रोहतक के पैरा एथलीट नवीन दलाल ने नेशनल पैरा चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है। नवीन दलाल रोहतक के तहसील कार्यालय में पटवारी के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने जयपुर शहर में आयोजित छठी पैरा नेशनल चैंपियनशिप में तीरंदाजी में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दो रजत पदक जीते हैं। इस उपलब्धि से उन्होंने रोहतक ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन किया है। पैरा एथलीट नवीन दलाल इससे पहले भी एशियाई खेलों में कांस्य पदक और एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीत चुके हैं। हाल ही में नवीन दलाल का चयन थाईलैंड में होने वाले एशियाई पैरा कप के लिए हुआ है। जिसमें वह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मेडल को गोल्ड में बदलने का प्रयास पैरा एथलीट नवीन दलाल ने कहा कि देश के लिए दो बार रजत और कांस्य पदक जीतने के बाद अब वह पदक को गोल्ड में बदलने का प्रयास कर रहे हैं। वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपना शत-प्रतिशत देने का प्रयास करेंगे। उन्होंने इन उपलब्धियों के लिए अपने कोच का आभार व्यक्त किया। सैनिक स्कूल सिंहपुरा के चेयरमैन अशोक दलाल और तहसील कार्यालय में कार्यरत उनके साथियों ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। दुर्घटना के बाद हाथ-पैर काम करना बंद कर दिए थे रोहतक के सेक्टर 14 निवासी नवीन दलाल ने बताया कि करीब 19 साल पहले सड़क दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के कारण दोनों पैर और एक हाथ ने काम करना बंद कर दिया था। तब से उन्हें व्हीलचेयर पर बैठना पड़ता है, लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद उनका हौसला कम नहीं हुआ। उन्होंने जेबीटी, बीए ऑफ लाइब्रेरी साइंस, मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस, एमए हिस्ट्री की डिग्रियां हासिल कीं। मुंह से तीर पकड़कर निशाना साधते हैं नवीन दलाल को करीब छह साल पहले राजस्व विभाग में पटवारी की नौकरी मिली थी। उनके बड़े भाई अशोक दलाल और ऑफिस के लोगों ने उन्हें खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया। जिसके चलते उन्होंने कोच संजय सुहाग से तीरंदाजी की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। नवीन व्हीलचेयर पर बैठकर तीरंदाजी खेलते हैं। नवीन का बायां हाथ काम नहीं करता, इसलिए वे मुंह से तीर पकड़कर निशाना साधते हैं। रोहतक के पैरा एथलीट नवीन दलाल ने नेशनल पैरा चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है। नवीन दलाल रोहतक के तहसील कार्यालय में पटवारी के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने जयपुर शहर में आयोजित छठी पैरा नेशनल चैंपियनशिप में तीरंदाजी में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दो रजत पदक जीते हैं। इस उपलब्धि से उन्होंने रोहतक ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन किया है। पैरा एथलीट नवीन दलाल इससे पहले भी एशियाई खेलों में कांस्य पदक और एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीत चुके हैं। हाल ही में नवीन दलाल का चयन थाईलैंड में होने वाले एशियाई पैरा कप के लिए हुआ है। जिसमें वह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मेडल को गोल्ड में बदलने का प्रयास पैरा एथलीट नवीन दलाल ने कहा कि देश के लिए दो बार रजत और कांस्य पदक जीतने के बाद अब वह पदक को गोल्ड में बदलने का प्रयास कर रहे हैं। वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपना शत-प्रतिशत देने का प्रयास करेंगे। उन्होंने इन उपलब्धियों के लिए अपने कोच का आभार व्यक्त किया। सैनिक स्कूल सिंहपुरा के चेयरमैन अशोक दलाल और तहसील कार्यालय में कार्यरत उनके साथियों ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। दुर्घटना के बाद हाथ-पैर काम करना बंद कर दिए थे रोहतक के सेक्टर 14 निवासी नवीन दलाल ने बताया कि करीब 19 साल पहले सड़क दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के कारण दोनों पैर और एक हाथ ने काम करना बंद कर दिया था। तब से उन्हें व्हीलचेयर पर बैठना पड़ता है, लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद उनका हौसला कम नहीं हुआ। उन्होंने जेबीटी, बीए ऑफ लाइब्रेरी साइंस, मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस, एमए हिस्ट्री की डिग्रियां हासिल कीं। मुंह से तीर पकड़कर निशाना साधते हैं नवीन दलाल को करीब छह साल पहले राजस्व विभाग में पटवारी की नौकरी मिली थी। उनके बड़े भाई अशोक दलाल और ऑफिस के लोगों ने उन्हें खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया। जिसके चलते उन्होंने कोच संजय सुहाग से तीरंदाजी की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। नवीन व्हीलचेयर पर बैठकर तीरंदाजी खेलते हैं। नवीन का बायां हाथ काम नहीं करता, इसलिए वे मुंह से तीर पकड़कर निशाना साधते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में BJP सांसद ने CM कुर्सी पर दावा ठोका:बोले- दक्षिणी हरियाणा के जरिए सत्तासीन होना है; इस बार बेटी को भी चुनाव लड़ाऊंगा
हरियाणा में BJP सांसद ने CM कुर्सी पर दावा ठोका:बोले- दक्षिणी हरियाणा के जरिए सत्तासीन होना है; इस बार बेटी को भी चुनाव लड़ाऊंगा हरियाणा में लोकसभा चुनाव में पांच सीटों का नुकसान झेलने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) में अब विधानसभा चुनाव से पहले सीएम पद को लेकर दावेदारी शुरू हो गई हैं। गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले राव इंद्रजीत सिंह ने सीएम पद को लेकर एक तरह से दावा ठोका है। लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद समर्थकों को संबोधित करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- हरियाणा के इलेक्शन के लिए हमने तैयारी करनी है। जो हमसे रूठ गया, उसे मनाना है। दक्षिणी हरियाणा के जरिए ही सत्तासीन होना है। हमे संगठित होकर मजबूत रहता हैं। हो सकता है कि समय से पहले हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो। बेटी आरती राव को लेकर इंद्रजीत ने कहा कि मैं आरती को इस बार इलेक्शन जरूर लड़ाऊंगा। पहले तो यह कहती थी, लेकिन अब मैं कह रहा हूं। राव बोले- धर्मबीर सिंह 4 विधानसभा में हार रहा था
राव इंद्रजीत सिंह ने ये भी कहा कि हमारे बगल वाले हलके में चौधरी धर्मबीर सिंह चारों विधानसभा में हार रहा था, लेकिन मेरे जाने के बाद वहां हमारे लोगों ने भरपूर साथ दिया। धर्मबीर की खुद की बिरादरी के लोगों ने वोट नहीं दी। लेकिन हमारे चारों हलके के लोगों ने उसे जीत दिया। ये ही हमारी ताकत हैं। दक्षिण हरियाणा में 11 सीटें यादव बाहुल्य
दक्षिणी हरियाणा में 14 सीटें आती है। इनमें 11 सीटें यादव बाहुल्य हैं। वहीं दक्षिणी हरियाणा ही सूबे की राजनीति का केंद्र रहा है। राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव बीरेंद्र सिंह ऐसे पहले नेता थे, जो इस इलाके से मुख्यमंत्री बने। इसके बाद इस इलाके से कोई दूसरा नेता सीएम पद तक नहीं पहुंचा। राव इंद्रजीत सिंह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। सरकार बनाने में दक्षिणी हरियाणा का अहम रोल
2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने के बाद राव इंद्रजीत सिंह ने कई बार सीएम पद को लेकर अपनी मंशा जाहिर की, लेकिन उनकी इच्छा अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। हरियाणा के दूसरे इलाके के मुकाबले बीजेपी 10 साल बाद भी दक्षिणी हरियाणा में सबसे ज्यादा मजबूत है। दोनों बार सूबे में सरकार बनाने में दक्षिणी हरियाणा का अहम रोल रहा है। इस बार भी अन्य इलाकों के मुकाबले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस इलाके की दोनों सीट गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ पर जीत दर्ज की है। ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह की उम्मीदें फिर से जगी हैं। 2019 के चुनाव में दक्षिणी हरियाणा में 8 सीटें जीती
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दक्षिणी हरियाणा की 14 में से आठ सीटें थी। इनमें कोसली, बावल, नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली, गुरुग्राम, पटौदी, सोहना सीट शामिल है। जबकि महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, नूंह, फिरोजपुर-झिरका, पुन्हाना कांग्रेस के खाते में गईं थीं। वहीं बादशाहपुर सीट पर निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद को जीत मिली थी। इनमें राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक नारनौल से विधायक ओमप्रकाश यादव और बावल से डॉ. बनवारी लाल शामिल है।
कुरुक्षेत्र में नष्ट कराया 60 करोड़ का नशा:अंबाला रेंज के तीन जिलों से जब्त किया गया, आईजी की निगरानी में हुई कार्रवाई
कुरुक्षेत्र में नष्ट कराया 60 करोड़ का नशा:अंबाला रेंज के तीन जिलों से जब्त किया गया, आईजी की निगरानी में हुई कार्रवाई हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए अंबाला रेंज के तीन जिलों से जब्त किए गए करीब 60 करोड़ रुपए मूल्य के नशीले पदार्थों को नष्ट कराया। यह कार्रवाई पिहोवा स्थित बाखली पेपर मिल में अंबाला रेंज के आईजी शिवास कविराज की उपस्थिति में की गई। आईजी शिवास कविराज ने बताया कि नशीली वस्तु अधिनियम के तहत अंबाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर जिलों से जब्त किए गए चूरापोस्त, स्मैक, चरस, गांजा, हेरोइन, सुल्फा और विभिन्न नशीली दवाइयों को नष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि इन पदार्थों को नष्ट करने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इनका दोबारा उपयोग न हो सके। उन्होंने बताया कि, हरियाणा पुलिस लगातार नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज रही है। आईजी ने आम जनता से अपील की है कि यदि कहीं भी नशीले पदार्थों की बिक्री होती दिखाई दे, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस विभाग नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई करती रहती है।
खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान की मौत:10 महीने से आंदोलन में शामिल था; BJP प्रधान बोले-MSP कानून से हरियाणा-पंजाब को नुकसान
खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान की मौत:10 महीने से आंदोलन में शामिल था; BJP प्रधान बोले-MSP कानून से हरियाणा-पंजाब को नुकसान हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 48वें दिन भी जारी है। रविवार को खनौरी बॉर्डर पर 10 महीने से अनशन कर रहे किसान की मौत हो गई। उन्होंने पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में अंतिम सांस ली। पिछले दिनों तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मृतक किसान की पहचान फरीदकोट जग्गा सिंह (80) के रूप में हुई है। इनके 5 बेटे और एक बेटी है। आज खनौरी बॉर्डर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव गोदारा में होगा। उधर, पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ने एक चैनल से बातचीत में कहा- ‘फसलों की MSP की कानूनी गारंटी पंजाब के किसानों के लिए नुकसानदायक है। पंजाब और हरियाणा के किसानों को गेहूं और धान की खरीद पर केंद्र की ओर से MSP दी जाती है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर MSP लागू होने से किसानों को मौजूदा व्यवस्था के तहत मिलने वाले लाभ से हाथ धोना पड़ेगा। MSP कानून की गारंटी पूरे देश में लागू हो गई तो पंजाब भी अन्य राज्यों की तरह केंद्र की ओर से प्रति एकड़ खरीद नियम के तहत आ जाएगा।’ 2 दिन पहले शंभू बॉर्डर पर किसान ने सुसाइड किया इससे पहले 9 जनवरी को शंभू बॉर्डर पर किसान ने सल्फास निगलकर सुसाइड कर लिया था। मृतक की पहचान तरनतारन जिले के पहूविंड गांव में रहने वाले रेशम सिंह (55) के रूप में हुई थी। उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। रेशम सिंह ने सुसाइड नोट लिखा था। जिसमें उन्होंने लिखा- ‘मैं रेशम सिंह पुत्र जगतार सिंह गांव तरनतारन का रहने वाला हूं। मैं किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का मेंबर हूं। मैं समझता हूं कि मोदी सरकार व पंजाब सरकार को जगाने के लिए जानें देने की जरूरत है। इसलिए सबसे पहले मैं अपनी जान देने की कोशिश करता हूं। जितने भी मुझे जन्म मिलेंगे, मैं इस कमेटी का मेंबर रहूंगा। डल्लेवाल साहब को देखते हुए मैं अपनी जान की कुर्बानी देता हूं।’ खनौरी बॉर्डर पर मीटिंग बुलाने का आग्रह किया संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कल (11 जनवरी) एक साझा पत्र जारी किया। जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का खनौरी बॉर्डर और शंभू बॉर्डर पर पहुंचने का धन्यवाद किया गया। साथ ही कहा कि वे MSP गारंटी कानून और 13 अन्य मांगों के लिए चल रहे आंदोलन को और व्यापक और मजबूत बनाने में सहयोग करेंगे। इस पत्र में आगे लिखा गया कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की नाजुक स्थिति को देखते हुए हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आपसी मीटिंग को कल या परसों खनौरी मोर्चे पर कर लिया जाए, क्योंकि उनकी हालत के मद्देनजर हर पल कीमती है और हम मोर्चा छोड़कर बाहर जाने की स्थिति में नहीं हैं। हमें उम्मीद है कि आप हमारे निवेदन को स्वीकार करेंगे। पूर्व क्रिकेटर बोले -बातचीत से होता है हर मुद्दे का समाधान भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाज एवं राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंता जताई। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा- ‘किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मैं उन सभी से अनुरोध करता हूं, जो इस मुद्दे को हल कर सकते हैं, क्योंकि हर मुद्दे का बातचीत से समाधान किया जा सकता है। किसान और किसानी को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए l’ डल्लेवाल मामले की सुप्रीम कोर्ट में 8 सुनवाई, अब तक क्या-क्या हुआ… 1. 13 दिसंबर- तत्काल डॉक्टरी मदद दें
डल्लेवाल 26 नवंबर को अनशन पर बैठे थे। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में आमरण अनशन को लेकर सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार से कहा कि डल्लेवाल को तत्काल डॉक्टरी मदद दें। उन्हें जबरन कुछ न खिलाया जाए। आंदोलन से ज्यादा उनकी जान जरूरी है। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी पहुंच डल्लेवाल से मुलाकात की। 2. 18 दिसंबर- पंजाब सरकार को कुछ करना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती। आपको हालात संभालने होंगे। 3. 19 दिसंबर- बिना टेस्ट 70 साल के आदमी को कौन ठीक बता रहा
पंजाब सरकार ने दावा किया कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 4. 20 दिसंबर- अधिकारी अस्पताल में भर्ती करने पर फैसला लें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है तो अधिकारी निर्णय लें। 5. 28 दिसंबर- केंद्र की मदद से अस्पताल में शिफ्ट करें
यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के 20 दिसंबर के आदेश को लागू न करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर हुई। इसमें कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 6. 31 दिसंबर को पंजाब सरकार ने 3 दिन की मोहलत ली
पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा अगर केंद्र सरकार पहल करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। 7. 2 जनवरी- हमने अनशन तोड़ने को नहीं कहा
कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते। हमने कमेटी बनाई है। किसानों से उसी कमेटी के जरिए बात करेंगे।” 8. 6 जनवरी- किसान मुलाकात के लिए तैयार
पंजाब सरकार ने कहा कि आंदोलन पर चल रहे किसान हाई पावर कमेटी से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। इसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई 10 जनवरी तय की थी। इसके बाद कमेटी ने डल्लेवाल से मुलाकात की। हालांकि, 10 जनवरी को केस की सुनवाई नहीं हुई। ************************ किसान आंदोलन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… डल्लेवाल बोले- मोदी से कहिए मांगें मानें, अनशन छोड़ दूंगा हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 46 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शुक्रवार (10 जनवरी) को एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी हमारी मांगें मानें तो मैं अनशन छोड़ दूंगा। अनशन करना कोई हमारा कारोबार तो नहीं है और न ही हमारा शौक है।’ पूरी खबर पढ़ें…