिन भदौरिया पक्ष के गौरव शर्मा का कहना है कि वह भी नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे। जैसे ही वह अपना नामांकन दाखिल कर बाहर निकले, वहां पर पहले से खड़े पिंटू गुप्ता ने अपने समर्थकों के साथ मारपीट शुरू कर दी। बबलू यादव, ऋषि यादव,हरजीत,आशु पंडित, प्रवीन चौधरी समेत एक दर्जन लोंगों के साथ कुल्हाड़ी और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। बुरी तरह से पीटा। खून निकलने पर लोग छोड़कर भाग गए। वहीं सचिन भदौरिया का कहना है कि उनकी मजबूत दावेदारी के चलते विवाद में घसीटा जा रहा है। विवाद के समय वह मौके पर नहीं थे। 19 नामजद और 20 अज्ञात पर मुकदमा इंस्पेक्टर एत्माद्दौला देवेंद्र दुबे का कहना है कि चुनाव के दौरान दोनों पक्ष में झगड़ा हुआ था। एक पक्ष से पिंटू गुप्ता घायल हैं, दूसरे पक्ष से गौरव शर्मा और दीपक घायल हैं। घायलों का मेडिकल कराया गया है। पिंटू गुप्ता की ओर से 12 नामजद और 10 अज्ञात लोगों के विरुद्ध तहरीर दी गई है। गौरव शर्मा ने 7 नामजद और 10 अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी है। दोनों की तहरीर के आधार पर मारपीट और बलवे की धारा में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। अब पढ़िए क्या है विवाद की जड़ युवा मोर्चा का मंडल अध्यक्ष को लेकर सचिन और पिंटू गुप्ता के बीच पिछले पांच-छह माह से विवाद चल रहा है। दोनों ही अपने आप को युवा मोर्चा का मंडल अध्यक्ष होने का दावा करते हैं। दरअसल पूर्व मंडल अध्यक्ष मंगल सिंह ने पिंटू गुप्ता को सीता नगर मंडल युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया था। इसके एक माह बाद ही महानगर अध्यक्ष युवा मोर्चा शैलू पंडित ने सचिन भदौरिया को सीता नगर मंडल का अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद से दोनों के बीच विवाद पैदा हो गया। दोनों के बीच रार बढ़ती चली गई। दो महीने पहले सचिन भदौरिया ने फेसबुक पर इसे लेकर पोस्ट भी किया था। इसमें खुद को सीता नगर मंडल युवा मोर्चा का अध्यक्ष बताया था। यह भी बताया जा रहा है कि भाजपा रामबाग मंडल के उपाध्यक्ष मोहन सिंह भी इस बार मंडल अध्यक्ष पद के दावेदार हैं। मोहन सिंह अपनी पैरोकारी के लिए पिंटू गुप्ता को लेकर विधायक धर्मपाल सिंह से मिलने गया था। सचिन भदौरिया को इसकी भनक लग गई थी। इसको लेकर भी सचिन के अंदर गुस्सा था। ………………………… ये खबर भी पढ़ें AI इंजीनियर सुसाइड केस- पत्नी, सास और साला गिरफ्तार:बेंगलुरु पुलिस की कार्रवाई; ससुराल वाले जौनपुर का घर छोड़कर फरार थे AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में बेंगलुरु पुलिस ने उनकी पत्नी, सास और साले को गिरफ्तार किया है। बेंगलुरु पुलिस के DCP शिवाकुमार ने कहा-अतुल सुभाष की सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग को प्रयागराज से जबकि पत्नी निकिता को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया। शनिवार को गिरफ्तारी के बाद इन सभी को कोर्ट के सामने पेश किया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को बेंगलुरु के फ्लैट में सुसाइड किया था।आत्महत्या से पहले 1.20 घंटे का वीडियो बनाया। इसमें पत्नी निकिता और उनकी फैमिली पर हैरेसमेंट का आरोप लगाया। अतुल के भाई की एप्लीकेशन पर बेंगलुरु में 4 लोगों पर FIR दर्ज हुई। इसमें पत्नी, सास, साले और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया का नाम है। पढ़ें पूरी खबर आगरा में बीजेपी मंडल अध्यक्ष पद के आवेदन प्रक्रिया के दौरान बवाल हो गया। भाजपा नेता आपस में भिड़ गए। सड़क पर लाठी-डंडों और बेल्ट से एक-दूसरे को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। करीब 30 मिनट तक हंगामा चला। दरअसल भाजपा के संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं। नुनिहाई में शिव मंदिर में सीतानगर भाजयुमो के मंडल अध्यक्ष पद के दावेदारों के आवेदन की प्रक्रिया चल रही थी। यहां मुख्य अतिथि रंजना पवार, ब्रज क्षेत्र अध्यक्ष महिला मोर्चा एवं सीता नगर मंडल की प्रभारी मौजूद थीं। इसी दौरान भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी आपस में भिड़ गए। दोनों पक्ष ने एक दूसरे के विरुद्ध एत्माद्दौला थाने में तहरीर दी है। पहले पढ़िए दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर क्या-क्या आरोप लगाए पिंटू गुप्ता बोले- सीने पर लात रखकर गर्दन दबाई ट्रांस यमुना कॉलोनी निवासी भाजयुमो पदाधिकारी पिंटू गुप्ता ने बताया कि वह शनिवार को मंडल अध्यक्ष पद के लिए आवदेन करने पहुंचे थे। मंदिर के मुख्य गेट पर भाजयुमो के सचिन भदौरिया ने उन पर हमला कर दिया। सचिन और उसके समर्थकों सौरभ ठाकुर, मिलन ठाकुर, धीरज तोमर, अंकित वर्मा, गौरव शर्मा समेत दो दर्जन से अधिक लोगों ने उनके साथ मारपीट की। आरोपियों ने कहा- तू विधायक का चमचा है। देखते हैं कैसे मंडल अध्यक्ष बनता है। इसके बाद उन्होंने मारपीट शुरू कर दी। उन्हें और उनके साथ आए लोगों को दौड़ाकर डंडों से पीटा गया। जमीन गिराकर लात-घूंसों और बेल्ट से भी मारा। सीने पर लात रखकर गर्दन दबाने लगे। जैसे-तैसे धक्का मारकर अपनी जान बचाई। गौरव बोले- कुल्हाड़ी और लाठी-डंडों से किया हमला सीतानगर मंडल के निवर्तमान अध्यक्ष सचिन भदौरिया पक्ष के गौरव शर्मा का कहना है कि वह भी नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे। जैसे ही वह अपना नामांकन दाखिल कर बाहर निकले, वहां पर पहले से खड़े पिंटू गुप्ता ने अपने समर्थकों के साथ मारपीट शुरू कर दी। बबलू यादव, ऋषि यादव,हरजीत,आशु पंडित, प्रवीन चौधरी समेत एक दर्जन लोंगों के साथ कुल्हाड़ी और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। बुरी तरह से पीटा। खून निकलने पर लोग छोड़कर भाग गए। वहीं सचिन भदौरिया का कहना है कि उनकी मजबूत दावेदारी के चलते विवाद में घसीटा जा रहा है। विवाद के समय वह मौके पर नहीं थे। 19 नामजद और 20 अज्ञात पर मुकदमा इंस्पेक्टर एत्माद्दौला देवेंद्र दुबे का कहना है कि चुनाव के दौरान दोनों पक्ष में झगड़ा हुआ था। एक पक्ष से पिंटू गुप्ता घायल हैं, दूसरे पक्ष से गौरव शर्मा और दीपक घायल हैं। घायलों का मेडिकल कराया गया है। पिंटू गुप्ता की ओर से 12 नामजद और 10 अज्ञात लोगों के विरुद्ध तहरीर दी गई है। गौरव शर्मा ने 7 नामजद और 10 अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी है। दोनों की तहरीर के आधार पर मारपीट और बलवे की धारा में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। अब पढ़िए क्या है विवाद की जड़ युवा मोर्चा का मंडल अध्यक्ष को लेकर सचिन और पिंटू गुप्ता के बीच पिछले पांच-छह माह से विवाद चल रहा है। दोनों ही अपने आप को युवा मोर्चा का मंडल अध्यक्ष होने का दावा करते हैं। दरअसल पूर्व मंडल अध्यक्ष मंगल सिंह ने पिंटू गुप्ता को सीता नगर मंडल युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया था। इसके एक माह बाद ही महानगर अध्यक्ष युवा मोर्चा शैलू पंडित ने सचिन भदौरिया को सीता नगर मंडल का अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद से दोनों के बीच विवाद पैदा हो गया। दोनों के बीच रार बढ़ती चली गई। दो महीने पहले सचिन भदौरिया ने फेसबुक पर इसे लेकर पोस्ट भी किया था। इसमें खुद को सीता नगर मंडल युवा मोर्चा का अध्यक्ष बताया था। यह भी बताया जा रहा है कि भाजपा रामबाग मंडल के उपाध्यक्ष मोहन सिंह भी इस बार मंडल अध्यक्ष पद के दावेदार हैं। मोहन सिंह अपनी पैरोकारी के लिए पिंटू गुप्ता को लेकर विधायक धर्मपाल सिंह से मिलने गया था। सचिन भदौरिया को इसकी भनक लग गई थी। इसको लेकर भी सचिन के अंदर गुस्सा था। ………………………… ये खबर भी पढ़ें AI इंजीनियर सुसाइड केस- पत्नी, सास और साला गिरफ्तार:बेंगलुरु पुलिस की कार्रवाई; 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Kailash Gahlot Resign: कैलाश गहलोत ने परिवहन मंत्री पद से क्यों दिया इस्तीफा? जानें इसके मायने
Kailash Gahlot Resign: कैलाश गहलोत ने परिवहन मंत्री पद से क्यों दिया इस्तीफा? जानें इसके मायने <p style=”text-align: justify;”><strong>AAP Kailash Gahlot Resign: </strong>दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री और नजफगढ़ सीट से विधायक कैलाश गहलोत ने रविवार को मंत्री पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे को आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. अचानक उनके इस्तीफे के बाद अब यह चर्चा है कि वो अब क्या करेंगे? वह बीजेपी ज्वाइन करेंगे या कांग्रेस?</p>
<p style=”text-align: justify;”>अहम सवाल यह है कि उन्होंने ऐसे समय में मंत्री पद से इस्तीफा दिया है, जब दो माह बाद दिल्ली में विधानसभा का चुनाव होना है. उनके इस फैसले से आने वाले विधानसभा चुनाव का असर देखने को मिल सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, कैलाश गहलोत शांत स्वभाव के नेता हैं. वह खुलकर कभी बात नहीं करते. साथ ही सियासी मसलों पर वह बढ़ चढ़कर भी बयान नहीं देते हैं. उनके सभी दलों के नेताओं से संबंध भी मधुर रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तो ये है इस्तीफे की वजह </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वह पिछले कुछ समय से अंदरखाते पार्टी की रीति नीति से असंतुष्ट चल रहे थे.आबकारी नीति मामले में ईडी का नोटिस मिलने के बाद उन पर सवाल उठाए गए थे. लोग यह पूछने लगे थे कि क्या कैलाश गहलोत भी तथाकथित शराब घोटाले में शामिल हैं. इस बात को लेकर वह काफी खिन्न थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस घटना के बाद वह गणतंत्र दिवस पर उस समय चर्चा में आए जब एलजी ने उन्हें तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल की जगह छत्रसाल स्टेडियम में तिरंगा फहराने के लिए नामित किया था. जबकि दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> का नाम एलजी के पास भेजा था. उस समय भी उन्होंने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की थी, लेकिन एलजी का फैसला आप के कई वरिष्ठ नेताओं को असहज करने वाला साबित हुआ था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या करेंगे कैलाश गहलोत?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसी स्थिति में उनके पास अब दिल्ली की राजनीति में दो ही विकल्प हैं. या तो वो बीजेपी ज्वाइन करेंगे या कांग्रेस. ऐसा इसलिए भी की दिल्ली की राजनीति में अन्य किसी पार्टी के सियासी जनाधार का इतिहास नहीं रहा है. </p>
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