<div id=”:1zy” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:22d” aria-controls=”:22d” aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड सरकार राज्य की आय बढ़ाने के लिए राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) का दायरा बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है. तेजी से उभरते होम स्टे, इवेंट मैनेजमेंट, सैलून और ब्यूटी पार्लर जैसे क्षेत्रों को एसजीएसटी के तहत लाने की रणनीति बनाई जा रही है. यह कदम राज्य के राजस्व को मजबूत करने और कर प्रणाली को व्यापक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मितव्ययिता और राजस्व वृद्धि के लक्ष्यों पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में वित्त विभाग को एसजीएसटी का दायरा बढ़ाने की संभावनाओं पर काम करने के निर्देश दिए गए. इसके तहत ऐसे क्षेत्रों की पहचान की गई, जहां से अभी कर का संग्रहण नहीं हो रहा है, लेकिन इनसे राज्य को अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है.<br /><br />पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड में होम स्टे और इवेंट मैनेजमेंट का कारोबार तेजी से बढ़ा है. खासकर पर्यटन के बढ़ते प्रभाव और शादी-ब्याह के आयोजनों के चलते इन व्यवसायों का दायरा बढ़ता जा रहा है. सरकार अब इन व्यवसायों को एसजीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है. इससे इन क्षेत्रों में संगठित कर संग्रहण सुनिश्चित होगा और राज्य की आय में वृद्धि होगी. सरकार सैलून और ब्यूटी पार्लर जैसे छोटे व्यवसायों से भी एसजीएसटी के माध्यम से राजस्व जुटाने की योजना बना रही है. इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में व्यवसाय सक्रिय हैं, लेकिन इनमें से कई कर प्रणाली के दायरे में नहीं आते हैं.राज्य सरकार कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए भी कदम उठा रही है. <br /><br /><strong>यह सिस्टम पारदर्शिता बढ़ाने में सहायक होगा</strong><br />वित्त विभाग केंद्र सरकार के सहयोग से एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित डायग्नोस्टिक सिस्टम लागू करने पर विचार कर रहा है. यह सिस्टम कर चोरी की पहचान करने में अत्यधिक प्रभावी साबित हो सकता है. वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह एआई सिस्टम सेंसर डेटा का विश्लेषण कर गड़बड़ियों को स्वत: पकड़ने में सक्षम है. इसके माध्यम से बड़े कर चोरों पर शिकंजा कसने में मदद मिलेगी. यह सिस्टम कर चोरी के मामलों को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने में सहायक होगा.राजस्व बढ़ाने के अन्य प्रयासों में सरकार किरायानामा को बढ़ावा देने पर भी विचार कर रही है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, बैठक में यह चर्चा हुई थी कि मकान मालिक और किरायेदार के बीच लिखित किरायानामा न होने के कारण स्टाम्प शुल्क में कमी हो रही है.<br /><br /><strong>राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी</strong><br />सरकार का मानना है कि एसजीएसटी के दायरे को बढ़ाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम लागू करने से राजस्व संग्रहण में सुधार होगा. साथ ही संगठित कर प्रणाली से छोटे व्यवसायों को भी फायदा होगा, क्योंकि उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा. हालांकि, नए क्षेत्रों पर कर लगाने से व्यवसायियों की चिंता बढ़ सकती है. इसके लिए सरकार को व्यवसायियों के साथ संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान निकालना होगा. साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम जैसे नए प्रयोगों को प्रभावी ढंग से लागू करना भी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.राज्य सरकार के इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के राजस्व में वृद्धि करना और कर प्रणाली को पारदर्शी बनाना है. यदि ये योजनाएं सफल रहीं, तो न केवल सरकार की आय बढ़ेगी, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.</p>
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</div> <div id=”:1zy” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:22d” aria-controls=”:22d” aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड सरकार राज्य की आय बढ़ाने के लिए राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) का दायरा बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है. तेजी से उभरते होम स्टे, इवेंट मैनेजमेंट, सैलून और ब्यूटी पार्लर जैसे क्षेत्रों को एसजीएसटी के तहत लाने की रणनीति बनाई जा रही है. यह कदम राज्य के राजस्व को मजबूत करने और कर प्रणाली को व्यापक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मितव्ययिता और राजस्व वृद्धि के लक्ष्यों पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में वित्त विभाग को एसजीएसटी का दायरा बढ़ाने की संभावनाओं पर काम करने के निर्देश दिए गए. इसके तहत ऐसे क्षेत्रों की पहचान की गई, जहां से अभी कर का संग्रहण नहीं हो रहा है, लेकिन इनसे राज्य को अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है.<br /><br />पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड में होम स्टे और इवेंट मैनेजमेंट का कारोबार तेजी से बढ़ा है. खासकर पर्यटन के बढ़ते प्रभाव और शादी-ब्याह के आयोजनों के चलते इन व्यवसायों का दायरा बढ़ता जा रहा है. सरकार अब इन व्यवसायों को एसजीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है. इससे इन क्षेत्रों में संगठित कर संग्रहण सुनिश्चित होगा और राज्य की आय में वृद्धि होगी. सरकार सैलून और ब्यूटी पार्लर जैसे छोटे व्यवसायों से भी एसजीएसटी के माध्यम से राजस्व जुटाने की योजना बना रही है. इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में व्यवसाय सक्रिय हैं, लेकिन इनमें से कई कर प्रणाली के दायरे में नहीं आते हैं.राज्य सरकार कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए भी कदम उठा रही है. <br /><br /><strong>यह सिस्टम पारदर्शिता बढ़ाने में सहायक होगा</strong><br />वित्त विभाग केंद्र सरकार के सहयोग से एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित डायग्नोस्टिक सिस्टम लागू करने पर विचार कर रहा है. यह सिस्टम कर चोरी की पहचान करने में अत्यधिक प्रभावी साबित हो सकता है. वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह एआई सिस्टम सेंसर डेटा का विश्लेषण कर गड़बड़ियों को स्वत: पकड़ने में सक्षम है. इसके माध्यम से बड़े कर चोरों पर शिकंजा कसने में मदद मिलेगी. यह सिस्टम कर चोरी के मामलों को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने में सहायक होगा.राजस्व बढ़ाने के अन्य प्रयासों में सरकार किरायानामा को बढ़ावा देने पर भी विचार कर रही है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, बैठक में यह चर्चा हुई थी कि मकान मालिक और किरायेदार के बीच लिखित किरायानामा न होने के कारण स्टाम्प शुल्क में कमी हो रही है.<br /><br /><strong>राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी</strong><br />सरकार का मानना है कि एसजीएसटी के दायरे को बढ़ाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम लागू करने से राजस्व संग्रहण में सुधार होगा. साथ ही संगठित कर प्रणाली से छोटे व्यवसायों को भी फायदा होगा, क्योंकि उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा. हालांकि, नए क्षेत्रों पर कर लगाने से व्यवसायियों की चिंता बढ़ सकती है. इसके लिए सरकार को व्यवसायियों के साथ संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान निकालना होगा. साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम जैसे नए प्रयोगों को प्रभावी ढंग से लागू करना भी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.राज्य सरकार के इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के राजस्व में वृद्धि करना और कर प्रणाली को पारदर्शी बनाना है. यदि ये योजनाएं सफल रहीं, तो न केवल सरकार की आय बढ़ेगी, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.</p>
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