इमरान मसूद बोले-कांग्रेस रेस का घोड़ा, शादी का नहीं:सपा सम्मानजनक सीटें देगी तभी समझौता; राहुल पार्टी का चेहरा

इमरान मसूद बोले-कांग्रेस रेस का घोड़ा, शादी का नहीं:सपा सम्मानजनक सीटें देगी तभी समझौता; राहुल पार्टी का चेहरा

यूपी में 80 में 17 का फॉर्मूला नहीं चलेगा। सम्मानजनक सीटें मिलेंगी, तभी 2027 में समाजवादी पार्टी के साथ समझौता होगा। कांग्रेस अपनी इज्जत के साथ समझौता नहीं करेगी। हम रेस के घोड़े हैं, शादी के नहीं। कांग्रेस नेता और सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद ने ये बातें दैनिक भास्कर से कहीं। लोकसभा चुनाव में सपा ने कांग्रेस को 80 में से 17 सीटें दी थीं। इमरान मसूद ने औरंगजेब, बाबर विवाद, गाजी मियां मेले से लेकर सपा के संबंधों और राहुल और प्रियंका में से कौन पीएम मटेरियल है पर किए गए सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: आपने कांग्रेस, सपा और बसपा में समय बिताया। कांग्रेस को स्थायी घर क्यों मानते हैं?
इमरान मसूद: कांग्रेस मेरे रोम-रोम में बसी है। वैसे तो मेरी परवरिश समाजवादी पार्टी में हुई। लेकिन, वक्त के हालात ने एक चीज सिखाई कि देश में कांग्रेस के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं। राहुल गांधी की जितनी साफ सोच है, देश के बारे में उतना साफ स्टैंड किसी का लगा नहीं। सवाल: सहारनपुर रेलवे स्टेशन का नाम मां शाकंभरी देवी पर रखने का प्रस्ताव क्यों रखा?
इमरान मसूद: मैंने सहारनपुर रेलवे स्टेशन का नाम शाकंभरी देवी और देवबंद स्टेशन का नाम मौलाना हुसैन मदनी के नाम पर रखने का प्रस्ताव दिया है। दोनों को बराबर कहा है। मौलाना हुसैन मदनी का किरदार चाहे जंगे आजादी में रूमाल तहरीक का रहा हो, मालदा में जेल में कैद काटने का रहा हो। बंटवारे के समय वह देश के साथ डट कर खड़े रहे कि हम हिंदुस्तान छोड़कर पाकिस्तान नहीं जाएंगे। इस महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम पर देवबंद रेलवे स्टेशन का नाम होना चाहिए। मां शाकंभरी देवी, जाे सहारनपुर में वास करती हैं, उनके नाम पर सहारनपुर रेलवे स्टेशन का नाम करने की बात मैंने सदन में कही है। सवाल: गाजी मियां के मेलों पर रोक लगाई जा रही है। इसे किस तरह से देखते हैं?
इमरान मसूद: प्रशासन के पास कौन सा सबूत है। वह किस तरीके की बात कर रहा है, यह समझ से परे है। आप नौजवानों की बात, रोजगार की बात क्यों नहीं करते? रोज हत्याएं हो रही हैं, कानून व्यवस्था के नाम पर प्रदेश थर्रा गया है। समाज में विकृति आ रही है। मेरठ में दीवार में ही चुनवा दिया, सहारनपुर में भाजपा नेता ने अपनी पत्नी और 3 बच्चों को मार दिया। इसकी बात होनी चाहिए। इनका (सत्ता पक्ष) काम सिर्फ नफरत बांटने का है। मोहब्बत की बात होनी चाहिए। इनके पास नफरत बांटने के अलावा कोई काम नहीं है। सवाल: 2014 में आपके एक बयान ने क्या आपकी छवि को प्रभावित किया?
इमरान मसूद: न मैंने खुद को बदला है, न बदलूंगा। जैसा था, जैसा हूं, वैसा ही रहूंगा। मेरी परवरिश हिंदू-मुसलमान की नफरत में नहीं हुई, हिंदू-मुसलमान के बीच में हुई है। एक वक्त का खाना हिंदू परिवार में होता है, तो दूसरे वक्त का मुस्लिम के घर में। मेरे एक चाचा सत्यप्रकाश भी हैं और दूसरे चाचा मोहम्मद भी हैं। मेरी परवरिश ऐसी नहीं हुई कि सत्यप्रकाश के यहां जाते वक्त मुझे परहेज होगा। सत्यप्रकाश मुझसे बात नहीं करेंगे। सवाल: चुनाव में आपको अपने परिवार से भी चुनौती मिली, कैसा लगा?
इमरान मसूद: वह पुरानी बातें हो गईं। हम सब लोग साथ हैं, कोई अलग नहीं है। सवाल: पश्चिमी यूपी में मुस्लिम वोटरों के बीच आपकी मजबूत पकड़ है। 2027 चुनाव के लिए कांग्रेस की क्या रणनीति है?
इमरान मसूद: हम लोग मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस अपने आधार को वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही है। जो फैसला होगा, पार्टी का होगा। लेकिन, हम अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं। सवाल: सहारनपुर और आसपास सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है। हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के लिए क्या कर रहे?
इमरान मसूद: हमारा काम ही मोहब्बत बांटना है। नफरत की बात ही नहीं कर सकते। हम तो मोहब्बत करने वाले लोग हैं। जहां तक हो सकेगा, नफरत को मिटाने के लिए लड़ेंगे। सवाल: संभल में बीते कुछ दिनों में जो कुछ हुआ है, उसे आप किस तरह से देखते हैं?
इमरान मसूद: कभी संभल आएगा, कभी किसी की कब्र उखाड़ी जाएगी, किसी मेले पर रोक लगाई जाएगी। ये अपनी नाकामियों को छुपाने के तमाम तरीके हैं। आप अपनी पीठ अपने आप थपथपाते हैं। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। लोग बाहर जा रहे हैं, पलायन कर रहे हैं। लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा। किसान तबाही की कगार पर पहुंच गया है। इस पर बात नहीं करेंगे। महंगाई आसमान छू रही है, इस पर बात नहीं होगी। सवाल: राहुल गांधी ने कहा-कांग्रेस में दो तरह के लोग हैं। उनका इशारा किन पर था?
इमरान मसूद: यह तो राहुल गांधी ही बता सकते हैं। मैं उनके बयान की व्याख्या कैसे कर सकता हूं? सवाल: क्या यूपी में कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व पर ही निर्भर है या स्थानीय चेहरों की जरूरत है?
इमरान मसूद: राहुल गांधी हमारा चेहरा हैं। देश के ब्रांड हैं। राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिए पूरे देश में माहौल बनाने का काम किया। आज तक एक बात बता दीजिए जो राहुल गांधी ने कही हो और गलत हुई हो। इनकी (सत्ता पक्ष) कोई एक बात बता दीजिए, जो इन्होंने कही हो और वो हुआ हो। सवाल: वक्फ संशोधन बिल को लेकर आपने बीजेपी पर आरोप लगाया था। इस पर कांग्रेस की क्या रणनीति होगी? इमरान मसूद: मैंने आरोप नहीं लगाया था। संविधान ने धार्मिक कार्यों की आजादी का अधिकार दिया है। संविधान ने कहा है, धार्मिक संस्थाओं का प्रबंधन करें। हमें जो आजादी संविधान दे रहा है, आप उसे रौंद रहे हो। आप कह रहे हो हम वक्फ बोर्ड में नॉन मुस्लिम मेंबर रखेंगे, क्यों रखेंगे? क्या किसी दूसरे ट्रस्ट में भी आपने दूसरे मजहब के लोगों को रखने की बात की? हिंदुओं के ट्रस्ट में मुसलमान रख दें, हिंदुओं के ट्रस्ट में सिख रख दें? सिखों के ट्रस्ट में हिंदू या मुसलमान रख दें। नहीं रख सकते। क्योंकि यह उनके धार्मिक कृत्य हैं। यह उनको आजादी मिली है। वक्फ बोर्ड में नॉन मुस्लिम मेंबर रखने की बात कह रहे हैं। आप मुसलमान के साथ ऐसा क्यों कर रहे हो? मुझे भी पता है, इससे आपको कुछ नहीं मिलेगा। आप सिर्फ नफरत के लिए ऐसा कर रहे हो। सवाल: आपने सपा को यूपी में अकेले चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। क्या यूपी में कांग्रेस, सपा से अलग होगी?
इमरान मसूद: मैंने यह नहीं कहा था। मैंने कहा था कि पिछला जो फॉर्मूला 80 में 17 का है, वह इस बार अप्लाई नहीं होगा। हम अपने आपको इस तरह से खत्म नहीं करेंगे। लड़ने के लिए आए हैं, लड़ेंगे। हम लोग राजनीति कर रहे हैं। हर आदमी की अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा होती है। सवाल: सपा-कांग्रेस 2027 में गठबंधन करेगी क्या?
इमरान मसूद: यह फैसला पार्टी करेगी। लेकिन, इज्जत के साथ समझौता नहीं होगा। राजनीति हम इज्जत के लिए कर रहे हैं। हम गुलामी के लिए राजनीति में नहीं आए हैं। हम पार्टी के लिए लड़ेंगे और पार्टी को खड़ा करेंगे। पहला उद्देश्य पार्टी को खड़ा करने का है। सवाल: क्या कांग्रेस में प्रदेश स्तर में बदलाव की कोई जरूरत है?
इमरान मसूद: पार्टी खड़ी होगी। आपको दिख नहीं रहा है? जब तक आप बोलोगे नहीं, तब तक खड़े कैसे होगे? अभी तो यह लगता है कि हम चल ही नहीं पाएंगे। अरे भाई हम तो रेस के घोड़े हैं। हम कोई शादी के घोड़े थोड़े ही हैं। सवाल: आपने होली खेली। इस पर कुछ उलेमाओं ने एतराज भी जताया, इसे कैसे देखते हैं?
इमरान मसूद: मुझे तो किसी बड़े उलेमा का एतराज दिखाई नहीं दिया। मैं होली खेलने के अगले ही दिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मंच पर था। सारे उलेमा हिंदुस्तान के थे। कोई चलता-फिरता आदमी बयान दे दे, आप उसे उलेमा मान लेते हो। दाढ़ी रखने और टोपी लगाने से कोई उलेमा थोड़ी न हो जाएगा। उलेमा का मतलब होता है, पढ़ा-लिखा। मुझे पाकी और नापाकी का मतलब पता है। जब नफरत के रंग घोले जा रहे हों, उस समय मैंने मोहब्बत के रंग घोलने की बात की। मैंने होली कभी नहीं खेली थी, दीवाली हमारे यहां हमेशा मनाई जाती है। क्या जुमा और होली पहली बार आए हैं? आप डराने किसे गए थे और डर कौन गया? कहां था, इस बार होली का हुड़दंग, कहां गए वो होली के हुड़दंगी। इस बार नजर नहीं आए। पुलिस ने लाठी मार-मार कर सबको भगा दिया। आप तमाशा बनाना चाहते हो। मस्जिदें ढंकवा रहे हो। सवाल: औरंगजेब और बाबर को लेकर हाल में काफी विवाद हुआ, आपका क्या रुख है?
इमरान मसूद: मुझे समझ में नहीं आता कि सपा बैठे-बिठाए ये मुद्दे क्यों दे रही है? महाराष्ट्र में अबू आसिम ने मुद्दा दे दिया और यहां इन्होंने मुद्दा पकड़ा दिया। क्या खेल, खेल रहे हो भाई? इस देश को नफरत में मत बांटो। अगर आप बुलवाते हो, तो सामने आकर बोलने की भी हिम्मत रखा करो। सवाल: कांग्रेस जिलाध्यक्षों की सूची में प्रियंका की छाप है या राहुल की? दोनों में पीएम मटेरियल कौन लगता है?
इमरान मसूद: मैं उसका पार्ट नहीं हूं। यह मेरा पार्ट नहीं है। जिस्म क्या आंख और कान के बिना पूरा हो जाएगा, नहीं होगा ना…। सवाल: यूपी में कानून व्यवस्था पर क्या कहेंगे। योगीजी को कितने नंबर देंगे?
इमरान मसूद: देख लीजिए, पूरे देश के अंदर क्या डंका पिट रहा है। कानून-व्यवस्था के इनके अपने आंकड़े पूछ लीजिए, क्या हाे रहे हैं। कानून-व्यवस्था का उत्तर प्रदेश के अंदर क्या हाल हो गया है। मैं कौन हूं, नंबर देने वाला। जनता नंबर देगी। —————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी के लोग बोले-341 विधायकों को दोबारा टिकट न दें, भास्कर सर्वे में जानिए बेहतर और फिसड्‌डी विधायक, इनमें मंत्री भी शामिल 25 मार्च को यूपी के विधायकों के 3 साल पूरे हो रहे हैं। इसको लेकर दैनिक भास्कर ने विधायकों का सर्वे किया। 16 से 20 मार्च तक चले इस सर्वे में लोगों से 4 तरह के सवाल पूछे गए। इनके जवाब में लोगों ने राय दी कि 403 में से 84 फीसदी विधायकों को दोबारा टिकट नहीं देना चाहिए। विधायकों के प्रति नाराजगी किसी एक पार्टी को लेकर हो, ऐसा भी नहीं है। जनता की राय में भाजपा के 258 में से 83% और सपा के 107 में से 86% विधायकों को 2027 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलना चाहिए। पढ़िए पूरा सर्वे… यूपी में 80 में 17 का फॉर्मूला नहीं चलेगा। सम्मानजनक सीटें मिलेंगी, तभी 2027 में समाजवादी पार्टी के साथ समझौता होगा। कांग्रेस अपनी इज्जत के साथ समझौता नहीं करेगी। हम रेस के घोड़े हैं, शादी के नहीं। कांग्रेस नेता और सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद ने ये बातें दैनिक भास्कर से कहीं। लोकसभा चुनाव में सपा ने कांग्रेस को 80 में से 17 सीटें दी थीं। इमरान मसूद ने औरंगजेब, बाबर विवाद, गाजी मियां मेले से लेकर सपा के संबंधों और राहुल और प्रियंका में से कौन पीएम मटेरियल है पर किए गए सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: आपने कांग्रेस, सपा और बसपा में समय बिताया। कांग्रेस को स्थायी घर क्यों मानते हैं?
इमरान मसूद: कांग्रेस मेरे रोम-रोम में बसी है। वैसे तो मेरी परवरिश समाजवादी पार्टी में हुई। लेकिन, वक्त के हालात ने एक चीज सिखाई कि देश में कांग्रेस के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं। राहुल गांधी की जितनी साफ सोच है, देश के बारे में उतना साफ स्टैंड किसी का लगा नहीं। सवाल: सहारनपुर रेलवे स्टेशन का नाम मां शाकंभरी देवी पर रखने का प्रस्ताव क्यों रखा?
इमरान मसूद: मैंने सहारनपुर रेलवे स्टेशन का नाम शाकंभरी देवी और देवबंद स्टेशन का नाम मौलाना हुसैन मदनी के नाम पर रखने का प्रस्ताव दिया है। दोनों को बराबर कहा है। मौलाना हुसैन मदनी का किरदार चाहे जंगे आजादी में रूमाल तहरीक का रहा हो, मालदा में जेल में कैद काटने का रहा हो। बंटवारे के समय वह देश के साथ डट कर खड़े रहे कि हम हिंदुस्तान छोड़कर पाकिस्तान नहीं जाएंगे। इस महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम पर देवबंद रेलवे स्टेशन का नाम होना चाहिए। मां शाकंभरी देवी, जाे सहारनपुर में वास करती हैं, उनके नाम पर सहारनपुर रेलवे स्टेशन का नाम करने की बात मैंने सदन में कही है। सवाल: गाजी मियां के मेलों पर रोक लगाई जा रही है। इसे किस तरह से देखते हैं?
इमरान मसूद: प्रशासन के पास कौन सा सबूत है। वह किस तरीके की बात कर रहा है, यह समझ से परे है। आप नौजवानों की बात, रोजगार की बात क्यों नहीं करते? रोज हत्याएं हो रही हैं, कानून व्यवस्था के नाम पर प्रदेश थर्रा गया है। समाज में विकृति आ रही है। मेरठ में दीवार में ही चुनवा दिया, सहारनपुर में भाजपा नेता ने अपनी पत्नी और 3 बच्चों को मार दिया। इसकी बात होनी चाहिए। इनका (सत्ता पक्ष) काम सिर्फ नफरत बांटने का है। मोहब्बत की बात होनी चाहिए। इनके पास नफरत बांटने के अलावा कोई काम नहीं है। सवाल: 2014 में आपके एक बयान ने क्या आपकी छवि को प्रभावित किया?
इमरान मसूद: न मैंने खुद को बदला है, न बदलूंगा। जैसा था, जैसा हूं, वैसा ही रहूंगा। मेरी परवरिश हिंदू-मुसलमान की नफरत में नहीं हुई, हिंदू-मुसलमान के बीच में हुई है। एक वक्त का खाना हिंदू परिवार में होता है, तो दूसरे वक्त का मुस्लिम के घर में। मेरे एक चाचा सत्यप्रकाश भी हैं और दूसरे चाचा मोहम्मद भी हैं। मेरी परवरिश ऐसी नहीं हुई कि सत्यप्रकाश के यहां जाते वक्त मुझे परहेज होगा। सत्यप्रकाश मुझसे बात नहीं करेंगे। सवाल: चुनाव में आपको अपने परिवार से भी चुनौती मिली, कैसा लगा?
इमरान मसूद: वह पुरानी बातें हो गईं। हम सब लोग साथ हैं, कोई अलग नहीं है। सवाल: पश्चिमी यूपी में मुस्लिम वोटरों के बीच आपकी मजबूत पकड़ है। 2027 चुनाव के लिए कांग्रेस की क्या रणनीति है?
इमरान मसूद: हम लोग मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस अपने आधार को वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही है। जो फैसला होगा, पार्टी का होगा। लेकिन, हम अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं। सवाल: सहारनपुर और आसपास सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है। हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के लिए क्या कर रहे?
इमरान मसूद: हमारा काम ही मोहब्बत बांटना है। नफरत की बात ही नहीं कर सकते। हम तो मोहब्बत करने वाले लोग हैं। जहां तक हो सकेगा, नफरत को मिटाने के लिए लड़ेंगे। सवाल: संभल में बीते कुछ दिनों में जो कुछ हुआ है, उसे आप किस तरह से देखते हैं?
इमरान मसूद: कभी संभल आएगा, कभी किसी की कब्र उखाड़ी जाएगी, किसी मेले पर रोक लगाई जाएगी। ये अपनी नाकामियों को छुपाने के तमाम तरीके हैं। आप अपनी पीठ अपने आप थपथपाते हैं। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। लोग बाहर जा रहे हैं, पलायन कर रहे हैं। लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा। किसान तबाही की कगार पर पहुंच गया है। इस पर बात नहीं करेंगे। महंगाई आसमान छू रही है, इस पर बात नहीं होगी। सवाल: राहुल गांधी ने कहा-कांग्रेस में दो तरह के लोग हैं। उनका इशारा किन पर था?
इमरान मसूद: यह तो राहुल गांधी ही बता सकते हैं। मैं उनके बयान की व्याख्या कैसे कर सकता हूं? सवाल: क्या यूपी में कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व पर ही निर्भर है या स्थानीय चेहरों की जरूरत है?
इमरान मसूद: राहुल गांधी हमारा चेहरा हैं। देश के ब्रांड हैं। राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिए पूरे देश में माहौल बनाने का काम किया। आज तक एक बात बता दीजिए जो राहुल गांधी ने कही हो और गलत हुई हो। इनकी (सत्ता पक्ष) कोई एक बात बता दीजिए, जो इन्होंने कही हो और वो हुआ हो। सवाल: वक्फ संशोधन बिल को लेकर आपने बीजेपी पर आरोप लगाया था। इस पर कांग्रेस की क्या रणनीति होगी? इमरान मसूद: मैंने आरोप नहीं लगाया था। संविधान ने धार्मिक कार्यों की आजादी का अधिकार दिया है। संविधान ने कहा है, धार्मिक संस्थाओं का प्रबंधन करें। हमें जो आजादी संविधान दे रहा है, आप उसे रौंद रहे हो। आप कह रहे हो हम वक्फ बोर्ड में नॉन मुस्लिम मेंबर रखेंगे, क्यों रखेंगे? क्या किसी दूसरे ट्रस्ट में भी आपने दूसरे मजहब के लोगों को रखने की बात की? हिंदुओं के ट्रस्ट में मुसलमान रख दें, हिंदुओं के ट्रस्ट में सिख रख दें? सिखों के ट्रस्ट में हिंदू या मुसलमान रख दें। नहीं रख सकते। क्योंकि यह उनके धार्मिक कृत्य हैं। यह उनको आजादी मिली है। वक्फ बोर्ड में नॉन मुस्लिम मेंबर रखने की बात कह रहे हैं। आप मुसलमान के साथ ऐसा क्यों कर रहे हो? मुझे भी पता है, इससे आपको कुछ नहीं मिलेगा। आप सिर्फ नफरत के लिए ऐसा कर रहे हो। सवाल: आपने सपा को यूपी में अकेले चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। क्या यूपी में कांग्रेस, सपा से अलग होगी?
इमरान मसूद: मैंने यह नहीं कहा था। मैंने कहा था कि पिछला जो फॉर्मूला 80 में 17 का है, वह इस बार अप्लाई नहीं होगा। हम अपने आपको इस तरह से खत्म नहीं करेंगे। लड़ने के लिए आए हैं, लड़ेंगे। हम लोग राजनीति कर रहे हैं। हर आदमी की अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा होती है। सवाल: सपा-कांग्रेस 2027 में गठबंधन करेगी क्या?
इमरान मसूद: यह फैसला पार्टी करेगी। लेकिन, इज्जत के साथ समझौता नहीं होगा। राजनीति हम इज्जत के लिए कर रहे हैं। हम गुलामी के लिए राजनीति में नहीं आए हैं। हम पार्टी के लिए लड़ेंगे और पार्टी को खड़ा करेंगे। पहला उद्देश्य पार्टी को खड़ा करने का है। सवाल: क्या कांग्रेस में प्रदेश स्तर में बदलाव की कोई जरूरत है?
इमरान मसूद: पार्टी खड़ी होगी। आपको दिख नहीं रहा है? जब तक आप बोलोगे नहीं, तब तक खड़े कैसे होगे? अभी तो यह लगता है कि हम चल ही नहीं पाएंगे। अरे भाई हम तो रेस के घोड़े हैं। हम कोई शादी के घोड़े थोड़े ही हैं। सवाल: आपने होली खेली। इस पर कुछ उलेमाओं ने एतराज भी जताया, इसे कैसे देखते हैं?
इमरान मसूद: मुझे तो किसी बड़े उलेमा का एतराज दिखाई नहीं दिया। मैं होली खेलने के अगले ही दिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मंच पर था। सारे उलेमा हिंदुस्तान के थे। कोई चलता-फिरता आदमी बयान दे दे, आप उसे उलेमा मान लेते हो। दाढ़ी रखने और टोपी लगाने से कोई उलेमा थोड़ी न हो जाएगा। उलेमा का मतलब होता है, पढ़ा-लिखा। मुझे पाकी और नापाकी का मतलब पता है। जब नफरत के रंग घोले जा रहे हों, उस समय मैंने मोहब्बत के रंग घोलने की बात की। मैंने होली कभी नहीं खेली थी, दीवाली हमारे यहां हमेशा मनाई जाती है। क्या जुमा और होली पहली बार आए हैं? आप डराने किसे गए थे और डर कौन गया? कहां था, इस बार होली का हुड़दंग, कहां गए वो होली के हुड़दंगी। इस बार नजर नहीं आए। पुलिस ने लाठी मार-मार कर सबको भगा दिया। आप तमाशा बनाना चाहते हो। मस्जिदें ढंकवा रहे हो। सवाल: औरंगजेब और बाबर को लेकर हाल में काफी विवाद हुआ, आपका क्या रुख है?
इमरान मसूद: मुझे समझ में नहीं आता कि सपा बैठे-बिठाए ये मुद्दे क्यों दे रही है? महाराष्ट्र में अबू आसिम ने मुद्दा दे दिया और यहां इन्होंने मुद्दा पकड़ा दिया। क्या खेल, खेल रहे हो भाई? इस देश को नफरत में मत बांटो। अगर आप बुलवाते हो, तो सामने आकर बोलने की भी हिम्मत रखा करो। सवाल: कांग्रेस जिलाध्यक्षों की सूची में प्रियंका की छाप है या राहुल की? दोनों में पीएम मटेरियल कौन लगता है?
इमरान मसूद: मैं उसका पार्ट नहीं हूं। यह मेरा पार्ट नहीं है। जिस्म क्या आंख और कान के बिना पूरा हो जाएगा, नहीं होगा ना…। सवाल: यूपी में कानून व्यवस्था पर क्या कहेंगे। योगीजी को कितने नंबर देंगे?
इमरान मसूद: देख लीजिए, पूरे देश के अंदर क्या डंका पिट रहा है। कानून-व्यवस्था के इनके अपने आंकड़े पूछ लीजिए, क्या हाे रहे हैं। कानून-व्यवस्था का उत्तर प्रदेश के अंदर क्या हाल हो गया है। मैं कौन हूं, नंबर देने वाला। जनता नंबर देगी। —————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी के लोग बोले-341 विधायकों को दोबारा टिकट न दें, भास्कर सर्वे में जानिए बेहतर और फिसड्‌डी विधायक, इनमें मंत्री भी शामिल 25 मार्च को यूपी के विधायकों के 3 साल पूरे हो रहे हैं। इसको लेकर दैनिक भास्कर ने विधायकों का सर्वे किया। 16 से 20 मार्च तक चले इस सर्वे में लोगों से 4 तरह के सवाल पूछे गए। इनके जवाब में लोगों ने राय दी कि 403 में से 84 फीसदी विधायकों को दोबारा टिकट नहीं देना चाहिए। विधायकों के प्रति नाराजगी किसी एक पार्टी को लेकर हो, ऐसा भी नहीं है। जनता की राय में भाजपा के 258 में से 83% और सपा के 107 में से 86% विधायकों को 2027 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलना चाहिए। पढ़िए पूरा सर्वे…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर