राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला के ठिकानों पर छापेमारी की है। तीनों राज्यों के 9 जिलों में ये छापेमारी की गई। कनाडा में अर्श डल्ला की गिरफ्तारी के बाद यह पहला मौका है जब उसके के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। अर्श डल्ला के करीबी सहयोगी एनआईए की रडार पर हैं, ताकि डल्ला के पूरे नेटवर्क को तोड़ा जा सके। एनआईए की जांच के मुताबिक डल्ला के तीन सहयोगी हैं। ये तीनों सहयोगी भारत में बड़ा आतंकी-गैंगस्टर सिंडिकेट चला रहे थे। अर्शदीप खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का आतंकी है। भारत सरकार ने उसे 2022 में आतंकी घोषित किया था। वह कनाडा में रहता है और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निझर का करीबी था। निझर की हाल ही में कनाडा में हत्या कर दी गई थी। एनआईए से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। सभी लोग डल्ला से बात करते थे। लंबी जांच के बाद यह छापेमारी शुरू की गई। हैरी मोड़ और हैरी राजपुरा की पूछताछ में हुआ था खुलासा एनआईए का दावा है कि अर्शदीप के साथी हैरी मोड और हैरी राजपुरा स्लीपर सेल के रूप में काम करते थे और उन्हें राजीव कुमार नाम के व्यक्ति ने शरण दी थी। तीनों ने डल्ला के निर्देश पर और उससे मिले पैसों से कई आतंकी हमले करने की योजना बनाई थी। हैरी मोड और हैरी राजपुरा गिरोह के शूटर थे और उन्हें लक्षित हत्याएं करने का आदेश था। अर्श डल्ला ने राजीव कुमार उर्फ शीला को हैरी मोड और हैरी राजपुरा को पनाह देने के लिए पैसे दिए थे। एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि राजीव कुमार, अर्श दल्ला के निर्देश पर दो अन्य लोगों के लिए रसद सहायता और हथियारों की व्यवस्था भी कर रहे थे। एनआईए ने 23 नवंबर 2023 को हैरी मौर और हैरी राजपुरा को और 12 जनवरी 2024 को राजीव कुमार को गिरफ्तार किया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला के ठिकानों पर छापेमारी की है। तीनों राज्यों के 9 जिलों में ये छापेमारी की गई। कनाडा में अर्श डल्ला की गिरफ्तारी के बाद यह पहला मौका है जब उसके के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। अर्श डल्ला के करीबी सहयोगी एनआईए की रडार पर हैं, ताकि डल्ला के पूरे नेटवर्क को तोड़ा जा सके। एनआईए की जांच के मुताबिक डल्ला के तीन सहयोगी हैं। ये तीनों सहयोगी भारत में बड़ा आतंकी-गैंगस्टर सिंडिकेट चला रहे थे। अर्शदीप खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का आतंकी है। भारत सरकार ने उसे 2022 में आतंकी घोषित किया था। वह कनाडा में रहता है और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निझर का करीबी था। निझर की हाल ही में कनाडा में हत्या कर दी गई थी। एनआईए से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। सभी लोग डल्ला से बात करते थे। लंबी जांच के बाद यह छापेमारी शुरू की गई। हैरी मोड़ और हैरी राजपुरा की पूछताछ में हुआ था खुलासा एनआईए का दावा है कि अर्शदीप के साथी हैरी मोड और हैरी राजपुरा स्लीपर सेल के रूप में काम करते थे और उन्हें राजीव कुमार नाम के व्यक्ति ने शरण दी थी। तीनों ने डल्ला के निर्देश पर और उससे मिले पैसों से कई आतंकी हमले करने की योजना बनाई थी। हैरी मोड और हैरी राजपुरा गिरोह के शूटर थे और उन्हें लक्षित हत्याएं करने का आदेश था। अर्श डल्ला ने राजीव कुमार उर्फ शीला को हैरी मोड और हैरी राजपुरा को पनाह देने के लिए पैसे दिए थे। एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि राजीव कुमार, अर्श दल्ला के निर्देश पर दो अन्य लोगों के लिए रसद सहायता और हथियारों की व्यवस्था भी कर रहे थे। एनआईए ने 23 नवंबर 2023 को हैरी मौर और हैरी राजपुरा को और 12 जनवरी 2024 को राजीव कुमार को गिरफ्तार किया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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गुरदासपुर में 71 लोगों को घर खाली करने के नोटिस:नहरी विभाग ने की कार्रवाई, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर उठाए सवाल
गुरदासपुर में 71 लोगों को घर खाली करने के नोटिस:नहरी विभाग ने की कार्रवाई, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर उठाए सवाल गुरदासपुर जिले के गांव डीडा सांसियां में गत 15 जून को तीन नौजवानों की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई थी जिसके बाद गांव में दहशत का माहौल बन गया था और घटना के अगले दिन ही गांव में नशा तस्करी का काम करने वाले करीब 6 घरों के लोग गांव छोड़ फरार हो गए थे। पुलिस प्रशासन ने उक्त छह घरों को पूरी तरह से सील कर दिया था। अब इस मामले में नया मोड़ उस समय आया है। जब नहरी विभाग ने उक्त गांव के 71 लोगों को घर खाली करने के नोटिस जारी कर दिए हैं। जिनमें से अभी सिर्फ 56 लोगों को ही नोटिस मिले हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन नशा तस्करों की आड़ में बाकी गांव वासियों के भी घर खाली करवाए जा रहे हैं। नहरी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह किसी साजिश के तहत नहीं बल्कि रुटीन के तहत चल रहे कामों का परिणाम है। पूरे गांव को लपेट रहा जिला प्रशासन- ग्रामीण गांव की महिला सरपंच कमलेश कुमारी, विक्रांत, करण कुमार, परमजीत, संजू और कुलदीप ने बताया कि गांव में नशे की ओवर डोज से मरे नौजवानों के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा समय समय पर उनके गांव में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इसी कारण गांव में नशे का कारोबार करने वाले संदिग्ध लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं और उन्हें घर खाली करने के लिए जून के अंत में जिला प्रशासन ने 6 नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन अब जिला प्रशासन नशा तस्करों की आड़ में पूरे गांव को लपेट रहा है। लोगों ने कार्रवाई पर उठाए सवाल उन्होंने बताया कि गांव में कुछ लोग नशे का कारोबार करते थे। जिन पर पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर कुछ लोग गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुछ लोग फरार हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से गांव के लोग भी खुश हैं। लेकिन अब नहरी विभाग द्वारा गांव के 71 लोगों को घर खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि उक्त घर नहरी विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे करके बनाये गए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में उनके दादा पड़दादा पिछले 150 सालों से अधिक समय से रह रहे हैं और अब वो वहां रह रहे हैं। नहरों पर हुए अवैध कब्जे पहली सरकार को पहले क्यों नजर नहीं आए। यह सब उनके गांव को बदनाम करने और नहर किनारे बने घरों के लोगों को बेघर करने के लिए किया जा रहा है। गांव वासियों ने बताया कि गांव के बहुत से लोग सरकारी नौकरियां कर रहे हैं, कुछ लोग सेना में भी हैं, जरूरी नहीं कि गांव के कुछ लोग नशा तस्करी करते हैं तो पूरे गांव को उनके साथ मिला दिया जाए। एक्सईएन ने दी मामले की जानकारी नहरी विभाग के एक्सईएन करणबीर सिंह बैंस ने बताया कि उक्त मामले का नशे से कोई लेना देना नहीं है। उनके विभाग के एसडीओ रोहित प्रभाकर ने उनकी कोर्ट में एक केस लगाया था। जिसमें बताया गया था कि गांव डीडा सांसिया में कुछ लोगों ने नहरी विभाग की जमीन पर कब्जा करके घर बनाए गए हैं और उसी केस के तहत गांव के कुछ लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं।
कपूरथला से 10 मजदूरों को कराया मुक्त:बंधक बनाकर ठेकेदार करा रहा था काम, नाबालिग भी शामिल, बिहार सीएम की सूचना पर हुई कार्रवाई
कपूरथला से 10 मजदूरों को कराया मुक्त:बंधक बनाकर ठेकेदार करा रहा था काम, नाबालिग भी शामिल, बिहार सीएम की सूचना पर हुई कार्रवाई कपूरथला जिले के सिधवां दोनां गांव के नजदीक एक आलू फार्म से 10 बंधुआ मजदूरों को बिगन राय नामक ठेकेदार के चंगुल से छुड़वाया गया है। यह कार्रवाई एसडीएम और सदर थाने DSP की पुलिस की देखरेख में की गई है। बताया जा रहा है कि सभी लोगों को ठेकेदार बिगन राय ही 2 महीने पहले बिहार के सीतामढ़ी जिले से मजदूरी करने के लिए लाया था। जिनमें 3-4 नाबालिग भी शामिल है। पुलिस द्वारा की गई छापेमारी का पता चलने पर ठेकेदार फरार हो गया। बता दें कि सीतामढ़ी के सुरसंड के मेघपुर गांव के रहने वाले मजदूरों को कपूरथला के पहलवान आलू फार्म हाउस के ठेकेदार बिगन राय द्वारा बंधक बना कर रखा गया था। दो महीने से मजदूरी करवाने के बावजूद एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी गई थी। इसके अलावा उनसे 12 से 13 घंटे काम लिया जा रहा था। जिससे परेशान होकर 2 मजदूर वहां से भाग कर अपने गांव मेघपुर पहुंचे और प्रशासन को आपबीती सुनाई। 6 बिहार और 4 नेपाल के मजदूर पुलिस ने आलू फार्म हाउस के मालिकों से भी पूछताछ की है। DSP दीपकरण सिंह और कार्यकारी SDM कपिल जिंदल ने बच्चों और मजदूरों से बातचीत कर उनको वापस उनके गांव भेजने की बात कही है। जिनकी लिस्ट तैयार की गई है। इनमें 4 मजदूर नेपाल के सरलाई जिले और आसपास गांव के रहने वाले है। जो पिछले डेढ़ वर्ष से ठेकेदार के पास काम करते थे। बंधक बनाकर रखे गए मजदूरों में फेकू सदा (सीतामढ़ी) दुर्गा नंद, दिपेंद्र, अनिल, विकेश (नेपाल) नीरज (सीतामढ़ी), मुकेश, रुपम, बुंदेल आदि ने बताया कि उनकों 12 हजार रुपए वेतन देने की बात कर जहां आलू फार्म हाउस में लाया गया था। ठेकेदार बिगन द्वारा 8 घंटे की बजाए 13 घंटे काम करवाया जाता था। रोटी खाने के लिए रुपए मांगे जाते तो वह उनसे मारपीट करता और भद्दी-भद्दी गालियां निकालता था। बिहार सीएम ने पंजाब सीएम ऑफिस में की बात इसी बात से परेशान होकर बीते दिन 2 मजदूर चोरी छिपे फार्म हाउस से भाग निकले। वह भी अपने गांव वापस लौटना चाहते है। लेकिन ठेकेदार उनको जाने नही देता है। मामला बिहार के सीएम के दरबार में पहुंच गया। जिसके बाद बिहार के CM द्वारा पंजाब के CM ऑफिस से बात कर बाकी मजदूरों को छुड़वाने के लिए कहा गया। मारपीट करके कराया जा रहा था काम गुरुवार को गांव सिधवां दोनां के नजदीक बने पहलवान आलू फार्म हाउस में जिला प्रशासन और पुलिस की टाम ने दबिश दी। वहां पर काम करने वाले मजदूरों से बातचीत की गई। जिनमें से बिहार के सीतामढ़ी से आए हुए मजदूरों ने बताया कि बिगन उनका ठेकेदार है। आलुओं के खेतों में मजदूरी करवाने के लिए 2 महीने पहले कपूरथला के गांव सिधवां दोनां में लेकर आया था।मजदूरों ने बताया कि हमे बढ़िया वेतन दिलवाने का लालच दिया गया। लेकिन यहां पर ठेकेदार बिगन राय उनके साथ मारपीट करता और साथ आए बच्चों से भी जबरदस्ती काम करवाता है। मालिक बोले- हमे नहीं है जानकारी फार्म हाउस के मालिक तेजा सिंह और जसबीर सिंह ने बताया कि ठेकेदार द्वारा मजदूरों से ऐसा सलूक किया जा रहा है। इसके बारे उनको पता नहीं है, और ना ही किसी मजदूर की ओर से उन्हें इस बारे में बताया गया है। फिलहाल पुलिस फार्म हाउस के मालिकों से भी पूछताछ कर रही है।
मूसेवाला मर्डर केस का मुख्य गवाह नहीं पहुंचा कोर्ट:हत्या के वक्त गाड़ी में ही थे दोनों दोस्त, अदालत से मांगा समय
मूसेवाला मर्डर केस का मुख्य गवाह नहीं पहुंचा कोर्ट:हत्या के वक्त गाड़ी में ही थे दोनों दोस्त, अदालत से मांगा समय पंजाब के मानसा जिले में पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में मुख्य गवाह शुक्रवार को कोर्ट में गवाही देने नहीं आया। यह दूसरा मौका है जब घटना के बाद सिद्धू की कार में बैठे दोनों दोस्त गवाही देने नहीं आए। कोर्ट ने कल यानी शुक्रवार को दोनों के बयान दर्ज करने की तारीख तय की थी। हत्या के वक्त गुरविंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह सिद्धू की कार में बैठे थे। इसलिए उन्हें मुख्य गवाह बनाया गया। दोनों ने निजी कारणों का हवाला देते हुए कोर्ट में छूट मांगी है। यह घटना मानसा के जवाहरके गांव में हुई थी। गुरविंदर और गुरप्रीत को भी गोली लगी थी। 6 शूटरों ने मूसेवाला को मारी थी गोली 29 मई 2022 की शाम को मानसा के जवाहरके गांव में 6 शूटरों ने मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मूसेवाला तब 28 साल का था। इस हत्या की जिम्मेदारी कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस गैंग ने ली थी। कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने इस पूरी साजिश को अंजाम दिया। जिसमें लॉरेंस का भाई अनमोल और भतीजा सचिन थापन भी शामिल था। पुलिस ने इस मामले में 35 आरोपियों को नामजद किया है। इनमें से 4 की मौत हो चुकी है। हत्या के बाद से ही माता-पिता बेटे को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वे लगातार पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को घेर रहे हैं। सिद्धू का सिंगिंग सफर सिद्धू ने गाना गाने नहीं बल्कि लिखने से म्यूजिक सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने पहला गाना ‘लाइसेंस’ लिखा था। इसे सिंगर निंजा ने अपनी आवाज दी थी। ये गाना हिट था जिसके बाद सिद्धू को राइटर के तौर पर लोग जानने लगे। 2017 में सिद्धू का पहला गाना ‘जी वैगन’ रिलीज हुआ था। हालांकि उन्हें पॉपुलैरिटी ‘सो हाई’ गाने से मिली। उन्होंने 2018 से भारत में लाइव शो करना शुरू किया और कनाडा में कई शो किए। 2018 में उनका गाना ‘फेमस’ रिलीज हुआ था, जिसकी पॉपुलैरिटी ने उन्हें टाॅप 40 यूके एशियन चार्ट में एंट्री दिलाई। हत्या के बाद अब तक 6 गाने रिलीज हो चुके हत्या के बाद मूसेवाला के 6 गाने रिलीज हो चुके हैं। तीन सप्ताह पहले ही ड्रिपी गीत रिलीज हुआ। जिसे तीन सप्ताह में ही करीब 2.68 करोड़ लोग देख चुके हैं। इससे पहले वॉच-आउट, चोरनी, मेरा नां, वार और SYL रिलीज हो चुके हैं। SYL गीत को भारत सरकार ने देश में बैन करवा दिया था।