लोक आस्था के महापर्व के चौथे दिन शुक्रवार की सुबह गंगा तट पर व्रती महिलाओं और आस्थावानों का जनसैलाब उमड़ा। ढोल नगाड़े के साथ बैंड बाजे पर थिरकते हुए श्रद्धालु मां जाह्नवी के तट पर पहुंचे। व्रती महिलाए गंगा स्नान के पश्चात विधि-विधान से पूजन किया। सूर्य की पहली किरण के साथ छठ व्रतियों ने अर्घ्य दिया। वाराणसी और प्रयागराज के गंगा तट पर श्रद्धालुओं के जनसैलाब की सुरक्षा में पुलिस के जवान तैनात हैं। लोक आस्था के महापर्व के चौथे दिन शुक्रवार की सुबह गंगा तट पर व्रती महिलाओं और आस्थावानों का जनसैलाब उमड़ा। ढोल नगाड़े के साथ बैंड बाजे पर थिरकते हुए श्रद्धालु मां जाह्नवी के तट पर पहुंचे। व्रती महिलाए गंगा स्नान के पश्चात विधि-विधान से पूजन किया। सूर्य की पहली किरण के साथ छठ व्रतियों ने अर्घ्य दिया। वाराणसी और प्रयागराज के गंगा तट पर श्रद्धालुओं के जनसैलाब की सुरक्षा में पुलिस के जवान तैनात हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Ghaziabad ByPolls 2024: सपा ने गाजियाबाद से सिंह राज जाटव को बनाया प्रत्याशी, कुछ दिन पहले छोड़ी थी बसपा
Ghaziabad ByPolls 2024: सपा ने गाजियाबाद से सिंह राज जाटव को बनाया प्रत्याशी, कुछ दिन पहले छोड़ी थी बसपा <p style=”text-align: justify;”><strong>UP ByPolls 2024:</strong> यूपी उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने गाजियाबाद सीट सिंह राज जाटव को उम्मीदवार बनाया है. लंबे समय तक बहुजन समाज पार्टी (BSP) में मंडल कार्डिनेटर रहे पूर्व पार्षद और बीएसपी के कद्दावर नेता सिंह राज जाटव को समाजवादी पार्टी अपने सिंबल पर सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी के रूप में उतार रही है. सिंह राज बहुजन समाज पार्टी के संगठन में लंबे समय से जुड़े थे और टिकट के ऐलान से चंद दिनों पहले ही उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थामा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>समाजवादी पार्टी की ओर से गाजियाबाद सीट पर उनके नाम का ऐलान होने के साथ ही हालात बदल गए हैं. दरअसल, सिंह राज अकेले ऐसे उम्मीदवार हैं जो गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र की तकरीबन आधी से ज्यादा आबादी वाले लाईन पार क्षेत्र के रहने वाले हैं. बहुजन समाज पार्टी और आजाद समाज पार्टी के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों की भी बात करें तो वे भी सभी गाजियाबाद के शहरी इलाके से आते हैं. हालांकि आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी सतपाल चौधरी भी लाईन पार क्षेत्र में आने वाले गांव चिपियाना के रहने वाले हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तो नहीं आसान होगी बीजेपी की जीत की राह</strong><br />सिंह राज इससे पहले बहुजन समाज पार्टी में सक्रिय भूमिका में रहने की वजह से जाने जाते हैं. केबल और इनटरनेट नेटवर्क के कारोबार से जुड़े सिंह राज अपने बल पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पार्षद का चुनाव भी जीत चुके हैं. जबकि उनका बहुजन समाज में भी अच्छा रूतबा बताया जाता है. इसके अलावा इसी इलाके में पले-बढ़े हुए हैं, सिंह राज की इलाके में खासी पेंठ भी है. इस लिहाज से ये कहा जा सकता है कि सिंह राज ने यदि सही तरीके से चुनाव लड़ा तो बीजेपी की पारंपारिक सीट पर एक बार फिर जीत दर्ज करना बीजेपी उम्मीदवार संजीव शर्मा के लिए आसान नहीं होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/khair-bypolls-2024-samajwadi-party-declared-charu-kain-as-candidate-ann-2810123″><strong>Khair Bypolls 2024: अलीगढ़ में सपा ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किलें, पार्टी का ये दांव दलित और जाट वोट बैंक में लगाएगा सेंध!</strong></a></p>
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एक मुस्लिम महिला और दो हिन्दू… उमर अब्दुल्ला कैबिनेट में शामिल होने वाले 5 मंत्री कौन? <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News:</strong> अनुच्छेद-370 हटने के पांच साल बाद अब जम्मू-कश्मीर को नई सरकार मिल गई है. नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मौजूदगी में सीएम पद की शपथ ग्रहण की. जबकि उमर कैबिनेट में एक महिला और दो हिंदू सहित कुल पांच मंत्रियों ने भी शपथ ली है. सुरेंद्र चौधरी जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम बने. इसके अलावा, सकीना इट्टू, जावेद राणा, सतीश शर्मा और जावेद डार ने मंत्रिमंडल में शामिल हुए.</p>
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31 को मनेगी दीपावली..सिर्फ डेढ़ घंटे रहेगा शुभ मुहूर्त:लखनऊ में जुटे देशभर के विद्वानों ने बताई वजह; बोले- 25 साल में नहीं दिखा ऐसा योग
31 को मनेगी दीपावली..सिर्फ डेढ़ घंटे रहेगा शुभ मुहूर्त:लखनऊ में जुटे देशभर के विद्वानों ने बताई वजह; बोले- 25 साल में नहीं दिखा ऐसा योग अमावस्या के दिन प्रदोष काल में ही महालक्ष्मी के पूजन का विधान है। शास्त्रों में दीवाली के दिन 4 तरीके के पूजन का विधान बताया गया है। इस बार प्रदोष काल की शुरुआत गुरुवार से हो रही है। यही कारण है कि मिथिला से लेकर दक्षिण भारत तक विद्वानों ने 31 अक्टूबर को ही दीवाली पूजन की बात कही है। इस दौरान सूर्यास्त के डेढ़ घंटे से बाद से अगले डेढ़ घंटे के लिए विशेष पूजन मुहूर्त होगा। इस दौरान महालक्ष्मी के पूजन से विशेष कृपा मिलेगी। ऐसा विशेषज्ञों का मत है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 30वें ऐपिसोड में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो.सर्वानंद झा और ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर डॉ. मदन मोहन पाठक से खास बातचीत…। प्रो.सर्वानंद झा कहते हैं कि दीवाली के दिन 4 तरह के पूजा होती है। पितृपक्ष के पूजन और विसर्जन के बाद उल्का भ्रमण के द्वारा मार्ग प्रशस्त किया जाता है। पितरों के पित्रलोक जाने के बाद प्रदोष काल लगते ही लक्ष्मी पूजन की शुरुआत होती है। प्रदोष काल को लेकर विद्वानों में अलग-अलग मत है, लेकिन प्रदोष काल में ही लक्ष्मी पूजन का विधान है। इसके बाद मध्य रात्रि में महाकाली के पूजन का विधान है। फिर दरिद्रा को हटाने का विधान है। ये सभी 4 कर्म अमावस्या के दिन होते है। उस दिन शाम को साढ़े 3 से 4 बजे के बीच सभी पंचांगों में अमावस्या का आरंभ होता। जो दूसरे दिन तक चलता है। 31 अक्टूबर की रात में ये सारे कर्म किए जा सकते हैं। इस लिहाज से दीवाली पूजन का मुहूर्त 31 अक्टूबर को ही है। इसी दिन दीवाली मनाई जानी चाहिए। प्रो.सर्वानंद कहते हैं ये समझना होगा कि पूजा से कभी कोई असुविधा नहीं होती है। हमेशा इससे लाभ ही मिलता है। यदि कोई इसी पूर्वाग्रह में है कि शास्त्र सम्मत होने के बावजूद उसे 31 की जगह 1 नवंबर को दीवाली पूजन करना है तो ये उसकी स्वतंत्रता है। 2025 में फिर 2 दिन होगी अमावस्या
ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर डॉ.मदन मोहन पाठक कहते हैं- ‘मेरा मानना है कि सूर्यास्त से पहले यदि अमावस्या शुरू हुई है। अगले दिन सूर्यास्त से पहले खत्म हो रही है। ऐसे में पूरी रात दीवाली पूजन का विधान है।’ 25 साल में नहीं दिखा ऐसा योग
प्रो.मदन पाठक कहते है कि पिछले 25 साल से वो श्रीजगन्नाथ पंचांग के संपादन कर रहा हूं। इन 25 साल में अब तक कोई ऐसा अवसर नहीं आया जब 2 दिन प्रदोष काल में काल में अमावस्या हो। पर अगले साल यानी 2025 में भी कुछ ऐसा ही योग बन रहा है कि तो इस बार से यही सीख मिलती है कि पहले ही दिन अमावस्या के साथ दीवाली मनाई जाए।