हरियाणा में इनेलो-बसपा गठबंधन ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट की घोषणा कर दी है। इनेलो की तरफ से जारी लिस्ट में 7 उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नाम शीला राठी का है। वह इनेलो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की पत्नी हैं। कुछ महीने पहले नफे सिंह राठी की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला के छोटे बेटे अर्जुन चौटाला को रानियां से उम्मीदवार बनाया गया है। 2019 के चुनाव में यहां से उनके दादा रणजीत सिंह चौटाला निर्दलीय विधायक बने थे। अर्जुन इनेलो की यूथ विंग की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने 2019 में कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ा था और हार मिली थी। कलायत से रामपाल माजरा को टिकट दिया गया है। माजरा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह यहां से 3 बार विधायक रहे चुके हैं। उमेद लोहान को नारनौंद से उम्मीदवार बनाया गया है। वह चौटाला परिवार से बरसों से जुड़े हैं। चौटाला परिवार में फूट के बाद वह JJP के साथ चले गए थे। जजपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 2019 में बाहर कर दिया। इसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए। अभय चौटाला के कहने पर दोबारा इनेलो के साथ आ गए। उनकी अभय चौटाला के करीबियों में गिनती होती है। शेर सिंह बड़शामी को लाडवा से उम्मीदवार बनाया है। वह याहं से विधायक भी रह चुके हैं। JBT भर्ती घोटाले में पूर्व सीएम ओपी चौटाला के साथ बड़शामी को 10 साल की सजा हुई थी। करीब साढ़े चार साल पहले उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिल गई। इससे पहले, इनेलो-बसपा गठबंधन की पहली लिस्ट में 4 उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी। बसपा की तरफ से जारी लिस्ट में जगाधरी से दर्शन लाल खेड़ा, असंध से गोपाल सिंह राणा, नारायणगढ़ से हरबिलास सिंह और अटेली से ठाकुर अत्तर लाल को उम्मीदवार बनाया गया था। इनेलो-बसपा उम्मीदवारों के बारे में जानिए… हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़ी अहम जानकारियां हरियाणा में इनेलो-बसपा गठबंधन ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट की घोषणा कर दी है। इनेलो की तरफ से जारी लिस्ट में 7 उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नाम शीला राठी का है। वह इनेलो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की पत्नी हैं। कुछ महीने पहले नफे सिंह राठी की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला के छोटे बेटे अर्जुन चौटाला को रानियां से उम्मीदवार बनाया गया है। 2019 के चुनाव में यहां से उनके दादा रणजीत सिंह चौटाला निर्दलीय विधायक बने थे। अर्जुन इनेलो की यूथ विंग की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने 2019 में कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ा था और हार मिली थी। कलायत से रामपाल माजरा को टिकट दिया गया है। माजरा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह यहां से 3 बार विधायक रहे चुके हैं। उमेद लोहान को नारनौंद से उम्मीदवार बनाया गया है। वह चौटाला परिवार से बरसों से जुड़े हैं। चौटाला परिवार में फूट के बाद वह JJP के साथ चले गए थे। जजपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 2019 में बाहर कर दिया। इसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए। अभय चौटाला के कहने पर दोबारा इनेलो के साथ आ गए। उनकी अभय चौटाला के करीबियों में गिनती होती है। शेर सिंह बड़शामी को लाडवा से उम्मीदवार बनाया है। वह याहं से विधायक भी रह चुके हैं। JBT भर्ती घोटाले में पूर्व सीएम ओपी चौटाला के साथ बड़शामी को 10 साल की सजा हुई थी। करीब साढ़े चार साल पहले उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिल गई। इससे पहले, इनेलो-बसपा गठबंधन की पहली लिस्ट में 4 उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी। बसपा की तरफ से जारी लिस्ट में जगाधरी से दर्शन लाल खेड़ा, असंध से गोपाल सिंह राणा, नारायणगढ़ से हरबिलास सिंह और अटेली से ठाकुर अत्तर लाल को उम्मीदवार बनाया गया था। इनेलो-बसपा उम्मीदवारों के बारे में जानिए… हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़ी अहम जानकारियां हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रोहतक जिला परिषद चेयरपर्सन की कुर्सी का फैसला 30 को:मंजू हुड्डा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 23 को टल गई थी वोटिंग रोहतक से भाजपा की जिला परिषद चेयरपर्सन मंजू हुड्डा की कुर्सी पर फैसला 30 अक्टूबर को होगा। इससे पहले 23 अक्टूबर को चेयरपर्सन के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग होनी थी। लेकिन लेकिन वह वोटिंग टल गई। जबकि मीटिंग में पहुंचे पार्षदों ने राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। इस दौरान जिला विकास भवन की गई गाड़ियों में भी हथियार मिले थे। इससे पहले जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा व उनके पति राजेश सरकारी का पार्षद बेटे के अपहरण केस में भी नाम आया है। रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन के खिलाफ 10 पार्षदों ने डीसी अजय कुमार को अविश्वास प्रस्ताव के लिए ज्ञापन सौंपा था। जिसके बाद डीसी अजय कुमार ने 23 अक्टूबर को वोटिंग के लिए समय निर्धारित किया और पार्षदों को वोटिंग के लिए विकास भवन स्थित डीआरडीए हाल में बुलाया। लेकिन डीसी नहीं पहुंचने के कारण यह वोटिंग टल गई और अब डीसी ने पत्र जारी करके अविश्वास प्रस्ताव के के लिए 30 अक्टूबर को वोटिंग होगी। गाड़ियों में मिले थे हथियार
23 अक्टूबर को वोटिंग स्थगित होने के बाद पुलिस ने विकास भवन में खड़ी गाड़ियों की चेकिंग की तो उनमें से 5 हथियार मिले। जिसके बाद माहौल गर्माया। वहीं चेयरपर्सन मंजू हुड्डा के एक समर्थक अमित कुमार घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हुए और पार्षदों पर मारपीट करने के आरोप लगाए। मंजू हुड्डा व उनके पति के खिलाफ किडनैप का केस दर्ज
इससे पहले मंजू हुड्डा और उनके पति राजेश सरकारी पर पार्षद नीलम के बेटे को किडनैप करने के भी आरोप लगे थे। जिसे दोनों ने ही नकार दिया था। बता दें कि चेयरपर्सन मंजू हुड्डा इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ BJP उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। हालांकि वह हार गई थीं। करीब 2 साल पहले रोहतक जिला परिषद का चुनाव हुआ था, जिसमें पहली बार जीतकर आईं मंजू हुड्डा को चेयरपर्सन बनाया गया था। चेयरपर्सन बनने के बाद मंजू हुड्डा ने भाजपा का दामन थाम लिया।
हरियाणा के 4 जिलों में बारिश:अधिकतर जगह बादल छाए, आज 7 शहरों में अलर्ट; 24 घंटे में महेंद्रगढ़ में सबसे ज्यादा बरसा
हरियाणा के 4 जिलों में बारिश:अधिकतर जगह बादल छाए, आज 7 शहरों में अलर्ट; 24 घंटे में महेंद्रगढ़ में सबसे ज्यादा बरसा हरियाणा में फिर से मौसम में बदलाव शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने आज पंचकूला, नारायणगढ़, अंबाला, कालका, यमुनानगर, जगाधरी, छछरौली में बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान यहां 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। मानसूनी हवाएं फिर से एक्टिव होने से 5 सितंबर तक सूबे के अधिकांश इलाकों में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई गई है। आज सुबह से पंचकूला, अंबाला, फरीदाबाद और यमुनानगर में रुक-रुककर बारिश हो रही है। अधिकतर शहरों में बादल छाए हुए हैं। 24 घंटे में सिर्फ 2 जिलों में झमाझम बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश महेंद्रगढ़ में हुई, यहां 10 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं कुरुक्षेत्र में 1.0 एमएम बारिश हुई। मानसूनी बारिश का पूरा नहीं हुआ कोटा अब तक के आंकड़ों पर गौर करें तो अब भी प्रदेश का मानसून कोटा पूरा नहीं हुआ है। हरियाणा में 24 साल बाद ऐसा हुआ है कि अगस्त माह में सामान्य से 26 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इससे पहले 2004 में सामान्य से 49 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। 2014 में अगस्त में सामान्य से 80 और 2009 में सामान्य से 79 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून 15 सितंबर को लौट जाएगा। प्रदेश में धान के इलाकों में कम बारिश तो वहीं बाजरे के इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। बारिश के असंतुलन से फसलों पर प्रभाव पड़ा है। हालांकि अगस्त ने बारिश का कोटा पूरा कर दिया है। इसलिए फिर से एक्टिव हुआ मानसून चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून ट्रफ रेखा सामान्य स्थिति पर उत्तर की तरफ बने रहने की संभावना से राज्य में मानसूनी हवाओं की सक्रियता में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इससे राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में 2 सितंबर से बारिश की गतिविधियों में फिर से वृद्धि होने की संभावना है। जिससे 2 सितंबर रात्रि से 5 सितंबर के दौरान राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में बीच-बीच में तेज हवाएं और गरज चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश की संभावना बन रही है।
अंबाला में विज बोले- घायल शेर होता है खूंखार:कांग्रेस के अंदर आपातकाल लगाने वाले कीटाणु अभी मरे नहीं
अंबाला में विज बोले- घायल शेर होता है खूंखार:कांग्रेस के अंदर आपातकाल लगाने वाले कीटाणु अभी मरे नहीं हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज के चाणक्य हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव में उनका मार्गदर्शन मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक प्रजातांत्रिक पार्टी है और नियमित तौर पर हम बैठक करते हैं और इन बैठकों में हम सब की राय से निर्णय लिए जाते हैं। आने वाली 29 जून की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी आ रहे हैं जिसके तहत आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को बहुत ही लाभ मिलेगा और हरियाणा में तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का रास्ता प्रशस्त होगा। विज आज मीडिया कर्मियों द्वारा आने वाली 29 जून को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगमन और होने वाली बैठक के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। श्री विज ने कहा कि हरियाणा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान आ रहे है और उनका चुनाव कराने का लंबा अनुभव है जिसका भी हमें लाभ मिलेगा और उनका भी मार्गदर्शन मिलेगा। धर्मेंद्र प्रधान ने रोहतक में 20-20 मैच और 100 दिन के समय को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में विज ने कहा कि कार्यकर्ताओं को मोटिवेट करने के लिए तरीके होते हैं और उन्होंने बताया कि इस प्रकार से हमने आगे चलना है और आगे जाने के लिए और भी कई बातें उनके द्वारा बताई जाएगी और उनके मार्गदर्शन में ही आगे की सारी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। विज बोले- घायल शेर होता है खूंखार विज ने कहा कि ‘‘लोकसभा चुनाव में भाजपा की पांच सीटें आई है और घायल शेर बहुत खूंखार होता है, हमारा एक-एक कार्यकर्ता इस हार का बदला लेने के लिए पूरी ताकत लगाकर तैयार खड़ा है, केवल चुनाव आयोग द्वारा तिथियां घोषित करने का इंतजार किया जा रहा है, हम पूरी तरह से तैयार है क्योंकि हमारा संगठन है और हमारा पूरे देश में संगठन है और हम पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे’’। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं अनिल विज दावे के साथ कह सकता हूं कि हरियाणा में तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी’’। किरण चौधरी और श्रुति भाजपा में अपने आप आए किरण चौधरी और श्रुति चौधरी का भाजपा में आने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विज ने कहा कि ‘‘इन बातों का अध्ययन करना पड़ता है कि यह लेकर आए हैं या ये अपने आप आए हैं, क्योंकि दोनों बातों में अंतर है कि हमारे पास कोई कमी है या आए है। क्योंकि दूसरी पार्टियों के जो लोग हैं उनको लंबे समय तक काम करते-करते यह समझ आ जाता है यह निकम्मी पार्टियां है और वे लोग जिस मकसद के साथ देश की राजनीति में आए हैं वह इनके पास रहकर पूरा नहीं किया जा सकता और वह दूसरी किसी पार्टी में आकर पूरा हो सकते हैं। उन्होंने उपरोक्त के संबंध में उदाहरण देते हुए कहा कि ‘‘स्कूल में भी इसी प्रकार से किया जाता है और बच्चा जिस स्कूल में पढ़ रहा है और उसे लगता है कि स्कूल में भविष्य नहीं बन सकता, इसमें अच्छे नंबर नहीं आ सकते, इसमें अच्छा टीचिंग स्टाफ नहीं है तो वह स्कूल बदल लेता है इस प्रकार से इन बातों को अलग-अलग करना पड़ेगा, यही कि लेकर आए या ये अपने आप आए। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के लिए अब और ज्यादा दिक्कत होगी किरण चौधरी और श्रुति चौधरी के भाजपा में आने से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लाभ होगा और एसआरके ग्रुप टूट गया, के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के लिए अब और ज्यादा दिक्कत हो गई, क्योंकि पहले तो उनके (किरण चौधरी) पास पार्टी डिसिप्लिन की भी पाबंदियां होगी और बहुत कुछ जानती होगी परंतु वह बोल नहीं सकती होंगी। लेकिन अब खुला मैदान है वह हुड्डा के बारे में खुलकर बोल सकती हैं और मैं जानता हूं कि वह अच्छी प्रखर वक्ता है और वह हुड्डा की धज्जियां उड़ा देंगी’’। हुड्डा के हाथ में हरियाणा सेफ नहीं लोकसभा चुनाव में पांच सीटें कांग्रेस को मिलने के उपरांत भूपेंद्र सिंह हुड्डा काफी उत्साहित हैं और आने वाले विधानसभा में 60 से 65 सीटें लेने का दावा करने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में विज ने कहा कि ‘‘यह इन्होंने इससे पिछली बार भी कहा था, एक बार हरियाणा में सत्ता इनके हाथ में देकर हरियाणा की जनता समझ चुकी है कि हरियाणा को हमने लुटवाना नहीं है, हरियाणा को बचाना है और इनके (भूपेन्द्र सिंह हुडडा) हाथ में हरियाणा किसी भी हालत में सेफ/सुरक्षित नहीं है। हरियाणा को बचाना है और हरियाणा की जनता जानती है, एक-एक गांव जानता है, एक-एक बिरादरी जानती है, हर व्यक्ति जानता है कि जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे तब इन्होंने पावर में आकर किस प्रकार से हरियाणा का शोषण किया। हरियाणा की जनता इनके हाथ में दोबारा कैसे पावर दे देगी क्योंकि इन्होंने (कांग्रेस) हर प्रकार से लूटने की कोशिश की’’। कांग्रेस और बापू-बेटे की राजनीति से ऊपर उन्होंने कि दूसरी ओर ‘‘हमने पारदर्शी सरकार चलाई और मनोहर लाल जी ने सब चीजें ट्रांसपेरेंट की, जिनके तहत कुछ दिक्कतें भी आई और उनको ठीक भी किया जा रहा है क्योंकि जब कोई सिस्टम तब्दील किया जाता है तो दिक्कतें आती भी है उनको ठीक किया जा रहा है। लोग जानते हैं और लोगों ने भाजपा के राज और कांग्रेस के राज का तुलनात्मक अध्ययन किया हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नंबर हर मापदण्ड में कांग्रेस से और भूपेंद्र सिंह हुड्डा और बापू बेटे की राजनीति से ऊपर है। जनता का कोई भी मुद्दा विधानसभा में उठा नहीं सकी विधानसभा में भाजपा के मंत्रियों द्वारा दिए जाने वाले जवाब के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में विज ने कहा कि ‘‘हमने हर बात का जवाब दिया और हमारी सरकार के मुख्यमंत्री और हमारे मंत्री हमेशा ही बहुत अच्छी तरह से जवाब देने के लिए तैयार रहते थे। मैं जो समझता हूं कि इन 10 सालों में कांग्रेस जनता का कोई भी मुद्दा उठा नहीं सकी या इन्होंने उठाना नहीं चाहा या इनके ऊपर कोई ओर दबाव रहा। यह जब सत्ता में थे तो यह सत्ता का धर्म नहीं निभा सके और जब यह विपक्ष में थे यह विपक्ष का धर्म भी नहीं निभा सके और ये प्रजातांत्रिक तौर पर बिल्कुल ही रिजेक्टेड माल है’’।
मैं किसी व्यक्ति के साथ नहीं हूं विज से बैंक कर्मचारी होने और गृहमंत्री होने की तुलनात्मक के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि ‘‘मैं विद्यार्थी परिषद के समय से ही 1969 और 1970 के दशक के दौरान इस संगठन के साथ जुड़ गया था और इसकी भिन्न-भिन्न शाखों में मैं काम करता रहा। सन 1972 में मैंने स्नातक की और 1974 में मेरी बैंक में नौकरी लग गई है। मैं बैंक में लगने के बाद भी काम करता रहा हमने आपातकाल भी देखा। उस समय जो दायित्व दिए जाते थे, मैं उनको निभाता था और छुट्टियां लेकर के भी मैं चुनाव लड़वाया करता था लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं लड़ना चाहता हूं। मैं आज भी एकांत में बैठकर सोचता हूं कि ‘निकले थे कहां जाने के लिए, पहुंचे हैं कहां, मालूम नहीं खुद अपने कदमों को भटकते हुए मंजिल का निशान मालूम है’। तो मैंने कभी सोचा नहीं था मैंने आज भी नहीं सोचा क्योंकि मैं पार्टी का वर्कर हूं मैं किसी व्यक्ति के साथ नहीं हूं मैं विचारधारा के साथ हूं’’। कांग्रेस ने संविधान को रौंदा संविधान और आपातकालीन को लेकर मांगी गई टिप्पणी के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘मैं भी सुबह देखा कि विपक्ष के सांसद के लाल से रंग की एक संविधान की कॉपी लोकसभा के भवन में लेकर खड़े थे। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस के लोग हैं उनकी हिम्मत नहीं होनी चाहिए संविधान को हाथ लगाने की क्योंकि इन्होंने जितना संविधान को रौंदा है, इन्होंने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं उतना किसी और पार्टी ने नहीं उड़ाई है। इन्होंने लोगों को रातों-रात जेलों में डाल दिया, सारे अधिकार बंद कर दिए, सारा मीडिया बंद कर दिया, जैसे आज अखबार छप रही हैं ऐसे अखबार नहीं छप सकती थी। हमने आपातकाल के दौरान देखा है आधी-आधी अखबार खाली होती थी, व्हाइट पेज आता था’’। आपातकाल लगाने वाले कीटाणु कांग्रेस के अंदर उन्होंने कहा कि ‘‘मैं एक बात और बताना चाहता हूं कि आपातकाल लगाने वाले कीटाणु कांग्रेस के अंदर से अभी मरे नहीं है केवल मौके की तलाश में है, लोगों को इस बारे में सचेत रहना चाहिए और जागरूक रहना चाहिए। अगर दोबारा इनके हाथ में वैसी ताकत आ गई तो कीटाणु जिंदा है। इन्होंने कई बार धारा 356 लगाकर संवैधानिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को तोड़ा है, रौंदा है, इनके मन में संविधान के प्रति कोई आदर और सम्मान नहीं है और ना ही इनकी पार्टी प्रजातांत्रिक तरीके से चल रही है’’। कुछ प्राप्त करने के लिए राजनीति में नहीं आया विज के मंत्री बनने से इनकार करने के बाद गोल गप्पे खाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने ने हंसते हुए कहा कि ‘‘मैं कुछ प्राप्त करने के लिए राजनीति में नहीं आया हूं, अगर कुछ प्राप्त करने के लिए कोई आया हुआ हो तो कोई उसकी तो जान निकल जाए। मैं तो एक विचारधारा के लिए काम करने के लिए आया हूं, मैं उस विचारधारा के लिए काम कर रहा हूं। मैं विधायक रहा- मैं नहीं रहा, मैं सत्ता में रहा-नहीं रहा, मैं विपक्ष में रहा, परंतु मैंने अपना काम किया है। मैं भारतीय जनता पार्टी का अनन्य भक्त हूं और हम काम करेंगें और मैंने अपनी विधानसभा में डटकर काम किया। हालांकि बीते लोकसभा चुनावों में हमारे अंबाला जिला में चार विधानसभा हैं लेकिन हम तीन विधानसभा में हार गए और उन विधानसभाओं में मंत्री भी रहें लेकिन उस हार की धारा को हमने अंबाला छावनी में आने से रोका और हम अंबाला छावनी में जीते। कोई किताब लिखने के बारे में नहीं सोच रहा अनिल विज के जीवन पर किताब लिखने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘मैं कोई किताब लिखने के बारे में नहीं सोच रहा हूं, कुछ लोगों ने मुझे भेंट की और उन्होंने मेरे बारे में किताबें लिखी हैं, अलग-अलग लोगों के विचार हैं और वह लोग लिखते रहते हैं।