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महेंद्रगढ़ में मंत्री आरती के कार्यक्रम में जेबकतरों का धावा:15 लोगों की जेबें कटी; पुलिस की मौजूदगी में कैश-डॉक्यूमेंट्स चुराए
महेंद्रगढ़ में मंत्री आरती के कार्यक्रम में जेबकतरों का धावा:15 लोगों की जेबें कटी; पुलिस की मौजूदगी में कैश-डॉक्यूमेंट्स चुराए हरियाणा के महेंद्रगढ़ के कनीना व अटेली में 19 अक्टूबर को कैबिनेट मंत्री आरती सिंह राव कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करने के लिए आई थी। दोनों ही जगह भीड़ होने का फायदा जेब कतरों ने उठाया। कनीना में लगभग एक दर्जन लोगों की जेब तराशी गई। वही अटेली में 3 लोगों की जेब काटी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि क्षेत्र में बढ़ता क्राइम पुलिस और मंत्री दोनों के लिए चुनौती है। कनीना निवासी मनोज ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि 19 अक्टूबर को कनीना के RS वाटिका में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी व मंत्री आरती सिंह राव विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट करने के लिए आई हुई थी। वहां पर काफी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता व नेता उपस्थित थे। इस दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मेरी जेब से 6 हजार रुपए निकाल लिए। मुझे पता चला है कि इसी प्रोग्राम में अन्य व्यक्तियों के भी जरूरी डॉक्यूमेंट व रुपए निकाले गए हैं। इनमें गांव सीहमा से एडवोकेट हेमंत कृष्ण भारद्वाज, गांव गुढ़ा से दिलीप सिंह, गांव पोता से राजेंद्र यादव, कनीना से महेंद्र सिंह व सुनील की जेब से भी रुपए चोरी हुए हैं। वही एडवोकेट हेमंत कृष्ण भारद्वाज व दिलीप सिंह ने बताया कि आरती राव के धन्यवाद दौर के दौरान कनीना में लगभग एक दर्जन लोगों की जेब तराशी गई। वही तीन लोगों की जब अटेली में काटी गई। हेमंत ने बताया कि उनकी कुर्ता की जेब से पर्स निकाल लिया गया। जिसमें लगभग 2500 रुपए व जरूरी डॉक्यूमेंट थे। वही दिलीप सिंह की जेब से 3200 रुपए निकाले गए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ और लोगों की जेब भी काटी गई है। लेकिन वे लोक लाज की वजह से शिकायत नहीं दी। उन्होंने बताया कि यह बाहर से आया हुआ गिरोह है। इनको तुरंत पकड़ा जाए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
लखनऊ के BBAU में कुलपति-रजिस्ट्रार में छिड़ा लेटर वॉर:रजिस्ट्रार के आदेश कर खुद से लिया चार्ज, कुलपति ने किया खारिज
लखनऊ के BBAU में कुलपति-रजिस्ट्रार में छिड़ा लेटर वॉर:रजिस्ट्रार के आदेश कर खुद से लिया चार्ज, कुलपति ने किया खारिज लखनऊ के बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। नए कुलपति प्रोफेसर एसके द्विवेदी के चार्ज लेने के बाद भी अश्वनी कुमार सिंह रजिस्ट्रार के पद पर काबिज होते नहीं दिख रहे हैं। शुक्रवार को हुआ ये घटनाक्रम शुक्रवार को अश्वनी कुमार सिंह की तरफ से लेटर जारी कर ये कहा गया कि रजिस्टर के पद का चार्ज उन्होंने ले लिया है। साथ ही सभी विभागीय फाइलों को उनकी टेबल पर मार्क करने की बात भी कही गई। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी लेटर के जरिए जारी की गई। नए कुलपति ने आदेश किया खारिज इस बीच कुलपति प्रो. एसके द्विवेदी की तरफ से शुक्रवार शाम को इस आदेश को खारिज करते हुए नया लेटर जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि हाईकोर्ट के निर्णय पर कम्पीटेंट अथॉरिटी विचार कर रही। ऐसे में इससे जुड़ा कोई अन्य आदेश बिना कम्पीटेंट अथॉरिटी के अप्रूवल से जारी किया गया नल और वॉयड माना जाएगा होगा यानी खारिज किया जाता है।
Maha Kumbh 2025: मां-बाप ने महाकुंभ में दान दे दी 13 साल की बेटी, जूना अखाड़ा ने रखा नया नाम, बनेगी नागा साधु!
Maha Kumbh 2025: मां-बाप ने महाकुंभ में दान दे दी 13 साल की बेटी, जूना अखाड़ा ने रखा नया नाम, बनेगी नागा साधु! <p style=”text-align: justify;”><strong>Maha Kumbh 2025 Prayagraj:</strong> प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो रहा है. इस बीच देशभर से साधु-संतों और अखाड़ों का महाकुंभ में पहुंचना शुरू हो गया है. इसी क्रम में एक बेहद हैरान करने वाली घटना सामने आई है. आगरा के रहने वाले परिवार ने अपनी 13 साल की बेटी को जूना अखाड़े को दान कर दिया है. जल्द ही महाकुंभ में उसका पिंडदान किया जाएगा, जिसके बाद वो सांसारिक जीवन त्याग कर संन्यासी जीवन में प्रवेश कर लेगी. माता-पिता का कहना है कि उनकी बेटी शुरू से साध्वी बनना चाहती थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बच्ची का नाम राखी सिंह है. जूना अखाड़ा को दान देने के बाद बच्ची के गुरु और जूना अखाड़ा के संत कौशल गिरि ने विधि विधान के साथ उसका शिविर में प्रवेश कराया और उसका नया नाम गौरी रखा है. गुरु ने बताया कि जल्द ही बच्ची के पिंडदान की प्रक्रिया कराई जाएगी, जिसके बाद धीरे-धीरे उसे साध्वी के रूप में ढाला जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जूना अखाड़ा को दान दी बेटी</strong><br />एबीपी न्यूज़ ने जब इस बारे में गौरी के परिवार से बात की तो उसकी मां ने बताया कि हम महाकुंभ में आए थे. इसी दौरान बच्ची के मन में आया कि वो भी साध्वी बने. उसकी खुशी इसी में थी, उसने साध्वी का जीवन चुना. मां ने कहा कि उनकी बेटी शुरू से ही साध्वी बनना चाहती थी. उसने कई बार अपनी इस इच्छा का जिक्र परिवार से भी किया था. इसके बाद मां ने कहा कि तुम जो भी करना चाहती हो उसकी छूट है. अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो हम कुछ नहीं कहेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बचपन से ही साध्वी बनना चाहती थी </strong><br />जूना अखाड़ा के शिविर में शामिल होने के बाद गौरी उर्फ राखी ने कहा कि उसका बचपन से ही पूजा-पाठ में बहुत ज्यादा मन लगता था. साध्वियों को देखकर उसका मन भी करता था कि वो भी साध्वी बने. वो इस जीवन में आकर ख़ुश हैं, गौरी ने कहा कि साध्वी बनने के बाद उसके कभी अपने माता-पिता की याद नहीं आएगी. मैं बहुत छोटी थी तभी से उन्हें ये कहती आ रही हूं कि मुझे अनाथ आश्रम में छोड़ दो. मैं पहले भी कहती थी मुझे घर में नहीं रहना. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाकुंभ में कराया जाएगा पिंड दान</strong><br />जूना अखाड़ा के संत कौशल गिरि ने इसे परमात्मा की कृपा बताया और कहा कि ये इनके पूर्व जन्म के संस्कार है इसलिए वो इतनी कम उम्र में साध्वी बनी है. इनका परिवार तो कुंभ के दर्शन करने ही आए थे. उन्होंने इस घटना को एक संयोग बताया और कहा कि अब वो सीधा भगवान की शरण में आ गई है. हमारा इनका संयोग तो न जाने कब से परमात्मा ने जोड़ा हुआ है. कब का विधि विधान चला आ रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>संत कौशल गिरी ने कहा कि हमने गौरी को पहले ही समझाया है कि फकीरी लोहे के चने के समान है, ये जितना सरल दिखकर रहा है उससे कहीं ज्यादा कठिन है. लेकिन उसका कहना है कि चाहे कितनी भी कठिनाई आए मुझे इनके साथ ही रहना है. धीरे-धीरे इनका साध्वी के जीवन में प्रवेश होगा. इनका पिंड दान होगा और जो भी विधि है उसे पूरा किया जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/swami-avimukteshwaranand-saraswati-protest-against-slogan-darenge-to-marenge-in-maha-kumbh-ann-2859413″>स्वामी अविमुक्तेश्वरान्द ने ‘डरेंगे तो मरेंगे’ नारे का जताया विरोध, बोले- ‘ऐसे नारे धर्म विरोधी'</a></strong></p>