आगरा से जुड़ी चीफ इलेक्शन कमिश्नर की कहानी:पिता बोले- ज्ञानेश ने IIT कानपुर से इंजीनियरिंग की, अभी शादी की सालगिरह साथ मनाई; उसकी मां योगी टीचर

आगरा से जुड़ी चीफ इलेक्शन कमिश्नर की कहानी:पिता बोले- ज्ञानेश ने IIT कानपुर से इंजीनियरिंग की, अभी शादी की सालगिरह साथ मनाई; उसकी मां योगी टीचर

1988 बैच के IAS अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को देश के 26वें चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) का पद संभाला। नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले वे पहले CEC हैं। वह आगरा के रहने वाले हैं। बड़ी जिम्मेदारी पर विजयनगर कॉलोनी में रहने वाला उनका परिवार खुश है। पिता डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता और मां सत्यवती बेटे के पास दिल्ली पहुंच गए। मां योग टीचर हैं, पिता स्कूल के चेयरमैन। दैनिक भास्कर ने डॉ. सुबोध से फोन पर बात की। उन्होंने कहा- ये ज्ञानेश की मेहनत ही है, जो वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं। बेटा शुरू से पढ़ाई में टॉपर रहा। वह शुरू से हर काम को जिम्मेदारी से करता रहा। मुझे भरोसा है कि नई जिम्मेदारी को बखूबी से निभाएंगे। पढ़िए पिता क्या-कुछ कहते हैं… पिता बोले- बेटे ने जिम्मेदारी संभाली, हम लोग खुश हैं
डॉ. सुबोध ने कहा- हम लोग मिढ़ाकुर के रहने वाले हैं। 65 साल पहले विजय नगर कॉलोनी में आकर बस गए। मैं मुख्य चिकित्साधिकारी के पद से रिटायर हुआ। मैं श्रीराम सेंटेनियल स्कूल का चेयरमैन हूं। मेरी पत्नी स्कूल की चेयरपर्सन हैं। उन्होंने कहा- सोमवार को बेटे ज्ञानेश गुप्ता के नाम की घोषणा होनी थी, इसलिए हम लोग दोपहर में ही दिल्ली पहुंच गए। अब बेटे ने जिम्मेदारी संभाल ली है। हम लोग खुश हैं। हमने पूछा- ज्ञानेश शुरू से पढ़ाई में कैसे थे? वह कहते हैं- ज्ञानेश बचपन से पढ़ाई में होनहार रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेरी अलग-अलग शहरों में पोस्टिंग होती रहती थी। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भी अलग-अलग स्कूलों में हुई। उन्होंने कहा- बेटे ज्ञानेश ने बनारस से हाईस्कूल किया। वो टॉपर रहे। इसके बाद लखनऊ से इंटर किया। इसमें भी उन्होंने टॉप किया था। IIT कानपुर से इंजीनियरिंग की। यहां पर भी टॉपर रहे। इसके बाद एक साल तक हुडको में जॉब की। उन्होंने 1988 में केरल कैडर से सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की। तिरुवनंतपुरम में डीएम के रूप में पहली पोस्टिंग मिली। 14 फरवरी को आगरा आए थे ज्ञानेश
डॉ. सुबोध कुमार ने बताया कि बेटे ज्ञानेश गुप्ता समेत तीनों बच्चे 14 फरवरी को आगरा आए थे। उनकी शादी की 62वीं सालगिरह थी तो सभी ने सेलिब्रेट किया था। पूरा परिवार साथ था। घर में ही छोटा सा फंक्शन रखा था। मां 30 साल से योग सिखा रही, 100 स्टूडेंट हैं
मां सत्यवती योग सिखाती हैं। कॉलोनी के लोगों को 30 साल से योग करा रही हैं। वह 6 ब्रांच संचालित करती हैं। 100 शिष्या हैं। इसके अलावा वो समाज सेवा से भी जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि बेटे से यही कहूंगी कि मेहनत, ईमानदारी और लगन से अपना जीवन जीते रहें। जीवन में कभी आलस्य नहीं करें। जब तक जिंदा हैं, तब तक यह करना है। उन्होंने कहा कि आज जिस मुकाम पर परिवार है, वह शिक्षा के बल पर ही है। परिवार में कई लोग डॉक्टर हैं। लेकिन बेटे ने चिकित्सा के क्षेत्र में जाने का रास्ता नहीं चुना। अब IAS अधिकारी ज्ञानेश कुमार के पद ग्रहण के बारे में पढ़िए… 4 साल के कार्यकाल में 20 राज्य के होंगे चुनाव
ज्ञानेश कुमार के 4 साल के कार्यकाल के दौरान 20 राज्य और 1 एक केंद्रशासित प्रदेश (पुडुचेरी) में चुनाव होंगे। शुरुआत बिहार से होगी और अंतिम चुनाव मिजोरम में होगा। ज्ञानेश कुमार के अलावा विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। वे हरियाणा के मुख्य सचिव और 1989 बैच के IAS अधिकारी हैं। वहीं, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में 17 फरवरी को हुई बैठक में इन नियुक्तियों पर मुहर लगी थी। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। पदभार संभालने के बाद CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा- राष्ट्रसेवा के लिए पहला कदम है मतदान। भारत का हर नागरिक, जो 18 साल की आयु पूरी कर चुका हो, को मतदान जरूर करना चाहिए। भारत के संविधान, लोकप्रतिनिधित्व कानूनों और उनके नियमों के अनुरूप चुनाव आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ हमेशा था, है और रहेगा। ………… चुनाव आयोग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… चुनाव आयोग बोला- शक का इलाज नहीं, हमें लापता जेंटलमेन कहा गया लेकिन वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा, ‘हम पर झूठे आरोप लगाए गए। हमें लापता जेंटलमेन कहा गया, लेकिन इसी दौरान देश में वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। यह हमारे लोकतंत्र की ताकत है।’ लोकसभा चुनाव की काउंटिंग से एक दिन पहले CEC ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही थी। पूरी खबर पढ़ें… 1988 बैच के IAS अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को देश के 26वें चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) का पद संभाला। नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले वे पहले CEC हैं। वह आगरा के रहने वाले हैं। बड़ी जिम्मेदारी पर विजयनगर कॉलोनी में रहने वाला उनका परिवार खुश है। पिता डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता और मां सत्यवती बेटे के पास दिल्ली पहुंच गए। मां योग टीचर हैं, पिता स्कूल के चेयरमैन। दैनिक भास्कर ने डॉ. सुबोध से फोन पर बात की। उन्होंने कहा- ये ज्ञानेश की मेहनत ही है, जो वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं। बेटा शुरू से पढ़ाई में टॉपर रहा। वह शुरू से हर काम को जिम्मेदारी से करता रहा। मुझे भरोसा है कि नई जिम्मेदारी को बखूबी से निभाएंगे। पढ़िए पिता क्या-कुछ कहते हैं… पिता बोले- बेटे ने जिम्मेदारी संभाली, हम लोग खुश हैं
डॉ. सुबोध ने कहा- हम लोग मिढ़ाकुर के रहने वाले हैं। 65 साल पहले विजय नगर कॉलोनी में आकर बस गए। मैं मुख्य चिकित्साधिकारी के पद से रिटायर हुआ। मैं श्रीराम सेंटेनियल स्कूल का चेयरमैन हूं। मेरी पत्नी स्कूल की चेयरपर्सन हैं। उन्होंने कहा- सोमवार को बेटे ज्ञानेश गुप्ता के नाम की घोषणा होनी थी, इसलिए हम लोग दोपहर में ही दिल्ली पहुंच गए। अब बेटे ने जिम्मेदारी संभाल ली है। हम लोग खुश हैं। हमने पूछा- ज्ञानेश शुरू से पढ़ाई में कैसे थे? वह कहते हैं- ज्ञानेश बचपन से पढ़ाई में होनहार रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेरी अलग-अलग शहरों में पोस्टिंग होती रहती थी। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भी अलग-अलग स्कूलों में हुई। उन्होंने कहा- बेटे ज्ञानेश ने बनारस से हाईस्कूल किया। वो टॉपर रहे। इसके बाद लखनऊ से इंटर किया। इसमें भी उन्होंने टॉप किया था। IIT कानपुर से इंजीनियरिंग की। यहां पर भी टॉपर रहे। इसके बाद एक साल तक हुडको में जॉब की। उन्होंने 1988 में केरल कैडर से सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की। तिरुवनंतपुरम में डीएम के रूप में पहली पोस्टिंग मिली। 14 फरवरी को आगरा आए थे ज्ञानेश
डॉ. सुबोध कुमार ने बताया कि बेटे ज्ञानेश गुप्ता समेत तीनों बच्चे 14 फरवरी को आगरा आए थे। उनकी शादी की 62वीं सालगिरह थी तो सभी ने सेलिब्रेट किया था। पूरा परिवार साथ था। घर में ही छोटा सा फंक्शन रखा था। मां 30 साल से योग सिखा रही, 100 स्टूडेंट हैं
मां सत्यवती योग सिखाती हैं। कॉलोनी के लोगों को 30 साल से योग करा रही हैं। वह 6 ब्रांच संचालित करती हैं। 100 शिष्या हैं। इसके अलावा वो समाज सेवा से भी जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि बेटे से यही कहूंगी कि मेहनत, ईमानदारी और लगन से अपना जीवन जीते रहें। जीवन में कभी आलस्य नहीं करें। जब तक जिंदा हैं, तब तक यह करना है। उन्होंने कहा कि आज जिस मुकाम पर परिवार है, वह शिक्षा के बल पर ही है। परिवार में कई लोग डॉक्टर हैं। लेकिन बेटे ने चिकित्सा के क्षेत्र में जाने का रास्ता नहीं चुना। अब IAS अधिकारी ज्ञानेश कुमार के पद ग्रहण के बारे में पढ़िए… 4 साल के कार्यकाल में 20 राज्य के होंगे चुनाव
ज्ञानेश कुमार के 4 साल के कार्यकाल के दौरान 20 राज्य और 1 एक केंद्रशासित प्रदेश (पुडुचेरी) में चुनाव होंगे। शुरुआत बिहार से होगी और अंतिम चुनाव मिजोरम में होगा। ज्ञानेश कुमार के अलावा विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। वे हरियाणा के मुख्य सचिव और 1989 बैच के IAS अधिकारी हैं। वहीं, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में 17 फरवरी को हुई बैठक में इन नियुक्तियों पर मुहर लगी थी। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। पदभार संभालने के बाद CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा- राष्ट्रसेवा के लिए पहला कदम है मतदान। भारत का हर नागरिक, जो 18 साल की आयु पूरी कर चुका हो, को मतदान जरूर करना चाहिए। भारत के संविधान, लोकप्रतिनिधित्व कानूनों और उनके नियमों के अनुरूप चुनाव आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ हमेशा था, है और रहेगा। ………… चुनाव आयोग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… चुनाव आयोग बोला- शक का इलाज नहीं, हमें लापता जेंटलमेन कहा गया लेकिन वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा, ‘हम पर झूठे आरोप लगाए गए। हमें लापता जेंटलमेन कहा गया, लेकिन इसी दौरान देश में वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। यह हमारे लोकतंत्र की ताकत है।’ लोकसभा चुनाव की काउंटिंग से एक दिन पहले CEC ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही थी। पूरी खबर पढ़ें…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर