महिला वैज्ञानिक के डिजिटल अरेस्ट के 27 घंटे:बेडरूम से लेकर वॉशरूम तक वीडियो कॉल चली; धमकी- क्रिमिनल तुम्हारे बेटे को मार देंगे

महिला वैज्ञानिक के डिजिटल अरेस्ट के 27 घंटे:बेडरूम से लेकर वॉशरूम तक वीडियो कॉल चली; धमकी- क्रिमिनल तुम्हारे बेटे को मार देंगे

तुम्हारा बेटा क्रिमिनल के टारगेट पर है। स्कूल से वापस आते वक्त उसके साथ कुछ भी हो सकता है। देख लो क्या करना है। खुद को दिल्ली पुलिस से बताने वाली लड़की ने महिला वैज्ञानिक को ये धमकी दी। मेरठ ICAR की महिला वैज्ञानिक डॉ. निशा वर्मा ने कहा- बेटे की जान पर खतरा देखकर मैं डर गई। महिला ने मुझसे कहा- 13 बच्चों की किडनैपिंग और ट्रैफिकिंग केस में मेरे बैंक अकाउंट से ट्रांजेक्शन हुए हैं। मेरी और पति की सरकारी जॉब जाएगी। लड़की ने महिला वैज्ञानिक से कहा- तुम्हें अरेस्ट करने के लिए टीम मेरठ पहुंच रही है। अगर चाहो तो फिजिकल अरेस्टिंग न देकर डिजिटल अरेस्ट हो सकती है। इसके बाद वह 10 दिसंबर सुबह 11 बजे से लेकर 27 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रही। कॉलेज से घर, बेडरूम से लेकर वॉशरूम तक वह वीडियो कॉल पर रहीं। जब उन्होंने अपने बैंक अकाउंट से 8.20 लाख रुपए ट्रांसफर किए, इसके बाद उन्हें फ्रॉड का पता चला। अब मेरठ पुलिस केस की छानबीन कर रही है। भास्कर टीम डॉ. निशा के घर पहुंची, डिजिटल अरेस्ट के 27 घंटों की पूरी कहानी जानी, पढ़िए उन्होंने क्या कुछ बताया… 10 दिसंबर : दोपहर 11 बजे पहला कॉल
डॉ. निशा ने कहा- मैं अपने ऑफिस के स्टाफ रूम में थी। अचानक अनजान नंबर से किसी लड़की की कॉल आई। कहा- मैं सीबीआई से बोल रही हूं। तुम्हारे बैंक अकाउंट से फॉरेन मनी ट्रांजैक्शन हुआ है। ये ट्रांजैक्शन चाइल्ड ट्रैफिकिंग और मनी लॉड्रिंग से जुड़ा हुआ है। तुम 13 बच्चों की किडनैपिंग केस में शामिल हो। दिल्ली पुलिस और सीबीआई की ट्रेसिंग में तुम्हारा नाम सामने आया है। यह केस मानव संसाधन मंत्रालय तक पहुंच चुका है। वहीं से डिटेल लेकर तुमसे कांटेक्ट किया। डॉ. निशा ने कहा- उस लड़की ने मेरा नाम, पता, जॉब, मेरी फैमिली की सभी छोटी से छोटी डिटेल बता दी। इतना सब बताकर उसने मुझे भरोसा दिला दिया कि वह एक जांच एजेंसी से बात कर रही है। उस लड़की को मेरी लोकेशन भी पता थी। उसने कहा- तुम इस वक्त अपने आफिस में हो। ये सारी बातें सुनकर मैं बहुत डर गई। उन्होंने मुझे बाहर जाकर वीडियो कॉल पर आने को कहा। मुझसे कहा- कॉलेज से चुपचाप घर चली जाओ। किसी को कुछ भी नहीं बताना। घर पर आने के बाद भी वीडियो कॉल जारी रही। मैंने भी डर की वजह से पति से ये सब छिपाया। वीडियो कॉल पर CBI दफ्तर दिखाया, कहा- तुम फंस गई
दिल्ली पुलिस कहकर जो लड़की मुझसे बात कर रही थी। उसने कहा- आपका केस सीबीआई इंवेस्टिगेट कर रही है। फिर मुझे सीबीआई का एक आफिस दिखाया गया। जिसमें दो आफिसर यूनिफॉर्म में बैठे थे। ऑफिस में फ्लैग्स लगे थे। जैसे वो वाकई किसी जांच एजेंसी का दफ्तर हो। उन्होंने मुझसे फिर वही सारी बातें कहीं। कहा कि आप तो सरकारी नौकरी में हैं, ऐसा क्यों किया। अब नौकरी जाएगी, आप बहुत सीरियस ऑफेंस में फंसी हो। आपके पति की भी नौकरी जाएगी। इस क्राइम का जो मेन मास्टरमाइंड है, उसको पता है कि आप CBI के रडार पर हो। हमें अंदेशा है कि आपके ढाई साल के बेटे को भी जान का खतरा है। धमकी दी- अब क्रिमिनल तुम्हारे बेटे को नहीं छोड़ेंगे
निशा आगे कहती हैं- वह लोग मुझसे पैसों की बात कर रहे थे। मेरी और पति की जॉब जाने की बात की। तब तक मैं घबराई नहीं थी। मगर जब उन्होंने कहा- तुम्हारा बच्चा स्कूल में है। तुम्हारा परिवार खत्म हो जाएगा। हो सकता है कि स्कूल से घर आते वक्त तुम्हारे बच्चे के साथ कुछ गलत हो जाए। उन्होंने कहा- ये सुनकर मैं इतना दहशत में आ गई कि मुझे कुछ समझ नहीं आया। मैं पूरी तरह उनके ट्रैप में फंस चुकी थी। वो मुझे इमोशनली ट्रैप कर चुके थे। मेरे पति संतोष गंगवार भी एग्रीकल्चर साइंटिस्ट हैं। वो लुधियाना यूनिवर्सिटी में हैं। वो ज्यादातर बाहर रहते हैं। घर पर मैं, मेरा बेटा और बुजुर्ग सास रहती हैं। इसलिए जब उन लोगों ने फैमिली को नुकसान पहुंचाने की बात कही तो मुझे कुछ नहीं सूझा। वो बोले- फिजिकल अरेस्ट नहीं, डिजिटल अरेस्ट हो
उन लोगों ने कहा- हम आपको अगले 2 घंटे में मेरठ आकर फिजिकल अरेस्ट करेंगे। क्योंकि आपने इतना गंभीर अपराध किया है। अगर फिजिकल अरेस्ट से बचना चाहती हो तो डिजिटल अरेस्ट हो जाओ। हम जैसा कहें वैसा करती जाओ। उनकी बातों से मैं इतना डर गई कि वो जो कह रहे थे, मैं उस पर तैयार हो गई। ऑफिस से लीव ली, फोन सोशल मीडिया सब बंद किया
मैंने तुरंत ऑफिस से 2 दिन की इमरजेंसी लीव ली। मुझे पति, स्टाफ, परिवार, मेड्स किसी को भी ये बात बताने से मना कर दिया गया। यहां तक की उस दौरान मैं किसी को कॉल भी नहीं कर सकती थी। न ही सोशल मीडिया देख सकती थी। मुझे पूरी तरह बंधक बना लिया गया। उन लोगों ने मुझे 3 गिरफ्तार लोग दिखाए। बताया कि ये एचडीएफसी बैंक के मैनेजर, ब्रांच मैनेजर, सिम डीलर हैं, जो आपके साथ इस क्राइम में शामिल हैं, उन्हें हम अरेस्ट कर चुके हैं, अब आपको भी अरेस्ट करना है। पति लुधियाना में थे, फोन नहीं करने दिया
निशा कहती हैं- मेरे पति लुधियाना रहते हैं। हम रोजाना एक बार बात जरूर करते हैं, लेकिन डिजिटल अरेस्ट होने पर उन लोगों ने मुझे पूरी तरह से आइसोलेट कर दिया। मैं किसी को कॉल नहीं कर सकती थी। मैंने बहुत रिक्वेस्ट की। तब उन लोगों ने मुझसे कहा- मैं अपनी सासू मां के फोन से पति से बात करुं। लेकिन उन्हें कुछ बता नहीं सकती हूं। मैंने वही किया जो उन्होंने कहा- मैं बहुत डर गई थी। 11 दिसंबर : धमकी दी- सेविंग्स की 90% रकम हमें भेजो
उन लोगों ने 11 दिसंबर को मुझसे कहा कि मैं उन्हें अपनी सेविंग का 90% रकम RTGS कर दूं। उन्होंने मुझसे सीधे आरबीआई को रकम आरटीजीएस कराई। मैंने कहा कि एचडीएफसी या दूसरी बैंक के जरिए पैसे खाते में भेजूं तो मुझे कहा कि वित्त मंत्रालय सीधे पूरे मामले को देख रहा है, इसलिए रकम आरबीआई को भेजी जाएगी। इसके बाद मुझे एक अकाउंट नंबर दिया गया। मैंने तभी बैंक जाकर पैसे का इंतजाम किया और अपनी गाड़ी में बैठकर वहीं से रकम आरटीजीएस की, तब भी मुझे वीडियो कॉल पर रखा गया। जालसाज बोले- 2 घंटे बाद सारी रकम हम वापस कर देंगे
उन लोगों ने मुझसे कहा- आप पैसे भेजिए इंक्वायरी पूरी होते ही आपकी सारी रकम 2 घंटे में आपके अकाउंट में वापस भेज दी जाएगी। मैंने पैसे भेजे। मगर दो घंटे बीतने के बाद भी मेरी रकम वापस नहीं आई। मैंने दो बार उन नंबरों पर कॉल भी किया। तब वो बोले कि अभी पैसे आ जाएंगे। लेकिन ढाई घंटे बाद भी जब पैसे वापस नहीं आए, तब मुझे चिंता हुई। मैंने उन नंबरों पर कॉल की तो नंबर बंद थे। तब मुझे पता चला कि मैं ठगी का शिकार हुई हूं। इसके बाद मैंने अपने पति, कुलिग्स और पुलिस को सारी जानकारी दी। अब इस मामले में पुलिस ने जो कुछ कहा, वो पढ़िए… SP ने कहा- रुपए किन खातों में गए, यह ट्रेस किया जा रहा
एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है- डॉ. निशा ने शिकायत की है कि उनके फोन का गलत तरीके से इस्तेमाल हो रहा है। यह बताकर उनके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कराए गए हैं। जब महिला को पता चला कि वो फ्रॉड का शिकार हुई हैं, तब उन्होंने हमें संपर्क किया। 8.20 लाख की ठगी हुई है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। रुपए जिन खातों में ट्रांसफर हुए हैं, उनकी ट्रेसिंग साइबर सेल कर रही है। अब स्लाइड से समझे कि डिजिटल अरेस्ट में क्या करें… ——————————– ये भी पढ़ें : AI इंजीनियर और पत्नी के बीच अफेयर पर था झगड़ा:पत्नी ने 9 केस दर्ज कराए; पड़ोसी बोले- कर्ज में है परिवार AI इंजीनियर अतुल सुभाष और उनकी पत्नी इंजीनियर निकिता सिंघानिया में सिर्फ दहेज उत्पीड़न जैसे ही विवाद नहीं थे। दोनों में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को लेकर भी विवाद था। दोनों को एक-दूसरे पर शक था। 10 दिसंबर को अतुल सुभाष ने बेंगुलरु में अपने फ्लैट में सुसाइड नोट और वीडियो बनाकर जान दे दी थी। दैनिक भास्कर की टीम निकिता के घर पहुंची। आसपास के लोगों से बात की…(पढ़ें पूरी खबर) तुम्हारा बेटा क्रिमिनल के टारगेट पर है। स्कूल से वापस आते वक्त उसके साथ कुछ भी हो सकता है। देख लो क्या करना है। खुद को दिल्ली पुलिस से बताने वाली लड़की ने महिला वैज्ञानिक को ये धमकी दी। मेरठ ICAR की महिला वैज्ञानिक डॉ. निशा वर्मा ने कहा- बेटे की जान पर खतरा देखकर मैं डर गई। महिला ने मुझसे कहा- 13 बच्चों की किडनैपिंग और ट्रैफिकिंग केस में मेरे बैंक अकाउंट से ट्रांजेक्शन हुए हैं। मेरी और पति की सरकारी जॉब जाएगी। लड़की ने महिला वैज्ञानिक से कहा- तुम्हें अरेस्ट करने के लिए टीम मेरठ पहुंच रही है। अगर चाहो तो फिजिकल अरेस्टिंग न देकर डिजिटल अरेस्ट हो सकती है। इसके बाद वह 10 दिसंबर सुबह 11 बजे से लेकर 27 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रही। कॉलेज से घर, बेडरूम से लेकर वॉशरूम तक वह वीडियो कॉल पर रहीं। जब उन्होंने अपने बैंक अकाउंट से 8.20 लाख रुपए ट्रांसफर किए, इसके बाद उन्हें फ्रॉड का पता चला। अब मेरठ पुलिस केस की छानबीन कर रही है। भास्कर टीम डॉ. निशा के घर पहुंची, डिजिटल अरेस्ट के 27 घंटों की पूरी कहानी जानी, पढ़िए उन्होंने क्या कुछ बताया… 10 दिसंबर : दोपहर 11 बजे पहला कॉल
डॉ. निशा ने कहा- मैं अपने ऑफिस के स्टाफ रूम में थी। अचानक अनजान नंबर से किसी लड़की की कॉल आई। कहा- मैं सीबीआई से बोल रही हूं। तुम्हारे बैंक अकाउंट से फॉरेन मनी ट्रांजैक्शन हुआ है। ये ट्रांजैक्शन चाइल्ड ट्रैफिकिंग और मनी लॉड्रिंग से जुड़ा हुआ है। तुम 13 बच्चों की किडनैपिंग केस में शामिल हो। दिल्ली पुलिस और सीबीआई की ट्रेसिंग में तुम्हारा नाम सामने आया है। यह केस मानव संसाधन मंत्रालय तक पहुंच चुका है। वहीं से डिटेल लेकर तुमसे कांटेक्ट किया। डॉ. निशा ने कहा- उस लड़की ने मेरा नाम, पता, जॉब, मेरी फैमिली की सभी छोटी से छोटी डिटेल बता दी। इतना सब बताकर उसने मुझे भरोसा दिला दिया कि वह एक जांच एजेंसी से बात कर रही है। उस लड़की को मेरी लोकेशन भी पता थी। उसने कहा- तुम इस वक्त अपने आफिस में हो। ये सारी बातें सुनकर मैं बहुत डर गई। उन्होंने मुझे बाहर जाकर वीडियो कॉल पर आने को कहा। मुझसे कहा- कॉलेज से चुपचाप घर चली जाओ। किसी को कुछ भी नहीं बताना। घर पर आने के बाद भी वीडियो कॉल जारी रही। मैंने भी डर की वजह से पति से ये सब छिपाया। वीडियो कॉल पर CBI दफ्तर दिखाया, कहा- तुम फंस गई
दिल्ली पुलिस कहकर जो लड़की मुझसे बात कर रही थी। उसने कहा- आपका केस सीबीआई इंवेस्टिगेट कर रही है। फिर मुझे सीबीआई का एक आफिस दिखाया गया। जिसमें दो आफिसर यूनिफॉर्म में बैठे थे। ऑफिस में फ्लैग्स लगे थे। जैसे वो वाकई किसी जांच एजेंसी का दफ्तर हो। उन्होंने मुझसे फिर वही सारी बातें कहीं। कहा कि आप तो सरकारी नौकरी में हैं, ऐसा क्यों किया। अब नौकरी जाएगी, आप बहुत सीरियस ऑफेंस में फंसी हो। आपके पति की भी नौकरी जाएगी। इस क्राइम का जो मेन मास्टरमाइंड है, उसको पता है कि आप CBI के रडार पर हो। हमें अंदेशा है कि आपके ढाई साल के बेटे को भी जान का खतरा है। धमकी दी- अब क्रिमिनल तुम्हारे बेटे को नहीं छोड़ेंगे
निशा आगे कहती हैं- वह लोग मुझसे पैसों की बात कर रहे थे। मेरी और पति की जॉब जाने की बात की। तब तक मैं घबराई नहीं थी। मगर जब उन्होंने कहा- तुम्हारा बच्चा स्कूल में है। तुम्हारा परिवार खत्म हो जाएगा। हो सकता है कि स्कूल से घर आते वक्त तुम्हारे बच्चे के साथ कुछ गलत हो जाए। उन्होंने कहा- ये सुनकर मैं इतना दहशत में आ गई कि मुझे कुछ समझ नहीं आया। मैं पूरी तरह उनके ट्रैप में फंस चुकी थी। वो मुझे इमोशनली ट्रैप कर चुके थे। मेरे पति संतोष गंगवार भी एग्रीकल्चर साइंटिस्ट हैं। वो लुधियाना यूनिवर्सिटी में हैं। वो ज्यादातर बाहर रहते हैं। घर पर मैं, मेरा बेटा और बुजुर्ग सास रहती हैं। इसलिए जब उन लोगों ने फैमिली को नुकसान पहुंचाने की बात कही तो मुझे कुछ नहीं सूझा। वो बोले- फिजिकल अरेस्ट नहीं, डिजिटल अरेस्ट हो
उन लोगों ने कहा- हम आपको अगले 2 घंटे में मेरठ आकर फिजिकल अरेस्ट करेंगे। क्योंकि आपने इतना गंभीर अपराध किया है। अगर फिजिकल अरेस्ट से बचना चाहती हो तो डिजिटल अरेस्ट हो जाओ। हम जैसा कहें वैसा करती जाओ। उनकी बातों से मैं इतना डर गई कि वो जो कह रहे थे, मैं उस पर तैयार हो गई। ऑफिस से लीव ली, फोन सोशल मीडिया सब बंद किया
मैंने तुरंत ऑफिस से 2 दिन की इमरजेंसी लीव ली। मुझे पति, स्टाफ, परिवार, मेड्स किसी को भी ये बात बताने से मना कर दिया गया। यहां तक की उस दौरान मैं किसी को कॉल भी नहीं कर सकती थी। न ही सोशल मीडिया देख सकती थी। मुझे पूरी तरह बंधक बना लिया गया। उन लोगों ने मुझे 3 गिरफ्तार लोग दिखाए। बताया कि ये एचडीएफसी बैंक के मैनेजर, ब्रांच मैनेजर, सिम डीलर हैं, जो आपके साथ इस क्राइम में शामिल हैं, उन्हें हम अरेस्ट कर चुके हैं, अब आपको भी अरेस्ट करना है। पति लुधियाना में थे, फोन नहीं करने दिया
निशा कहती हैं- मेरे पति लुधियाना रहते हैं। हम रोजाना एक बार बात जरूर करते हैं, लेकिन डिजिटल अरेस्ट होने पर उन लोगों ने मुझे पूरी तरह से आइसोलेट कर दिया। मैं किसी को कॉल नहीं कर सकती थी। मैंने बहुत रिक्वेस्ट की। तब उन लोगों ने मुझसे कहा- मैं अपनी सासू मां के फोन से पति से बात करुं। लेकिन उन्हें कुछ बता नहीं सकती हूं। मैंने वही किया जो उन्होंने कहा- मैं बहुत डर गई थी। 11 दिसंबर : धमकी दी- सेविंग्स की 90% रकम हमें भेजो
उन लोगों ने 11 दिसंबर को मुझसे कहा कि मैं उन्हें अपनी सेविंग का 90% रकम RTGS कर दूं। उन्होंने मुझसे सीधे आरबीआई को रकम आरटीजीएस कराई। मैंने कहा कि एचडीएफसी या दूसरी बैंक के जरिए पैसे खाते में भेजूं तो मुझे कहा कि वित्त मंत्रालय सीधे पूरे मामले को देख रहा है, इसलिए रकम आरबीआई को भेजी जाएगी। इसके बाद मुझे एक अकाउंट नंबर दिया गया। मैंने तभी बैंक जाकर पैसे का इंतजाम किया और अपनी गाड़ी में बैठकर वहीं से रकम आरटीजीएस की, तब भी मुझे वीडियो कॉल पर रखा गया। जालसाज बोले- 2 घंटे बाद सारी रकम हम वापस कर देंगे
उन लोगों ने मुझसे कहा- आप पैसे भेजिए इंक्वायरी पूरी होते ही आपकी सारी रकम 2 घंटे में आपके अकाउंट में वापस भेज दी जाएगी। मैंने पैसे भेजे। मगर दो घंटे बीतने के बाद भी मेरी रकम वापस नहीं आई। मैंने दो बार उन नंबरों पर कॉल भी किया। तब वो बोले कि अभी पैसे आ जाएंगे। लेकिन ढाई घंटे बाद भी जब पैसे वापस नहीं आए, तब मुझे चिंता हुई। मैंने उन नंबरों पर कॉल की तो नंबर बंद थे। तब मुझे पता चला कि मैं ठगी का शिकार हुई हूं। इसके बाद मैंने अपने पति, कुलिग्स और पुलिस को सारी जानकारी दी। अब इस मामले में पुलिस ने जो कुछ कहा, वो पढ़िए… SP ने कहा- रुपए किन खातों में गए, यह ट्रेस किया जा रहा
एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है- डॉ. निशा ने शिकायत की है कि उनके फोन का गलत तरीके से इस्तेमाल हो रहा है। यह बताकर उनके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कराए गए हैं। जब महिला को पता चला कि वो फ्रॉड का शिकार हुई हैं, तब उन्होंने हमें संपर्क किया। 8.20 लाख की ठगी हुई है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। रुपए जिन खातों में ट्रांसफर हुए हैं, उनकी ट्रेसिंग साइबर सेल कर रही है। अब स्लाइड से समझे कि डिजिटल अरेस्ट में क्या करें… ——————————– ये भी पढ़ें : AI इंजीनियर और पत्नी के बीच अफेयर पर था झगड़ा:पत्नी ने 9 केस दर्ज कराए; पड़ोसी बोले- कर्ज में है परिवार AI इंजीनियर अतुल सुभाष और उनकी पत्नी इंजीनियर निकिता सिंघानिया में सिर्फ दहेज उत्पीड़न जैसे ही विवाद नहीं थे। दोनों में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को लेकर भी विवाद था। दोनों को एक-दूसरे पर शक था। 10 दिसंबर को अतुल सुभाष ने बेंगुलरु में अपने फ्लैट में सुसाइड नोट और वीडियो बनाकर जान दे दी थी। दैनिक भास्कर की टीम निकिता के घर पहुंची। आसपास के लोगों से बात की…(पढ़ें पूरी खबर)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर