इटावा में केदारेश्वर मंदिर के निर्माण पर उत्तराखंड में उठे विरोध के स्वर, सीएम धामी ने लिखा पत्र

इटावा में केदारेश्वर मंदिर के निर्माण पर उत्तराखंड में उठे विरोध के स्वर, सीएम धामी ने लिखा पत्र

<p style=”text-align: justify;”><strong>Dehradun News Today:</strong> उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जरिये केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर केदारेश्वर मंदिर का निर्माण कराया गया है. इस मंदिर के निर्माण को लेकर उत्तराखंड में विरोध के स्वर उठने लगे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>साधु-संतों और अलग-अलग धार्मिक संगठनों से जुड़े लोगों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई है. उनका कहना है कि केदारनाथ भगवान का स्वरूप और नाम किसी अन्य स्थान पर नहीं दोहराया जाना चाहिए, क्योंकि इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/JO6cnEAuRaY?si=nY-ChqV_HR5897Ll” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम ने भेजा पत्र</strong><br />उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का इस विवाद को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उन्हें इस मामले से जुड़े कई पत्र मिले हैं. उन्होंने कहा कि संबंधित प्रदेश को इस विषय में पत्र भेज दिया गया है. मुख्यमंत्री धामी के अलावा उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी इस पर नाराजगी जताई है. गणेश जोशी ने कहा कि सरकार इस मामले का संज्ञान ले रही है और जल्द ही इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड के विभिन्न धार्मिक संगठनों का कहना है कि केदारनाथ धाम का अपना एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, जो श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है. इसलिए, इसी नाम और स्वरूप का मंदिर किसी अन्य राज्य में बनाए जाने से धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-nrhm-scam-enforcement-directorate-property-worth-89-84-lakh-seized-ann-2901706″>UP में एनआरएचएम घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, 89.84 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सपा का नहीं आया बयान</strong><br />फिलहाल समाजवादी पार्टी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पार्टी के स्थानीय नेताओं का कहना है कि यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर इसका निर्माण किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पहले भी केदारनाथ धाम नाम से दिल्ली में एक मंदिर का निर्माण कार्य जा रहा था, जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था. बाद में उस मंदिर के निर्माण कार्य को रोक दिया गया था, अब इस मंदिर के निर्माण के चलते एक बार फिर से प्रदेश में विरोध के स्वर देखने मिल रहे हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Dehradun News Today:</strong> उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जरिये केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर केदारेश्वर मंदिर का निर्माण कराया गया है. इस मंदिर के निर्माण को लेकर उत्तराखंड में विरोध के स्वर उठने लगे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>साधु-संतों और अलग-अलग धार्मिक संगठनों से जुड़े लोगों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई है. उनका कहना है कि केदारनाथ भगवान का स्वरूप और नाम किसी अन्य स्थान पर नहीं दोहराया जाना चाहिए, क्योंकि इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/JO6cnEAuRaY?si=nY-ChqV_HR5897Ll” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम ने भेजा पत्र</strong><br />उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का इस विवाद को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उन्हें इस मामले से जुड़े कई पत्र मिले हैं. उन्होंने कहा कि संबंधित प्रदेश को इस विषय में पत्र भेज दिया गया है. मुख्यमंत्री धामी के अलावा उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी इस पर नाराजगी जताई है. गणेश जोशी ने कहा कि सरकार इस मामले का संज्ञान ले रही है और जल्द ही इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड के विभिन्न धार्मिक संगठनों का कहना है कि केदारनाथ धाम का अपना एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, जो श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है. इसलिए, इसी नाम और स्वरूप का मंदिर किसी अन्य राज्य में बनाए जाने से धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-nrhm-scam-enforcement-directorate-property-worth-89-84-lakh-seized-ann-2901706″>UP में एनआरएचएम घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, 89.84 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सपा का नहीं आया बयान</strong><br />फिलहाल समाजवादी पार्टी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पार्टी के स्थानीय नेताओं का कहना है कि यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर इसका निर्माण किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पहले भी केदारनाथ धाम नाम से दिल्ली में एक मंदिर का निर्माण कार्य जा रहा था, जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था. बाद में उस मंदिर के निर्माण कार्य को रोक दिया गया था, अब इस मंदिर के निर्माण के चलते एक बार फिर से प्रदेश में विरोध के स्वर देखने मिल रहे हैं.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Bihar Politics: कांग्रेस के बाद मुकेश सहनी ने बढ़ाई तेजस्वी यादव की टेंशन, बिहार में 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी VIP