इंदिरा गांधी के हत्यारे के भतीजे को न्यूजीलैंड में सजा:22 साल रहेगा जेल में, मेथामफेटामाइन रखने का दोषी, 1 साल पहले हुई गिरफ्तारी

इंदिरा गांधी के हत्यारे के भतीजे को न्यूजीलैंड में सजा:22 साल रहेगा जेल में, मेथामफेटामाइन रखने का दोषी, 1 साल पहले हुई गिरफ्तारी

पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह के भारतीय मूल के भतीजे 32 वर्षीय बलतेज सिंह को न्यूजीलैंड में 22 साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने उन्हें 700 किलोग्राम मेथमफेटामाइन (मादक पदार्थ) रखने का दोषी ठहराया है। ऑकलैंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बलतेज सिंह को सजा सुनाई। बलतेज सिंह को न्यूजीलैंड पुलिस ने मार्च 2023 में गिरफ्तार किया था। ऑकलैंड पुलिस ने मनुकाउ में एक छोटे से गोदाम पर छापा मारा, जहां बीयर के डिब्बों में मेथमफेटामाइन की बड़ी खेप छिपाकर रखी गई थी। मामले की जांच तब शुरू हुई जब 21 वर्षीय एडेन सागाला नाम के युवक की मौत हो गई। उसने कथित तौर पर वही बीयर पी थी, जिसमें ड्रग्स थे। पुलिस जांच में पता चला कि हिम्मतजीत जिमी सिंह कहलों नाम के एक शख्स ने सागाला को यह बीयर दी थी। बाद में जिमी सिंह को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया। सुनवाई के दौरान जिम्मी सिंह ने कहा कि उसे उसके एक भरोसेमंद कारोबारी दोस्त ने धोखा दिया और वह खुद इस साजिश का शिकार हुआ। खुफिया सूत्रों का दावा है कि यह ‘भरोसेमंद कारोबारी’ बलतेज सिंह ही इस ड्रग तस्करी नेटवर्क का मास्टरमाइंड था। भारतीय खुफिया एजेंसियां ​​अलर्ट पर हालांकि न्यूजीलैंड पुलिस ने आधिकारिक तौर पर बलतेज सिंह के नाम की पुष्टि नहीं की है, लेकिन खुफिया एजेंसियों ने पुष्टि की है कि 22 साल की सजा पाने वाले व्यक्ति का नाम बलतेज सिंह ही है। न्यूजीलैंड मीडिया में हिम्मतजीत काहलों का नाम भी है, जिसने मृतक सागाला को बीयर की कैन दी थी। लेकिन न्यूजीलैंड मीडिया की रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि उसके साथी, जो ड्रग तस्करी नेटवर्क का मास्टरमाइंड था, को 22 साल की सजा सुनाई गई है। बलतेज सिंह को आइडेल सागाला की मौत के मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है, लेकिन उसे न्यूनतम 10 साल की सजा काटने से पहले पैरोल नहीं मिलेगी। पंजाब में बलतेज सिंह के परिवार ने इन खबरों को “फर्जी” करार दिया है। उनके परिवार का कहना है कि इस मामले के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या से जुड़ा है परिवार बलतेज सिंह, सतवंत सिंह के भाई सरवन सिंह अगवान का बेटा है। सतवंत सिंह उन दो सिख बॉडीगार्ड में से एक था, जिन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की थी। इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को स्वर्ण मंदिर में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के तहत भेजा था, जिसके रोष में उनकी हत्या कर दी गई थी। इस हमले के बाद, सतवंत सिंह को गिरफ्तार किया गया था और 1989 में फांसी दी गई थी। 1980 में न्यूजीलैंड चला गया था परिवार बलतेज सिंह का परिवार 1980 के दशक में न्यूजीलैंड चला गया और ऑकलैंड में एक किराना दुकान शुरू की। खुफिया सूत्रों के अनुसार, बलतेज सिंह न्यूजीलैंड में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में भी संलिप्त रहा है। उसके परिवार का एक सदस्य कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थक और वर्तमान NSA के तहत डिब्रूगढ़ जेल में नजरबंद लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता है। पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह के भारतीय मूल के भतीजे 32 वर्षीय बलतेज सिंह को न्यूजीलैंड में 22 साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने उन्हें 700 किलोग्राम मेथमफेटामाइन (मादक पदार्थ) रखने का दोषी ठहराया है। ऑकलैंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बलतेज सिंह को सजा सुनाई। बलतेज सिंह को न्यूजीलैंड पुलिस ने मार्च 2023 में गिरफ्तार किया था। ऑकलैंड पुलिस ने मनुकाउ में एक छोटे से गोदाम पर छापा मारा, जहां बीयर के डिब्बों में मेथमफेटामाइन की बड़ी खेप छिपाकर रखी गई थी। मामले की जांच तब शुरू हुई जब 21 वर्षीय एडेन सागाला नाम के युवक की मौत हो गई। उसने कथित तौर पर वही बीयर पी थी, जिसमें ड्रग्स थे। पुलिस जांच में पता चला कि हिम्मतजीत जिमी सिंह कहलों नाम के एक शख्स ने सागाला को यह बीयर दी थी। बाद में जिमी सिंह को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया। सुनवाई के दौरान जिम्मी सिंह ने कहा कि उसे उसके एक भरोसेमंद कारोबारी दोस्त ने धोखा दिया और वह खुद इस साजिश का शिकार हुआ। खुफिया सूत्रों का दावा है कि यह ‘भरोसेमंद कारोबारी’ बलतेज सिंह ही इस ड्रग तस्करी नेटवर्क का मास्टरमाइंड था। भारतीय खुफिया एजेंसियां ​​अलर्ट पर हालांकि न्यूजीलैंड पुलिस ने आधिकारिक तौर पर बलतेज सिंह के नाम की पुष्टि नहीं की है, लेकिन खुफिया एजेंसियों ने पुष्टि की है कि 22 साल की सजा पाने वाले व्यक्ति का नाम बलतेज सिंह ही है। न्यूजीलैंड मीडिया में हिम्मतजीत काहलों का नाम भी है, जिसने मृतक सागाला को बीयर की कैन दी थी। लेकिन न्यूजीलैंड मीडिया की रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि उसके साथी, जो ड्रग तस्करी नेटवर्क का मास्टरमाइंड था, को 22 साल की सजा सुनाई गई है। बलतेज सिंह को आइडेल सागाला की मौत के मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है, लेकिन उसे न्यूनतम 10 साल की सजा काटने से पहले पैरोल नहीं मिलेगी। पंजाब में बलतेज सिंह के परिवार ने इन खबरों को “फर्जी” करार दिया है। उनके परिवार का कहना है कि इस मामले के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या से जुड़ा है परिवार बलतेज सिंह, सतवंत सिंह के भाई सरवन सिंह अगवान का बेटा है। सतवंत सिंह उन दो सिख बॉडीगार्ड में से एक था, जिन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की थी। इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को स्वर्ण मंदिर में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के तहत भेजा था, जिसके रोष में उनकी हत्या कर दी गई थी। इस हमले के बाद, सतवंत सिंह को गिरफ्तार किया गया था और 1989 में फांसी दी गई थी। 1980 में न्यूजीलैंड चला गया था परिवार बलतेज सिंह का परिवार 1980 के दशक में न्यूजीलैंड चला गया और ऑकलैंड में एक किराना दुकान शुरू की। खुफिया सूत्रों के अनुसार, बलतेज सिंह न्यूजीलैंड में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में भी संलिप्त रहा है। उसके परिवार का एक सदस्य कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थक और वर्तमान NSA के तहत डिब्रूगढ़ जेल में नजरबंद लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता है।   पंजाब | दैनिक भास्कर