उत्तराखंड के 3 जिलों में हिमस्खलन की चेतावनी, डीजीआरई ने जारी किया अलर्ट

उत्तराखंड के 3 जिलों में हिमस्खलन की चेतावनी, डीजीआरई ने जारी किया अलर्ट

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<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में अगले 24 घंटे भारी साबित हो सकते हैं. रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई) चंडीगढ़ ने इन जिलों में 2950 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमस्खलन की आशंका जताई है. इस चेतावनी के बाद स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आवाजाही पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चीन सीमा से सटे माणा क्षेत्र में बीते सप्ताह हिमस्खलन की बड़ी घटना सामने आई थी, जिसमें 54 मजदूर इसकी चपेट में आ गए थे. राहत एवं बचाव कार्य में जुटी एजेंसियों ने तीन दिन के रेस्क्यू अभियान के बाद 46 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया था, लेकिन इस हादसे में आठ मजदूरों की जान चली गई थी. इस घटना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्यों पर खतरे की घंटी बजा दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>माणा में हिमस्खलन के बाद निर्माण कार्य प्रभावित<br /></strong>माणा में हिमस्खलन के बाद आस पास हाईवे का सुधारीकरण और चौड़ीकरण कार्य प्रभावित हुआ है. यह हाईवे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) इस पर तेजी से काम कर रहा था. योजना के अनुसार, इस सड़क को 2027 के अक्टूबर तक पूरा किया जाना था, लेकिन हिमस्खलन के चलते निर्माण कार्य की गति धीमी पड़ सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीआरओ अब मजदूरों के ठहरने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहा है. बताया जा रहा है कि बद्रीनाथ से माणा के बीच ऐसे स्थान चिह्नित किए जा रहे हैं, जहां नए कंटेनर स्थापित किए जा सकें. फिलहाल, क्षेत्र में दो से तीन फीट तक बर्फ जमी हुई है, जिसके पिघलने के बाद ही आगे का कार्य शुरू किया जा सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिला प्रशासन ने अलर्ट रहने को कहा<br /></strong>हाईवे चौड़ीकरण कार्य में लगे मजदूरों के लिए माणा पास एंट्री गेट के समीप आठ कंटेनर और एक शेल्टर स्थापित किए गए थे, जो अब हिमस्खलन की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. ये मजदूर दिन में सड़क निर्माण का कार्य करने के बाद रात में इन्हीं कंटेनरों में विश्राम करते थे. अब बीआरओ ने नए कंटेनर लगाने की योजना बनाई है, ताकि निर्माण कार्य फिर से गति पकड़ सके.</p>
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<p style=”text-align: justify;”>हिमस्खलन की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन ने इन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. स्थानीय लोगों और पर्यटकों को अनावश्यक रूप से इन इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है. खासतौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को मौसम विभाग की अपडेट्स पर ध्यान देने और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करने के निर्देश दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आठ मार्च तक उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन की संभावना बनी हुई है. प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए टीमें तैनात की जा सकती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/samajwadi-party-leader-ram-gopal-yadav-said-co-anuj-chaudhary-will-be-in-jail-as-soon-after-arrangements-change-ann-2899127″>’व्यवस्था बदलेगी तो जेल में होंगे सीओ अनुज चौधरी’, अखिलेश यादव के चाचा ने कर दिया ऐलान</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में अगले 24 घंटे भारी साबित हो सकते हैं. रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई) चंडीगढ़ ने इन जिलों में 2950 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमस्खलन की आशंका जताई है. इस चेतावनी के बाद स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आवाजाही पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चीन सीमा से सटे माणा क्षेत्र में बीते सप्ताह हिमस्खलन की बड़ी घटना सामने आई थी, जिसमें 54 मजदूर इसकी चपेट में आ गए थे. राहत एवं बचाव कार्य में जुटी एजेंसियों ने तीन दिन के रेस्क्यू अभियान के बाद 46 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया था, लेकिन इस हादसे में आठ मजदूरों की जान चली गई थी. इस घटना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्यों पर खतरे की घंटी बजा दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>माणा में हिमस्खलन के बाद निर्माण कार्य प्रभावित<br /></strong>माणा में हिमस्खलन के बाद आस पास हाईवे का सुधारीकरण और चौड़ीकरण कार्य प्रभावित हुआ है. यह हाईवे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) इस पर तेजी से काम कर रहा था. योजना के अनुसार, इस सड़क को 2027 के अक्टूबर तक पूरा किया जाना था, लेकिन हिमस्खलन के चलते निर्माण कार्य की गति धीमी पड़ सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीआरओ अब मजदूरों के ठहरने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहा है. बताया जा रहा है कि बद्रीनाथ से माणा के बीच ऐसे स्थान चिह्नित किए जा रहे हैं, जहां नए कंटेनर स्थापित किए जा सकें. फिलहाल, क्षेत्र में दो से तीन फीट तक बर्फ जमी हुई है, जिसके पिघलने के बाद ही आगे का कार्य शुरू किया जा सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिला प्रशासन ने अलर्ट रहने को कहा<br /></strong>हाईवे चौड़ीकरण कार्य में लगे मजदूरों के लिए माणा पास एंट्री गेट के समीप आठ कंटेनर और एक शेल्टर स्थापित किए गए थे, जो अब हिमस्खलन की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. ये मजदूर दिन में सड़क निर्माण का कार्य करने के बाद रात में इन्हीं कंटेनरों में विश्राम करते थे. अब बीआरओ ने नए कंटेनर लगाने की योजना बनाई है, ताकि निर्माण कार्य फिर से गति पकड़ सके.</p>
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<p style=”text-align: justify;”>हिमस्खलन की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन ने इन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. स्थानीय लोगों और पर्यटकों को अनावश्यक रूप से इन इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है. खासतौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को मौसम विभाग की अपडेट्स पर ध्यान देने और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करने के निर्देश दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आठ मार्च तक उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन की संभावना बनी हुई है. प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए टीमें तैनात की जा सकती हैं.</p>
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