आजमगढ़ में नकली खोया बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। फैक्ट्री से 5 हजार किलो (5 क्विंटल) खोया बरामद किया गया है। इसमें मिठाई भी शामिल है। यह छापेमारी गुरुवार-शुक्रवार की रात करीब 1 बजे की गई। करीब तीन घंटे के एक्शन के बाद पुलिस ने 14 लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस ने शहर कोतवाली क्षेत्र के हर्रा चुंगी के पास धर्मू नाला मोहल्ले में चल रही फैक्ट्री को सील कर दिया है। जब्त किए गए माल की कीमत लाखों में बताई जा रही है। पकड़े गए कारीगरों ने रेड के दौरान बताया- फैक्ट्री करीब एक साल से चल रही थी। दिवाली पर प्रोडक्शन ज्यादा हो रहा था। यहां ऐसे पेड़े और मिठाई बनती है, जो कभी खराब नहीं होती। छापेमारी के दौरान एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने फैक्ट्री के कारीगरों से खोया और मिठाई बनाने का प्रोसेस भी जाना। इस दौरान पता चला कि मिठाई में कलर के अलावा, पेंट भी मिलाया जाता था। प्रधान के गोदाम पर फैक्ट्री, आगरा से आए कारीगर धर्मू नाला पर जिस गोदाम में फैक्ट्री चल रही थी। वह प्रधान अवधेश कुमार का है। फैक्ट्री में आगरा से आए कारीगर जहरीली मिठाई बना रहे थे। मुख्य आरोपी हरिओम और उसका साथी विकास आगरा के थाना फतेहाबाद का रहने वाले हैं। ये लोग अपने साथ 12 लोगों को आगरा से आजमगढ़ लेकर आए। पूछताछ में आरोपियों ने बताया- इनमें चार कारीगर हैं, जो मिठाई बनाते थे। बाकी मजदूर हैं। मजदूरों में महिलाएं भी हैं। रात में बनाया जाता खोया, सुबह होती पैकिंग छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में रात को भी खोया तैयार किया जा रहा था। कुछ महिलाएं नकली खोया से पेड़े बना रही थीं। वहीं कारीगर गोदाम में मिल्क केक और खोया को स्टॉक कर रहे थे। पुलिस को देखते ही कई आरोपी फरार हो निकले। कैसे बनाते हो खोया? कारीगर ने बताया पूरा प्रोसेस एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने एक कारीगर से पूछा कि कैसे खोया और मिठाई बनाते हो? चलो पूरा प्रोसेस बताओ। इसके बाद उसने शुरू से अंत तक का प्रोसेस बताया। पहले वह एसपी सिटी को गोदाम में ले गया। यहां उसने बताया कि खोया में लगने वाला मटेरियल यहां स्टॉक किया जाता है। कारीगर ने बताया- खोया बनाने के लिए सबसे पहले पाउडर वाला दूध लाया जाता है। इसे पानी में घोलकर रखा जाता है। इसके बाद इसमें कई केमिकल डाले जाते हैं। फिर कड़ाई में डालकर इसे असली खोया की तरह चलाया जाता है। कारीगर ने बताया- मिठाई बनाने के लिए हम लोग उसमें रंग डालते हैं। इसके अलावा इसमें पेंट भी मिलाया जाता है, ताकि यह ज्यादा दिन तक चलें। इस खोया की बनी मिठाई जल्दी खराब नहीं होती। या यूं कह लीजिए कि कभी खराब नहीं होती। केमिकल-पेंट और स्टॉक की तीन तस्वीरें ऐसे केमिकल जिनमें लिखा- खाने के लिए नहीं है फैक्ट्री से भारी मात्रा में केमिकल बरामद किया गया। इनमें सिट्रिक एसिड और सोडियम फॉर्मेल्डिहाइड सल्फोक्सिलेट मिले हैं। सिट्रिक एसिड किटाणुनाशक है। इसका इस्तेमाल साबुन के मैल, कठोर पानी के दाग, चूना और जंग को हटाने के लिए होता है। सोडियम फॉर्मेल्डिहाइड सल्फोक्सिलेट किसी भी चीज को पानी में पूरी तरह घोलने में मदद करता है। इसे खाने से हो सकती है कैंसर और स्किन संबंधी बीमारी खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम के अधिकारियों के मुताबिक- फैक्ट्री में जिस केमिकल का प्रयोग किया जा रहा है। उन्हें खाने से कैंसर होने का खतरा रहता है। स्किन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। आरोपियों के कब्जे से 25 कुंतल मिल्क केक, 15 कुंतल डोडा बरफी और 10 कुंतल से अधिक पेड़ा जब्त किया गया है। टीम ने सैंपल भी लिया है। शहर से लेकर गांव तक करते थे सप्लाई इस बारे में पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने इस बात को स्वीकार किया कि दीपावली के त्योहार में बड़ी संख्या में मिठाइयों की दुकानों से ऑर्डर मिल रहे थे। ऐसे में बड़ी संख्या में कारीगरों को लगाकर नकली मिठाइयों का निर्माण कराया जा रहा था। इन नकली मिठाईयों के खरीददार शहर से लेकर बाजारों तक के बड़े-बड़े व्यापारी होते थे। जिले के सठियांव, बूढ़नपुर, अतरौलिया, कप्तानगंज के साथ शहर की कई बड़ी मिठाईयों की दुकानों पर इन मिठाईयों की सप्लाई होती थी। इस बारे में एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने कहा- आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। अभी तक इन्होंने कहां-कहां माल सप्लाई किया। इनके कस्टमर कौन थे। उनको भी पकड़ा जाएगा। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। सोता रहा फूड डिपार्टमेंट जिले का खाद्य विभाग सिर्फ सैंपलिंग के नाम पर खानापूर्ति करता रहा। एक वर्ष से चल रहे इस फैक्ट्री के बारे में उन्हें पहले पता नहीं चला। लापरवाही का आलम यह रहा कि जिले में चलने वाली इस छापेमारी में न तो शामिल रहे और न ही मामले के बारे में कोई जानकारी दे सके। हालांकि, बाद में सैंपलिंग के लिए इन्हें सूचना देकर बुलाया गया।
……………………… यह खबर भी पढ़ें झांसी में पुलिस के सामने सिपाही को पीटा, VIDEO:बाप-बेटे को पीटने से भीड़ गुस्साई; बाजार में दौड़ा-दौड़ाकर मारे लात-घूंसे झांसी में बाइक की टक्कर लगने से गुस्साए GRP सिपाहियों ने एक युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी। उसके पिता को भी नहीं बख्शा। उनके दांत तोड़ दिए। बाप-बेटे को पिटता देख लोग आक्रोशित हो गए। भीड़ ने पुलिसकर्मियों के सामने सिपाही को पीटा। बाजार में दौड़ा-दौड़ाकर जमकर लात-घूंसे मारे। पढ़ें पूरी खबर… आजमगढ़ में नकली खोया बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। फैक्ट्री से 5 हजार किलो (5 क्विंटल) खोया बरामद किया गया है। इसमें मिठाई भी शामिल है। यह छापेमारी गुरुवार-शुक्रवार की रात करीब 1 बजे की गई। करीब तीन घंटे के एक्शन के बाद पुलिस ने 14 लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस ने शहर कोतवाली क्षेत्र के हर्रा चुंगी के पास धर्मू नाला मोहल्ले में चल रही फैक्ट्री को सील कर दिया है। जब्त किए गए माल की कीमत लाखों में बताई जा रही है। पकड़े गए कारीगरों ने रेड के दौरान बताया- फैक्ट्री करीब एक साल से चल रही थी। दिवाली पर प्रोडक्शन ज्यादा हो रहा था। यहां ऐसे पेड़े और मिठाई बनती है, जो कभी खराब नहीं होती। छापेमारी के दौरान एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने फैक्ट्री के कारीगरों से खोया और मिठाई बनाने का प्रोसेस भी जाना। इस दौरान पता चला कि मिठाई में कलर के अलावा, पेंट भी मिलाया जाता था। प्रधान के गोदाम पर फैक्ट्री, आगरा से आए कारीगर धर्मू नाला पर जिस गोदाम में फैक्ट्री चल रही थी। वह प्रधान अवधेश कुमार का है। फैक्ट्री में आगरा से आए कारीगर जहरीली मिठाई बना रहे थे। मुख्य आरोपी हरिओम और उसका साथी विकास आगरा के थाना फतेहाबाद का रहने वाले हैं। ये लोग अपने साथ 12 लोगों को आगरा से आजमगढ़ लेकर आए। पूछताछ में आरोपियों ने बताया- इनमें चार कारीगर हैं, जो मिठाई बनाते थे। बाकी मजदूर हैं। मजदूरों में महिलाएं भी हैं। रात में बनाया जाता खोया, सुबह होती पैकिंग छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में रात को भी खोया तैयार किया जा रहा था। कुछ महिलाएं नकली खोया से पेड़े बना रही थीं। वहीं कारीगर गोदाम में मिल्क केक और खोया को स्टॉक कर रहे थे। पुलिस को देखते ही कई आरोपी फरार हो निकले। कैसे बनाते हो खोया? कारीगर ने बताया पूरा प्रोसेस एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने एक कारीगर से पूछा कि कैसे खोया और मिठाई बनाते हो? चलो पूरा प्रोसेस बताओ। इसके बाद उसने शुरू से अंत तक का प्रोसेस बताया। पहले वह एसपी सिटी को गोदाम में ले गया। यहां उसने बताया कि खोया में लगने वाला मटेरियल यहां स्टॉक किया जाता है। कारीगर ने बताया- खोया बनाने के लिए सबसे पहले पाउडर वाला दूध लाया जाता है। इसे पानी में घोलकर रखा जाता है। इसके बाद इसमें कई केमिकल डाले जाते हैं। फिर कड़ाई में डालकर इसे असली खोया की तरह चलाया जाता है। कारीगर ने बताया- मिठाई बनाने के लिए हम लोग उसमें रंग डालते हैं। इसके अलावा इसमें पेंट भी मिलाया जाता है, ताकि यह ज्यादा दिन तक चलें। इस खोया की बनी मिठाई जल्दी खराब नहीं होती। या यूं कह लीजिए कि कभी खराब नहीं होती। केमिकल-पेंट और स्टॉक की तीन तस्वीरें ऐसे केमिकल जिनमें लिखा- खाने के लिए नहीं है फैक्ट्री से भारी मात्रा में केमिकल बरामद किया गया। इनमें सिट्रिक एसिड और सोडियम फॉर्मेल्डिहाइड सल्फोक्सिलेट मिले हैं। सिट्रिक एसिड किटाणुनाशक है। इसका इस्तेमाल साबुन के मैल, कठोर पानी के दाग, चूना और जंग को हटाने के लिए होता है। सोडियम फॉर्मेल्डिहाइड सल्फोक्सिलेट किसी भी चीज को पानी में पूरी तरह घोलने में मदद करता है। इसे खाने से हो सकती है कैंसर और स्किन संबंधी बीमारी खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम के अधिकारियों के मुताबिक- फैक्ट्री में जिस केमिकल का प्रयोग किया जा रहा है। उन्हें खाने से कैंसर होने का खतरा रहता है। स्किन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। आरोपियों के कब्जे से 25 कुंतल मिल्क केक, 15 कुंतल डोडा बरफी और 10 कुंतल से अधिक पेड़ा जब्त किया गया है। टीम ने सैंपल भी लिया है। शहर से लेकर गांव तक करते थे सप्लाई इस बारे में पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने इस बात को स्वीकार किया कि दीपावली के त्योहार में बड़ी संख्या में मिठाइयों की दुकानों से ऑर्डर मिल रहे थे। ऐसे में बड़ी संख्या में कारीगरों को लगाकर नकली मिठाइयों का निर्माण कराया जा रहा था। इन नकली मिठाईयों के खरीददार शहर से लेकर बाजारों तक के बड़े-बड़े व्यापारी होते थे। जिले के सठियांव, बूढ़नपुर, अतरौलिया, कप्तानगंज के साथ शहर की कई बड़ी मिठाईयों की दुकानों पर इन मिठाईयों की सप्लाई होती थी। इस बारे में एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने कहा- आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। अभी तक इन्होंने कहां-कहां माल सप्लाई किया। इनके कस्टमर कौन थे। उनको भी पकड़ा जाएगा। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। सोता रहा फूड डिपार्टमेंट जिले का खाद्य विभाग सिर्फ सैंपलिंग के नाम पर खानापूर्ति करता रहा। एक वर्ष से चल रहे इस फैक्ट्री के बारे में उन्हें पहले पता नहीं चला। लापरवाही का आलम यह रहा कि जिले में चलने वाली इस छापेमारी में न तो शामिल रहे और न ही मामले के बारे में कोई जानकारी दे सके। हालांकि, बाद में सैंपलिंग के लिए इन्हें सूचना देकर बुलाया गया।
……………………… यह खबर भी पढ़ें झांसी में पुलिस के सामने सिपाही को पीटा, VIDEO:बाप-बेटे को पीटने से भीड़ गुस्साई; बाजार में दौड़ा-दौड़ाकर मारे लात-घूंसे झांसी में बाइक की टक्कर लगने से गुस्साए GRP सिपाहियों ने एक युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी। उसके पिता को भी नहीं बख्शा। उनके दांत तोड़ दिए। बाप-बेटे को पिटता देख लोग आक्रोशित हो गए। भीड़ ने पुलिसकर्मियों के सामने सिपाही को पीटा। बाजार में दौड़ा-दौड़ाकर जमकर लात-घूंसे मारे। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर