हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के नारी गांव में शादी करवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली बिचौलिया महिला ने आत्महत्या की धमकी दे डाली। इससे गांव में स्थिति तनावपूर्ण हो गई और मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा। पुलिस के समझाने पर मामला शांत हुआ। बता दें कि बीते सप्ताह ऊना के नारी गांव से एक बारात हरौली विधानसभा क्षेत्र के सिंगा गांव गई। जब बारात सिंगा गांव पहुंची तो पता चला कि वहां कोई शादी ही नहीं थी। इसके बाद बारातियों ने उस लड़की की फोटो दिखाई, जिससे शादी होनी थी, इस पर गांव वालों ने कहा कि यह लड़की उनके गांव की नहीं है। तब बारात बेरंग वापस लौटी। दूल्हा पक्ष के अनुसार, शादी पर 5.86 लाख रुपए खर्च हुआ है। नारी पंचायत ने बीते सप्ताह फैसला सुनाया कि पूरा खर्च रिश्ता करवाने वाले बिचौलिया महिला करवाएगी, जो दूल्हे के चाचा की बहू है। पंचायत ने बीते सोमवार तक यह राशि देने के आदेश दिए थे। ऐसा नहीं करने पर महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही गई। ऑल्टो गाड़ी कब्जे में ली बिचौलिया महिला ने बीते सोमवार को दूल्हा पक्ष का पैसा लौटाने की बात पंचायत में जरूर मानी थी। मगर, पैसा नहीं दिया। बीते मंगलवार को नारी गांव के लोग बिचौलिया महिला के घर पैसे लेने पहुंचे और तो महिला ने हंगामा कर दिया। ग्रामीणों ने वहां पर उसकी ऑल्टो गाड़ी को अमानत के तौर पर कब्जे में लिया। इससे बिचौलिया महिला भड़क उठी और उसने आत्महत्या करने की चेतावनी दे डाली। पुलिस ने मामला शांत किया। तब बिचौलिया महिला ने 2 लाख रुपए 24 फरवरी तक देने और सारी राशि तीन माह के भीतर देने की बात कही। बिचौलिया महिला और उसके पति ने तीन माह का समय मांगा ग्राम पंचायत प्रधान राम कुमार के अनुसार, बिचौलिया और उसके पति ने तीन महीने का समय मांगा है, जिसे पंचायत ने स्वीकार कर लिया है। इस अवधि के बाद पंचायत बिचौलिया के खिलाफ आगे की कार्रवाई का निर्णय लेगी। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के नारी गांव में शादी करवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली बिचौलिया महिला ने आत्महत्या की धमकी दे डाली। इससे गांव में स्थिति तनावपूर्ण हो गई और मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा। पुलिस के समझाने पर मामला शांत हुआ। बता दें कि बीते सप्ताह ऊना के नारी गांव से एक बारात हरौली विधानसभा क्षेत्र के सिंगा गांव गई। जब बारात सिंगा गांव पहुंची तो पता चला कि वहां कोई शादी ही नहीं थी। इसके बाद बारातियों ने उस लड़की की फोटो दिखाई, जिससे शादी होनी थी, इस पर गांव वालों ने कहा कि यह लड़की उनके गांव की नहीं है। तब बारात बेरंग वापस लौटी। दूल्हा पक्ष के अनुसार, शादी पर 5.86 लाख रुपए खर्च हुआ है। नारी पंचायत ने बीते सप्ताह फैसला सुनाया कि पूरा खर्च रिश्ता करवाने वाले बिचौलिया महिला करवाएगी, जो दूल्हे के चाचा की बहू है। पंचायत ने बीते सोमवार तक यह राशि देने के आदेश दिए थे। ऐसा नहीं करने पर महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही गई। ऑल्टो गाड़ी कब्जे में ली बिचौलिया महिला ने बीते सोमवार को दूल्हा पक्ष का पैसा लौटाने की बात पंचायत में जरूर मानी थी। मगर, पैसा नहीं दिया। बीते मंगलवार को नारी गांव के लोग बिचौलिया महिला के घर पैसे लेने पहुंचे और तो महिला ने हंगामा कर दिया। ग्रामीणों ने वहां पर उसकी ऑल्टो गाड़ी को अमानत के तौर पर कब्जे में लिया। इससे बिचौलिया महिला भड़क उठी और उसने आत्महत्या करने की चेतावनी दे डाली। पुलिस ने मामला शांत किया। तब बिचौलिया महिला ने 2 लाख रुपए 24 फरवरी तक देने और सारी राशि तीन माह के भीतर देने की बात कही। बिचौलिया महिला और उसके पति ने तीन माह का समय मांगा ग्राम पंचायत प्रधान राम कुमार के अनुसार, बिचौलिया और उसके पति ने तीन महीने का समय मांगा है, जिसे पंचायत ने स्वीकार कर लिया है। इस अवधि के बाद पंचायत बिचौलिया के खिलाफ आगे की कार्रवाई का निर्णय लेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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किन्नौर में सतलुज नदी में गिरी मिक्सर गाड़ी:बेकाबू होकर 150 फीट गहरी खाई में पहुंची; जम्मू-कश्मीर और यूपी के दो युवक लापता हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में मिक्सर गाड़ी बेकाबू होकर 150 फीट गहरी खाई में सतलुज नदी के किनारे जा गिरी। घटना के दो युवक लापता है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सर्च अभियान जारी है। घटना शनिवार शाम साढ़े 7 बजे शोंगटोंग के पास तंगलिंग संपर्क मार्ग पर हुई। लापता युवकों की पहचान जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ निवासी रिखी परियार (26) और उत्तर प्रदेश के मथुरा निवासी कन्या लाल (27 वर्ष) के नाम से हुई है। एनडीआरएफ ने चलाया सर्च अभियान किन्नौर के एसपी अभिषेक शेखर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि लापता युवकों की तलाश के लिए सर्च अभियान जारी है। रविवार को एनडीआरएफ की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई और बचाव कार्य में जुट गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है। हालांकि अभी तक दुर्घटना का सटीक कारण सामने नहीं आया है।
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कुल्लू में शिवलिंग का मोहरा स्थापित:12 गांव के किसानों के कार्य पर पाबंदी; पांच दिन तक लोहा से नहीं छुएंगे जमीन कुल्लू जिले के कुलान्तक पीठ खराहल घाटी की न्योली पंचायत के गांव न्योली मुआफ़ीदार जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को शिवलिंग पर सतयुगी मोहरा मुकुट देव परम्परा अनुसार स्थापित किया। जिसे स्थानीय बोली में बीठ निकलना कहते हैं। शिवलिंग पर मोहर स्थापित होते ही आसपास के 12 गांव के हारियानों अनुयायियों के लिये कृषि कार्य पर पाबन्दी लग जाती है। यह पाबन्दी पांच दिन तक रहेगी। जानकारी अनुसार न्योली, जुआणी, जगोट, ओड़ीदार,ग्राहण, थरमाण, थरमाण सेरी, लुगडभट्ठी, जुआणी रोपा, जोकरपोधा, देवधार आदि गांव के लोग कृषि कार्य ही नहीं, बल्कि धरती पर या खेतों में लोहा से छुएंगे भी नहीं। अनुश्रुति अनुसार जब स्थानीय महिला खेत मे गुड़ाई कर रही थी तो कुदाली लगने से मोहरा जमीन से निकला था। किसी को नहीं मोहरा देखने की इजाज़त शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार निकलता है। बैसाखी व सावन में भादो माह लगते से पूर्व देव भंडार से निकालकर शिवलिंग में स्थापित किया जाता है। इस मोहरें को किसी को भी देखने की इजाजत नहीं है। वाद्य यंत्रों सहित मशालों की रोशनी में निकाला मोहरा न्योली में जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को वाद्य यंत्रों की थाप पर मशालों की रोशनी में मोहरा लाया गया। मोहरा मंदिर पहुँचते ही विधिवत शिवलिंग में स्थापित किया गया। शिवलिंग का श्रृंगार किया। महादेव के रथ का श्रृंगार मोहरा स्थापित करने के पश्चात वाद्य यंत्रों की विशेष धुन पर महादेव के रथ के श्रृंगार की प्रक्रिया एक घण्टे तक चली। महादेव के अन्य 16 मोहरों को स्थापित किया गया इनमें से कुल्लू के राजा मान सिंह ने 1717 ईस्वी में जुआणी महादेव को दिया वो मोहरा भी शामिल है। क्या कहते है देवता के कारदार देव प्रशासन में मुख्य अधिकारी कारदार होता है महादेव के कारदार ओम प्रकाश महन्त से बात की तो उन्होंने ने कहा कि शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार देवता के भंडार से निकाला जाता है। मोहरा निकलने के बाद स्थानीय वासियों के लिए कृषि कार्य पर पाबन्दी लगती है।