बाराबंकी के 500 श्रमिक इजराइल में फंसे हैं। वह सभी बंकरों में रह रहे हैं। घरवालों से वीडियो कॉल पर बात हो पाती है। परिजन अपनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। यह सभी युवक काम की तलाश में इजराइल गए थे। इन दिनों इजराइल और ईरान के बीच छिड़े युद्ध के कारण वहां रह रहे श्रमिकों के परिजन बेहद चिंतित हैं। दैनिक भास्कर की टीम सोमवार को देवा क्षेत्र के नई बस्ती पहुंची। जहां के 16 लोग इजराइल में फंसे हैं। उनके घरों का हाल जाना। परिजनों से बातचीत की। परिजनों ने वहां फंसे लोगों से वीडियो कॉल के जरिए बात कराई। इजराइल में फंसे लोगों ने वहां के हालातों के बारे में बताया। वहां आसमान में चल रही मिसाइलों की तस्वीरें दिखाई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… बाराबंकी जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर देवा क्षेत्र में नई बस्ती घेरी गांव है। हमारी टीम इस गांव पहुंची। नई बस्ती घेरी से करीब 16 युवक काम की तलाश में इजराइल गए थे। गांव के मोनू सिंह, जितेन्द्र, बबलू सिंह, रविन्द्र सिंह, योगेश के घर पर जाकर उनके परिजनों से हाल जाना। परिजनों का कहना है कि अभी तो सभी लोग सुरक्षित हैं। लेकिन लगातार वहां मिसाइलों से हमला हो रहा है। कभी भी कुछ हो सकता है। वहां से वह लोग अभी निकल भी नहीं सकते हैं, जब तक युद्ध समाप्त नहीं हो जाता है। वहां की सरकार उन लोगों की मदद तो कर रही है। लेकिन हम लोगों को चिंता बनी हुई है। इसके बाद हम लोग मोनू सिंह के घर पहुंचे। घर पर मोनू की मां, भाई और भाभी मिलीं। भाई ओंकार सिंह ने बताया- मेरी मोनू से रोज सुबह शाम बात होती है। वह लोग बंकर में है। वहां के वीडियो भी मोनू हम लोगों को भेजता है। जिसमें मिसाइलें चलती हुई दिखाई देती हैं। इसके बाद भाई ने वीडियो कॉल से मोनू से बात कराई। जब कोई बम आता है, तो बंकरों में जाना पड़ता है
वीडियो कॉल पर इजराइल में रह रहे मोनू सिंह ने बताया- वह जिस इलाके में रह रहे हैं, वहां लगातार मिसाइल हमले हो रहे हैं। जब भी कोई बम या मिसाइल इधर आती है, सायरन बजता है और सभी को तुरंत बंकर में जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इजराइल का सुरक्षा कवच बहुत मज़बूत है, अधिकतर मिसाइलें हवा में ही नष्ट कर दी जाती हैं, इसलिए डर कम महसूस होता है। मोनू सिंह करीब 11 महीने पहले इजराइल गए थे। हमले की 2 तस्वीरें देखिए… वीडियो कॉल करते ही बजने लगा सायरन
इसके बाद हम लोग बबलू सिंह के घर पहुंचे। बबलू के घर बबलू के भाई सुखविंदर मिले। सुखविंदर सिंह से बातचीत में बताया, मेरा छोटा भाई बबलू सिंह 11 महीने से इसराइल मे काम करता है। बबलू सिंह के तीन बच्चे हैं। दो बेटे और एक बेटी। मां हम लोगों के साथ में रहती हैं। बबलू सिंह से हमारी रोज सुबह और शाम बातें होती हैं। बबलू सिंह से जब वीडियो कॉल पर बात हुई तो उसी वक्त वहां सायरन बजने लगा। कॉल के दौरान उन्होंने बाहर का नजारा दिखाया, जहां दूर-दूर तक सन्नाटा दिख रहा था। 14 महीने से इजराइल में
बबलू ने बताया, सायरन बजते ही सभी लोग बंकरों में चले जाते हैं, जहां खाने-पीने की व्यवस्था मौजूद है। उन्होंने कहा कि खतरे के बावजूद इजराइल की तैयारी के कारण वे सुरक्षित महसूस करते हैं। बबलू करीब 14 महीने पहले इजराइल गए थे। इजराइल सरकार सबको बंकरों में सुरक्षित रख रही
भाई रविन्द्र ने बताया, युद्ध की खबरें और वीडियो आने के बाद से वे लगातार अपने से संपर्क में हैं, लेकिन बातचीत के दौरान ही सायरन की आवाज सुनकर दिल कांप उठता है। बबलू सिंह के भाई सबलू सिंह ने बताया, इजराइल सरकार सबको बंकरों में सुरक्षित रख रही है, खाने-पीने की भी कोई कमी नहीं है, इसलिए फिलहाल डर की बात नहीं है। इसके बाद बबलू सिंह के बच्चे प्रियंका और उदित सिंह ने वीडियो कॉल पर बात की। बाराबंकी के 500 श्रमिक गए थे इजराइल
जानकारी के अनुसार, बाराबंकी जिले से पिछले साल करीब 500 से अधिक श्रमिक इजराइल गए थे, जिनमें अधिकांश लोग देवा व जिले के अन्य इलाकों से हैं। सभी भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं और इजरायली सुरक्षा नियमों का पालन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि युद्ध के कारण इजराइल के कारखानों में काम बंद है और अधिकतर लोग बंकरों में शरण लिए हुए हैं। ईरान के हमले में आज 8 इजराइलियों की मौत
दूसरी तरफ, ईरानी सेना ने सेंट्रल इजराइल में कई जगहों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इसमें 8 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हैं। पिछले 4 दिनों के दौरान इजराइल में ईरान का यह सबसे बड़ा हमला है। ईरानी हमलों से इजराइल में अब तक 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 600 से ज्यादा घायल हैं। ईरान में 224 लोग मारे गए हैं, जबकि 1,277 से ज्यादा घायल हैं। वहीं, अमेरिका में स्थित ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स ग्रुप ने ईरान में 406 लोगों के मारे जाने का दावा किया है। इजराइल और ईरान के बीच 13 जून की रात से संघर्ष हो रहा है। इजराइल ने रविवार रात ईरान के विदेश मंत्रालय पर हमला किया था। इसमें 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। शनिवार को इजराइली सेना ने ईरानी रक्षा मंत्रालय पर भी हमला किया था। पढ़ें पूरी खबर… ——————- ये खबर भी पढ़ें… ईरान से आर्मेनिया के रास्ते लौटेंगे भारतीय छात्र:इजराइल से टकराव के बीच 1500 स्टूडेंट्स फंसे; ईरान बोला- बॉर्डर खुले, विदेशी नागरिक जा सकते हैं इजराइल से लगातार चौथे दिन जारी लड़ाई के बीच ईरान ने सोमवार को विदेशी नागरिकों को देश छोड़ने की इजाजत दे दी है। भास्कर के सूत्रों ने बताया कि भारत ने अपने छात्रों को निकालने के लिए ईरान में आर्मेनिया के राजदूत से बात की है। पढ़ें पूरी खबर… बाराबंकी के 500 श्रमिक इजराइल में फंसे हैं। वह सभी बंकरों में रह रहे हैं। घरवालों से वीडियो कॉल पर बात हो पाती है। परिजन अपनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। यह सभी युवक काम की तलाश में इजराइल गए थे। इन दिनों इजराइल और ईरान के बीच छिड़े युद्ध के कारण वहां रह रहे श्रमिकों के परिजन बेहद चिंतित हैं। दैनिक भास्कर की टीम सोमवार को देवा क्षेत्र के नई बस्ती पहुंची। जहां के 16 लोग इजराइल में फंसे हैं। उनके घरों का हाल जाना। परिजनों से बातचीत की। परिजनों ने वहां फंसे लोगों से वीडियो कॉल के जरिए बात कराई। इजराइल में फंसे लोगों ने वहां के हालातों के बारे में बताया। वहां आसमान में चल रही मिसाइलों की तस्वीरें दिखाई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… बाराबंकी जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर देवा क्षेत्र में नई बस्ती घेरी गांव है। हमारी टीम इस गांव पहुंची। नई बस्ती घेरी से करीब 16 युवक काम की तलाश में इजराइल गए थे। गांव के मोनू सिंह, जितेन्द्र, बबलू सिंह, रविन्द्र सिंह, योगेश के घर पर जाकर उनके परिजनों से हाल जाना। परिजनों का कहना है कि अभी तो सभी लोग सुरक्षित हैं। लेकिन लगातार वहां मिसाइलों से हमला हो रहा है। कभी भी कुछ हो सकता है। वहां से वह लोग अभी निकल भी नहीं सकते हैं, जब तक युद्ध समाप्त नहीं हो जाता है। वहां की सरकार उन लोगों की मदद तो कर रही है। लेकिन हम लोगों को चिंता बनी हुई है। इसके बाद हम लोग मोनू सिंह के घर पहुंचे। घर पर मोनू की मां, भाई और भाभी मिलीं। भाई ओंकार सिंह ने बताया- मेरी मोनू से रोज सुबह शाम बात होती है। वह लोग बंकर में है। वहां के वीडियो भी मोनू हम लोगों को भेजता है। जिसमें मिसाइलें चलती हुई दिखाई देती हैं। इसके बाद भाई ने वीडियो कॉल से मोनू से बात कराई। जब कोई बम आता है, तो बंकरों में जाना पड़ता है
वीडियो कॉल पर इजराइल में रह रहे मोनू सिंह ने बताया- वह जिस इलाके में रह रहे हैं, वहां लगातार मिसाइल हमले हो रहे हैं। जब भी कोई बम या मिसाइल इधर आती है, सायरन बजता है और सभी को तुरंत बंकर में जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इजराइल का सुरक्षा कवच बहुत मज़बूत है, अधिकतर मिसाइलें हवा में ही नष्ट कर दी जाती हैं, इसलिए डर कम महसूस होता है। मोनू सिंह करीब 11 महीने पहले इजराइल गए थे। हमले की 2 तस्वीरें देखिए… वीडियो कॉल करते ही बजने लगा सायरन
इसके बाद हम लोग बबलू सिंह के घर पहुंचे। बबलू के घर बबलू के भाई सुखविंदर मिले। सुखविंदर सिंह से बातचीत में बताया, मेरा छोटा भाई बबलू सिंह 11 महीने से इसराइल मे काम करता है। बबलू सिंह के तीन बच्चे हैं। दो बेटे और एक बेटी। मां हम लोगों के साथ में रहती हैं। बबलू सिंह से हमारी रोज सुबह और शाम बातें होती हैं। बबलू सिंह से जब वीडियो कॉल पर बात हुई तो उसी वक्त वहां सायरन बजने लगा। कॉल के दौरान उन्होंने बाहर का नजारा दिखाया, जहां दूर-दूर तक सन्नाटा दिख रहा था। 14 महीने से इजराइल में
बबलू ने बताया, सायरन बजते ही सभी लोग बंकरों में चले जाते हैं, जहां खाने-पीने की व्यवस्था मौजूद है। उन्होंने कहा कि खतरे के बावजूद इजराइल की तैयारी के कारण वे सुरक्षित महसूस करते हैं। बबलू करीब 14 महीने पहले इजराइल गए थे। इजराइल सरकार सबको बंकरों में सुरक्षित रख रही
भाई रविन्द्र ने बताया, युद्ध की खबरें और वीडियो आने के बाद से वे लगातार अपने से संपर्क में हैं, लेकिन बातचीत के दौरान ही सायरन की आवाज सुनकर दिल कांप उठता है। बबलू सिंह के भाई सबलू सिंह ने बताया, इजराइल सरकार सबको बंकरों में सुरक्षित रख रही है, खाने-पीने की भी कोई कमी नहीं है, इसलिए फिलहाल डर की बात नहीं है। इसके बाद बबलू सिंह के बच्चे प्रियंका और उदित सिंह ने वीडियो कॉल पर बात की। बाराबंकी के 500 श्रमिक गए थे इजराइल
जानकारी के अनुसार, बाराबंकी जिले से पिछले साल करीब 500 से अधिक श्रमिक इजराइल गए थे, जिनमें अधिकांश लोग देवा व जिले के अन्य इलाकों से हैं। सभी भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं और इजरायली सुरक्षा नियमों का पालन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि युद्ध के कारण इजराइल के कारखानों में काम बंद है और अधिकतर लोग बंकरों में शरण लिए हुए हैं। ईरान के हमले में आज 8 इजराइलियों की मौत
दूसरी तरफ, ईरानी सेना ने सेंट्रल इजराइल में कई जगहों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इसमें 8 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हैं। पिछले 4 दिनों के दौरान इजराइल में ईरान का यह सबसे बड़ा हमला है। ईरानी हमलों से इजराइल में अब तक 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 600 से ज्यादा घायल हैं। ईरान में 224 लोग मारे गए हैं, जबकि 1,277 से ज्यादा घायल हैं। वहीं, अमेरिका में स्थित ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स ग्रुप ने ईरान में 406 लोगों के मारे जाने का दावा किया है। इजराइल और ईरान के बीच 13 जून की रात से संघर्ष हो रहा है। इजराइल ने रविवार रात ईरान के विदेश मंत्रालय पर हमला किया था। इसमें 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। शनिवार को इजराइली सेना ने ईरानी रक्षा मंत्रालय पर भी हमला किया था। पढ़ें पूरी खबर… ——————- ये खबर भी पढ़ें… ईरान से आर्मेनिया के रास्ते लौटेंगे भारतीय छात्र:इजराइल से टकराव के बीच 1500 स्टूडेंट्स फंसे; ईरान बोला- बॉर्डर खुले, विदेशी नागरिक जा सकते हैं इजराइल से लगातार चौथे दिन जारी लड़ाई के बीच ईरान ने सोमवार को विदेशी नागरिकों को देश छोड़ने की इजाजत दे दी है। भास्कर के सूत्रों ने बताया कि भारत ने अपने छात्रों को निकालने के लिए ईरान में आर्मेनिया के राजदूत से बात की है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
इजराइल में बंकरों में छिपे बाराबंकी के 500 लोग:VIDEO कॉल पर बोले- आसमान में फट रहीं मिसाइलें; परिजनों ने कहा- कलेजा कांप उठता है
