उत्तराखंड: ट्रेन से कटकर टस्कर हाथी की दर्दनाक मौत, लोको पायलट के खिलाफ होगी कार्रवाई

उत्तराखंड: ट्रेन से कटकर टस्कर हाथी की दर्दनाक मौत, लोको पायलट के खिलाफ होगी कार्रवाई

<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड के लालकुआं क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में ट्रेन से कटकर एक टस्कर हाथी की मौत हो गई. यह घटना तराई केंद्रीय वन प्रभाग के अंतर्गत लालकुआं-बरेली रेलमार्ग पर हुई, जहां एक 18 वर्षीय नर हाथी की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई. हादसा सोमवार रात को उस समय हुआ जब हाथी हाथी कॉरिडोर क्षेत्र से गुजर रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हादसे की सूचना मिलते ही वन विभाग और रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे. जांच में सामने आया कि जिस स्थान पर यह घटना हुई, वह हाथियों का पारंपरिक कॉरिडोर है और इससे पहले भी इस इलाके में कई हाथी ट्रेनों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वन विभाग ने हाथी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा<br /></strong>प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेन की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हाथी रेलवे ट्रैक से उछलकर किनारे बने एक घर के पास जा गिरा. घटनास्थल पर खून और मलबा फैल गया था, जिससे हादसे की भयावहता साफ झलकती है. वन विभाग ने हाथी के शव का पोस्टमॉर्टम कराया और प्रारंभिक जांच में ट्रेन की गति को लेकर सवाल उठाए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वन विभाग अब ट्रेन की स्पीड रिकॉर्ड खंगाल रहा है, ताकि यह तय किया जा सके कि क्या ट्रेन निर्धारित गति सीमा से अधिक चल रही थी. प्रारंभिक जांच में लापरवाही की आशंका के चलते ट्रेन के लोको पायलट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी इस क्षेत्र में ट्रेन-हाथी के टकराव की घटना हो चुकी है<br /></strong>गौरतलब है कि हाथी कॉरिडोर के रूप में चिह्नित इस क्षेत्र में वन्यजीवों की आवाजाही आम बात है और पहले भी कई बार ट्रेन-हाथी टकराव की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. वन्यजीव प्रेमी और पर्यावरण विशेषज्ञ लंबे समय से इस इलाके में ट्रेनों की गति सीमित करने और निगरानी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/ZVsgZ7OO8Wc?si=y4PdG5Tz7wr9OJ4d” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे के साथ समन्वय बढ़ाया जाएगा और कॉरिडोर क्षेत्रों में चेतावनी संकेत, स्पीड लिमिट और निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस हादसे ने एक बार फिर इंसानी लापरवाही के कारण वन्यजीवों की जान को हो रहे खतरे को उजागर कर दिया है और इस पर समय रहते ठोस कदम उठाना जरूरी हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/rld-will-focus-on-giving-tickets-to-these-leaders-in-up-panchayat-elections-2925243″>यूपी में इन नेताओं को टिकट देने पर फोकस करेगी RLD, कर दिया बड़ा ऐलान</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड के लालकुआं क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में ट्रेन से कटकर एक टस्कर हाथी की मौत हो गई. यह घटना तराई केंद्रीय वन प्रभाग के अंतर्गत लालकुआं-बरेली रेलमार्ग पर हुई, जहां एक 18 वर्षीय नर हाथी की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई. हादसा सोमवार रात को उस समय हुआ जब हाथी हाथी कॉरिडोर क्षेत्र से गुजर रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हादसे की सूचना मिलते ही वन विभाग और रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे. जांच में सामने आया कि जिस स्थान पर यह घटना हुई, वह हाथियों का पारंपरिक कॉरिडोर है और इससे पहले भी इस इलाके में कई हाथी ट्रेनों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वन विभाग ने हाथी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा<br /></strong>प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेन की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हाथी रेलवे ट्रैक से उछलकर किनारे बने एक घर के पास जा गिरा. घटनास्थल पर खून और मलबा फैल गया था, जिससे हादसे की भयावहता साफ झलकती है. वन विभाग ने हाथी के शव का पोस्टमॉर्टम कराया और प्रारंभिक जांच में ट्रेन की गति को लेकर सवाल उठाए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वन विभाग अब ट्रेन की स्पीड रिकॉर्ड खंगाल रहा है, ताकि यह तय किया जा सके कि क्या ट्रेन निर्धारित गति सीमा से अधिक चल रही थी. प्रारंभिक जांच में लापरवाही की आशंका के चलते ट्रेन के लोको पायलट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी इस क्षेत्र में ट्रेन-हाथी के टकराव की घटना हो चुकी है<br /></strong>गौरतलब है कि हाथी कॉरिडोर के रूप में चिह्नित इस क्षेत्र में वन्यजीवों की आवाजाही आम बात है और पहले भी कई बार ट्रेन-हाथी टकराव की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. वन्यजीव प्रेमी और पर्यावरण विशेषज्ञ लंबे समय से इस इलाके में ट्रेनों की गति सीमित करने और निगरानी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/ZVsgZ7OO8Wc?si=y4PdG5Tz7wr9OJ4d” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे के साथ समन्वय बढ़ाया जाएगा और कॉरिडोर क्षेत्रों में चेतावनी संकेत, स्पीड लिमिट और निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस हादसे ने एक बार फिर इंसानी लापरवाही के कारण वन्यजीवों की जान को हो रहे खतरे को उजागर कर दिया है और इस पर समय रहते ठोस कदम उठाना जरूरी हो गया है.</p>
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