उद्धव ठाकरे के साथ आने से पहले MNS नेता ने रख दी बड़ी शर्त- ‘अगर राज ठाकरे से मिलना है तो…’

उद्धव ठाकरे के साथ आने से पहले MNS नेता ने रख दी बड़ी शर्त- ‘अगर राज ठाकरे से मिलना है तो…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Raj Thackeray Uddhav Thackeray Alliance:</strong> महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के सीनियर नेता प्रकाश महाजन ने उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन पर बात बनने से पहले एक बड़ी शर्त रख दी है. प्रकाश महाजन का कहना है कि अगर शिवसेना यूबीटी मनसे के साथ आना चाहती है तो आदित्य ठाकरे आगे आएं और खुद आकर राज ठाकरे से मिलें.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रकाश महाजन अपनी इस शर्त के पीछे की वजह भी बताई. उनका कहना है कि अगर राज ठाकरे से गठबंधन को लेकर बात करनी है तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) को किसी ऊंचे पद के नेता को मनसे प्रमुख के पास भेजना होगा. अगर उद्धव ठाकर किसी जूनियर नेता को आगे बढ़ाएंगे तो राज ठाकरे भी किसी जूनियर नेता को ही भेजेंगे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’राज ठाकरे के विचारों को समझें आदित्य ठाकरे'</strong><br />न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मनसे नेता ने कहा कि अगर वाकई गठबंधन होना है तो आदित्य ठाकरे को आगे आकर राज साहेब के विचारों को समझना चाहिए. अगर आदित्य ठाकरे बातचीत के लिए जाते हैं तो दोनों पक्ष गंभीरता को समझेंगे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मालूम हो, पूर्व राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे हैं. दो दिन पहले आदित्य ठाकरे ने कहा था कि अगर कोई महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए साथ आना चाहता है तो हम उन्हें भी साथ लेकर चलेंगे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’दोनों भाइयों का साथ आना गलत नहीं’- मनसे</strong><br />वहीं, प्रकाश महाजन ने इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक रूप से अलग हुए ठाकरे भाइयों के एक साथ आने के प्लान में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने कहा कि मनसे ने साल 2014 और साल 2017 में यह कोशिश की थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहा था उद्धव और राज ठाकरे ने?</strong><br />चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बयानों से ये अटकलें तेज हो गई थीं कि दोनों वापस एकसाथ आना चाहते हैं. उनके बयानों से संकेत मिला था कि वे ‘छोटे-मोटे मुद्दों’ को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग 20 साल के कटु अलगाव के बाद हाथ मिला सकते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा था कि मराठी मानुस (मराठी भाषी लोगों) के हित में एकजुट होना मुश्किल नहीं है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयां पीछे छोड़कर आगे बढ़ने को तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को तरजीह न दी जाए.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Raj Thackeray Uddhav Thackeray Alliance:</strong> महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के सीनियर नेता प्रकाश महाजन ने उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन पर बात बनने से पहले एक बड़ी शर्त रख दी है. प्रकाश महाजन का कहना है कि अगर शिवसेना यूबीटी मनसे के साथ आना चाहती है तो आदित्य ठाकरे आगे आएं और खुद आकर राज ठाकरे से मिलें.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रकाश महाजन अपनी इस शर्त के पीछे की वजह भी बताई. उनका कहना है कि अगर राज ठाकरे से गठबंधन को लेकर बात करनी है तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) को किसी ऊंचे पद के नेता को मनसे प्रमुख के पास भेजना होगा. अगर उद्धव ठाकर किसी जूनियर नेता को आगे बढ़ाएंगे तो राज ठाकरे भी किसी जूनियर नेता को ही भेजेंगे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’राज ठाकरे के विचारों को समझें आदित्य ठाकरे'</strong><br />न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मनसे नेता ने कहा कि अगर वाकई गठबंधन होना है तो आदित्य ठाकरे को आगे आकर राज साहेब के विचारों को समझना चाहिए. अगर आदित्य ठाकरे बातचीत के लिए जाते हैं तो दोनों पक्ष गंभीरता को समझेंगे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मालूम हो, पूर्व राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे हैं. दो दिन पहले आदित्य ठाकरे ने कहा था कि अगर कोई महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए साथ आना चाहता है तो हम उन्हें भी साथ लेकर चलेंगे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’दोनों भाइयों का साथ आना गलत नहीं’- मनसे</strong><br />वहीं, प्रकाश महाजन ने इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक रूप से अलग हुए ठाकरे भाइयों के एक साथ आने के प्लान में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने कहा कि मनसे ने साल 2014 और साल 2017 में यह कोशिश की थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहा था उद्धव और राज ठाकरे ने?</strong><br />चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बयानों से ये अटकलें तेज हो गई थीं कि दोनों वापस एकसाथ आना चाहते हैं. उनके बयानों से संकेत मिला था कि वे ‘छोटे-मोटे मुद्दों’ को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग 20 साल के कटु अलगाव के बाद हाथ मिला सकते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा था कि मराठी मानुस (मराठी भाषी लोगों) के हित में एकजुट होना मुश्किल नहीं है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयां पीछे छोड़कर आगे बढ़ने को तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को तरजीह न दी जाए.</p>  महाराष्ट्र जम्मू कश्मीर: मंत्री सकीना इटू बोलीं, ‘आरक्षण समिति निर्धारित समय सीमा से पहले रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी’