उचाना में सीएम घोषणाओं पर बृजेंद्र सिंह ने उठाए सवाल:एक माह में लग जाएगी आचार सहिंता, ऐसे में घोषणाओं का क्या लाभ

उचाना में सीएम घोषणाओं पर बृजेंद्र सिंह ने उठाए सवाल:एक माह में लग जाएगी आचार सहिंता, ऐसे में घोषणाओं का क्या लाभ

पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह उचाना हलके के दौरे पर रहे। गुरूकुल खेड़ा में विभिन्न जगहों पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। दुष्यंत चौटाला के उचाना से चुनाव लड़ने पर बीरेंद्र सिंह परिवार के मैदान छोडने के बयान पर बोलते हुए बृजेंद्र सिंह ने कहा कि शुक्र है चुनाव लडने आ गए, लोग कम से कम उससे आमने-सामने होकर दो-चार सवाल तो पूछ लेंगे। चुनाव वो भी लड़ रहे है, हम भी लड़ रहे है और भी कई लडने वाले होंगे। कौन से समीकरण बदल जाएंगे सीएम नायब सिंह सैनी द्वारा की जा रही निरंतर घोषणा पर सवाल उठाते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि लगता है कि एक महीने में आचार संहित लग जाएगी, तो ऐसे समय पर घोषणाओं का क्या फायदा है। ये घोषणाएं इसी तरह की है, जिस तरह से 12 या 13 मार्च को मुख्यमंत्री बदलना था। मुख्यमंत्री के बदलने से नए मुख्यमंत्री के आने से पता नहीं कौन से समीकरण बदल जाएंगे। लोकसभा चुनाव उसके दो दिन बाद घोषित हो गए थे। जो ये घोषणा अब आ रही एक महीने में तो आचार संहित लग जाएगी। घोषणाओं पर कोई कार्यवाही तो होनी नहीं। बहुत कम संख्या में लोग होते है, जो चुनाव के पास या चुनाव की घोषणा के समय अपना मत बदले। ये वो चीजें, जिन पर 2 साल मचा बवाल इस प्रकार से आखिरी समय पर आकर जब चुनाव की घोषणा होने वाली है, इस प्रकार की जो चीजें की जा रही है, उनका कोई अर्थ नहीं है, क्योंकि ये वो चीजें है, जिन पर दो साल से बवाल मचा है। जितना भी लोगों को तकलीफ हुई है, जो पीपीपी की वजह से सारा पोर्टल सिस्टम की वजह से, बड़े मुद्दों की बातें नहीं कर रहे। जैसे कि खिलाड़ियों, अग्निवीर के मुद्दे है। ऐसी स्थिति पर लीपापोती करके आप ये सोचे कि चुनाव से एक महीने पहले घोषणाएं करके चुनाव को साध लेंगे, ऐसा होता मेरे को दिखा नहीं। इससे किसान वर्ग मानने वाला नहीं सीएम द्वारा प्रदेश में सभी फसलें एमएसपी पर खरीदे जाने पर कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह ने कहा कि एमएसपी पर 16 से 17 फसलें पहले भी थी। चार पांच और जोड़ दी है। सारी बात ये है कि मुद्दा ये नहीं, इससे बड़ा मुद्दा ये है कि एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने से अब कुछ नहीं होने वाला है। क्योंकि वो सोच रहे है कि इससे किसान वर्ग मान जाएगा, ऐसा होने वाला नहीं है। पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह उचाना हलके के दौरे पर रहे। गुरूकुल खेड़ा में विभिन्न जगहों पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। दुष्यंत चौटाला के उचाना से चुनाव लड़ने पर बीरेंद्र सिंह परिवार के मैदान छोडने के बयान पर बोलते हुए बृजेंद्र सिंह ने कहा कि शुक्र है चुनाव लडने आ गए, लोग कम से कम उससे आमने-सामने होकर दो-चार सवाल तो पूछ लेंगे। चुनाव वो भी लड़ रहे है, हम भी लड़ रहे है और भी कई लडने वाले होंगे। कौन से समीकरण बदल जाएंगे सीएम नायब सिंह सैनी द्वारा की जा रही निरंतर घोषणा पर सवाल उठाते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि लगता है कि एक महीने में आचार संहित लग जाएगी, तो ऐसे समय पर घोषणाओं का क्या फायदा है। ये घोषणाएं इसी तरह की है, जिस तरह से 12 या 13 मार्च को मुख्यमंत्री बदलना था। मुख्यमंत्री के बदलने से नए मुख्यमंत्री के आने से पता नहीं कौन से समीकरण बदल जाएंगे। लोकसभा चुनाव उसके दो दिन बाद घोषित हो गए थे। जो ये घोषणा अब आ रही एक महीने में तो आचार संहित लग जाएगी। घोषणाओं पर कोई कार्यवाही तो होनी नहीं। बहुत कम संख्या में लोग होते है, जो चुनाव के पास या चुनाव की घोषणा के समय अपना मत बदले। ये वो चीजें, जिन पर 2 साल मचा बवाल इस प्रकार से आखिरी समय पर आकर जब चुनाव की घोषणा होने वाली है, इस प्रकार की जो चीजें की जा रही है, उनका कोई अर्थ नहीं है, क्योंकि ये वो चीजें है, जिन पर दो साल से बवाल मचा है। जितना भी लोगों को तकलीफ हुई है, जो पीपीपी की वजह से सारा पोर्टल सिस्टम की वजह से, बड़े मुद्दों की बातें नहीं कर रहे। जैसे कि खिलाड़ियों, अग्निवीर के मुद्दे है। ऐसी स्थिति पर लीपापोती करके आप ये सोचे कि चुनाव से एक महीने पहले घोषणाएं करके चुनाव को साध लेंगे, ऐसा होता मेरे को दिखा नहीं। इससे किसान वर्ग मानने वाला नहीं सीएम द्वारा प्रदेश में सभी फसलें एमएसपी पर खरीदे जाने पर कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह ने कहा कि एमएसपी पर 16 से 17 फसलें पहले भी थी। चार पांच और जोड़ दी है। सारी बात ये है कि मुद्दा ये नहीं, इससे बड़ा मुद्दा ये है कि एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने से अब कुछ नहीं होने वाला है। क्योंकि वो सोच रहे है कि इससे किसान वर्ग मान जाएगा, ऐसा होने वाला नहीं है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर