इलाहाबाद HC ने AMU को इस मामले में सतर्कता बरतने के दिए निर्देश, कहा- मनमानी थी कार्रवाई

इलाहाबाद HC ने AMU को इस मामले में सतर्कता बरतने के दिए निर्देश, कहा- मनमानी थी कार्रवाई

<p style=”text-align: justify;”><strong>AMU News:&nbsp; </strong>इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को प्रवक्ता पद पर नियुक्ति में पात्रता मापदंड को लेकर किसी प्रकार की अस्पष्टता से बचने के लिए अपने भावी विज्ञापनों में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने विश्वविद्यालय में प्रवक्ता (रसायन विज्ञान) पद के लिए पात्रता को लेकर जारी विवाद के मामले में सुनवाई करते हुए यह निर्देश पारित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने 2019 और 2020 में प्रवक्ता (रसायन विज्ञान) के पद के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसमें &ldquo;संबद्ध/प्रासंगिक/सहायक विषय&rdquo; में स्नातकोत्तर डिग्री धारक को उक्त पद के लिए पात्र होने की बात कही गयी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अम्मा खातून और दो अन्य याचिकाकर्ताओं ने चयन प्रक्रिया में प्रतिभाग की अनुमति के लिए अदालत का रुख किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ताओं ने अदालत में दलील थी कि विज्ञापन में &ldquo;संबद्ध/प्रासंगिक/सहायक विषय&rdquo; जैसे शब्दों का उपयोग अस्पष्ट था, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई कि क्या औद्योगिक रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर इस पद के लिए योग्य है या नहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ghaziabad-news-attempt-disturb-communal-harmony-meat-kept-inside-cowshed-2907015″><strong>उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश, गौशाला के अंदर रखा मांस</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल की डिग्री एक सहायक विषय के तौर पर पात्रता रखती है और वे उक्त पद के लिए पात्र होंगे. न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा, &ldquo;इस तरह की अस्पष्टता दूर की जानी चाहिए और विश्वविद्यालय को पात्रता के बारे में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहिए ताकि सभी पात्र उम्मीदवार विज्ञापन में दिए गए पद के लिए प्रतिभाग कर सकें.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने कहा कि विश्वविद्यालय की कार्रवाई मनमानी थी क्योंकि विश्वविद्यालय ने औद्योगिक रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री को सहायक विषय माना, वहीं दूसरी ओर मनमाने ढंग से यह निर्णय किया कि रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर उम्मीदवार नहीं मिलने पर अंत में दूसरे उम्मीदवारों पर विचार किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने याचिका लंबित रहने के दौरान चयन प्रक्रिया पूरी किए जाने पर कहा कि इस चरण में पद पहले ही भरा जा चुका है, इसलिए इस रिट याचिका में मांगी गई राहत निष्फल हो चुकी है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>AMU News:&nbsp; </strong>इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को प्रवक्ता पद पर नियुक्ति में पात्रता मापदंड को लेकर किसी प्रकार की अस्पष्टता से बचने के लिए अपने भावी विज्ञापनों में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने विश्वविद्यालय में प्रवक्ता (रसायन विज्ञान) पद के लिए पात्रता को लेकर जारी विवाद के मामले में सुनवाई करते हुए यह निर्देश पारित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने 2019 और 2020 में प्रवक्ता (रसायन विज्ञान) के पद के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसमें &ldquo;संबद्ध/प्रासंगिक/सहायक विषय&rdquo; में स्नातकोत्तर डिग्री धारक को उक्त पद के लिए पात्र होने की बात कही गयी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अम्मा खातून और दो अन्य याचिकाकर्ताओं ने चयन प्रक्रिया में प्रतिभाग की अनुमति के लिए अदालत का रुख किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ताओं ने अदालत में दलील थी कि विज्ञापन में &ldquo;संबद्ध/प्रासंगिक/सहायक विषय&rdquo; जैसे शब्दों का उपयोग अस्पष्ट था, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई कि क्या औद्योगिक रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर इस पद के लिए योग्य है या नहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ghaziabad-news-attempt-disturb-communal-harmony-meat-kept-inside-cowshed-2907015″><strong>उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश, गौशाला के अंदर रखा मांस</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल की डिग्री एक सहायक विषय के तौर पर पात्रता रखती है और वे उक्त पद के लिए पात्र होंगे. न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा, &ldquo;इस तरह की अस्पष्टता दूर की जानी चाहिए और विश्वविद्यालय को पात्रता के बारे में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहिए ताकि सभी पात्र उम्मीदवार विज्ञापन में दिए गए पद के लिए प्रतिभाग कर सकें.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने कहा कि विश्वविद्यालय की कार्रवाई मनमानी थी क्योंकि विश्वविद्यालय ने औद्योगिक रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री को सहायक विषय माना, वहीं दूसरी ओर मनमाने ढंग से यह निर्णय किया कि रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर उम्मीदवार नहीं मिलने पर अंत में दूसरे उम्मीदवारों पर विचार किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने याचिका लंबित रहने के दौरान चयन प्रक्रिया पूरी किए जाने पर कहा कि इस चरण में पद पहले ही भरा जा चुका है, इसलिए इस रिट याचिका में मांगी गई राहत निष्फल हो चुकी है.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राजस्थान के डिप्टी CM की BJP विधायक बालमुकुंद आचार्य को नसीहत, कहा- ‘हम इस तरह…’