उमर अब्दुल्ला ने खुद के फैसले को पलटा, करीबी ​रिटायर्ड अफसर को किया पर्यटन विभाग में सलाहकार नियुक्त

उमर अब्दुल्ला ने खुद के फैसले को पलटा, करीबी ​रिटायर्ड अफसर को किया पर्यटन विभाग में सलाहकार नियुक्त

<p style=”text-align: justify;”><strong>Omar Abdullah Latest News:</strong> जम्मू कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार ने सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों की पुनर्नियुक्ति पर रोक लगाने को लेकर जारी अपने फैसले को पलट दिया है. सीएम ने प्रतिबंधों के बावजूद जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी को पर्यटन विभाग में सलाहकार नियुक्त किया है. अब इसको लेकर पीडीपी व अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू कश्मीर के विपक्षी पार्टी के नेताओं का कहना है कि जिस व्यक्ति को सलाहकार नियुक्त किया गया है वो सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक वरिष्ठ राजनेता का करीबी रिश्तेदार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राथर थे ICDS परियोजना के कार्यक्रम अधिकारी&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर सरकार के आदेश में कहा गया है, “जेकेएएस के सेवानिवृत्त अफसर मुश्ताक अहमद राथर को अनुबंध के आधार पर पर्यटन विभाग में सलाहकार के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी जाती है. मुश्ताक अहमद राथर सेवानिवृत्त होने से पहले यानी पिछले महीने तक श्रीनगर में आईसीडीएस परियोजना के कार्यक्रम अधिकारी थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू कश्मीर सरकार सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा जारी नियुक्ति पत्र के मुताबिक अधिकारी का वेतन जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा विनियमन के अनुच्छेद 259-ए के तहत शासित होगा. विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि सलाहकार में रूप में राथर की पुनर्नियुक्ति मुख्यमंत्री के पहले घोषित निर्देशों के उलट है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम उमर अब्दुल्ला की ओर से इससे पहले जारी आदेश में इस तरह की नियुक्तियों पर रोक लगाई गई थी. प्रतिबंध लगाने का मकसद युवा पेशेवरों के लिए अवसर खोलना और सिस्टम के भीतर नई प्रतिभाओं को सुनिश्चित करना था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम ने स्पीकर भतीजे के लिए पलटा फैसला- इल्तिजा मुफ्ती</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की राजनीतिक सलाहकार इल्तिजा मुफ्ती ने एक्स पर रीट्वीट करते हुए इस नियुक्ति पर आपत्ति जताई है. इससे संकेत मिलता है कि यह प्रदेश में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राजनीतिक तूफान को हवा देगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इल्तिजा मुफ्ती ने आरोप लगाया गया है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर के भतीजे मुश्ताक अहमद राथर को मेधावी युवाओं की अनदेखी कर सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/-kwEgzDJ0Mg?si=AfHErxs_vZS5Wlsu” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Omar Abdullah Latest News:</strong> जम्मू कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार ने सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों की पुनर्नियुक्ति पर रोक लगाने को लेकर जारी अपने फैसले को पलट दिया है. सीएम ने प्रतिबंधों के बावजूद जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी को पर्यटन विभाग में सलाहकार नियुक्त किया है. अब इसको लेकर पीडीपी व अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू कश्मीर के विपक्षी पार्टी के नेताओं का कहना है कि जिस व्यक्ति को सलाहकार नियुक्त किया गया है वो सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक वरिष्ठ राजनेता का करीबी रिश्तेदार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राथर थे ICDS परियोजना के कार्यक्रम अधिकारी&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर सरकार के आदेश में कहा गया है, “जेकेएएस के सेवानिवृत्त अफसर मुश्ताक अहमद राथर को अनुबंध के आधार पर पर्यटन विभाग में सलाहकार के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी जाती है. मुश्ताक अहमद राथर सेवानिवृत्त होने से पहले यानी पिछले महीने तक श्रीनगर में आईसीडीएस परियोजना के कार्यक्रम अधिकारी थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू कश्मीर सरकार सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा जारी नियुक्ति पत्र के मुताबिक अधिकारी का वेतन जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा विनियमन के अनुच्छेद 259-ए के तहत शासित होगा. विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि सलाहकार में रूप में राथर की पुनर्नियुक्ति मुख्यमंत्री के पहले घोषित निर्देशों के उलट है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम उमर अब्दुल्ला की ओर से इससे पहले जारी आदेश में इस तरह की नियुक्तियों पर रोक लगाई गई थी. प्रतिबंध लगाने का मकसद युवा पेशेवरों के लिए अवसर खोलना और सिस्टम के भीतर नई प्रतिभाओं को सुनिश्चित करना था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम ने स्पीकर भतीजे के लिए पलटा फैसला- इल्तिजा मुफ्ती</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की राजनीतिक सलाहकार इल्तिजा मुफ्ती ने एक्स पर रीट्वीट करते हुए इस नियुक्ति पर आपत्ति जताई है. इससे संकेत मिलता है कि यह प्रदेश में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राजनीतिक तूफान को हवा देगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इल्तिजा मुफ्ती ने आरोप लगाया गया है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर के भतीजे मुश्ताक अहमद राथर को मेधावी युवाओं की अनदेखी कर सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया है.</p>
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