<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> महाराष्ट्र चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को बड़ा झटका लगा है. भिवंडी संपर्क प्रमुख और पूर्व विधायक रूपेश म्हात्रे (Rupesh Mhatre) बीती रात हजारों समर्थकों के साथ शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो गए. रूपेश के साथ ही शिवसेना-यूबीटी के कुछ पदाधिकारियों ने भी शिंदे गुट ज्वाइन कर लिया है. रूपेश म्हात्रे भिवंडी से उम्मीदवार न बनाए जाने से नाराज थे. वहीं, पार्टी विरोधी बयानबाजी के कारण शिवसेना-यूबीटी ने उन्हें निकाल दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम एकनाथ शिंद की मौजदूगी में रूपेश म्हात्रे ने शिवसेना ज्वाइन की. सीएम शिंदे ने ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए लिखा, ”भिवंडी पूर्व के विधायक रहे रूपेश म्हात्रे अपने कई कार्यकर्ताओं के साथ कल सार्वजनिक रूप से शिवसेना में शामिल हो गए. हमने उनका पार्टी में स्वागत किया और उनके सामाजिक और राजनीतिक भविष्य की शुभकामनाएं दीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भिवंडी पूर्व में शिवसेना बना सपा की लड़ाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भिवंडी पूर्व सीट पर शिवसेना से संतोष शेट्टी को टिकट दिया है जबकि यह सीट इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी को मिली है. यहां से सपा के रईस शेख प्रत्याशी हैं. रूपेश म्हात्रे ने 2010 का उपचुनाव 2014 का विधानसभा चुनाव भिवंडी पूर्व सीट से अविभाजित शिवसेना के टिकट से जीता था. 2019 में रईस शेख ने जीत दर्ज की और सीट सपा के खाते में गई. शिवसेना ने जिस संतोष शेट्टी को प्रत्याशी बनाया है वह पहले बीजेपी में थे. उन्हें 2014 में रूपेश म्हात्रे ने हराया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रूपेश समेत इन्हें उद्धव ने किया था बाहर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि शिवसेना-यूबीटी के कई बागियों ने भी नामांकन दाखिल किया था. हालांकि इनमें से कुछ को उद्धव ठाकरे मनाने में कामयाब रहे और उन्होंने नामांकन वापस ले लिया. जबकि पांच बागियों नेताओं ने जब बात नहीं मानी तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. उद्धव गुट ने जिन नेताओं को निकाला था उनमें रूपेश म्हात्रे के अलावा विश्वास नांदेकर, चंद्रकांत घुगुल, संजय अवारी और प्रसाद ठाकरे शामिल हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”क्या देवेंद्र फडणवीस के कारण चाचा से अलग हुए अजित पवार? सुप्रिया सुले ने अब किया यह दावा” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-election-2024-supriya-sule-claims-devendra-fadnavis-broke-ncp-ajit-pawar-2819609″ target=”_self”>क्या देवेंद्र फडणवीस के कारण चाचा से अलग हुए अजित पवार? सुप्रिया सुले ने अब किया यह दावा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> महाराष्ट्र चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को बड़ा झटका लगा है. भिवंडी संपर्क प्रमुख और पूर्व विधायक रूपेश म्हात्रे (Rupesh Mhatre) बीती रात हजारों समर्थकों के साथ शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो गए. रूपेश के साथ ही शिवसेना-यूबीटी के कुछ पदाधिकारियों ने भी शिंदे गुट ज्वाइन कर लिया है. रूपेश म्हात्रे भिवंडी से उम्मीदवार न बनाए जाने से नाराज थे. वहीं, पार्टी विरोधी बयानबाजी के कारण शिवसेना-यूबीटी ने उन्हें निकाल दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम एकनाथ शिंद की मौजदूगी में रूपेश म्हात्रे ने शिवसेना ज्वाइन की. सीएम शिंदे ने ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए लिखा, ”भिवंडी पूर्व के विधायक रहे रूपेश म्हात्रे अपने कई कार्यकर्ताओं के साथ कल सार्वजनिक रूप से शिवसेना में शामिल हो गए. हमने उनका पार्टी में स्वागत किया और उनके सामाजिक और राजनीतिक भविष्य की शुभकामनाएं दीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भिवंडी पूर्व में शिवसेना बना सपा की लड़ाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भिवंडी पूर्व सीट पर शिवसेना से संतोष शेट्टी को टिकट दिया है जबकि यह सीट इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी को मिली है. यहां से सपा के रईस शेख प्रत्याशी हैं. रूपेश म्हात्रे ने 2010 का उपचुनाव 2014 का विधानसभा चुनाव भिवंडी पूर्व सीट से अविभाजित शिवसेना के टिकट से जीता था. 2019 में रईस शेख ने जीत दर्ज की और सीट सपा के खाते में गई. शिवसेना ने जिस संतोष शेट्टी को प्रत्याशी बनाया है वह पहले बीजेपी में थे. उन्हें 2014 में रूपेश म्हात्रे ने हराया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रूपेश समेत इन्हें उद्धव ने किया था बाहर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि शिवसेना-यूबीटी के कई बागियों ने भी नामांकन दाखिल किया था. हालांकि इनमें से कुछ को उद्धव ठाकरे मनाने में कामयाब रहे और उन्होंने नामांकन वापस ले लिया. जबकि पांच बागियों नेताओं ने जब बात नहीं मानी तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. उद्धव गुट ने जिन नेताओं को निकाला था उनमें रूपेश म्हात्रे के अलावा विश्वास नांदेकर, चंद्रकांत घुगुल, संजय अवारी और प्रसाद ठाकरे शामिल हैं. </p>
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