आरक्षण के बंटवारे को लेकर SC के फैसले पर मायावती की पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?

आरक्षण के बंटवारे को लेकर SC के फैसले पर मायावती की पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Mayawati News:</strong> सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को मिले मिलने वाले कोटे में कोटे को मंजूरी दे दी है. जिस पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. बसपा सुप्रीमो ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर नाराजगी जताई और कहा कि इन वर्गों के बीच आरक्षण का बँटवारा करना कितना उचित होगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बसपा सुप्रीमो ने एक्स पर लिखा- ‘सामाजिक उत्पीड़न की तुलना में राजनीतिक़ उत्पीड़न कुछ भी नहीं. क्या देश के ख़ासकर करोड़ों दलितों व आदिवासियों का जीवन द्वेष व भेदभाव-मुक्त आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का हो पाया है. अगर नहीं तो फिर जाति के आधार पर तोड़े व पछाड़े गए इन वर्गों के बीच आरक्षण का बंटवारा कितना उचित?'</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा- देश के एससी, एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों/सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं. वे इनके सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के पक्षधर नहीं वरना इन लोगों के आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालकर इसकी सुरक्षा जरूर की गयी होती.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>[tw]https://x.com/mayawati/status/1819235617068536310?s=46[/tw]</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (SC/ST) को मिलने वाले आरक्षण को लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए एससी-एसटी में कोटे के अंदर कोटे को मंजूरी दे दी है. चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से ये फैसला सुनाया जिस पर सियासत शुरू हो गयी है.&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mayawati News:</strong> सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को मिले मिलने वाले कोटे में कोटे को मंजूरी दे दी है. जिस पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. बसपा सुप्रीमो ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर नाराजगी जताई और कहा कि इन वर्गों के बीच आरक्षण का बँटवारा करना कितना उचित होगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बसपा सुप्रीमो ने एक्स पर लिखा- ‘सामाजिक उत्पीड़न की तुलना में राजनीतिक़ उत्पीड़न कुछ भी नहीं. क्या देश के ख़ासकर करोड़ों दलितों व आदिवासियों का जीवन द्वेष व भेदभाव-मुक्त आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का हो पाया है. अगर नहीं तो फिर जाति के आधार पर तोड़े व पछाड़े गए इन वर्गों के बीच आरक्षण का बंटवारा कितना उचित?'</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा- देश के एससी, एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों/सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं. वे इनके सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के पक्षधर नहीं वरना इन लोगों के आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालकर इसकी सुरक्षा जरूर की गयी होती.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>[tw]https://x.com/mayawati/status/1819235617068536310?s=46[/tw]</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (SC/ST) को मिलने वाले आरक्षण को लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए एससी-एसटी में कोटे के अंदर कोटे को मंजूरी दे दी है. चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से ये फैसला सुनाया जिस पर सियासत शुरू हो गयी है.&nbsp;</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड UP Politics: विधानसभा से केशव और ब्रजेश को सीएम योगी ने दिया संदेश? अखिलेश यादव का बड़ा दावा