अमृतसर में किसानों की ओर से आज शहर को पूरी तरह से जाम कर दिया गया। किसान जत्थेबंदियों ने शहर की लाइफ लाइन भंडारी पुल पर धरना लगा दिया। बीते दिन एक घर को कुर्की करने गए पुलिस और प्रशासन के साथ किसानों की धक्का मुक्की हुई थी, जिसके बाद आज लगभग चार घंटे किसानों ने जाम लगाया। जाम लगाने के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से मिलकर धरने को हटवाया गया और मंगलवार को बैठक के आश्वासन दिया गया। गांव नंगली में घर कुर्की करने के थे आदेश जानकारी के मुताबिक, गांव नंगली में बीते दिन बैंक का कर्जा ना चुका पाने की स्थिति में बैंक द्वारा घर दुकान को कुर्क करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद बैंक अधिकारी पुलिस और प्रशासन के साथ पहुंचा, लेकिन वहां मौजूद बीकेयू सिद्धूपुर के किसान लीडर्स ने कुर्की करवाने से मना कर दिया। इस दौरान धक्का मुक्की की नौबत आ गई, जिसके बाद किसान नेता भड़क गए। उनका कहना था कि बैंक के कर्जे के संबंध में बैठकर बात की जा सकती है, लेकिन अगर घर और दुकान बंद कर दी जाएगी तो फिर उनके बच्चे कहां जाएंगे। जिसके बाद आज गुस्साए किसानों ने भंडारी पुल पर जाम लगा दिया। चार घंटे बंद रहा शहर का ट्रैफिक किसानों की ओर से तकरीबन 4 घंटे के लिए जाम लगाया गया। शहर के बीचो बीच भंडारी ब्रिज को बंद करने से हर तरफ ट्रैफिक हो गया। किसान तकरीबन 12 बजे से 4 बजे तक पुल पर बैठे रहे जिससे कि स्कूली बच्चों की बसें भी जाम में फंस गई। इसके बाद डीसीपी ला एंड आर्डर आलम विजय सिंह ने प्रशासन के साथ मिलकर किसान नेताओं से बात की और धरना हटाकर जाम खुलवाया। पुलिस अधिकारी के मुताबिक किसानों के साथ मंगलवार को बैठक की जाएगी उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा इसी आश्वासन पर आज धरना खत्म किया गया है। अमृतसर में किसानों की ओर से आज शहर को पूरी तरह से जाम कर दिया गया। किसान जत्थेबंदियों ने शहर की लाइफ लाइन भंडारी पुल पर धरना लगा दिया। बीते दिन एक घर को कुर्की करने गए पुलिस और प्रशासन के साथ किसानों की धक्का मुक्की हुई थी, जिसके बाद आज लगभग चार घंटे किसानों ने जाम लगाया। जाम लगाने के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से मिलकर धरने को हटवाया गया और मंगलवार को बैठक के आश्वासन दिया गया। गांव नंगली में घर कुर्की करने के थे आदेश जानकारी के मुताबिक, गांव नंगली में बीते दिन बैंक का कर्जा ना चुका पाने की स्थिति में बैंक द्वारा घर दुकान को कुर्क करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद बैंक अधिकारी पुलिस और प्रशासन के साथ पहुंचा, लेकिन वहां मौजूद बीकेयू सिद्धूपुर के किसान लीडर्स ने कुर्की करवाने से मना कर दिया। इस दौरान धक्का मुक्की की नौबत आ गई, जिसके बाद किसान नेता भड़क गए। उनका कहना था कि बैंक के कर्जे के संबंध में बैठकर बात की जा सकती है, लेकिन अगर घर और दुकान बंद कर दी जाएगी तो फिर उनके बच्चे कहां जाएंगे। जिसके बाद आज गुस्साए किसानों ने भंडारी पुल पर जाम लगा दिया। चार घंटे बंद रहा शहर का ट्रैफिक किसानों की ओर से तकरीबन 4 घंटे के लिए जाम लगाया गया। शहर के बीचो बीच भंडारी ब्रिज को बंद करने से हर तरफ ट्रैफिक हो गया। किसान तकरीबन 12 बजे से 4 बजे तक पुल पर बैठे रहे जिससे कि स्कूली बच्चों की बसें भी जाम में फंस गई। इसके बाद डीसीपी ला एंड आर्डर आलम विजय सिंह ने प्रशासन के साथ मिलकर किसान नेताओं से बात की और धरना हटाकर जाम खुलवाया। पुलिस अधिकारी के मुताबिक किसानों के साथ मंगलवार को बैठक की जाएगी उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा इसी आश्वासन पर आज धरना खत्म किया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में वरना कार पलटी,VIDEO:दुकान के शीशे टूटे,नाबालिग लड़के को डिग्गी से लोगों ने निकाला बाहर लुधियाना के खुड्ड मोहल्ला से वरना कार पलटने की वीडियो सामने आई है। कार इतने भयावक तरीके से पलटी कि एक दुकान का शीशा तक टूट गया। हादसे के तुरंत बाद लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। लोगों ने नाबालिग कार चालक को डिग्गी के रास्ते बाहर निकाला। हादसा सीसीटीवी में भी कैद हो गया। हादसे में कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। जानकारी देते हुए दुकानदार परमजीत सिंह ने कहा कि मेरी खुड्ड मोहल्ला चौक पर कपड़े की दुकान है। करीब 14 साल का बच्चा अपने दोस्त के साथ कार में ड्राइव कर रहा था। अचानक उससे कार असंतुलित हो गई। कार एकदम से दुकान के शीशे पर आ घुसी। दुकान के अंदर कांच बिखर गया। डिग्गी के रास्ते बच्चों को बाहर निकाला हादसे के बाद कार में चीखे रहे दोनों बच्चों को लोगों की मदद से डिग्गी के रास्ते बाहर निकाला गया। परमजीत सिंह ने कहा कि लोगों की मदद से गाड़ी को सीधा किया गया। बच्चे की अंगुलियों पर चोट आई है। उन्हें तुरंत डाक्टर के पास भेज दिया और उनके परिजनों को सूचित किया। परिजनों से मांग है कि दुकान का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई वह कर दे। प्रत्यक्षदर्शी सुरजीत सिंह ने कहा कि कार की स्पीड बहुत ज्यादा थी। ग़नीमत रही कि गाड़ी पलट गई अन्यथा गाड़ी की चपेट में कई वाहन चालक आ सकते थे। गाड़ी पलटने के बाद जोरदार धमाके की आवाज आई। लोगों ने बच्चों का प्राथमिक उपचार भी किया। उधर, थाना डिवीजन नंबर 3 की पुलिस मुताबिक खुड्डा मोहल्ले में गाड़ी पलटने का मामले उनके ध्यान में है लेकिन पता चला है कि दोनों पक्षों का राजीनामा हो रहा है। अभी किसी पक्ष की शिकायत थाना में नहीं आई।
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त्रिपड़ी थाना पुलिस ने पुलिस में सिपाही भर्ती कराने का झांसा देकर ठग लिया। यह मामला दीपक कुमार निवासी सैदावली गांव अबोहर फाजिल्का की शिकायत पर यादविंदर सिंह निवासी गांव बारा सिंह वाला थाना अमीर खास फाजिल्का पर दर्ज हुआ है। दीपक कुमार ने बताया कि कुछ महीने पहले आरोपी से शादी समारोह के दौरान मुलाकात हुई थी। उसने कहा कि वह फौज से रिटायर है और पुलिस विभाग में पहुंच है। भरोसा दिलाते हुए कहा कि वह उसे पंजाब पुलिस में सिपाही भर्ती करवा देगा। जिसके बाद उसने 6 लाख रुपए मांगे तो एक लाख बीस हजार रुपए गूगल पे के जरिए आरोपी को दे दिए। इसके बाद एक रजिस्टरी डाक उनके घर पहुंची, जिसमें सिपाही भर्ती होने का जिक्र था और 12 नवंबर को पटियाला में जाकर जॉइन करने के लिए कहा गया। जब वह मिनी सचिवालय में लेटर लेकर पहुंचा तो उसे पता चला कि यह लेटर फर्जी है और उसके साथ ठगी हो गई।
कॉर्पोरेट स्टाइल में काम करेंगे पंजाब के सरकारी अस्पताल:9 तरह के काउंटर खोलेगी सरकार; मरीज को डॉक्टर को दिखाने–गाड़ी तक छोड़ने में मदद मिलेगी
कॉर्पोरेट स्टाइल में काम करेंगे पंजाब के सरकारी अस्पताल:9 तरह के काउंटर खोलेगी सरकार; मरीज को डॉक्टर को दिखाने–गाड़ी तक छोड़ने में मदद मिलेगी पंजाब के सरकारी अस्पतालों में अब कॉर्पोरेट स्टाइल वर्किंग होगी। जिसमें मरीजों की पर्ची काटने और फॉर्म भरने से लेकर डॉक्टर को दिखाने और गाड़ी तक छोड़ने में मदद मिलेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार सुविधा केंद्र यानी फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित कर रही है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि यह सुविधा केंद्र प्राइवेट अस्पतालों में दी जाने वाली सेवाओं को टक्कर देंगे। 4 जिलों में प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। अगले 6 महीने में 23 जिलों के सिविल अस्पतालों में यह सेंटर खुल जाएंगे। एक सेंटर पर 46 लाख से 76 लाख तक खर्च होंगे। इसका जिम्मा प्राइवेट एजेंसी को दिया गया है। हालांकि नोडल एजेंसी के तौर पर सेहत विभाग काम करेगा। अभी क्या है अस्पतालों की व्यवस्था
प्रदेश में अभी सरकारी अस्पतालों में पर्ची काटने के लिए एक या 2 ही काउंटर बने होते हैं। जिसमें ओपीडी और इंडोर से लेकर हर तरह की सेवाओं के लिए स्लिप बनाई जाती है। ऐसे में अक्सर वहां भीड़ रहती है। मरीजों को महज डॉक्टर को दिखाने के लिए ही पर्ची कटवाने में ही घंटों इंतजार करना पड़ता है। पंजाब सरकार की योजना क्या
इस योजना में हर सिविल अस्पताल में अलग से सुविधा केंद्र में रिसेप्शन काउंटर बनाए जाएंगे। इनमें ओपीडी स्लिप से लेकर बर्थ–डेथ रजिस्ट्रेशन, आयुष्मान समेत सरकारी स्कीमों, ऑपरेशन, मेडिकल जैसी सेवाओं के लिए अलग–अलग काउंटर होंगे। इसके अलावा लोगों के लिए रेस्ट रूम और वॉशरूम समेत दूसरी बेसिक सुविधाएं भी होंगी। इसके अलावा कुछ वॉलंटियर तैनात किए जाएंगे, जो जरूरत के हिसाब से मरीजों को डॉक्टर को दिखाने और फिर गाड़ी तक छोड़ने में भी मदद करेंगे। मरीजों की बीमारियों का रिकॉर्ड भी मेंटेन होगा
इस योजना में मरीजों की बीमारियों का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। जिससे सरकार को पता चल सकेगा कि किस जिले में किस एरिया से किस बीमारी के कितने मरीज आ रहे हैं। ऐसे में उनके इलाज के लिए उसी तरह के बंदोबस्त किए जाएंगे। 842 से अधिक आम आदमी क्लीनिक चल रहे
पंजाब लोगों को घरों के पास ही इलाज मुहैया करवाने के लिए सरकार की तरफ से 842 के करीब आम आदमी क्लीनिक शुरू किए गए हैं। इनमें ग्रामीण एरिया में 530 और शहरी क्षेत्रों में 312 क्लीनिक हैं। 2 करोड़ से अधिक लोग अब तक इनमें अपना इलाज करवा चुके हैं। हालांकि, बीच में केंद्र सरकार ने NHM फंड रोक दिया था। साथ ही आरोप लगाया था कि केंद्र के फंड का दुरुपयोग करके पंजाब में आम आदमी क्लीनिक खोले गए हैं। हालांकि, अब दोनों पक्षों में सहमति बन गई है। अब स्ट्रेटजी बनी है कि केंद्र और पंजाब सरकार की 60-40 हिस्सेदारी से बने आम आदमी क्लीनिक के नाम बदले जाएंगे। जो आम आदमी क्लिनिक खुद सरकार ने बनाए या किसी व्यक्ति द्वारा दान दी गई बिल्डिंग में चल रहे हैं, उनके नाम नहीं बदलेंगे।