जालंधर उपचुनाव में कांग्रेस का दलबदलू नेताओं पर हमला:बोली- ये सबसे बड़ा मुद्दा, अंगुराल-महिंदर पर निशाना; CM भी क्षेत्र में डटे

जालंधर उपचुनाव में कांग्रेस का दलबदलू नेताओं पर हमला:बोली- ये सबसे बड़ा मुद्दा, अंगुराल-महिंदर पर निशाना; CM भी क्षेत्र में डटे

पंजाब के जालंधर में उपचुनाव को लेकर वोटिंग के लिए सिर्फ 5 दिन बाकी है। सभी पार्टियों द्वारा एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी के पास जहां एक तरफ राज्य सरकार की पावर है। वहीं, बीजेपी आम आदमी पार्टी के नेताओं को पोल खोलने की बात कर रही है। ऐसे में कांग्रेस के पास इस वक्त का सबसे बड़ा मुद्दा दल बदल कर आप और बीजेपी में शामिल हुए नेताओं और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बढ़त का है। बता दें कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दल बदल कर आए हैं। अंगुराल और महिंदर भगत पर निशाना शीतल अंगुराल आम आदमी पार्टी के विधायक थे और मोहिंदर भगत भाजपा के पूर्व मंत्री भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं। भगत खुद भाजपा की टिकट पर वेस्ट हलके से विधानसभा चुनाव लड़ते थे। लेकिन आज तक उन्हें जीत नहीं मिली है। ऐसे में दोनों नेताओं के दलबदलू रवैये से कांग्रेस हमलावर है और लोगों के बीच यही मुद्दा उठ रहा है कि अगर उक्त नेता अपनी पार्टी के साथ नहीं हैं तो आपकी पार्टी के साथ क्या करेंगे। इस संबंध में कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्टर भी शेयर किए गए हैं, जिसमें भाजपा और आप प्रत्याशियों को दलबदलू बताया गया है। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी पिछले तीन दशक से कांग्रेस के साथ हैं और उन्हें जालंधर की बेटी बताया गया है। उपचुनाव को लेकर परिवार सहित फिल्ड में CM मान जालंधर वेस्ट में हो रहे उप-चुनाव को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान परिवार समेत डटे हुए हैं। उन्होंने यहां किराए पर घर लिया है। पत्नी-बेटी समेत शिफ्ट हो चुके हैं। रोज सीएम भगवंत मान और उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर तक प्रचार कर रही हैं। डॉ. गुरप्रीत कौर पहले किराए पर लिए घर में जनता दरबार लगाती हैं। फिर वहां से फ्री होने के बाद डोर टू डोर प्रचार करने पहुंच जाती हैं। स्थिति यह है कि यहां से AAP के कैंडिडेट मोहिंदर भगत से ज्यादा प्रचार CM फैमिली ही कर रही है। इस सीट पर 10 जुलाई को वोटिंग होनी है। एक विधानसभा मुख्यमंत्री पूरे परिवार समेत क्यों डटे हुए है? यह सवाल पूरे राज्य की ज़ुबान पर है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट इसकी बड़ी वजह लोकसभा चुनाव में हार को मानते हैं। उनका मानना है कि अगर यह सीट भी हार गए तो फिर यह कहा जाएगा कि राज्य सरकार से लोगों का मोह भंग हो गया है। CM भगवंत मान नहीं चाहते कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद यह सीट हारने से उनकी सरकार के कामकाज का आकलन हो। जालंधर वेस्ट सीट पर उप-चुनाव क्यों हो रहा? 2022 के विधानसभा चुनाव में जालंधर वेस्ट सीट AAP के उम्मीदवार शीतल अंगुराल ने जीती थी, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले अंगुराल BJP में शामिल हो गए। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, लोकसभा चुनाव की 1 जून की वोटिंग से पहले अंगुराल ने 29 मई को स्पीकर से इस्तीफा वापस लेने की बात कही, लेकिन तब तक इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। इस चुनाव में अंगुराल को BJP ने टिकट दी है। AAP ने अकाली-भाजपा सरकार में मंत्री रहे भगत चुन्नीलाल के बेटे मोहिंदर भगत को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने पूर्व डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर को टिकट दी है। पंजाब के जालंधर में उपचुनाव को लेकर वोटिंग के लिए सिर्फ 5 दिन बाकी है। सभी पार्टियों द्वारा एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी के पास जहां एक तरफ राज्य सरकार की पावर है। वहीं, बीजेपी आम आदमी पार्टी के नेताओं को पोल खोलने की बात कर रही है। ऐसे में कांग्रेस के पास इस वक्त का सबसे बड़ा मुद्दा दल बदल कर आप और बीजेपी में शामिल हुए नेताओं और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बढ़त का है। बता दें कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दल बदल कर आए हैं। अंगुराल और महिंदर भगत पर निशाना शीतल अंगुराल आम आदमी पार्टी के विधायक थे और मोहिंदर भगत भाजपा के पूर्व मंत्री भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं। भगत खुद भाजपा की टिकट पर वेस्ट हलके से विधानसभा चुनाव लड़ते थे। लेकिन आज तक उन्हें जीत नहीं मिली है। ऐसे में दोनों नेताओं के दलबदलू रवैये से कांग्रेस हमलावर है और लोगों के बीच यही मुद्दा उठ रहा है कि अगर उक्त नेता अपनी पार्टी के साथ नहीं हैं तो आपकी पार्टी के साथ क्या करेंगे। इस संबंध में कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्टर भी शेयर किए गए हैं, जिसमें भाजपा और आप प्रत्याशियों को दलबदलू बताया गया है। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी पिछले तीन दशक से कांग्रेस के साथ हैं और उन्हें जालंधर की बेटी बताया गया है। उपचुनाव को लेकर परिवार सहित फिल्ड में CM मान जालंधर वेस्ट में हो रहे उप-चुनाव को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान परिवार समेत डटे हुए हैं। उन्होंने यहां किराए पर घर लिया है। पत्नी-बेटी समेत शिफ्ट हो चुके हैं। रोज सीएम भगवंत मान और उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर तक प्रचार कर रही हैं। डॉ. गुरप्रीत कौर पहले किराए पर लिए घर में जनता दरबार लगाती हैं। फिर वहां से फ्री होने के बाद डोर टू डोर प्रचार करने पहुंच जाती हैं। स्थिति यह है कि यहां से AAP के कैंडिडेट मोहिंदर भगत से ज्यादा प्रचार CM फैमिली ही कर रही है। इस सीट पर 10 जुलाई को वोटिंग होनी है। एक विधानसभा मुख्यमंत्री पूरे परिवार समेत क्यों डटे हुए है? यह सवाल पूरे राज्य की ज़ुबान पर है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट इसकी बड़ी वजह लोकसभा चुनाव में हार को मानते हैं। उनका मानना है कि अगर यह सीट भी हार गए तो फिर यह कहा जाएगा कि राज्य सरकार से लोगों का मोह भंग हो गया है। CM भगवंत मान नहीं चाहते कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद यह सीट हारने से उनकी सरकार के कामकाज का आकलन हो। जालंधर वेस्ट सीट पर उप-चुनाव क्यों हो रहा? 2022 के विधानसभा चुनाव में जालंधर वेस्ट सीट AAP के उम्मीदवार शीतल अंगुराल ने जीती थी, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले अंगुराल BJP में शामिल हो गए। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, लोकसभा चुनाव की 1 जून की वोटिंग से पहले अंगुराल ने 29 मई को स्पीकर से इस्तीफा वापस लेने की बात कही, लेकिन तब तक इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। इस चुनाव में अंगुराल को BJP ने टिकट दी है। AAP ने अकाली-भाजपा सरकार में मंत्री रहे भगत चुन्नीलाल के बेटे मोहिंदर भगत को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने पूर्व डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर को टिकट दी है।   पंजाब | दैनिक भास्कर