संभल में धूनी जलाकर तपस्या कर रहे एक संत की मौत हो गई। गर्मी से राहत दिलाने, नशा मुक्ति और विश्व शांति के लिए संत तपस्या कर रहे थे। रविवार दोपहर उनकी तबीयत बिगड़ गई। सेवादार अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। संत की मौत की सूचना पर CDO-SDM भी अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी ली। मामला संभल के कैला देवी क्षेत्र के बेनीपुर चक का है। अमेठी के रहने वाले संत पागल बाबा ने संभल के SDM विनय मिश्र से परमिशन ली थी। संत पागल बाबा 23 मई से अपने चारों ओर आग जलाकर तपस्या कर रहे थे। 4 दिन तक चलने वाली उनकी यह तपस्या 27 मई को पूरी होनी थी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी पागल बाबा का दर्शन करने पहुंच रहे थे। 45 डिग्री सेल्सियस के बीच आग जलाकर कर रहे थे तप
तकरीबन 45 डिग्री सेल्सियस के बीच चारों ओर आग जलाकर संत पागल बाबा तपस्या कर रहे थे। इसी दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई। सेवादार गजराज सिंह उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने बताया, अस्पताल पहुंचने से पहले ही बाबा की मौत हो गई थी। CDO और SDM ने डॉक्टरों से ली जानकारी
संत पागल बाबा की मौत की जानकारी मिलते ही CDO भारत कुमार मिश्रा और SDM संभल विनय कुमार मिश्रा अस्पताल पहुंचे। CMS डॉ. अनूप कुमार अग्रवाल और अन्य डॉक्टरों से बातचीत की। गर्मी कम हो जाए, इसलिए कर रहे थे तपस्या
सेवादार गजराज ने बताया- पागल बाबा बेनीपुर मंदिर के पास 23 मई से खेत में अग्नि तपस्या कर रहे थे। 23 मई से 27 मई तक था तपस्या करने के लिए परमिशन ली थी। जब तापमान बढ़ा तो सांस उखड़ने लगी। बाबा को अस्पताल लेकर जा रहे थे। तभी रास्ते में दम तोड़ दिया। बाबा गर्मी का तापमान कम हो जाए इसीलिए तपस्या कर रहे थे। शाम को सिर्फ जूस पीते थे पागल बाबा
सेवादार बहादुर सिंह ने बताया- बाबा का नाम पागल बाबा कमली वाले था। यह जनकल्याण नशामुक्ति गो रक्षा के लिए तपस्या कर रहे थे और यह इनकी 24वीं तपस्या थी। तप के दौरान वह भोजन नहीं करते थे। सिर्फ शाम को ही एक बार जूस पीते थे। सुबह शौच गए थे। लौटकर आने पर नींबू पानी पी थी। कुछ देर बाद नींबू वाली चाय ली, मैं 10 मिनट के लिए किसी काम से बाहर चला गया। फिर बाबा की तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिली। संभल में धूनी जलाकर तपस्या कर रहे एक संत की मौत हो गई। गर्मी से राहत दिलाने, नशा मुक्ति और विश्व शांति के लिए संत तपस्या कर रहे थे। रविवार दोपहर उनकी तबीयत बिगड़ गई। सेवादार अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। संत की मौत की सूचना पर CDO-SDM भी अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी ली। मामला संभल के कैला देवी क्षेत्र के बेनीपुर चक का है। अमेठी के रहने वाले संत पागल बाबा ने संभल के SDM विनय मिश्र से परमिशन ली थी। संत पागल बाबा 23 मई से अपने चारों ओर आग जलाकर तपस्या कर रहे थे। 4 दिन तक चलने वाली उनकी यह तपस्या 27 मई को पूरी होनी थी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी पागल बाबा का दर्शन करने पहुंच रहे थे। 45 डिग्री सेल्सियस के बीच आग जलाकर कर रहे थे तप
तकरीबन 45 डिग्री सेल्सियस के बीच चारों ओर आग जलाकर संत पागल बाबा तपस्या कर रहे थे। इसी दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई। सेवादार गजराज सिंह उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने बताया, अस्पताल पहुंचने से पहले ही बाबा की मौत हो गई थी। CDO और SDM ने डॉक्टरों से ली जानकारी
संत पागल बाबा की मौत की जानकारी मिलते ही CDO भारत कुमार मिश्रा और SDM संभल विनय कुमार मिश्रा अस्पताल पहुंचे। CMS डॉ. अनूप कुमार अग्रवाल और अन्य डॉक्टरों से बातचीत की। गर्मी कम हो जाए, इसलिए कर रहे थे तपस्या
सेवादार गजराज ने बताया- पागल बाबा बेनीपुर मंदिर के पास 23 मई से खेत में अग्नि तपस्या कर रहे थे। 23 मई से 27 मई तक था तपस्या करने के लिए परमिशन ली थी। जब तापमान बढ़ा तो सांस उखड़ने लगी। बाबा को अस्पताल लेकर जा रहे थे। तभी रास्ते में दम तोड़ दिया। बाबा गर्मी का तापमान कम हो जाए इसीलिए तपस्या कर रहे थे। शाम को सिर्फ जूस पीते थे पागल बाबा
सेवादार बहादुर सिंह ने बताया- बाबा का नाम पागल बाबा कमली वाले था। यह जनकल्याण नशामुक्ति गो रक्षा के लिए तपस्या कर रहे थे और यह इनकी 24वीं तपस्या थी। तप के दौरान वह भोजन नहीं करते थे। सिर्फ शाम को ही एक बार जूस पीते थे। सुबह शौच गए थे। लौटकर आने पर नींबू पानी पी थी। कुछ देर बाद नींबू वाली चाय ली, मैं 10 मिनट के लिए किसी काम से बाहर चला गया। फिर बाबा की तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिली। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर